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उपदेश

विषय ३ : पानी और आत्मा का सुसमाचार

[3-2] यीशु का बपतिस्मा और पापो का प्रायश्चित (मत्ती ३:१३-१७)

यीशु का बपतिस्मा और पापो का प्रायश्चित
(मत्ती ३:१३-१७)
उस समय यीशु गलील से यरदन के किनारे यूहन्ना के पास उससे बपतिस्मा लेने आया। परन्तु यूहन्ना यह कह कर उसे रोकने लगा, “मुझे तो तेरे हाथ से बपतिस्मा लेने की आवश्यकता है, और तू मेरे पास आया है?” यीशु ने उसको यह उत्तर दिया, “अब तो ऐसा ही होने दे, क्योंकि हमें इसी रीति से सब धार्मिकता को पूरा करना उचित है।” तब उसने उसकी बात मान ली। और यीशु बपतिस्मा लेकर तुरन्त पानी में से ऊपर आया, और देखो, उसके लिए आकाश खुल गया, और उसने परमेश्‍वर के आत्मा को कबूतर के समान उतरते और अपने ऊपर आते देखा। और देखो, यह आकाशवाणी हुई : “यह मेरा प्रिय पुत्र है, जिससे मैं अत्यन्त प्रसन्न हूँ।”
 
 
क्या अभी भी कोई ऐसा है जो पाप से पीड़ित है? 
 
क्या हमारे पापों का बंधन टूट गया है?
हां।

हमारे प्रभु परमेश्वर ने सारे लोगो के पापों के बंधन तोड़ दिए है। जो लोग पाप में समय बिताते है वे पाप के गुलाम है, लेकिन प्रभु ने अपने छूटकारे से उन सभी बंधन को तोड़ दिए है। उसने हमारे सारे पापों को दूर किया है। क्या अभी भी कई ऐसा है जो पाप की वजह से पीड़ित है? 
हमें समझना चाहिए की पाप विरुध्ध का हमारा युध्ध समाप्त हुआ है। हम फिर कभी भी पाप की पीड़ा नहीं भुगतेंगे। जब यीशु ने अपने बपतिस्मा और लहू द्वारा हमारा छूटकारा किया तब हमारे पापों के बंधन का अन्त हुआ। तब और वहां हमारे सारे पापो का अन्त हुआ। परमेश्वर ने यीशु के द्वारा हमारे सारे पापो का मूल्य चूका दिया, जिसने हमें स्वतंत्र किया, हंमेशा के लिए। 
क्या आप जानते है की कई लोग उनके पापो की वजह से सहन कर रहे है? वह आदम और हव्वा के समय से शुरू हुआ था। मनुष्यजाति आदम के द्वारा विरासत में मिले पापो की वजह से सहन कर रही है। 
लेकिन हमारे परमेश्वर ने वाचा बाँधी जो उत्पत्ति ३:१५ में लिखी गई है, और वाचा ये थी की वह सारे पापियों को छूटकारा देगा। उसने कहा की पानी और आत्मा से यीशु मसीह के छुटकारे के द्वारा मनुष्य छूटकारा पाएगा। जब समय आया, तब परमेश्वर ने हमारे उद्धारकर्ता, यीशु को, हमारें बीच में रहने के लिए भेज दिया। 
उसने यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले को यीशु से पहले भेजने का वादा भी किया था और उसने अपना वायदा पूरा किया। 
मरकुस १:१-८ में लिखा है, “परमेश्‍वर के पुत्र यीशु मसीह के सुसमाचार का आरम्भ। जैसा यशायाह भविष्यद्वक्‍ता की पुस्तक में लिखा है “देख, मैं अपने दूत को तेरे आगे भेजता हूँ, जो तेरे लिये मार्ग सुधारेगा। जंगल में एक पुकारनेवाले का शब्द सुनाई दे रहा है कि प्रभु का मार्ग तैयार करो, और उसकी सड़कें सीधी करो।” यूहन्ना आया, जो जंगल में बपतिस्मा देता, और पापों की क्षमा के लिये मनफिराव के बपतिस्मा का प्रचार करता था। सारे यहूदिया प्रदेश के, और यरूशलेम के सब रहनेवाले निकलकर उसके पास गए, और अपने पापों को मानकर यरदन नदी में उस से बपतिस्मा लिया। यूहन्ना ऊँट के रोम का वस्त्र पहिने और अपनी कमर में चमड़े का कटिबन्ध बाँधे रहता था तथा टिड्डियाँ और वन मधु खाया करता था, और यह प्रचार करता था, “मेरे बाद वह आने वाला है, जो मुझ से शक्‍तिमान है; मैं इस योग्य नहीं कि झुककर उसके जूतों का बन्ध खोलूँ। मैं ने तो तुम्हें जल से बपतिस्मा दिया है पर वह तुम्हें पवित्र आत्मा से बपतिस्मा देगा।”
 
 

यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला, सुसमाचार का गवाह और अग्रदूत

 
यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला कौन है?
आख़री महायाजक और सारी मनुष्यजाति का प्रतिनिधि

ग्रीक में बपतिस्मा को, ‘βάπτισμα (बपतिस्मा) कहते है, मूलभूत रीति से उसका अर्थ ‘पानी में डूबना’ है। लेकिन वह ‘साफ़ करना, गाड़ देना, डूबाना, या स्थानांतरित करने’ को भी सूचित करता है। जब यीशु ने बपतिस्मा लिया, तब परमेश्वर की धार्मिकता पूरी हुई। ग्रीक में ‘धार्मिकता’ यानि “दीकाईओसुने” है, जिसका अर्थ है ‘धर्मी बनना,’ और उसका अर्थ ‘सबसे योग्य,’ ‘सबसे उचित,’ या ‘सबसे धर्मी’ भी है।
यीशु ने बपतिस्मा लिया जिससे वो सबसे उचित और सबसे योग्य रीति से उद्धारकर्ता बन शके। इसलिए, जो लोग यीशु के बपतिस्मा और क्रूस पे विश्वास करेंगे वे परमेश्वर की ओर से छुटकारे की भेंट प्राप्त करेंगे। 
नए नियम में, यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला पुराने नियम का आख़री महायाजक था। आइए मत्ती ११:१०-११ देखे। पवित्रशास्त्र कहता है की यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला नए नियम के युग में मनुष्यजाति का प्रतिनिधि और महायाजक है, उसने जगत के सारे पापों को यीशु पर डाले थे; इसतरह उसने पुराने नियम के महायाजक के पद पर सेवा की। 
यीशु खुद यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले के बारे में गवाही देता है। मत्ती ११:१३-१४ में उसने कहा, “यूहन्ना तक सारे भविष्यद्वक्‍ता और व्यवस्था भविष्यद्वाणी करते रहे। और चाहो तो मानो कि एलिय्याह जो आनेवाला था, वह यही है।” इसलिए, यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला, जिसने यीशु को बपतिस्मा दिया, वह महायाजक हारून का वंशज था और आख़री महायाजक था। बाइबल गवाही देती है की पुराने नियम में भी यूहन्ना हारून का वंशज था (लूका १:५, १ इतिहास २४:१०)। 
तो फिर क्यों यूहन्ना जंगल में अकेला रहता था, और ऊँट के रोम के कपड़े पहनता था? वह महायाजक पद की धारणा थी। सारी मनुष्यजाति के प्रतिनिधि के रूप में, यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला लोगो के बीच में नहीं रह सकता था। इसलिए, उसने बड़े स्वर में पुकार कर कहा, “हे साँप के बच्चो, मन फ़िराओ!” और लोग यीशु की ओर वापस मुड़े, जो उनके सारे पाप उठाने वाला था इसलिए पाप की माफ़ी के फल स्वरुप उनको बपतिस्मा देता था। सबसे अधिक, जब यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले ने यीशु के सिर पर अपने हाथ रखे तब उसने हमारे उद्धार के लिए जगत के सारे पाप यीशु पे डाल दिए। 
 
 
दो प्रकार के बपतिस्मा 
 
यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला सभी को बपतिस्मा क्यों दे रहा था?
लोग अपने पापो से मन फिराए और उद्धार के लिए यीशु के बपतिस्मा पर विश्वास करे इस लिए

यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले ने लोगो को बपतिस्मा दिया और फिर यीशु को बपतिस्मा दिया। पहला बपतिस्मा ‘पछतावे का बपतिस्मा’ था जो पापोयों को परमेश्वर की ओर वापिस लाने के लिए था। बहुत सारे लोगो ने यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले से परमेश्वर के वचनों को सुनने के बाद उन्होंने अपनी मूर्तियों को छोड़ दिया और परमेश्वर की ओर वापस लौटे। 
दूसरा बपतिस्मा यीशु का बपतिस्मा था, वह बपतिस्मा जिसके द्वारा जगत के सारे पापों को यीशु पर डाला गया था। यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले ने परमेश्वर की धार्मिकता को पूरा करने के लिए यीशु को बपतिस्मा दिया था। दुसरे शब्दों में, सारे लोगो को उनके पापों से बचाने के लिए यीशु ने यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले से बपतिस्मा लिया (मत्ती ३:१५)। 
यूहन्ना ने यीशु को बपतिस्मा क्यों दिया? जगत के पापों को दूर करने के लिए, परमेश्वर ने जगत के सारे पापों को यीशु पर डालने की अनुमति दी जिससें जो लोग उस पर विश्वास करे वे उद्धार पाए। 
यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला परमेश्वर का एक सेवक था जिसका मिशन बपतिस्मा के द्वारा जगत के सारे पापों को यीशु पर डालने का था, और छुटकारे के सुसमाचार पर विश्वास के द्वारा सारी मनुष्यजाति के पछतावे और शुध्ध करने के लिए यीशु की गवाही देना था। इसलिए, यूहन्ना को जंगल में अकेले रहने की जरुरत पड़ी। यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले के समय में, इस्राएल के लोग बहुत ही भ्रष्ट और निक्कमे थे। 
इसलिए परमेश्वर ने पुराने नियम में, मलाकी ४:५-६ में कहा है, “देखो, यहोवा के उस बड़े और भयानक दिन के आने से पहले, मैं तुम्हारे पास एलिय्याह नबी को भेजूँगा। वह माता-पिता के मन को उनके पुत्रों की ओर, और पुत्रों के मन को उनके माता-पिता की ओर फेरेगा; ऐसा न हो कि मैं आकर पृथ्वी का सत्यानाश करूँ।”
परमेश्वर की दृष्टि में, इस्राएल के सारे लोग जो पहले यहोवा की आराधना करते थे वे भ्रष्ट थे। उसके सन्मुख में कोई भी धर्मी नहीं था। मंदिर के धार्मिक अगुए, उदाहरण के तौर पर याजक, व्यवस्थापक और शास्त्री निक्कमे थे। इस्राएली और उनके याजक परमेश्वर की व्यवस्था के मुताबिक़ बलि नहीं चढाते थे। 
याजकों ने बलि के ऊपर हाथ रखना और रक्त के अर्पण की विधि को छोड़ दिया था, जो परमेश्वर ने उनको पापों के प्रायश्चित के लिए दी थी। लिखा है की मलाकी के समय में याजकों ने बलिदान पशु के ऊपर अपने हाथ रखना और बलिदान के पशु के लहू का अर्पण करना छोड़ दिया था।
इसलिए, यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला उनके साथ नहीं रह सकता था। उसने जंगल में जाके बड़े शब्द से पुकार के क्या कहा?
मरकुस १:२-३ में, जैसा यशायाह भविष्यद्वक्‍ता की पुस्तक में लिखा है “देख, मैं अपने दूत को तेरे आगे भेजता हूँ, जो तेरे लिये मार्ग सुधारेगा। जंगल में एक पुकारनेवाले का शब्द सुनाई दे रहा है कि प्रभु का मार्ग तैयार करो, और उसकी सड़कें सीधी करो।”
जंगल में एक पुकारनेवाले का शब्द लोगो को पछतावे का बपतिस्मा देने का था। बाइबल जो ‘पछतावे के बापतिस्मा’ के बारे में बात कराती है वो क्या है? यह वो बपतिस्मा है जिसके लिए यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले ने कहा था; ऐसा बपतिस्मा जो लोगो को यीशु के पास वापस बुलाता है जिससे की वे उसमे विश्वास करे, जो उनके सरे पाप ले लेगा और वो बच जाएंगे। पछतावे का बपतिस्मा उन लोगो को उद्धार की ओर लेकर जाने के लिए था। 
“मन फ़िराओ और बपतिस्मा लो। हमारे उद्धारकर्ता ने आपके पापों को उठाने के लिए इसी रीति से बपतिस्मा लिया था।” यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले के शब्द थे की सारे लोगो को बचाने के लिए यीशु जगत के पापों को उठा लेगा और क्रूस पर उसका न्याय होगा, इसलिए लोगो को परमेश्वर की ओर वापस मुड़ना चाहिए। 
“मैं ने तो तुम्हें जल से बपतिस्मा दिया है पर वह तुम्हें पवित्र आत्मा से बपतिस्मा देगा” (मरकुस १:१८)। ‘तुम्हें पवित्र आत्मा से बपतिस्मा देगा’ इसका मतलब है की आपके सारे पापो को साफ़ करेगा। बपतिस्मा लेने का मतलब है ‘साफ़ करना।’ यरदन नदी में यीशु का बपतिस्मा हमसें कहता है की परमेश्वर के पुत्र ने बपतिस्मा लिया और हमें बचाने के लिए हमारे पापों को उठा लिया।
 
 
पापो के प्रायश्चित के लिए महायाजक का कार्य
 
उद्धार के लिए मार्ग कौन तैयार करता है?
यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला

यशायाह भविष्यवक्ता ने भविष्यवाणी की थी, “यरूशलेम से शान्ति की बातें कहो; और उससे पुकारकर कहो कि तेरी कठिन सेवा पूरी हुई है, तेरे अधर्म का दण्ड अंगीकार किया गया है : यहोवा के हाथ से तू अपने सब पापों का दूना दण्ड पा चुका है” (यशायाह ४०:२)।
यीशु मसीह ने बिना अपवाद के हमारे पापों को उठा लिया है, उसके बपतिस्मा के द्वारा वर्तमान के और भविष्य के पाप भी धुल जाते है। उसने हम सभी को छूटकारा दिया है। हम सभी को परमेश्वर के छुटकारे के बारे में जानना चाहिए।
हमारे सारे पापों से छूटकारा पाने के लिए, हमें सुसमाचार पर विश्वास करना चाहिए जिसमें दर्शाया गया है की बपतिस्मा के द्वारा यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले ने सारे पाप यीशु पर डाल दिए है। 
हमें यह सोचने के द्वारा गलतफहमी नहीं होनी चाहिए की “परमेश्वर प्रेम है, इसलिए केवल यीशु पर विश्वास करके हम स्वर्ग में प्रवेश कर पाएंगे, भले ही हमारे दिल में पाप क्यों न हो।” 
हमारे सारे पापो से छूटकारा पाने के लिए, हमें उसके बपतिस्मा पर विश्वास करना चाहिए, जिसके जरिए यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले ने जगत के सारे पापों को उसके ऊपर डाल दिए और क्रूस पर विश्वास करना चाहिए। ‘पानी’ द्वारा यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले ने मनुष्यजाति के सारे पाप यीशु पर डाल दिए थे। 
हमें बचाने के लिए परमेश्वर ने सबसे पहला कार्य यूहन्ना को इस संसार में भेजने का किया। परमेश्वर के दूत के रूप में, यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले को राजा के पास राजदूत के रूप में भेजा गया, जिसने बपतिस्मा के द्वारा जगत के सारे पाप यीशु पर डाल दिए। उसने सारी मनुष्यजाति के लिए याजक पद पे सेवा की। 
परमेश्वर ने हमसें कहा था की उसने अपना दूत हमारे पास भेजा है, योहान बपतिस्मा देनेवाला। “मैं अपने दूत को तेरे आगे भेजता हूँ।” परमेश्वर ने यूहन्ना को यीशु से पहले क्यों भेजा? बपतिस्मा के द्वारा जगत के सारे पाप परमेश्वर के पुत्र, यीशु पर डालने के लिए। “जो तेरे लिए मार्ग सुधारेगा।” इस भगा का मतलब वास्तव में ऐसा होता है। 
वह कौन है जो मार्ग तैयार करेगा जिससें हम छूटकारा प्राप्त कर सके और स्वर्ग में जा सके? यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला। ‘तेरे’ मतलब यीशु और ‘अपने’ मतलब परमेश्वर खुद। इसलिए, वह कहता है, “मैं अपने दूत को तेरे आगे भेजता हूँ, जो तेरे लिए मार्ग सुधारेगा,” इसका मतलब क्या होता है? 
कौन मार्ग तैयार करेगा जिससे हम स्वर्ग में जा सके? यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला हमारे सारे पाप यीशु पर डालेगा जिससे हम विश्वास करे की उसने वह सारे पाप धो डाले है; उसका कार्य यीशु को बपतिस्मा देने के द्वारा सारे पाप उस पर डालने का था। वो यीशु और यूहन्ना थे जिसने हमारे लिए सत्य पर विश्वास करना और छूटकारा पाना सम्भव बनाया। 
हमारा उद्धार किस पर निर्भर है? हम परमेश्वर के पुत्र, यीशु के धर्मी कार्यो, और परमेश्वर के दूत यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले ने जगत के सारे पाप यीशु पर डाल दिए है इस बात पर विश्वास करते है की नहीं उस पर निर्भर है। हम सब को पापों की माफ़ी के सुसमाचार को जानना चाहिए। परमेश्वर पिता ने अपने दूत को आगे भेजा, जो उसके बेटे को बपतिस्मा देने वाला था, और उसको मनुष्यजाति का प्रतिनिधि बनाया था। इसतरह, उसने हमारे लिए छुटकारे का कार्य पूरा किया। 
परमेश्वर ने अपने बेटे को बपतिस्मा देने के लिए यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले को भेजा जिससे वो यीशु पर विश्वास करने वाले लोगो के लिए उद्धार का मार्ग तैयार कर सके। इसी वजह से यूहन्ना ने यीशु को बपतिस्मा दिया था। यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले के द्वारा यीशु का बपतिस्मा परमेश्वर के छुटकारे को पूरा करने के लिए था जिसके द्वारा मनुष्यजाति के सारे पाप उसके ऊपर डाले गए जिससे सारे लोग यीशु पर विश्वास कर सके और स्वर्ग में जा सके। 
यीशु के बपतिस्मा के द्वारा भविष्य के पापों को भी उस पर डाला गया था। युशु और यूहन्ना ने साथ मिलकर हम सब के लिए स्वर्ग का मार्ग तैयार किया था। इस रीति से, परमेश्वर ने यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले के द्वारा छुटकारे का रहस्य प्रगट किया। 
मनुष्यजाति के प्रतिनिधि के तौर पर, यूहन्ना ने यीशु को बपतिस्मा दिया जिससे हम अपने छुटकारे पर विश्वास कर सके और स्वर्ग में जा सके। उसने बपतिस्मा के द्वारा सारे पाप यीशु पर डाले। यह छुटकारे के ख़ुशी के समाचार है, सुसमाचार। 
 
 
यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले ने जन्म क्यों लिया?
 
हम किसके जरियें यीशु पे विश्वास कर सकते है?
यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला

मलाकी ३:१ में लिखा है, “देखो, मैं अपने दूत को भेजता हूँ, और वह मार्ग को मेरे आगे सुधारेगा।” आपको बहुत ध्यान से बाइबल पढ़ना चाहिए। परमेश्वर क्यों अपने दूत को यीशु से पहले भेजा? क्यों यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले का जन्म यीशु से ६ महीने पहले हुआ? 
हमें समझने की जरुरत है की बाइबल क्या है? पुराने नियन में महायाजक हारून के कार्यो के बारेमें दर्शाया गया है। हारून मूसा का बड़ा भाई था। परमेश्वर ने उसको और उसके बेटों को याजक बनने के लिए अभिषेक किया था। दुसरे लेवी उनके निचे काम करते थे, अलग अलग रखे बर्तन लाने का, रोटी के लिए आटा गूंथना और दुसरे कई काम, जब की हारून के बेटे पवित्र तम्बू में बलि चढ़ाने का काम करते थे। 
हारुन के बेटों को आपस में काम बाँटकर करने के लिए चुना गया था, लेकिन प्रायश्चित के दिन, यानी की सातवें महीने के दसवें दिन, महायाजक ही अपने लोगो के लिए वार्षिक पापों के लिए बलिदान चढ़ाता था। 
लूका १:५ में, यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले की वंशावली दी है। हमें यीशु को सही रीति से समझने के लिए परमेश्वर के इस दूत के बारे में समझना जरुरी है। हम यीशु के बारे में काफ़ी सोचते है, लेकिन हम यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले को नकार देते है, जो यीशु से पहले आया था। मैं आपके यह समझने के लिए मददगार होना चाहता हूँ। 
“परमेश्‍वर के पुत्र यीशु मसीह के सुसमाचार का आरम्भ। जैसा यशायाह भविष्यद्वक्‍ता की पुस्तक में लिखा है “देख, मैं अपने दूत को तेरे आगे भेजता हूँ” (मरकुस १:१-२)। स्वर्ग का सुसमाचार यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले से शुरू होता है। 
जब हम सम्पूर्ण रीति से यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले के बारे में सीखेंगे, तब हम यीशु के छुटकारे के सुसमाचार को स्पष्टरूप से समझ पाएंगे और विश्वास करेंगे। यह ठीक उसी तरह है की, हम सारे देशोमें क्या चल रहा है ये जानने के लिए राजदूत को भेजते है। जब हम यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले के बारे में जानेंगे, तब हम परमेश्वर के छुटकारे को ठीक रीति से समझ पाएंगें। 
हालाँकि, अफसोस की बात यह है की इन दिनों में कई मसीही यूहन्ना के महत्त्व को नहीं देखते। परमेश्वर ने यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले को इसलिए नहीं भेजा की वह बोर हो गया था और करने क लिए ओर कुछ नहीं था। चारों सुसमाचार यीशु के छुटकारे की बात करने से पहले यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले के बारे में बताती है। 
लेकिन आज के सुसमाचार प्रचारकों ने उसे पूरी तरह से नकार दिया है और लोगों को कहते है की उद्धार पाने के लिए सिर्फ यीशु पर विश्वास करना काफी है। वास्तव में वे लोगों को पापी जीवन जीने के लिए अगवाई करते है और उनका अन्त नरक में होगा। यदि सारे मसीही यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले के किरदार को ना समझ कर केवल यीशु पर विश्वास करेंगे, तो मसीही धर्म एक सांसारिक धर्म बन जाएगा। यदि आप सत्य नहीं जानते तो आप छूटकारा कैसे पाएंगे? यह असम्भव है। 
छुटकारे का सुसमाचार इतना आसान नहीं है और इतना कठिन भी नहीं है। इसलिए कई लोग ऐसा सोचते है की छूटकारा क्रूस पर विश्वास करने के द्वारा मिलता है क्योंकि यीशु हमारें लिए क्रूस पर मरा है। फिर भी, यदि आप उस पर हाथ रखने के द्वारा हमारें पाप उस पर डाले गए है ऐसे सम्पूर्ण सत्य को जाने बिना केवल उसके क्रूस पर विश्वास करते है, तो ऐसा विश्वास आपको छूटकारा नहीं दिला सकता, भले ही फिर आपका विश्वास कितना भी मज़बूत क्यों न हो। 
परमेश्वर ने यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले को भेजा जिससे संसार जान सके की छूटकारा कैसे मिलता है और यीशु किस रीति से जगत के पापों को उठा लेता है। जब हम सम्पूर्ण सत्य को जानेंगे तभी हम समझ पाएंगे की यीशु परमेश्वर का पुत्र है, जिसने हमारे सारे पापों को अपने ऊपर उठा लिए है। 
यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला हमें छुटकारे के सत्य के बारे में कहता है। वह गवाही देता है की कैसे यीशु परमेश्वर है और सच्ची ज्योति है। वह स्पस्ष्ट रीति से कहता है की वह खुद ज्योति नहीं था, लेकिन ज्योति की गवाही देनेवाला था। वह यूहन्ना १ में भी गवाही देता है की उसने यीशु मसीह को बपतिस्मा देने के द्वारा छुटकारे के सुसमाचार की तयारी की है।
यदि हमारे पास यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले के द्वारा छुटकारे की गवाही नहीं है, तो हम कैसे यीशु पर विश्वास कर सकते है? हमने कभी भी यीशु को नहीं देखा, और जब हम अलग संस्कृति और धर्म में से आते है, तो यहोवा ही हमारा परमेश्वर है ये विश्वास करना कैसे सम्भव हो सकता है?
संसार में इतने सारे धर्म होने की वजह से, हम कैसे यीशु को जान सकते है? हम कैसे जान सकते है की वास्तव में यीशु परमेश्वर का पुत्र है, जिसने जगत के सारे पापों को अपने ऊपर उठा लिए और हमें छूटकारा दिया है?
आरम्भ से छुटकारे के वचनों को ढूंढ ने और यीशु हमारा उद्धारकर्ता है यह जानने के लिए हमें पुराने नियम में देखना होगा। सच्चा विश्वास पाने के लिए हमें सच्छा ज्ञान पाना होगा। सच्चे ज्ञान के बिना हम कुछ भी नहीं कर सकते। यीशु पर विश्वास करने और उद्धार पाने के लिए, हमें छुटकारे के सुसमाचार को जानना होगा जिसकी गवाही जुहन्ना बपतिस्मा देनेवाले ने दी है और उसमे उसका किरदार भी है। यीशु में पूर्ण विश्वास के लिए, हमें छुटकारे के सत्य के बारे में जानना होगा।
इसलिए, यीशु ने कहा, “तुम सत्य को जानोगे, और सत्य तुम्हें स्वतंत्र करेगा” (यूहन्ना ८:३२), हमें यीशु में छुटकारे के सत्य को जानना चाहिए। 
 
 
बाइबल में प्रमाण
 
कौन सी घटना से चारों सुसमाचार का आरंभ होता है?
यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले के आगमन से

आइए बाइबल में छुटकारे की पुष्टि करते है। आइए हम देखे की चारों सुसमाचार यूहन्ना बाप्तिस्मा देनेवाले के बारे में क्या कहती है, वह कौन था, क्यों उसको ‘मनुष्यजाति का प्रतिनिधि’ या ‘आख़री महायाजक’ कहा गया है, कैसे उसके द्वारा जगत के सारे पापों को यीशु पर डाला गया, और यीशु ने हमारे सारे पाप अपन ऊपर उठा लिए है की नहीं इसके बारे में क्या कहती है उसे खुल्ला करे। 
हमें वास्तविकता पर ध्यान देने की जरुरत है की चारों सुसमाचार यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले से आरम्भ होते है। युहाना १:६ सुसमाचार में सबसे महत्वकी हकीकत को दर्शाता है। वह हमें बताती है की जगत के सारे पापों को यीशु पे डालने का कार्य किसने किया। “एक मनुष्य परमेश्‍वर की ओर से आ उपस्थित हुआ जिसका नाम यूहन्ना था। 7वह गवाही देने आया कि ज्योति की गवाही दे, ताकि सब उसके द्वारा विश्‍वास लाएँ” (यूहन्ना १:६-७)। 
वह कहता है, ‘सब उसके द्वारा विश्वास लाएँ,’ और वह ‘ज्योति की गवाही दे।’ ज्योति यीशु मसीह है। उसका मतलब है की यूहन्ना यीशु के बारे में गवाही देता है जिससे उसके द्वारा सारे लोग विश्वास करे। अब, मत्ती अध्याय ३ को ध्यान से देखें। 
मत्ती ३:१३-१७ “उस समय यीशु गलील से यरदन के किनारे यूहन्ना के पास उससे बपतिस्मा लेने आया। 14परन्तु यूहन्ना यह कह कर उसे रोकने लगा, “मुझे तो तेरे हाथ से बपतिस्मा लेने की आवश्यकता है, और तू मेरे पास आया है?” 15यीशु ने उसको यह उत्तर दिया, “अब तो ऐसा ही होने दे, क्योंकि हमें इसी रीति से सब धार्मिकता को पूरा करना उचित है।” तब उसने उसकी बात मान ली। 16और यीशु बपतिस्मा लेकर तुरन्त पानी में से ऊपर आया, और देखो, उसके लिए आकाश खुल गया, और उसने परमेश्‍वर के आत्मा को कबूतर के समान उतरते और अपने ऊपर आते देखा। 17और देखो, यह आकाशवाणी हुई : “यह मेरा प्रिय पुत्र है, जिससे मैं अत्यन्त प्रसन्न हूँ।”
 
क्यों हमें यूहन्ना की वंशावली समझने की आवश्यकता है?
क्योंकि बाइबल हमें बताती है की यूहन्ना सारी मनुष्यजाति का महायाजक है।

यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले ने जगत के सरे पापों की माफ़ी के लिए यीशु को बपतिस्मा दिया। यीशु ने यूहन्ना के द्वारा जो बपतिस्मा पाया वह हमारे उद्धार के लिए सबसे महत्व की घटना थी। लेकिन पूर्ण सत्य को विस्तृत रूप से समझने के लिए, हमें सबसे पहले यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले के बारे में अध्ययन करना होगा।
लूका १:१-१४, “बहुतों ने उन बातों का जो हमारे बीच में बीती हैं, इतिहास लिखने में हाथ लगाया है, जैसा कि उन्होंने जो पहले ही से इन बातों के देखनेवाले और वचन के सेवक थे, हम तक पहुँचाया। इसलिये, हे श्रीमान् थियुफिलुस, मुझे भी यह उचित मालूम हुआ कि उन सब बातों का सम्पूर्ण हाल आरम्भ से ठीक-ठीक जाँच करके, उन्हें तेरे लिये क्रमानुसार लिखूँ ताकि तू यह जान ले कि वे बातें जिनकी तू ने शिक्षा पाई है, कैसी अटल हैं।यहूदिया के राजा हेरोदेस के समय अबिय्याह के दल में जकरयाह नाम का एक याजक था, और उसकी पत्नी हारून के वंश की थी जिसका नाम इलीशिबा था। वे दोनों परमेश्‍वर के सामने धर्मी थे, और प्रभु की सारी आज्ञाओं और विधियों पर निर्दोष चलनेवाले थे। उनके कोई भी सन्तान न थी, क्योंकि इलीशिबा बाँझ थी, और वे दोनों बूढ़े थे। जब वह अपने दल की पारी पर परमेश्‍वर के सामने याजक का काम करता था, तो याजकों की रीति के अनुसार उसके नाम पर चिट्ठी निकली कि प्रभु के मन्दिर में जाकर धूप जलाए। धूप जलाने के समय लोगों की सारी मण्डली बाहर प्रार्थना कर रही थी। उस समय प्रभु का एक स्वर्गदूत धूप की वेदी की दाहिनी ओर खड़ा हुआ उसको दिखाई दिया। जकरयाह देखकर घबराया और उस पर बड़ा भय छा गया। परन्तु स्वर्गदूत ने उससे कहा, “हे जकरयाह, भयभीत न हो, क्योंकि तेरी प्रार्थना सुन ली गई है; और तेरी पत्नी इलीशिबा से तेरे लिये एक पुत्र उत्पन्न होगा, और तू उसका नाम यूहन्ना रखना। तुझे आनन्द और हर्ष होगा : और बहुत लोग उसके जन्म के कारण आनन्दित होंगे”
यहाँ, लूका, यीशु का शिष्य, हमें यूहन्ना की वंशावली विस्तृत रूप से बताता है। लूका को थियुफिलुस नाम के व्यक्ति को सुसमाचार सिखाना था, जो अलग संस्कृति से आया था और प्रभु के बारे में जानता नहीं था। 
इसलिए, उसको यीशु यानी की उद्धारकर्ता के बारे में सिखाने के लिए, लूका ने सोचा की उसे यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले की वंशावली विस्तृत रूप से समझने की जरुरत है। जय से की हम भी अलग अलग जाति के विधर्मी है, इसलिए जब तक हम को क्रमश: रीति से ख़ास तौर पर समझाया ना जाये तो हम यीशु के उद्धार के बारे में नहीं समझ सकते। आइए जाने की विवरण क्या है।
लूका १:५-९ में कहा है, “यहूदिया के राजा हेरोदेस के समय अबिय्याह के दल में जकरयाह नाम का एक याजक था, और उसकी पत्नी हारून के वंश की थी जिसका नाम इलीशिबा था। वे दोनों परमेश्‍वर के सामने धर्मी थे, और प्रभु की सारी आज्ञाओं और विधियों पर निर्दोष चलनेवाले थे। उनके कोई भी सन्तान न थी, क्योंकि इलीशिबा बाँझ थी, और वे दोनों बूढ़े थे। जब वह अपने दल की पारी पर परमेश्‍वर के सामने याजक का काम करता था, तो याजकों की रीति के अनुसार उसके नाम पर चिट्ठी निकली कि प्रभु के मन्दिर में जाकर धूप जलाए।”
यहाँ, जब अपने दल की पारी पर जकरयाह परमेश्वर की सेवा करता था तब एक घटना घटी। लूका स्पष्ट रीति से गवाही देता है की जकरयाह हारून के वंश का था। तो फिर जकरयाह किस दल का था? यह बहुत ही महत्वपूर्ण बिन्दु है। 
वह समझाता है, “जब वह अपने दल की पारी पर परमेश्वर के सामने याजक का काम करता था।” हम देख सकते है की लूका जकरयाह के बारे में अच्छी रीति से जनता था इसलिए उसने जकरयाह और इलीशिबा दोनों का उल्लेख करकें छुटकारे के सुसमाचार को समझाया है। 
यूहन्ना का जन्म जकरयाह और इलीशिबा से हुआ था, जो हारून की बेटियों में से थी। अब, यूहन्ना के पिता, जकरयाह की वंशावली देखें। 
 
 
यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले की वंशावली 
 
यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला किसका वंशज था?
हारून, महायाजक का

यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले की वंशावली समझने के लिए, हमें पुराने नियम में १ इतिहास २४:१-१९ पढ़ना होगा।
“फिर हारून की सन्तान के दल ये थे। हारून के पुत्र नादाब, अबीहू, एलीआज़ार और ईतामार थे। परन्तु नादाब और अबीहू अपने पिता के सामने पुत्रहीन मर गए, इसलिये याजक का काम एलीआज़ार और ईतामार करते थे। दाऊद ने एलीआज़ार के वंश के सादोक, और ईतामार के वंश के अहीमेलेक की सहायता से उनको अपनी अपनी सेवा के अनुसार दल दल करके बाँट दिया। एलीआज़ार के वंश के मुख्य पुरुष, ईतामार के वंश के मुख्य पुरुषों से अधिक थे, और वे यों बाँटे गए : अर्थात् एलीआज़ार के वंश के पितरों के घरानों के सोलह, और ईतामार के वंश के पितरों के घरानों के आठ मुख्य पुरुष थे। तब वे चिट्ठी डालकर बराबर बराबर बाँटे गए, क्योंकि एलीआज़ार और ईतामार दोनों के वंशों में पवित्रस्थान के हाकिम और परमेश्‍वर के हाकिम नियुक्‍त हुए थे। नतनेल के पुत्र शमायाह ने जो लेवीय था, उनके नाम राजा और हाकिमों और सादोक याजक, और एब्यातार के पुत्र अहीमेलेक और याजकों और लेवियों के पितरों के घरानों के मुख्य पुरुषों के सामने लिखे; अर्थात् पितरों का एक घराना तो एलीआज़ार के वंश में से और एक ईतामार के वंश में से लिया गया। पहली चिट्ठी यहोयारीब के, और दूसरी यदायाह, तीसरी हारीम के, चौथी सोरीम के, पाँचवीं मल्किय्याह के, छठवीं मिय्यामीन के, सातवीं हक्‍कोस के, आठवीं अबिय्याह के, नौवीं येशू के, दसवीं शकन्याह के, ग्यारहवीं एल्याशीब के, बारहवीं याकीम के, तेरहवीं हुप्पा के, चौदहवीं येसेबाब के, पन्द्रहवीं बिल्गा के, सोलहवीं इम्मेर के, सत्रहवीं हेजीर के, अठारहवीं हप्पित्सेस के, उन्नीसवीं पतह्याह के, बीसवीं यहेजकेल के, इक्‍कीसवीं याकीन के, बाईसवीं गामूल के, तेईसवीं दलायाह के, और चौबीसवीं माज्याह के नाम पर निकलीं। उनकी सेवा के लिये उनका यही नियम ठहराया गया कि वे अपने उस नियम के अनुसार जो इस्राएल के परमेश्‍वर यहोवा की आज्ञा के अनुसार उनके मूलपुरुष हारून ने चलाया था, यहोवा के भवन में जाया करें।”
आइए हम १०वाँ वचन फिर से पढ़े, “सातवीं हक्‍कोस के, आठवीं अबिय्याह के।” राजा दाऊद के दिनों में, बहुत सारे याजक थे, इसलिए उनकी व्यवस्थित सेवाओं के लिए नियम स्थापित करने की जरुरत थी। इसतरह, दाऊद ने हारून के बेटों को चिठ्ठियाँ दी ताकि बलिदान को क्रम में चढ़ाया जा सके। (जैसे की आप सब जानते है, हारून मूसा का बड़ा भाई था। परमेश्वर ने इस्राएल के लोगो के सामने मूसा को उच्च प्रतिनिधि और हारून को पवित्र तम्बू के महायाजक के रूप में नियुक्त किया था।) 
दुसरे सारे लेवी को याजकों के निचे रखा गया था। हारून और याजक, उसके बेटे परमेश्वर के सन्मुख बलिदान चढ़ाते थे। दाऊद ने चिठ्ठियाँ डाली उसके पहले, याजकों को, जो हारून के वंशज थे उनको हर समय चिठ्ठी डालनी पड़ती थी और उसकी वजह से बहुत गड़बड़ी होती थी। 
इसलिए, दाऊद ने सारे दल को क्रमशः रख के प्रणाली की व्यवस्था की। हारुन के पोतों से आरम्भ करके २४ दल बनाए गए थे, और आँठवा अबिय्याह का दल था। ऐसा कहा गया है की, “अबिय्याह के दल में जकरयाह नाम का एक याजक था।” इसलिए जकरयाह अबिय्याह के दल का था और वो दोनों महायाजक हारून के वंशज थे। 
अबिय्याह के दल में जकरयाह नाम का एक याजक था, जो यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले का पिता था। बाइबल में से हम जानते है की वे अपने ही गोत्र में शादी करते थे। 
इसलिए, याकूब ने अपनी माँ के गोत्र में, अपने मामा की बेटी के साथ शादी की थी। उस वंश का यह वर्णन है जो बहुत ही महत्व का है। वह कहता है, “अबिय्याह के दल में जकरयाह नाम का एक याजक था।”
इसलिए, निश्चित रूप से वह हारून का वंशज था। कौन? जकरयाह, यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले का पिता। यीशु का छूटकारा, और यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले की सेवा, और यीशु पर जगत के पापों को डाला गया यह सारी घटना समझने के लिए यह एक महत्वपूर्ण हकीकत है। 
 
 
केवल हारून के बेटे ही याजक के तौर पर सेवा कर सकते थे 
 
पुराने नियम के समय में कौन महायाजक के पद पर सेवा कर सकता था?
हारून और उसके नियुक्त किए हुए वंशज

तो फिर बाइबल में निश्चित रूप से कहा ऐसा कहा गया है की, हारून के बेटे ही याजक पद के लिए सेवा कर सकते है? चलिए हम वो देखते है। 
गिनती २०:२२-२९, “तब इस्राएलियों की सारी मण्डली कादेश से कूच करके होर नामक पहाड़ के पास आ गई। और एदोम देश की सीमा पर होर पहाड़ में यहोवा ने मूसा और हारून से कहा, “हारून अपने लोगों में जा मिलेगा; क्योंकि तुम दोनों ने जो मरीबा नामक सोते पर मेरा कहना छोड़कर मुझ से बलवा किया है, इस कारण वह उस देश में जाने न पाएगा जिसे मैं ने इस्राएलियों को दिया है। इसलिये तू हारून और उसके पुत्र एलीआज़ार को होर पहाड़ पर ले चल; और हारून के वस्त्र उतारके उसके पुत्र एलीआज़ार को पहिना; तब हारून वहीं मरकर अपने लोगों में जा मिलेगा।” यहोवा की इस आज्ञा के अनुसार मूसा ने किया; और वे सारी मण्डली के देखते होर पहाड़ पर चढ़ गए। तब मूसा ने हारून के वस्त्र उतारके उसके पुत्र एलीआज़ार को पहिनाए और हारून वहीं पहाड़ की चोटी पर मर गया। तब मूसा और एलीआज़ार पहाड़ पर से उतर आए। और जब इस्राएल की सारी मण्डली ने देखा कि हारून का प्राण छूट गया है, तब इस्राएल के सब घराने के लोग उसके लिये तीस दिन तक रोते रहे।” 
निर्गमन में, परमेश्वर की व्यवस्था को दर्ज किया गया है, उसमे कहा है की महायाजक हारून के बेटों को ही याजक पद सम्भालना चाहिए, और चुने हुए बेटे को जब वो ३० साल का हो जाए तब महायाजक पद सम्भालना चाहिए। 
निर्गमन २८:१-५, “फिर तू इस्राएलियों में से अपने भाई हारून, और नादाब, अबीहू, एलीआज़ार और ईतामार नामक उसके पुत्रों को अपने समीप ले आना कि वे मेरे लिये याजक का काम करें। और तू अपने भाई हारून के लिये वैभव और शोभा के निमित्त पवित्र वस्त्र बनवाना। और जितनों के हृदय में बुद्धि है, जिनको मैं ने बुद्धि देनेवाली आत्मा से परिपूर्ण किया है, उनको तू हारून के वस्त्र बनाने की आज्ञा दे कि वह मेरे निमित्त याजक का काम करने के लिये पवित्र बने। जो वस्त्र उन्हें बनाने होंगे वे ये हैं, अर्थात् सीनाबन्द, और एपोद, और बागा, चारखाने का अंगरखा, पगड़ी और कमरबन्द; ये ही पवित्र वस्त्र तेरे भाई हारून और उसके पुत्रों के लिये बनाए जाएँ कि वे मेरे लिये याजक का काम करें। और वे सोने और नीले और बैंजनी और लाल रंग का और सूक्ष्म सनी का कपड़ा लें।” 
परमेश्वर ने स्पष्ट रीति से मूसा के भाई हारून को महायाजक का पद सोंपा था। याजक पद किसी ओर मनुष्य के लिए नहीं था। परमेश्वर ने मूसा को आज्ञा दी थी कि वह हारून को महायाजक के तौर पर पवित्र करे, और जैसे परमेश्वर ने कहा था ठीक उसी रीति से उसके लिए योग्य वस्त्र तैयार करे। हमें परमेश्वर के वचनों को कभी नहीं भूलना चाहिए। 
निर्गमन २९:१-९, “उन्हें पवित्र करने को जो काम तुझे उन के साथ करना है कि वे मेरे लिये याजक का काम करें, वह यह है : एक निर्दोष बछड़ा और दो निर्दोष मेढ़े लेना, और अख़मीरी रोटी, और तेल से सने हुए मैदे के अख़मीरी फुलके, और तेल से चुपड़ी हुई अख़मीरी पपड़ियाँ भी लेना। ये सब गेहूँ के मैदे के बनवाना। इनको एक टोकरी में रखकर उस टोकरी को उस बछड़े और उन दोनों मेढ़ों समेत समीप ले आना। फिर हारून और उसके पुत्रों को मिलापवाले तम्बू के द्वार के समीप ले आकर जल से नहलाना। तब उन वस्त्रों को लेकर हारून को अंगरखा और एपोद का बागा पहिनाना, और एपोद और चपरास बाँधना, और एपोद का काढ़ा हुआ पट्टा भी बाँधना; और उसके सिर पर पगड़ी को रखना, और पगड़ी पर पवित्र मुकुट को रखना। तब अभिषेक का तेल ले उसके सिर पर डालकर उसका अभिषेक करना। फिर उसके पुत्रों को समीप ले आकर उनको अंगरखे पहिनाना, और उनके अर्थात् हारून और उसके पुत्रों की कमर बाँधना और उनके सिर पर टोपियाँ रखना; जिससे याजक के पद पर सदा उनका हक रहे। इस प्रकार हारून और उसके पुत्रों का संस्कार करना।” 
हारून और उसके बेटों को कमरबन्द, और पगड़ी पर पवित्र मुकुट को रखना... याजक पद उनको अविरत तौर पर दिया गया था। इस रीति से हारून और उसके बेटों को पवित्र किया जाता था...परमेश्वर ने सपष्ट किया था की केवल हारून और उसके बेटों को याजक पद के लिए पवित्र किए जाए। उसने स्पष्ट रूप से कहा था की “हंमेशा के लिए,” यह इस बात को सूचित करता है की यीशु इस पृथ्वी पर आए उसके बाद भी याजक पद असरदार था। 
लूका गहराई से समझाता है की जकरयाह महायाजक हारून के वंश का था। जब जकरयाह याजक के तौर पर मंदिर में परमेश्वर के आगे सेवा कर रहा था तब, एक स्वर्गदूत ने आके उससे कहा की उसकी बिनती सुन ली गई है; की उसकी पत्नी इलीशिबा बेटें को जन्म देगी। 
जकरयाह को विश्वास न हुआ और उसने कहा, “मेरी पत्नी बूढ़ी हो गई है, कैसे वह बेटे को जन्म दे सकती है?” उसके संदेह के करण परमेश्वर ने उसे कुछ समय के लिए गूंगा बना दिया की जिससे परमेश्वर बता सके की उसके वचन सच्चे है। 
नियत समय पे, उसकी पत्नी गर्भवती हुई और थोड़े समय के बाद, कुमारी मरियम भी गर्भवती हुई। दोनों घटनाए परमेश्वर ने हमारे उद्धार के लिए किया हुआ कार्य था। भ्रष्ट मनुष्यजाति को बचाने के लिए, उसने अपने सेवक यूहन्ना और इकलौते बेटे यीशु को इस जगत में भेजने की ज़रूरत पड़ी। 
इसलिए, जगत के पापों को यीशु के ऊपर डालने के लिए परमेश्वर ने अपने बेटे का बपतिस्मा यूहन्ना से करवाया, जिससें जो लोग उस पर विश्वास करे वे उद्धार पाए।
 
 
परमेश्वर की विशेष व्यवस्था!
 
परमेश्वर ने अपने छुटकारे के कार्य के लिए यीशु के पहले किस को तैयार किया?
यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले को

यीशु मसीह मनुष्यजातिका उद्धारकर्ता था, जिसने कुमारी मरियम की कोख़ से जन्म लिया था। मरियम की मंगनी यूसुफ़ के साथ हुई थी, जो यहूदा का वंशज था। परमेश्वर की वाचा को पूरा करने के लिए यीशु को यहूदा के गोत्र में जन्म लेना था, जिस प्रकार यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले ने हारून महायाजक के गोत्र में जन्म लिया था। 
पहले यूहन्ना फिर यीशु इस क्रम में संसार में जन्म लेने के लिए परमेश्वर ने दोनों को तैयार किया था। यूहन्ना का जन्म हुआ जिससे की वो यीशु के बपतिस्मा दे सके और उसके ऊपर जगत के पापों को डाल सके। पुराने और नए नियम में परमेश्वर की वाचा के मुताबिक़ विधि को निश्चित रूप से करने क लिए महायाजक का वंश ही प्रायश्चित का बलिदान चढ़ा सकता था; यीशु के छुटकारे के सुसमाचार को सही रीति से पूरा करना था जिससें सारे लोग उद्धार पा सके। 
निर्गमन में, परमेश्वर ने इस्राएल को अपनी व्यवस्था और वचन दिए; परमेश्वर की व्यवस्था और तम्बू के बलिदान की रित दी, याजको के वस्त्र दिए, बलिदान का विवरण दिया, और याजकों के बेटों को याजक पद का वारिस बनाया... परमेश्वर ने हारून और उसक बेटों को महायाजक के तौर पर नियुक्त किया। 
इसलिए, हारून के सारे वंशज बलिदान को अर्पण कर सकते है और हारून के परिवार का ही व्यक्ति महायाजक बन सकता है। क्या आपनें देखा की ऐसा क्यों है? 
हारून के कई वंशजो में से परमेश्वर ने निश्चित रूप से याजक जकरयाह और उसकी पत्नी इलीशिबा को पसंद किया। उसने ऐसा कहा, “देख, मैं अपने दूत को तेरे आगे भेजता हूँ।” जब परमेश्वर ने जकरयाह से ऐसा कहा की वह उसकी पत्नी को बेटा पैदा करने के लिए सक्षम बनाएगा, और वह उसका नाम यूहन्ना रखेगी, तब वह इतना चौंक गया की परमेश्वर की आज्ञा के मुताबिक़ बेटे के जन्म और उसके नाम रखे जाने तक वो गूंगा हो गया।
वास्तव में, उसके घर बेटें का जन्म हुआ। जब इस्राएल के रिवाज के मुताबिक़ बालक का नाम रखने का समय आया, तब बेटे का नाम उसके पिता के नाम पर से या कोई रिश्तेदार के नाम पर से रखना था।
“तब इलीशिबा के प्रसव का समय पूरा हुआ, और उसने पुत्र को जन्म दिया। उसके पड़ोसियों और कुटुम्बियों ने यह सुन कर कि प्रभु ने उस पर बड़ी दया की है, उसके साथ आनन्द मनाया, और ऐसा हुआ कि आठवें दिन वे बालक का खतना करने आए और उसका नाम उसके पिता के नाम पर जकरयाह रखने लगे। इस पर उसकी माता ने उत्तर दिया, “नहीं; वरन् उसका नाम यूहन्ना रखा जाए।” उन्होंने उससे कहा, “तेरे कुटुम्ब में किसी का यह नाम नहीं!” तब उन्होंने उसके पिता से संकेत करके पूछा कि तू उसका नाम क्या रखना चाहता है? उसने लिखने की पट्टी मँगाकर लिख दिया, “उसका नाम यूहन्ना है,” और सभों को आश्‍चर्य हुआ। तब उसका मुँह और जीभ तुरन्त खुल गई; और वह बोलने और परमेश्‍वर का धन्यवाद करने लगा। उसके आस पास के सब रहनेवालों पर भय छा गया; और उन सब बातों की चर्चा यहूदिया के सारे पहाड़ी देश में फैल गई, और सब सुननेवालों ने अपने-अपने मन में विचार करके कहा, “यह बालक कैसा होगा?” क्योंकि प्रभु का हाथ उसके साथ था” (लूका १:५७-६६)।
जब उसके बेटे का जन्म हुआ तब जकरयाह अभी गूंगा ही था। जब बालक का नाम रखने का समय हुआ, तब पड़ोसी ने कहा की उसका नाम जकरयाह रखना चाहिए। लेकिन उसकी माँ ने कहा की उसका नाम यूहन्ना रखना चाहिए। तब, रिश्तेदारों ने कहा की तेरे कुटुम्ब में ऐसे नाम वाला कोई नहीं है इसलिए बालक का नाम उसके पिता के नाम पर से रखना चाहिए। 
जब इलीशिबा ने नाम को लेकर आग्रह किया, तब रिश्तेदार जकरयाह के पास गए और पूछा की बालक का नाम क्या होना चाहिए। जकरयाह जो अभी तक बोल नहीं सकता था, उसने पट्टी माँगकर उस पर ‘यूहन्ना’ लिखा। नाम की इस असामान्य पसंदगी पर सभी रिश्तेदार आश्चर्यचकित थे। 
लेकिन नाम रखने के बाद, तुरंत ही जकरयाह का मुँह खुल गया। उसने परमेश्वर की स्तुति की और वह पवित्र आत्मा से भर गया और भविष्यवाणी की। 
इस तरह, लूका जकरयाह के घर यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले के जन्म के विषय में कहता है। “अबिय्याह के दल में जकरयाह नाम का एक याजक था।” हारून का वंशज, मनुष्यजाति का प्रतिनिधि युहन्न्ना बपतिस्मा देनेवाले का जन्म परमेश्वर की ओर से ख़ास व्यवस्था थी। 
यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला और यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर ने मनुष्यजाति के लिए उद्धार का कार्य पूरा किया। यूहन्ना और यीशु के द्वारा किए गए छुटकारे के कार्य में विश्वास करने से हमारे सारे पापों से हम बच गए है। 
 
 

यीशु का बपतिस्मा

 
क्यों यीशु ने यूहन्ना से बपतिस्मा लिया?
जगत के सारे पापों को उठाने के लिए

यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले ने गवाही दी की यीशु परमेश्वर का बेटा था और उसने हमारे सारे पापों को उठा लिया है। वह यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला परमेश्वर का सेवक था जिसको परमेश्वर के उद्धार की गवाही देने के लिए भेजा गया था। इसका अर्थ ये नहीं है की परमेश्वर हमें अपने बारें में नहीं कह सकते की वाही हमारे उद्धारकर्ता है। परमेश्वर कलीसिया में अपने सेवको के द्वारा और उसके सारे लोग जो उद्धार पा चुके है उसके द्वारा कार्य करते है।
परमेश्वर कहता है, “यरूशलेम से शान्ति की बातें कहो; और उससे पुकारकर कहो कि तेरी कठिन सेवा पूरी हुई है, तेरे अधर्म का दण्ड अंगीकार किया गया है : यहोवा के हाथ से तू अपने सब पापों का दूना दण्ड पा चुका है।घास तो सूख जाती, और फूल मुर्झा जाता है; परन्तु हमारे परमेश्‍वर का वचन सदैव अटल रहेगा” (यशायाह ४०:२,८)। 
मसीह के जन्म से ७०० साल पहले ही परमेश्वर ने वायदा किया था, “अब आप पापी नहीं है। मैंने तुम्हारें सारे पापों का प्रायश्चित कर दिया है और युध्ध समाप्त हो चुका है।” इस तरह, सुसमाचार की आवाज हमें पुकार पुकार के कहती है। यह हमारे लिए तैयार किया गया सुसमाचार है। 
जब हम यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले के कार्य को समझेंगे की यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले के द्वारा जगत के सारे पापों को यीशु पर डाला गया था, तब हम सभी अपने पापों से स्वतंत्र होंगे। 
चारों सुसमाचार हमें यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले के बारे में कहता है, और पुराने नियम के आख़री भविष्यवक्ता मलाकी भी गवाही देता है की यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला परमेश्वर के द्वारा तैयार किया गया सेवक था। नए नियम का आरम्भ यूहन्ना के जन्म और उसके द्वारा पापो को डालने से शुरू होता है। 
तो फिर क्यों हम उसको यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला कहते है? ये इसलिए क्योंकि उसने यीशु को बपतिस्मा दिया था। बपतिस्मा का क्या मतलब होता है? उसका मतलब ‘पर डाल देना, गाड़ देना, साफ़ करना’ – इसी प्रकार पुराने नियम में ‘पर दोनों हाथ रखना।’ 
पुराने नियम में, जब कोई मनुष्य पाप करता, तब वह निर्दोष बलि पशु के सिर पर अपने दोनों हाथ रखता, और बलिदान उस पाप के साथ मर जाता था। ‘हाथ रखने’ का मतलब है ‘उसके ऊपर डालना।’ इसलिए, ‘हाथ रखना’ और ‘बपतिस्मा’ दोनों एक ही कार्य है, बाले ही वह अलग अलग लगाती हो। 
तो फिर यीशु के बपतिस्मा का क्या मतलब है? उसका बपतिस्मा हमारे पापों की माफ़ी प्राप्त करने के लिए एकमात्र मार्ग है। परमेश्वर ने व्यवस्था को स्थापित किया की बलिदान के सिर पर ‘हाथ रखने’ के द्वारा पापों को उस पर डालना। पुराने नियम के समय में पापी को अपने पाप बलिदान के ऊपर डालने के लिए बलिदान के सिर पर हाथ रखना पड़ता था। उसके बाद, उनको उसका गला काटना पड़ता था और याजक पापबलि की वेदी के चारों सींगों पे उस ` को रखता था। हरदिन के पापों का प्रायश्चित इस रीति से किया जाता था। 
तो फिर वे वार्षिक प्रायश्चित कैसे करते थे? 
इस मामले में, इस्राएल के सारे के लिए हारून महायाजक बलिदान का अर्पण करता था। क्योंकि यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले ने हारून के कुटुम्ब में जन्म लिया था, उसके लिए महायाजक बनना योग्य था, और परमेश्वर ने अपने छुटकारे के वायादे के मुताबिक़ उसे आख़री महायाजक के तौर पर पहले से ही चुन लिया था।
यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला सारी मनुष्यजाति का प्रतिनिधि था क्योंकि जब यीशु मसीह का जन्म होता है तब पुराने नियम का अन्त होता है। जैसे पुराने नियम में अपने लोगो के लिए हारून प्रायश्चित करता था, वैसे नए नियम में क्या यूहन्ना ने जगत के सारे पापों को यीशु पर डाला नहीं था? पुराने नियम का आखिरी महायाजक और मनुष्यजाति के प्रतिनिधि के रूप में यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले ने जब यीशु को बपतिस्मा दिया तब जगत के सारे पापों को उसके ऊपर डाला था।
क्योंकि यूहन्ना ने जगत के सारे पाप यीशु पर डाल दिए इस लिए पानी और आत्मा के सुसमाचार पे हमारा विश्वास हमें छूटकारा दे सकता है। सारे पापियों को बचाने के लिए यीशु मेम्ना बना, और ऐसे परमेश्वर की योजना के तहत छुटकारे का कार्य पूरा हुआ। यीशु ने हमसे कहा था की यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला आख़री भविष्यवक्ता और आख़री महायाजक था जिसने जगत कजे सारे पापों को उसके ऊपर डाल दिया। 
क्यों यीशु ने वह अपने आप नहीं किया? क्यों उसको उहन्ना बपतिस्मा देनेवाले की जरुरत पड़ी? यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले को यीशु के ६ महीने पहले जन्म लेने का एक कारण था; वह कारण ये था की पुराने नियम की व्यवस्था को पूरा करना और उसके वायदों को पूरा करना। 
यीशु का जन्म कुमारी मरियम के पेट से हुआ था और यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले का जन्म बूढ़ी स्त्री के पेट से हुआ था जिसका नाम इलीशिबा था। 
ये परमेश्वर के कार्य थे और उसने सारे पापियों को बचाने के लिए योजनाएं बनाई थी। हमें पाप के खिलाफ निरंतर युद्ध से बचाने के लिए, हमारे पापी अस्तित्व के सभी कष्टों के साथ, उन्होंने अपने सेवक यूहन्ना, और फिर अपने खुद के बेटे, यीशु को भेजा। यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले को सारी मनुष्यजाति के प्रतिनिधि और आख़री महायाजक के रूप में भेजा था। 
 
 
स्त्री से जन्मा हुआ सबसे महान व्यक्ति
 
पृथ्वी पर सबसे महान व्यक्ति कौन था?
यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला

आइए मत्ती ११:७-१४ देखे, जब वे वहाँ से चल दिए, तो यीशु यूहन्ना के विषय में लोगों से कहने लगा, “तुम जंगल में क्या देखने गए थे? क्या हवा से हिलते हुए सरकण्डे को? फिर तुम क्या देखने गए थे? क्या कोमल वस्त्र पहिने हुए मनुष्य को? देखो, जो कोमल वस्त्र पहिनते हैं, वे राजभवनों में रहते हैं। तो फिर क्यों गए थे? क्या किसी भविष्यवक्ता को देखने को? हाँ, मैं तुम से कहता हूँ कि भविष्यवक्ता से भी बड़े को। यह वही है जिसके विषय में लिखा है : ‘देख, मैं अपने दूत को तेरे आगे भेजता हूँ, जो तेरे आगे तेरा मार्ग तैयार करेगा।’ मैं तुम से सच कहता हूँ कि जो स्त्रियों से जन्मे हैं, उनमें से यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले से कोई बड़ा नहीं हुआ; पर जो स्वर्ग के राज्य में छोटे से छोटा है वह उससे बड़ा है। यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले के दिनों से अब तक स्वर्ग के राज्य में बलपूर्वक प्रवेश होता रहा है, और बलवान उसे छीन लेते हैं। यूहन्ना तक सारे भविष्यवक्ता और व्यवस्था भविष्यवाणी करते रहे। और चाहो तो मानो कि एलिय्याह जो आनेवाला था, वह यही है।” 
लोग जंगल में यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले को देखने गए थे, जो पुकार कर कहता था की, “हे साँप के बच्चो, मन फ़िराओ” और यीशु ने कहा, “फिर तुम क्या देखने गए थे? क्या कोमल वस्त्र पहिने हुए मनुष्य को? देखो, जो कोमल वस्त्र पहिनते हैं, वे राजभवनों में रहते हैं।” 
यीशु ने खुद यूहन्ना के महानता के बारे में गवाही दी थी। “फिर तुम क्या देखने गए थे? एक जंगली मनुष्य को जो पुकार के कहता है? जिसने ऊँट के रोम का वस्त्र पहिना हुआ था। फिर तुम क्या देखने गए थे? क्या कोमल वस्त्र पहिने हुए मनुष्य को? फेखो, जो कोमल वस्त्र पहिनते है, वे राजभवनों में रहते है,” यीशु ने गवाही दी। “देखो, जो कोमल वस्त्र पहिनते हैं, वे राजभवनों में रहते हैं। तो फिर क्यों गए थे? क्या किसी भविष्यवक्ता को देखने को? हाँ, मैं तुम से कहता हूँ कि भविष्यवक्ता से भी बड़े को।”
पुराने समय में, भविष्यवक्ताओं को राजा से अधिक गिना जाता था। यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला राजा से अधिक था, और भविष्यवक्ता से भी अधिक था। वह पुराने नियम के सभी भविष्यवक्ताओं से अधिक था। वास्तव में, यूहन्ना, आख़री महायाजक और मनुष्यजाति का प्रतिनिधि था और पहले महायाजक हारून से भी ज्यादा महत्वपूर्ण था। यीशु ने इस बात की गवाही दी थी।
मनुष्यजाति का प्रतिनिधि कौन था? यीशु को छोड़ पृथ्वी पर सबसे महान व्यक्ति कौन था? यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला। “हाँ, मैं तुम से कहता हूँ कि भविष्यवक्ता से भी बड़े को। देख, मैं अपने दूत को तेरे आगे भेजता हूँ, जो तेरे आगे तेरा मार्ग तैयार करेगा।”
यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले ने गवाही दी की पाप के खिलाफ़ जो लड़ाई थी वो अब समाप्त हुई। “देखो, यह परमेश्वर का मेम्ना है जो जगत का पाप उठा ले जाता है!” वह यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला है जिसने गवाही दी की यीशु ने जगत के पापो को उठा लिया है। 
मत्ती ११:११, “मैं तुम से सच कहता हूँ कि जो स्त्रियों से जन्मे हैं, उनमें से यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले से कोई बड़ा नहीं हुआ।” स्त्रीयों से जन्मे है क्या उनमे यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले से कोई बड़ा है? 
‘स्त्री से जन्मा’ इसका मतलब क्या है? वह पूरी मनुष्यजाति को दर्शाता है। आदम और हव्वा को छोड़ सारे मनुष्य स्त्रीयों से जन्मे है। हाँ, जो स्त्रीयों से जन्मे है उनमे से यूहन्ना बपतिस्मा देनवाले से कोई बड़ा नहीं हुआ। इसलिए, वह आख़री महायाजक और मनुष्यजाति का प्रतिनिधि है। यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला महायाजक, भविष्यवक्ता और सारी मनुष्यजाति का प्रतिनिधि था।
पुराने नियम में, परमेश्वर ने हारून और उसके बेटों को हंमेशा के लिए सेवा करने को नियुक्त किए थे। सारे पाप हारून और उसके बेटों के द्वारा साफ़ किए जाते थे। ये परमेश्वर का आदेश था।
यदि कुछ लेवी आगे आके उनके याजक पद पर बैठने की हिंमत करते, तो निश्चित रूप से वे मारे जाते। वे केवल वेदी के लिए लकड़ी इकठ्ठा कारण, पशुओ की खाल उतारना, चरबी निकालना, अंतड़ियों को साफ़ करके कूड़े को बहार लाने जैसा काम करने के लिए योग्य थे। यदि वे अपने काम के अलावा याजक का काम करने का घमंड रखते तो वे मारे जाते। ये परमेश्वर की व्यवस्था है। वे अपनी हद पार नहीं कर सकते थे। 
पृथ्वी पर यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले से महान ओर कोई नहीं था। सारे मनुष्यों में वह सबसे महान था। “यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले के दिनों से अब तक स्वर्ग के राज्य में बलपूर्वक प्रवेश होता रहा है, और बलवान उसे छीन लेते है।” 
जब यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले ने यीशु को बपतिस्मा दिया तब मनुष्यजाति के छुटकारे का कार्य पूर्ण हुआ। जो लोग यीशु पर विश्वास करते है वे स्वर्ग राज्य में प्रवेश करेंगे क्योंकि वे विश्वास से धर्मी बनेंगे।
अब, आइए देखते है की कैसे यूहन्ना के पिता ने अपने बेटे की गवाही दी। 
 
 
यूहन्ना के पिता, जकरयाह की गवाही
 
जकरयाह ने अपने बेटे के बारे में क्या भविष्यवाणी की?
यूहन्ना परमेश्वर के लोगो को उद्धार का ज्ञान देने के द्वारा प्रभु का मार्ग तैयार करेगा।

आइए लूका १:६७-८० पढ़े। उसका पिता जकरयाह पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हो गया, और भविष्यद्वाणी करने लगा : “प्रभु इस्राएल का परमेश्‍वर धन्य हो, क्योंकि उसने अपने लोगों पर दृष्‍टि की और उनका छुटकारा किया है, और अपने सेवक दाऊद के घराने में हमारे लिये एक उद्धार का सींग निकाला, (जैसा उसने अपने पवित्र भविष्यद्वक्‍ताओं के द्वारा जो जगत के आदि से होते आए हैं, कहा था,) अर्थात् हमारे शत्रुओं से, और हमारे सब बैरियों के हाथ से हमारा उद्धार किया है, कि हमारे बाप-दादों पर दया करके अपनी पवित्र वाचा का स्मरण करे, और वह शपथ जो उसने हमारे पिता अब्राहम से खाई थी, कि वह हमें यह देगा कि हम अपने शत्रुओं के हाथ से छूटकर, उसके सामने पवित्रता और धार्मिकता से जीवन भर निडर रहकर उसकी सेवा करते रहें। और तू हे बालक, परमप्रधान का भविष्यद्वक्‍ता कहलाएगा, क्योंकि तू प्रभु का मार्ग तैयार करने के लिये उसके आगे-आगे चलेगा, कि उसके लोगों को उद्धार का ज्ञान दे, जो उनके पापों की क्षमा से प्राप्‍त होता है। यह हमारे परमेश्‍वर की उसी बड़ी करुणा से होगा; जिसके कारण ऊपर से हम पर भोर का प्रकाश उदय होगा, कि अन्धकार और मृत्यु की छाया में बैठनेवालों को ज्योति दे, और हमारे पाँवों को कुशल के मार्ग में सीधे चलाए।” और वह बालक बढ़ता और आत्मा में बलवन्त होता गया, और इस्राएल पर प्रगट होने के दिन तक जंगलों में रहा।” 
जकरयाह ने दो बातों की भविष्यवाणी की। उसने भविष्यवाणी की कि सभी लोगों का राजा आएगा। ६८ से ७३ वचनों में वह आनन्द के साथ भविष्यवाणी करता है की परमेश्वर अपने वायदों को भूल नहीं गया और जैसे परमेश्वर ने अब्राहम को वायदा किया था वैसे ही उसके वंशजो को दुश्मनों के हाथों से बचाने के लिए यीशु कुमारी मरियम के पेट से जन्मा। 
७४ वचन से, “कि वह हमें यह देगा कि हम अपने शत्रुओं के हाथ से छूटकर, उसके सामने पवित्रता और धार्मिकता से जीवन भर निडर रहकर उसकी सेवा करते रहें।” यह अब्राहम और इस्राएल के लोगो के लिए पेमेश्वर के वायदे जी याद दिलाता है, “उसके सामने पवित्रता और धार्मिकता से जीवन भर निडर रहकर उसकी सेवा करते रहें।” 
वचन ७६ से उसने अपने बेटे के लिए भविष्वाणी की, “और तू हे बालक, परमप्रधान का भविष्यद्वक्‍ता कहलाएगा, क्योंकि तू प्रभु का मार्ग तैयार करने के लिये उसके आगे-आगे चलेगा, कि उसके लोगों को उद्धार का ज्ञान दे, जो उनके पापों की क्षमा से प्राप्‍त होता है। यह हमारे परमेश्‍वर की उसी बड़ी करुणा से होगा; जिसके कारण ऊपर से हम पर भोर का प्रकाश उदय होगा, कि अन्धकार और मृत्यु की छाया में बैठनेवालों को ज्योति दे, और हमारे पाँवों को कुशल के मार्ग में सीधे चलाए।” 
यहाँ वो कहता है, “कि उसके लोगों को उद्धार का ज्ञान दे, जो उनके पापों की क्षमा से प्राप्‍त होता है।” उद्धार का ज्ञान किसके द्वारा दिया जाएगा? यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले के द्वारा। क्या आप सब ये देख सकते है? यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला परमेश्वर के वचनों के द्वारा हमें ज्ञान देनेवाला था की यीशु परमेश्वर का पुत्र है, जिसने जगत के पापों को उठा लिया है। 
अब, आइए मरकुस १ देखे, परमेश्‍वर के पुत्र यीशु मसीह के सुसमाचार का आरम्भ। जैसा यशायाह भविष्यद्वक्‍ता की पुस्तक में लिखा है “देख, मैं अपने दूत को तेरे आगे भेजता हूँ, जो तेरे लिये मार्ग सुधारेगा। जंगल में एक पुकारनेवाले का शब्द सुनाई दे रहा है कि प्रभु का मार्ग तैयार करो, और उसकी सड़कें सीधी करो।” यूहन्ना आया, जो जंगल में बपतिस्मा देता, और पापों की क्षमा के लिये मनफिराव के बपतिस्मा का प्रचार करता था। सारे यहूदिया प्रदेश के, और यरूशलेम के सब रहनेवाले निकलकर उसके पास गए, और अपने पापों को मानकर यरदन नदी में उस से बपतिस्मा लिया” (मरकुस १:१-५)। 
जब इस्राएलियो ने यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले से सुनना, तब वे विधर्मियों की मूर्तियों की आराधना करने से फिरे और यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले से बपतिस्मा लिया। लेकिन यूहन्ना ने गवाही दी, “मैं तुम को पानी से बपतिस्मा देता हूँ जिससे तुम परमेश्वर की ओर वापस मुदो। लेकिन परमेश्वर का पुत्र आएगा और मेरे द्वारा बपतिस्मा लेगा जिससे इसी रीति से तुम्हारें पाप उसके ऊपर डाले जाए। और यदि जैसे तुम मुझसे बपतिस्मा लेते हो इसी तरह उसके बपतिस्मा पर विश्वास करोगे, तो आपके सारे पाप उसके ऊपर डाल दिए जाएंगे, जैसे पुराने नियम में हाथ रखने के द्वारा पापों को बलिदान के ऊपर डाले जाते थे।” ऐसी गवाही यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले ने दी थी। 
वास्तविकता यह है की यीशु ने यरदन में बपतिस्मा लिया था अर्थात् उसने मृत्यु की नदी में बपतिस्मा लिया था। दफ़न क्रिया में हम एक गीत गाते है, “हम एक मधुरता में धीरे धीरे, सामने के सुन्दर किनारें फिर मिलेंगे, हम सामने के सुन्दर किनारे फिर से मिलेंगे।” जब हम मरते है, तब हम यरदन नदी पार करते है। यरदन नदी मृत्यु की नदी है। यीशु ने इस मृत्यु की नदी में बपतिस्मा लिया था, और उसने वहाँ जगत के सारे पापों को उठा लिए थे और “पाप की मज़दूरी तो मृत्यु है।”
 
 
बपतिस्मा जो हमारे पापों को ले लेता है
 
नए नियम में हाथ रखने का प्रतिक क्या है?
यीशु का बपतिस्मा
 
मत्ती ३:१३-१७ में हम पढ़ते है, “उस समय यीशु गलील से यरदन के किनारे यूहन्ना के पास उससे बपतिस्मा लेने आया। परन्तु यूहन्ना यह कह कर उसे रोकने लगा, “मुझे तो तेरे हाथ से बपतिस्मा लेने की आवश्यकता है, और तू मेरे पास आया है?” यीशु ने उसको यह उत्तर दिया, “अब तो ऐसा ही होने दे, क्योंकि हमें इसी रीति से सब धार्मिकता को पूरा करना उचित है।” तब उसने उसकी बात मान ली। और यीशु बपतिस्मा लेकर तुरन्त पानी में से ऊपर आया, और देखो, उसके लिए आकाश खुल गया, और उसने परमेश्‍वर के आत्मा को कबूतर के समान उतरते और अपने ऊपर आते देखा। और देखो, यह आकाशवाणी हुई : “यह मेरा प्रिय पुत्र है, जिससे मैं अत्यन्त प्रसन्न हूँ।”
यीशु यरदन के पास जाता है और यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले से बपतिस्मा लेता है। उसने यूहन्ना को आदेश दिया, “मुझे बपतिस्मा दे।” यूहन्ना ने उत्तर दिया, “मुझे तो तेरे हाथ से बपतिस्मा लेने की आवश्यकता है, और तू मेरे पास आया है?” स्वर्ग और पृथ्वी का महायाजक एकदूसरे को मिलते है।
इब्रानियों की पुस्तक के मुताबिक़, मलिकिसिदक के बाद यीशु मसीह हंमेशा के लिए महायाजक है। इसका मतलब है की यीशु बिन मनुष्य वंशावली का था। वह हारून या पृथ्वी के किसी भी मनुष्य का वंशज नहीं था। वह हमारे सृष्टिकर्ता परमेश्वर का पुत्र है। वह जो है सो है; उसकी कोई वंशावली नहीं है। यीशु ने स्वर्ग की महिमा का त्याग किया और अपने लोगो को बचाने के लिए पृथ्वी पर आया। 
वह इस पृथ्वी पर आया उसका कारण सारे पापियों को बचाना था जो शैतान के छल से पीड़ित थे। इस के अलावा, यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले से बपतिस्मा पाने के द्वारा उसने जगत के सारे पापों को उठा लिया। “यीशु ने उसको यह उत्तर दिया, “अब तो ऐसा ही होने दे, क्योंकि हमें इसी रीति से सब धार्मिकता को पूरा करना उचित है।” तब उसने उसकी बात मान ली।”
“अब तो ऐसा ही होने दे।” ऐसा होने दे! यीशु ने मनुष्यजाति के प्रतिनिधि को आदेश दिया और बपतिस्मा पाने के लिए अपना सिर झुकाया। पुराने नियम में, जब परमेश्वर को बलिदान चढ़ाया जाता था, तब पापी या महायाजक उसके सिरा पर हाथ रखते थे और पापों को उसके ऊपर डालते थे। ‘ऊपर हाथ रखना’ अर्थात् ‘डालना।’
यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले ने यीशु को बपतिस्मा दिया। ये पुराने नियम में सिर पे हाथ रखने जैसा ही है। ‘स्थानांतरित करना,’ ‘गाड़ देना,’ ‘साफ़ करना,’ और ‘बलिदान करना’ एक जैसे ही है। नया नियम वास्तविकता है जब की पुराना नियम परछाईं है।
जब पुराने नियम में कोई पापी भेड़ के ऊपर अपने हाथ रखता था तब उसके पाप भेड़ के ऊपर चले जाते थे और भेड़ को मारना पड़ता था। जब भेड़ मर जाति, तब उसे गाड़ा जाता था। जो भी भेड़ पर अपने हाथ रखता उसके पाप बलिदान के पशु पर चले जाते, इसलिए पापों के कारण भेड़ को मारना पड़ता था! यदि पाप भेड़ पर चले जाते, तो जिसने अर्पण किया था क्या वो पापरहित हो जाता? हाँ।
आइए मान लेते है की यह रुमाल पाप है और यह माइक्रोफोन भेड़ है। जब मैं माइक्रोफोन पे अपने हाथ रखता हूँ, तब यह पाप भेड़ पर चले जाते है। परमेश्वर ने खुद ही फैसला किया था की ऐसा ही रहने दो। “अपने हाथ उस पर रखो।” पुराने नियम के समय में पापों से छूटकारा पाने के लिए, व्यक्ति को बलिदान के सिर पर हाथ रखना पड़ता था। उसके बाद, वह पाप पापरहित बन जाता था। इसी प्रकार, यीशु का बपतिस्मा साफ़ करने, गाड़ ने और जगत के पापों को अपने ऊपर उठा लेने के लिए था। इसका यही मतलब होता है। 
 
सब धार्मिकता को पूरा करने का मतलब क्या है?
इसका मतलब है यीशु पर पापों को डालने के द्वारा सारे पापों को साफ़ करना।

इसलिए, जब जगत के सारे पापों को उठा ने के लिए यीशु को बपतिस्मा दिया गया, तो क्या वास्तव में सारे पाप उस पर चले गए थे? जगत के सारे पाप यीशु पर चले गए और सारे लोगो को छूटकारा दिया गया। यह पुराने नियम में बलिदान के ऊपर पापों को डालने जैसा ही है। यीशु गलील से यरदन आया और यूहन्ना से कहा, “यीशु ने उसको यह उत्तर दिया, “अब तो ऐसा ही होने दे, क्योंकि हमें इसी रीति से सब धार्मिकता को पूरा करना उचित है” (मत्ती ३:१५)। 
फिर, यूहन्ना ने यीशु को बपतिस्मा दिया। उसने यूहन्ना को कहा की उसके बपतिस्मा के द्वारा सब धार्मिकता को पूरा करना उचित है। ‘सब धार्मिकता’ अर्थात् ‘सबसे योग्य।’ ‘इसी रीति से,’ दुसरे शब्दों में, बपतिस्मा के द्वारा, सब धार्मिकता पूरी हुई। इसका मतलब है की यूहन्ना का यीशु को बपतिस्मा देना योग्य था, और यीशु का यूहन्ना से बपतिस्मा लेना योग्य था, जिससे जगत के सारे पापों को उस पर डाला जा सके। 
परमेश्वर यीशु के बपतिस्मा, उसके क्रूस के बलिदान और हमारे विश्वास के आधार पे छूटकारा देगा। “सारे लोग पाप से पीड़ित है और अपने पापों के कारण शैतान से पीड़ित है। इसलिए, उनको बचाने के लिए और स्वर्ग में भेजने के लिए, तुझे, मनुष्यजाति के प्रतिनिधि और हारून के वंशज के रूप में, सारे लोगो के लिए मुझे बपतिस्मा देना चाहिए। यूहन्ना, मुझे तुझसे बपतिस्मा लेना चाहिए। तब, चोताकारे का कार्य पूरा होगा।” 
“मैं समझ गया,” यूहन्ना ने उत्तर दिया। 
इसलिए यूहन्ना ने यीशु को बपतिस्मा दिया। उसने यीशु के सिर पर हाथ रखे और जगत के सारे पापों को उसके ऊपर डाल दिए। ऐसे, यीशु उद्धारकर्ता बना जिसने हमारे सारे पापों को साफ़ किया है। अब, उसके छुटकारे में विश्वास करने से हम बच सकते है। क्या आप विश्वास करते है? 
सारी मनुष्यजाति के प्रतिनिधि के हाथों से यरदन में उसके बपतिस्मा के बाद, उसकी सेवा के पहले उसने जगत के सारे पापों को अपने शारीर पे ले कर साढ़े तिन साल तक यीशु ने यात्रा की और सुसमाचार का प्रचार किया। 
व्यभिचार में पकड़ी गई स्त्री को उसने कहा, “मैं भी तुझ पर दण्ड की आज्ञा नहीं देता।” उसने उसे दोषी न ठहराया क्यों की उसने उसके सारे पापों को अपने ऊपर उठा लिए थे और उसके कारण क्रूस पर मरने की तैयारी में था। जब वो गतसमनी के बाग़ में प्रार्थना कर रहा था, तब उसने तिन बार प्रार्थना की, परमेश्वर के न्याय का कटोरा उससे दूर करने के लिए पिता को बिनती की, फिर तुरंत ही सब छोड़ के कहा, “जैसा मैं चाहता हूँ वैसा नहीं लेकिन तू चाहता है वैसा हो।” 
 
 
“देखो, यह परमेश्वर का मेम्ना है जो जगत का पाप उठा ले जाता है!”
 
यीशु ने कितने पाप उठा लिए?
जगत के सारे पापों को

यूहन्ना १:२९ में लिखा है, “दूसरे दिन उसने यीशु को अपनी ओर आते देखकर कहा, देखो, यह परमेश्वर का मेम्ना है जो जगत का पाप उठा ले जाता है!” यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले ने यीशु को बपतिस्मा दिया और दूसरे दिन, यीशु उसके पास आया, इसलिए उसने लोगो को कहा, “देखो, यह परमेश्वर का मेम्ना है जो जगत का पाप उठा ले जाता है!” यह उसकी गवाही थी। 
परमेश्वर का बेटा इस जगत में आया और उसने सारे पापों को उठा लिया। यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला फिरसे गवाही देता है। यूहन्ना १:३५-३६ में, “दूसरे दिन फिर यूहन्ना और उसके चेलों में से दो जन खड़े हुए थे, और उसने यीशु पर जो आ रहा था, दृष्टि करके कहा, “देखो यह परमेश्वर का मेम्ना है।” 
परमेश्वर का मेम्ना वास्तविकता को दर्शाता है की यीशु पुराने नियम में दर्शाए गए बलिदान का सच्चा और खरा अस्तित्व रखता है, जो इस्राएल के पापों के लिए मरा। आपके और मेरे लिए, हमारे सृष्टिकर्ता और परमेश्वर का पुत्र हमारे पापों को उठाने के लिए इस जगत में आया; उत्पत्ति से लेकर आख़री दिन तक के सारे पाप, मूल पाप से लेकर हमारे सारे अपराध, हमारी कमियों से लेकरे हमारी गलतियाँ सारे पाप। उसने हमें अपने बपतिस्मा और क्रूस पे उसके लहू से हमें छूटकारा दिया है। 
यीशु ने हमारे पापों को उठा लिया है और हमें पूर्णरीति से छूटकारा दिया है। क्या आप ये समझते है? “परमेश्वर का मेम्ना है जो जगत का पाप उठा ले जाता है।” 
यीशु ने इस दुनिया में जन्म लिया उसे तक़रीबन २००० साल हो गए है और इ.स. ३० में उसने सारे पापों को उठा लिया था। इ.स. १ साल युशी जब जन्मे थे वो साल है। हम मसीह के पहले के समय को कहते है: B.C. यीशु इस पृथ्वी पर आए उसे तक़रीबन २००० साल बीत गए है। 
इ.स. ३० में, यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले ने यीशु को बपतिस्मा दिया और दूसरे दिन यूहन्ना ने लोगो को पुकार कर कहा, “देखो, यह परमेश्वर का मेम्ना है जो जगत का पाप उठा ले जाता है!” “देखो!” उसने लोगो को यीशु पर विश्वास करने के लिए कहा, जिसने उनके सारे पापों को उठा लिया था। उसने गवाही दी की यीशु परमेश्वर का मेम्ना था, जिसने हमें हमारे सारे पापों से बचाया है। 
यीशु ने हमारे सारे पापों को उठा लिया है और पाप के विरोध में हमारे हंमेशा के युध्ध को समाप्त किया है। अब हम पापरहित है क्योंकि परमेश्वर के पुत्र ने सारे पापों को उठा लिया है। यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले ने गवाही दी की यीशु ने आपके और मेरे दोनों के पापों को उठा लिया है। “वह गवाही देने आया कि ज्योति ज्योति की गवाही दे, ताकि सब उसके द्वारा विश्वास लाएँ” (यूहन्ना १:७)। 
यूहन्ना की गवाही के बिना, हम कैसे जान सकते है की यीशु ने हमारे सारे पापों को उठा लिया है? बाइबल बार बार हमें कहती है की वह हमारे लिए मरा, लेकिन केवल यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले ने स्पष्ट रूप से गवाही दी है की उसने हमारे सारे पापों को उठा लिया है। 
 
जगत के पापों में कितने पाप शामिल है?
जगत के आरंभ से अन्त तक मनुष्यों के सारे पाप

कई लोगो ने यीशु की मौत के बाद वास्तविकता की गवाही दी है, लेकिन केवल यूहन्ना ने यीशु जब ज़िंदा था तब गवाही दी है। उसने गवाही दी की यीशु ने हमारे पापों को उठा लिया है, इसलिए वह हमारा उद्धारकर्ता है। 
यीशु ने जगत के पापों को उठा लिए है। अब पाठक, आप अभी १०० साल के नहीं हुए, क्या हुए है? यीशु ने जगत के पापों को उठा लिया जब वह ३० साल का था। इस आलेख पर गौर करे। 
 
 
आइए मान लेते है की यीशु के जन्म से ४००० साल पूर्व पहले मनुष्य की रचना की गई थी। और यीशु आए उसे तक़रीबन २००० साल हो चुके है। हम नहीं जानते की जगत का अंत कब होगा, लेकिन अन्त निश्चितरूप से होगा। यहाँ पर वो कहता है, “मैं अल्फ़ा और ओमेगा, पहला और अन्तिम, आदि और अन्त हूँ” (प्रकाशितवाक्य २२:१३)। 
इसलिए, अन्त निश्चितरूप से होगा। जहाँ २००२ साल का बिंदु दर्शाया है हम वहाँ पर है। मसीह ने हमारे पापों को इ.स. ३० में ले लिया था, और यह उसकी मौत के तिन साल पहले हुआ। 
“देखो, यह परमेश्वर का मेम्ना है जो जगत का पाप उठा ले जाता है!” उसने जगत के पापों को उठा लिया, आपके और मेरे पाप। हम यीशु के जन्म से २००० साल दूर है और यीशु ने हमारे पापों को उठा लिया उसके २००० साल बाद के समय में जी रहे है। हम अभी ज़िंदा है और हरदिन पाप करते है, हालाँकि, यीशु परमेश्वर का मेम्ना है जिसने पहले से ही जगत के पापों को उठा लिया है। 
हम जिस पल पैदा होते है उसी पल इस संसार में जीना और पाप करना शुरू कर देते है। क्या हम जिस पल पैदा होते है उसी पल पाप करना शुरू करते है की नहीं करते? – हम करते है। – आइए हम पूरी प्रक्रिया को देखे। हम पैदा होते है उस दिन से लेकर जब हम १० साल के हो जाए तब तक पाप करते है या नहीं करते? – हम करते है। – तो फिर, वे पाप यीशु पर डाले गए की नहीं डाले गए? हाँ डाले गए है। – सारे पाप यीशु पर डाले गए है, इसलिए वह हमारा उद्धारकर्ता है। अगर ऐसा नहीं है, तो वह हमारा उद्धारकर्ता कैसे बन सकता है? सारे पापों को यीशु पर डाला गया था। 
११ से १२ साल की उम्र में क्या हम पाप करते है या नहीं करते? हम अपने दिल में और कार्यो में पाप करते है...हम वो करने में बहुत ही माहिर है। हमें पाप नहीं करने के बारे में सिखाया गया है, लेकिन हम स्वभाव से ही पाप करने की ओर झुके हुए है।
परमेश्वर हमसें कहता है की वो सारे पापों को यीशु पर डाला गया है। वह जानता था की हम पापी थे, इसलिए उसने पहले से ही सरे पापों को उठा लिया था। 
हम आम तौर पर इस संसार में कितना जीते है? मान लेते है की ७० साल। यदि हम इस ७० सालो में किए हुए पापों को जोड़े, तो वे हमारे लिए कितना बड़ा बोझ बन जाएगा? यदि हम उनको ८ टन की क्षमता वाले ट्रक में भरें तो शायद १०० से भी अधिक ट्रकें भर जाएगी। 
कल्पना करने की कोशिश करे की हम अपने जीवन के दौरान कितने पाप करते है। क्या वे जगत के पाप है या नहीं? वे जगत के पापों का एक हिस्सा है। हम जन्म से १० साल के हुए तब तक, फिर १० से २०, २० से ३०...जब तक हम मर नहीं जाते तब तक, के सारे पापों को जगत के पापों में सामिल किया गया है जिसको पहले से ही यीशु के बपतिस्मा के द्वारा उसके ऊपर डाल दिया गया था। 
 
 
मनुष्य का उद्धारकर्ता, यीशु मसीह
 
यीशु ने कितने पाप उठा लिए?
हमारे पूर्वजों के, हमारे और हमारे वंशजों के जगत के अन्त तक के सारे पाप

यीशु हमसे कहता है की वह सारे पापों को साफ़ करने के लिए मनुष्य देह को धारण करके आया था। लेकिन, यीशु खुद को बपतिस्मा नहीं दे सकता था, इसलिए परमेश्वर ने अपने सेवक यूहन्ना को आगे भेजा, जो सारी मनुष्यजाति का प्रतिनिधि था। जैसे लिखा है की, ‘उसका नाम अद्भुत युक्ति करनेवाला पराक्रमी परमेश्वर होगा।’ परमेश्वर ने, अपनी बुध्धि और अपने परामर्श से, लोगों के प्रतिनिधि के रूप में यूहन्ना को आगे भेजा, और परमेश्वर का बेटा खुद जगत के सारे पापों को उठाने के लिए देह में आया। क्या यह परमेश्वर का अद्भुत उद्धार बड़ा अनुग्रह नहीं है?
ये अद्भुत है, क्या यह नहीं है? इसलिए, यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले के द्वारा बपतिस्मा ले के उसने जगत के सारे पापों को धो दिया है और क्रूस के ऊपर चढ़ने के द्वारा सारे पापों से छूटकारा दिया है, एक ही बार हंमेशा के लिए। उसने हम सब को छुड़ाया है। आइए हम आपकी २० से ३०, ३० से ४०, ४० से ६०, ७०, १०० साल की उम्र तक के सारे और बचपन के पापों पर नज़र डाले। क्या उसने वो सारे पाप मिटा दिए है या नहीं मिटाए? हाँ, उसने मिटा दिए है। वह मसीह है, मनुष्यजाति का उद्धारकर्ता। 
जबसे यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले ने हमारे सारे पापों को यीशु पर डाल दिया है, और परमेश्वर ने इसकी योजना बनाई थी इसलिए हम उस पर विश्वास करने से छूटकारा पा सकते है। क्या आप और मैं पापी है? क्या हमारे सारे पापों को यीशु पर डाला गया है की नहीं? – अब हम पापी नहीं है क्योंकि हमारे पापों को पहले से ही यीशु पर डाल दिया गया है। 
इस जगत में पाप है इस बात को बोलने की हिंमत कौन कर सकता है? यीशु ने जगत के सारे पापों को उठा लिया है। वह जानता था की हम पाप करेंगे, इसलिए उसने भविष्य के पापों को भी उठा लिया है। हम में से कई लोग तो अभी ५० साल के भी नहीं हुए और कितने तो अभी आधी जिंदगी भी नहीं जिए है, लेकिन हम में से कुछ लोग अपने बारे में इस रीति से बात करते है की हम कभी मरने वाले नहीं है। उसमे मेरी भी गिनती होती है।
हम में से कई लोग उपद्रवी जीवन जीते है। मुझे इस रीति से समझाने दो। एक मेफ्लाई नामकी मख्खी का आधा जीवन कितने समय का होता है? ये लगभग १२ घंटे का होता है। 
“हे प्रभु! मैं ऐसे ही इंसानों से मिली हूँ और उसने मख्खी मारने का साधन मेरी और फेंका! मैं लगभग मरने ही वाली थी, और क्या आप जानते है मैं अपने जीवन में इतने क्रूर इन्सान से कभी नहीं मिली।” मुझे केवल १२ घंटे ही जीना था और में चुप नहीं रह पाई। लेकिन उसका आधा जीवन तो पहले से ही पूरा हो चुका है। 
शाम को ७ या ८ बजे, वह अपने जीवन के आखरी समय का सामना करती है, और फिर कुछ ही समय में उसकी मौत हो जाति है। कुछ मेफ्लाई मख्खी २० घंटो तक जिन्दा रहती है, कुछ २१ घंटे, और कुछ तो वृध्धावस्था के २४ घंटे तक भी जिन्दा रहती है। जैसे हम ७० या ८० साल जीते है इसलिए हम कहेंगे, “मुझे हँसाओ मत।” उनके अनुभव हमारी नज़र में कुछ नहीं है। 
आइए इस दृष्टांत को हमारे और परमेश्वर के बिछ के रिश्तें में अमल करे। परमेश्वर अनन्त है। वह अनंतकाल तक जीवित है इसलिए वह अनंतकाल के समय से परे अनंतकाल में जीवित है। वह अपने अनंतकाल में रहकर हमें देखता है। 
एक बार, उसने जगत के सारे पापों को उठा लिया, क्रूस पर अपनी जान दी और कहा, “पूरा हुआ।” वह तीसरे दिन पुनरुत्थित हुआ और स्वर्ग में चला गया। अब वह अनंतकाल में बसता है। अब, वो हम सब को देख रहा है। 
एक मनुष्य कह सकता है, “अरे प्यारे, मैंने बहुत पाप किए है, मैं केवल २० साल का हूँ और मैंने बहुत सारे पाप किए है।” “मैं ३० साल का हूँ और मैंने बहुत सारे पाप किए है। मैं कैसे पापरहित बन सकता हूँ? 
लेकिन अनंतकाल का हमारा परमेश्वर कहेगा, “मुझे मत हँसाओ। मैंने केवल तेरे अभी तक के पापों से तुझे नहीं छूडाया, लेकिन तेरे जन्म पहले से तेरे पूर्वजों के पाप, और तेरे मृत्यु के बाद तेरे आनेवाले वंशजो के पापों से भी छूटकारा दिया है।” वह अनंतकाल के समय से हमें यह बात बता रहा है। क्या आप यह विश्वास करते है? उस पर विश्वास करो और आपको मुफ्त में दी गई उद्धार की भेंट को प्राप्त करो। स्वर्ग के राज्य में प्रवेश करो। 
आपके विचारों से खुद को मत बांधो, लेकिन परमेश्वर के वचनों पर विश्वास करो। ‘हमें इसी रीति से सब धार्मिकता को पूरा करना उचित है।’ परमेश्वर का मेम्ना, जिसने जगत के पापों को उठा लिया है, उसने पहले से ही धार्मिकता को पूरा किया है। यीशु ने जगत के सारे पापों को उठा लिया है। क्या उसने उठा लिए है या नहीं? उसने उठा लिए है। 
 
यीशु ने क्रूस पर अपनी आख़री साँस लेते वक्त क्या कहा?
“पूरा हुआ।”

यीशु ने अपने बपतिस्मा के द्वारा सारे पापों को उठा लिया है, पुन्तियुस पिलातुस की अदालत में उसें मृत्यु दण्ड दिया गया और उसे क्रूस पर लटकाया गया।
“तब वे यीशु को ले गए, और वह अपना क्रूस उठाए हुए उस स्थान तक बाहर गया, जो ‘खोपड़ी का स्थान’ कहलाता है और इब्रानी में ‘गुलगुता’। वहाँ उन्होंने उसे और उसके साथ और दो मनुष्यों को क्रूस पर चढ़ाया, एक को इधर और एक को उधर, और बीच में यीशु को। पिलातुस ने एक दोष-पत्र लिखकर क्रूस पर लगा दिया, और उसमें यह लिखा हुआ था, “यीशु नासरी, यहूदियों का राजा।” यह दोष-पत्र बहुत से यहूदियों ने पढ़ा, क्योंकि वह स्थान जहाँ यीशु क्रूस पर चढ़ाया गया था नगर के पास था; और पत्र इब्रानी और लतीनी और यूनानी में लिखा हुआ था” (यूहन्ना १९:१७-२०)।
आइए देखते है की क्रूस पर क्या हुआ। “इसके बाद यीशु ने यह जानकर कि अब सब कुछ पूरा हो चुका, इसलिये कि पवित्रशास्त्र में जो कहा गया वह पूरा हो, कहा, “मैं प्यासा हूँ।” वहाँ सिरके से भरा हुआ एक बरतन रखा था, अत: उन्होंने सिरके में भिगोए हुए स्पंज को जूफे पर रखकर उसके मुँह से लगाया। जब यीशु ने वह सिरका लिया, तो कहा, “पूरा हुआ”; और सिर झुकाकर प्राण त्याग दिए” (यूहन्ना १९:२८-३०)।
सिरका लेने के बाद, उसने कहा, “पूरा हुआ!” और अपना सिर झुकाकर प्राण त्याग दिए। सचमुच में वह मर गया। तीसरे दिन यीशु पुनरुत्थित हुआ और स्वर्ग में चला गया।
आइए हम इब्रानियों १०:१-९ की तरफ देखे, “क्योंकि व्यवस्था, जिसमें आनेवाली अच्छी वस्तुओं का प्रतिबिम्ब है पर उनका असली स्वरूप नहीं, इसलिये उन एक ही प्रकार के बलिदानों के द्वारा जो प्रतिवर्ष अचूक चढ़ाए जाते हैं, पास आनेवालों को कदापि सिद्ध नहीं कर सकती। नहीं तो उनका चढ़ाना बन्द क्यों न हो जाता? इसलिये जब सेवा करनेवाले एक ही बार शुद्ध हो जाते, तो फिर उनका विवेक उन्हें पापी न ठहराता। परन्तु उनके द्वारा प्रति वर्ष पापों का स्मरण हुआ करता है। क्योंकि यह अनहोना है कि बैलों और बकरों का लहू पापों को दूर करे। इसी कारण वह जगत में आते समय कहता है, “बलिदान और भेंट तू ने न चाही, पर मेरे लिये एक देह तैयार की। होमबलियों और पापबलियों से तू प्रसन्न नहीं हुआ। तब मैं ने कहा, ‘देख, मैं आ गया हूँ, पवित्रशास्त्र में मेरे विषय में लिखा हुआ है, ताकि हे परमेश्‍वर, तेरी इच्छा पूरी करूँ’।” ऊपर तो वह कहता है, “न तू ने बलिदान और भेंट और होमबलियों और पापबलियों को चाहा, और न उनसे प्रसन्न हुआ,” यद्यपि ये बलिदान तो व्यवस्था के अनुसार चढ़ाए जाते हैं। फिर यह भी कहता है, “देख, मैं आ गया हूँ, ताकि तेरी इच्छा पूरी करूँ,” अत: वह पहले को उठा देता है, ताकि दूसरे को नियुक्‍त करे।” 
 
 
अनन्त छूटकारा
 
यीशु पे विश्वास करने के बाद हम अपने हरदिन के पापों की समस्या कैसे सुलझा सकते है?
इस सुनिश्चितता के साथ की यीशु ने अपने बपतिस्मा के द्वारा सारे पापों को मिटा दिए है

व्यवस्था, दुसरे शब्दों में बलिदान की पध्धति आनेवाली अच्छी बातों की परछाईं थी। पुराने समय के भेड़ और बकरों का बलिदान हमें प्रगट करता है की हमारे सारे पापों को मिटा ने के लिए यीशु मसीह आएगा और इसी रीति से हमारे सारे पापो को उठा लेगा।
पुराने नियम के सरे लोग, दाऊद, अब्राहम, और दुसरे सारे लोग बलिदान की पध्धति के महत्व को जानते थे और विश्वास भी करते थे। इसने प्रगट किया था की मसीह (मसीह का अर्थ है ‘अभिषिक्त राजा’) एक दिन उनके पापों को साफ़ करने के लिए आएगा। उन्होनें उस छुटकारे पर विश्वास किया और उनकें विश्वास ने उनको बचा लिया।
व्यवस्था आनेवाली अच्छी बातोँ की परछाई था। हरदिन, सालो साल उनके पापों के बलिदानों के अर्पण से उनको पूर्णरीति से छूटकारा मिलाने वाला नहीं था। इसलिए, सम्पूर्ण और अनंत्कालिक, निर्दोष, परमेश्वर के बेटें को पृथ्वी पर आना पडा। 
यीशु ने कहा की वह अपने पिता की इच्छा को पूरा करने के लिए आए है, जिस तरह पुस्तक में लिखा है, जो उसके लिए लिखा गया है। “फिर यह भी कहता है, “देख, मैं आ गया हूँ, ताकि तेरी इच्छा पूरी करूँ,” अत: वह पहले को उठा देता है, ताकि दूसरे को नियुक्‍त करे।” हमारे पापों से हमारा छूटकारा हुआ है क्योंकि यीशु मसीह ने हमारे पापों को उठा लिया है, जैसे पुराने नियम में लिखा है, इस वजह से हम उसपे विश्वास करते है। 
आइए इब्रानियों १०:१० पढ़ते है, “उसी इच्छा से हम यीशु मसीह की देह के एक ही बार बलिदान चढ़ाए जाने के द्वारा पवित्र किए गए है।” उसी इच्छा से यीशु मसीह की देह एक ही बार बलिदान चढ़ाए जाने के द्वारा हमें पवित्र किया गया है। क्या हम पवित्र किए गए है या नहीं? – हमें पवित्र किया गया है। -
इसका मतलब क्या होता है? परमेश्वर पिता ने अपने बेटें को भेजा और उसके बपतिस्मा के द्वारा हमारे सारे पाप उस पर चले गए है। उसने क्रूस पर एक ही बार सभी लोगो के लिए न्याय को प्राप्त किया। इसतरह, उसने हम सबको छूडाया जो पाप में सह रहे थे। ये परमेश्वर की इच्छा थी। 
हमें छुडाने के लिए, यीशु ने खुद को अनन्त बलिदान के रूप में बलि चढ़ा दिया, जिससे हम पवित्र बन सके। हम पवित्र किए गए है क्योंकि यीशु ने हमारे सारे पापों के लिए खुदा का बलिदान दिया और हमारे लिए मरा जिससे की हमारा न्याय न हो। 
पुराने नियम में हरदिन बलिदान चढ़ाया जाता था क्योंकि हरदिन के पापों को साफ़ करने के लिए दुसरे बलिदानो की आवश्यकता थी। 
 
 

यीशु ने पतरस के पैर धोए उसका आत्मिक अर्थ

 
क्या अब कोई ऐसे पाप है जिसके लिए हमें पछतावे की प्रार्थना करनी पड़े?
नहीं

यूहन्ना १३ में, यीशु पतरस के पैर धोते है उसकी कहानी है। पतरस भविष्य में पाप करेगा यह दर्शाने के लिए और उसे सिखाने के लिए की उसको सारे पापों से छूटकारा मिल गया है यह दिखाने के लिए उसने पतरस के पैर धोएं। यीशु जनता था की पतरस भविष्य में फिर से पाप करेगा, इसलिए उसने बरतन में पानी डाला और उसके पैर धोएं। 
पतरस ने विरोध करने की कोशिश की, लेकिन यीशु ने कहा, “जो मैं करता हूँ, तू उसे अभी नहीं जानता, परन्तु इसके बाद समझेगा।” इस भाग का मतलब है की, ‘इसके बाद तू फिरसे पाप करेगा। तेरे सारे पापों को धोने के बाद तू मेरा इन्कार करेगा और फिरसे पाप करेगा। टू मेरे स्वर्गारोहण के बाद भी पाप करेगा। इसलिए, शैतान को चेतावनी देने के लिए मैं तेरे पैर धो रहा हूँ क्योंकि मैंने तेरे भविष्य के पापों को भी ले लिया है। 
क्या आपको लगता है की उसने पतरस के पैर इसलिए धोएं की वह हमें बता सके की हमें हरदिन पछतावा करना है? नहीं। यदि हमें छूटकारा पाने के लिए हरदिन पछतावा करना पड़े तो उसका मतलब है की यीशु ने एक ही बार में हंमेशा के लिए हमारे पापों को नहीं धोया है। 
लेकिन यीशु कहता है की उसने एक ही बार में हंमेशा के लिए हमें पवित्र किया है। यदि हमें हरदिन पछतावा करना पड़ा होता, तो शायद हम पुराने नियम में वापस जाएंगे। तो फिर कौन धर्मी बनेगा? यदि हम परमेश्वर पे विश्वास करे तो भी ऐसा कौन है जो बिना पाप किए जी सकता है? 
पछतावा करने के द्वारा कौन पवित्र बन सकता है? हम हरदिन निरंतर पाप करते है, इसलिए हम प्रत्येक पापों के लिए कैसे माफ़ी मांग सकते है? हम इतनी मोटी चमड़ी वाले कैसे बन सकते है और अपने छुटकारे के लिए उसे हरदिन परेशान कैसे कर सकते है? सुबह किए हुए पापों को शाम तक भूलने की हमारी आदत है। हमारे लिए हमारे सारे पापों से छूटकारा पाना असम्भव है। 
इसलिए, यीशु ने एक ही बार बपतिस्मा लिया और खुद को क्रूस पर बलिदान किया जिससें हम एक ही बार में पवित्र बन सके। क्या आप ये समझ सकते है? हमें एक ही बार में हंमेशा के लिए छूटकारा मिल गया है। हम हर बार पछतावा करते है तब छूटकारा नहीं मिलता। 
यीशु ने हमारे सारे पाप, आपके और मेरे पापों को उठा लिया है ऐसा विश्वास करने से हमें उद्धार मिला है। 
“हर एक याजक तो खड़े होकर प्रतिदिन सेवा करता है, और एक ही प्रकार के बलिदान को जो पापों को कभी भी दूर नहीं कर सकते, बार-बार चढ़ाता है। परन्तु यह व्यक्‍ति तो पापों के बदले एक ही बलिदान सर्वदा के लिये चढ़ाकर परमेश्‍वर के दाहिने जा बैठा, और उसी समय से इसकी बाट जोह रहा है, कि उसके बैरी उसके पाँवों के नीचे की पीढ़ी बनें। क्योंकि उसने एक ही चढ़ावे के द्वारा उन्हें जो पवित्र किए जाते हैं, सर्वदा के लिये सिद्ध कर दिया है। और पवित्र आत्मा भी हमें यही गवाही देता है; क्योंकि उसने पहले कहा था, “प्रभु कहता है कि जो वाचा मैं उन दिनों के बाद उनसे बाँधूँगा वह यह है कि मैं अपने नियमों को उनके हृदय पर लिखूँगा और मैं उनके विवेक में डालूँगा।” फिर वह यह कहता है, “मैं उनके पापों को और उनके अधर्म के कामों को फिर कभी स्मरण न करूँगा।” और जब इनकी क्षमा हो गई है, तो फिर पाप का बलिदान नहीं रहा” (इब्रानियों १०:११-१८)।
ऊपर के वचन १८ में, “और अब इनकी क्षमा हो गई है” उसका क्या मतलब होता है? उसका मतलब है की किसी भी प्रकार के पापों के लिए, कोई भी अपवाद के बिना हंमेशा के लिए उसका दण्ड चुकाया गया है। परमेश्वर ने उसे मिटा दिया है और हमें माफ़ किया है। क्या आप यह विश्वास करते है? “और जब इनकी क्षमा हो गई है, तो फिर पाप का बलिदान नहीं रहा।”
चलिए हम अब तक की सारी बातों का सार निकाले। यदि यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले ने यीशु पर अपने हाथो को नहीं रखा होता, दुसरे शब्दों में, यदि उसने यीशु को बपतिस्मा नहीं दिया होता, तो क्या हम छूटकारा पा सकते थे? नहीं, निश्चित रूप से नहीं! चले पीछे के बारे में सोचे। यदि यीशु ने यूहन्ना को सारी मनुष्यजाति के प्रतिनिधि के रूप में पसंद नहीं किया होता और उसके द्वारा सारे पापों को नहीं उठाया होता, तो क्या वह हमारे सारे पापों को साफ़ कर पाया होता? वह नहीं करा पाया होता। 
परमेश्वर का वचन न्यायी है। वह निष्पक्ष है। उसने केवल यह नहीं कहा की वह हमारा उद्धारकर्ता है इसलिए उसने हमारे सारे पापों को उठा लिया है। उसने हमारे सारे पापों को दूर किया है। क्यों यीशु, परमेश्वर, देह में हमारे पास आया? अपने बपतिस्मा के द्वारा मनुष्यजाति के पापों को उठाने के लिए। यीशु जानता था की जब तक वह अनन्त बलिदान के लिए देह में नहीं आता तब तक हमारे शरीर और दिल की पाप दूर होने वाले नहीं है। 
यदि यीशु मसीह ने बपतिस्मा नहीं लिया होता तो हमारे पाप अभी भी वैसे के वैसे ही होते। यदि वो हमारे पापों को लिए बिना क्रूस पर मरा होता तो उसकी मौत का कोई मतलब न रहता। उसका हमारे साथ कोई भी रिश्ता नहीं होता। वह सम्पूर्ण रीति से बिना मतलब के होता। 
इसलिए, जब उसने ३० साल की उम्र में अपनी सार्वजनिक सेवा को शुरू किया, तब वह यूहन्ना के पास यरदन में बपतिस्मा लेने गया। उसकी सार्वजनिक सेवा ३० साल की उम्र में शुरू हुई और ३३ साल की उम्र में पूरी हुई। जब वो ३० साल का था तब वो यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले के पास बपतिस्मा लेने गया। “अब तो ऐसा ही होने दे, क्यों की हमें इसी रीति से सब धार्मिकता को पूरा करना उचित है जिससे सारे लोग उद्धार पाए और धर्मी बने। यह करना हमारे उचित है। अब, मुझे बपतिस्मा दे।” हाँ, यीशु मसीह ने सारे लोगो के छुटकारे के लिए बपतिस्मा लिया।यीशु ने बपतिस्मा लिया और हमारे सारे पापों को उठा लिया, और यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले के हाथो से हमारे सारे पाप उस पर डालने के द्वारा जब यीशु क्रूस पर मर रहा था तब खुद परमेश्वर ने उससे अपनी आँखों को फेर लिया था। भले की यीशु उसका इकलौता बेटा था, फिर भी उसने अपने बेटे का बलिदान दिया। 
परमेश्वर प्रेम है, लेकिन उसने अपने खुद के बेटें को मरने दिया। इसलिए, तिन घंटे तक, पूरी पृथ्वी पर अन्धकार छा गया। मौत से पहले यीशु ने बड़े शब्द से पुकारकर कहा, “एली, एली, लमा, शबक्तनी?” अर्थात् “हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, तूने मुझे क्यों छोड़ दिया?” यीशु ने हमारे सारे पापों को अपने कंधे पर उठाया और हमारे लिए क्रूस पर नियुक्त किया हुआ न्याय उसने अपने सिर पर ले लिया। इसतरह, उसने हम सब को बचाया। यीशु के बपतिस्मा के बिना, उसके मृत्यु का कोई मतलब नहीं रहा होता। 
 
आप पापी व्यक्ति है या धर्मी?
एक धर्मी व्यक्ति जिस के दिल में कोई पाप नहीं

यदि यीशु अपने बपतिस्मा के द्वारा हमारे सारे पापों को उठाएं बिना ही क्रूस पर मर गया होता तो, उसके मृत्यु से छूटकारा परिपूर्ण नहीं हुआ होता। हमें संपूर्णता से छूटकारा दिलवाने के लिए, यीशु ने सारी मनुष्यजाति के प्रतिनिधि यूहन्ना से बपतिस्मा लिया, और क्रूस पर न्याय प्राप्त किया जिससे जो कोई भिओ उस पर विश्वास करे वे उद्धार पाए। 
इसलिए, यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले के दिनों से अब तक स्वर्ग के राज्य में बलपूर्वक प्रवेश होता रहा है। क्योंकि यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले ने जगत के सारे पापों को यीशु पर डाल दिया है, इसलिए हमारे पापों का प्रायश्चित हुआ। आप और में अब परमेश्वर को पिता कह के बुला सकते है और निडरता से स्वर्ग के राज्य में प्रवेश कर सकते है। 
इब्रानियों १०:१८ में, “और अब इनकी क्षमा हो गई है, तो फिर पाप का बलिदान नहीं रहा” क्या आप अभी भी पापी है? अब जब की यीशु ने आपका कर्ज पहले से ही चुका दिया है, तो क्या अभी भी आपको कर्ज चुकाना बाकी है? 
एक ऐसा मनुष्य था जिसकी शराब पिने की आदत के चलतें वह पूरी तरह कर्ज में डूब चुका था। फिर, एक दिन उसका बेटा ढेर सारी सम्पति को कमाया और अपने पिताका सारा कर्जा चूका दिया। अब उसके पिता के ऊपर कोई कर्ज नहीं होगा भले ही वह बहोत सारे लोगो का कर्जदार क्यों न हो।
यीशु ने हमारे लिए ऐसा ही किया है। उसने हमारे सारे पापो के लिए पहले से ही कर्ज चुका दिया है। केवल हमारे जीवनभर के पापो के लिए ही नहीं, लेकिन जगत के सारे पाप। जब यीशु ने बपतिस्मा लिया तब सब कुछ उस पर डाला गया। इसलिए क्या आप अभी भी पापी हो? नहीं, आप नहीं है। 
यदि हम आरम्भ से ही इस छुटकारे के सुसमाचार को जानते होते तो, हमारे लिए यीशु पर विश्वास करना कितना आसान बन जाता। लेकिन जैसे वो है, वैसे वह इतना नया लगता है की बहुत सारे लोग चकित हो जाते है। 
लेकिन यह कोई नई बात नहीं है। मनुष्य की कहानी के आरम्भ से ही उसका अस्तित्व है। केवल हम पहले उसके बारे में जानते नहीं थे। पवित्रशास्त्र में पानी और आत्मा के सुसमाचार को हंमेशा दर्शाया गया है और वह हंमेशा से अमल में है। वह आप के और मेरे जन्म के पहले से यहाँ था। यह पृथ्वी की रचना से पहले से यहाँ है। 
 
 
अनन्त छुटकारे का सुसमाचार
 
हमें परमेश्वर के सामने क्या करना चाहिए?
हमें अनन्त छुटकारे के सुसमाचार पे विश्वास करना चाहिए।

यीशु मसीह, जिसने हमारे सारे पापों को धोया, उसने यह आपके और मेरे जन्म के पहले का कार्य है। उसने यह सारा ले लिया है। क्या आप अभी भी पापों के साथ है? नहीं – तो फिर आनेवाले दिनों में आप जो पाप करने वाले हो उसके बारे में क्या? जगत के पापों में उसका भी समावेश हो जाता है। 
चलिए हम आनेवाले कल के पापों को थोड़ी देर के लिए छोड़ देते है। हमने अब तक जो पाप किए है उसका भी जगत के पापों में समावेश होता है। क्या नहीं होता? 
तो फिर क्या आनेवाले कल के पापों को भी यीशु पर डाला गया है? हाँ, उसने बिना किसी अपवाद के सारे पापों को ले लिया है। उसने एक भी पाप को पीछे नहीं छोड़ा है। सुसमाचार हमें सम्पूर्ण हृदय से विश्वास करने के लिए कहता है की यीशु ने हमारे सारे पाप एक ही बार में हंमेशा के लिए उठा लिया है, और उन सब का मूल्य चुका दिया है। 
‘परमेश्वर के पुत्र यीशु मसीह के सुसमाचार का आरम्भ।’ (मरकुस १:१) स्वर्ग का सुसमाचार आनन्द का समाचार है। यह हमसे पूछता है, “मैंने आपके सारे पापों को उठा लिया है, मैं आपका उद्धारकर्ता हूँ। क्या आप मेरे ऊपर विश्वास करते हो?” अनगिनत लोगो में से केवल कुछ ही लोगो ने उत्तर दिया, “हाँ, मैं विश्वास करता हूँ। जिस प्रकार से आपने कहा उसी प्रकार से मैं विश्वास करता हूँ। यह बहुत ही आसान था की वह तुरन्त ही समझ गया।” जो लोग अपने विश्वास को इस रीति से अंगीकार करते है वे अब्राहम के जैसे ही धर्मी बनेंगे। 
लेकिन दुसरे कहते है की, “मैं उस पे विश्वास नहीं कर सकता। वह मेरे लिए नया और विचित्र है।” 
फिर, वह पूछता है, “केवल मुझे यह बता की क्या मैंने तेरे सारे पापों को उठाया है की नहीं?” 
“मुझे सिखाया गया है की आपने केवल मूल पाप को ही उठाया है, मेरे हरदिन के पापों को नहीं उठाया।” 
“मैं देखता हूँ की तूने जो कहा है उस पर विश्वास करने के लिए तू बहुत ही तीव्र है। तू नरक में ही जाएगा क्योंकि तुझे कहने के लिए मेरे पास और कुछ भी नहीं है।” 
उसके सम्पूर्ण छुटकारे पे विश्वास करने से ही हमारा बचाव हो सकता है। वे सब जो नकार देते है की उन्होंने पाप किया है वे सब नकार में जाएंगे। उन्होंने अपनी पसन्दगी खुद की है। 
छुटकारे के सुसमाचार का आरम्भ यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले की गवाही से होता है। यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले के द्वारा उसके बपतिस्मा से यीशु ने हमारे सारे पापों को धो दिए है, इसलिए जब हम विश्वास करते है तब हम पवित्र बनते है। 
प्रेरित पौलुस अपने पत्री में यीशु के बपतिस्मा के विषय में कई बाते कही है। गलातियों ३:२७ में, “और तुम में से जितनों ने मसीह में बपतिस्मा लिया है उन्होंने मसीह को पहिन लिया है।” ‘मसीह में बपतिस्मा लिया’ उसका मतलब है की उसके बपतिस्मा पे विश्वास के द्वारा हम येशु के साथ एक हुए है। जब यीशु को बपतिस्मा दिया गया, तब यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले के द्वारा हमारे सारे पापों को उसके ऊपर डाल दिए गए थे, और वे सम्पूर्ण रीति से साफ़ हो गए है। 
१ पतरस ३:२१ में, “उसी पानी का दृष्‍टान्त भी, अर्थात् बपतिस्मा, यीशु मसीह के जी उठने के द्वारा, अब तुम्हें बचाता है; इससे शरीर के मैल को दूर करने का अर्थ नहीं है, परन्तु शुद्ध विवेक से परमेश्‍वर के वश में हो जाने का अर्थ है।” 
जो लोग यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले की गवाही पर, यीशु के बपतिस्मा पर और क्रूस पर उसके लहू पे विश्वास करते है केवल उन्ही लोगो के पास उपर से छुटकारे का अनुग्रह है। 
यीशु के बपतिस्मा को उद्धार के प्रतिक के रूप में आपके दिल में प्राप्त करे और बच जाए।