अ. पुराने नियम में, आम तौर पर पशु के बलिदान के द्वारा प्रायश्चित किया जाता था (उ.दा. निर्गमन ३०:१०, लैव्यव्यवस्था १:३-५, ४:२०-२१, १६:६-२२).
बी. नए नियम में, पुराने नियम के प्रायश्चित की सोच को मूल रीति से बरकरार रखा गया है, लेकिन सारी मनुष्यजाति का छूटकारा यीशु मसीह, परमेश्वर के बेटें के शरीर की बलि चढ़ाने के द्वारा ही परिपूर्ण हो सका. प्रेरित पौलुस ने कहा है की मसीह हमारे पापों के लिए मरा (१ कुरिन्थियों १५:३).
मासिक के मृत्यु के द्वारा केवल मूल पाप को दूर करने के लिए ही प्रायश्चित शब्द का प्रयोग नहीं किया गया, लेकिन सर्व मनुष्यों के सारे पापों को उठाने के लिए भी किया गया है. बपतिस्मा के द्वारा जगत के पाप अपने ऊपर डाले गए उसके बाद (मत्ती ३:१५), उसने क्रूस पर लहू बहाने के द्वारा मनुष्यजाति का उद्धार किया (लैव्यव्यवस्था १:१-५, यूहन्ना १९:३०).
प्रेरित पौलुस २ कुरिन्थियों ५:१४ में समझाता है की ‘एक सब के लिए मारा,’ उसके बाद, आगे के २१ वे वचन में, उसने कहा की वह ‘हमारे लिए’ था, और फिरसे गलातियों ३:१३ में कहता है, ‘हमारे लिए शापित बना’. नए नियम में केवल थोड़े ही वचन यीशु के बलिदान को दर्शाते है (उ.दा. इफिसियों ५:२): यूहन्ना १:२९, ३६ (‘मेम्ना’ – यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला) और १ कुरिन्थियों ५:७ (‘हमारा फसह’ – प्रेरित पौलुस).
हालाँकि, पौलुस स्पष्ट करता है की यरदन में यीशु का बपतिस्मा जगत के सारे पापों का प्रायश्चित था. वह रोमियों ६ में समझता है की यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले से यीशु के बपतिस्मा के द्वारा जगत के सारे पापों को यीशु पर डाला गया था.
वह आगे ओर समझाता है की यीशु का क्रूस पर चढ़ना पापों के लिए न्याय और मूल्य था, और प्रायश्चित का बलिदान सभी लोगों की आत्माओं के लिए अर्पण किया गया था.
यीशु का मृत्यु पुराने नियम में प्रायश्चित के बलिदान को सूचित करते परमेश्वर की योजना की अनुभूति है. पुराने नियम में हाथ रखना और नए नियम में यीशु का बपतिस्मा दोनों परमेश्वर के नियम के मुताबिक़ है (यशायाह ५३:१०, मत्ती ३:१३-१७, इब्रानियों ७:१-१०. १ पतरस ३:२१).
नया नियम यीशु के बपतिस्मा और मृत्यु से ख़त्म नहीं होता, लेकिन आगे हमें कहता है की मसीह में बपतिस्मा लेना उद्धार की परिपूर्णता है, जो हमारे पुराने मनुष्यत्व को उसके साथ मरने के लिए सक्षम बनाता है (रोमियों ६:३-७, गलातियों २:१९-२०).
वह हमें कहता है की जगत के सारे पाप यीशु पर डालने के लिए यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले ने यीशु को बपतिस्मा दिया और परिणाम के तौर पर, उसे क्रूस पर लटका दिया गया. यीशु मसीह ने अपने बपतिस्मा और लहू के द्वारा केवल जगत के पापों को ही नहीं धोया, लेकिन हमें शैतान के समर्थ से भी छूडाया है और मनुष्यों के जगह पर उसने सज़ा को स्वीकार किया और पीड़ा सहन करने के द्वारा हमें परमेश्वर का सामर्थ वापस दिया है.
इसलिए, यीशु के छुटकारे ने पाप की समस्या को सुलझाया है जो लोगों को परमेश्वर के नजदीक जाने से रोकता था. यह महत्वपूर्ण घटना ने लोग और परमेश्वर के बिच में शान्ति और समन्वय को पुन:स्थापित किया, और साथ ही साथ उद्धार, आनन्द (रोमियों ५:११), जीवन (रोमियों ५:१७-१८), और छूटकारा (मत्ती ३:१५, यूहन्ना १:२९, इब्रानियों १०:१-१०, इफिसियों १:७, कुलुस्सियों १:१४) लाया.