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उपदेश

विषय ६ : पाखंडी

[6-1] मसीहियत में झूठे मसीही और पाखंडी लोग (यशायाह २८:१३-१४)

मसीहियत में झूठे मसीही और पाखंडी लोग
(यशायाह २८:१३-१४)
“इसलिए यहोवा का वचन उनके पास आज्ञा पर आज्ञा, आज्ञा पर आज्ञा, नियम पर नियम, नियम पर नियम है, थोड़ा यहाँ, थोड़ा वहाँ, जिससे वे ठोकर खाकर चित्त गिरें और घायल हो जाएँ, और फंदे में फँसकर पकड़े जाएँ। इस कारण हे ठट्ठा करनेवालो, यरूशलेमवासी प्रजा के हाकिमो, यहोवा का वचन सुनो!”
 
 
बाइबल में पाखंड
 
बाइबल में पाखंडी शब्द को कैसे परिभाषित किया गया है?
बाइबल के अनुसार पाखंडी वह है जिनके हृदय में यीशु पर विश्वास करने के बावजूद भी पाप है।

इन दिनों में बहुत से झूठे लेखक हैं, विशेषकर विकासशील देशों में। वे समाचार लेखक होने का दिखावा करते हैं, परंतु अक्सर वे पीड़ितो से जबरदस्ती धन वसूलते हैं, जो उन्होंने कुछ किया है उनका भंडाफोड़ करते हैं। झूठ शब्द का मतलब है कि कोई चीज का असली दिखाई देना, परंतु वह असली चीज नहीं होती। दूसरे शब्दों में, जो बाहर से कुछ और अंदर उसकी वास्तविकता कुछ और होती है। 
“पाखंडी” और “झूठ” शब्द ज्यादातर मसीही कलीसियाओं में प्रयोग होता है।
यहाँ पर पाखंडी और झूठे में स्पष्ट तौर पर बहुत थोड़ा अंतर है। बाइबिल के अनुसार इस विषय की शिक्षा और इस विचारधारा पर ज्यादातर लोग जोर नहीं देते हैं। 
“पाखंड” को बाइबल में क्या परिभाषित किया गया है, मैं अपना कर्तव्य समझकर जैसा बताया गया है, स्पष्ट रूप से प्रकट करने के लिये उस विषय पर कुछ प्रकाश डालना चाहता हूँ। मैं कुछ उदाहरण बताना चाहता हूँ कि प्रतिदिन के जीवन में पाखंडी हमें सामूहिक रूप से विचार करने के लिए बाध्य करता है। प्रत्येक जो परमेश्वर में विश्वास करता है, इस प्रकार अपने जीवन में एक बार अवश्य पाखंड के बारे में सोचता है। 
तीतुस ३:१०-११ पाखंडी की पथ-भ्रष्ट मनुष्य के रूप में व्याख्या करता है, जो टेढ़ा व्यवहार और पाप करता ही रहेगा, वह अपने आपको दोषी ठहरा चुका है। एक पाखंडी वह है जो अपने आप को एक पापी के जैसे दोषी मानता है। इसलिए वे जो यीशु पर विश्वास करते हैं, फिर भी जिनके हृदय में पाप है वह परमेश्वर के सम्मुख पाखंडी हैं। 
यीशु ने अपने बपतिस्मा के माध्यम से सारे पापों को दूर कर दिया है। परन्तु पाखंडी लोग सच्चे सुसमाचार पर जो पापियों के लिए उद्धार का कारण है विश्वास करने से इन्कार करते हैं और इस प्रकार वे अपने आप को दोषी मानकर पापियों की श्रेणी में रखते हैं।
क्या आप एक पाखंडी हैं? हमें इसके बारे में सोचना है। यदि हम सीधा और सत्यनिष्ठ जीवन जीना चाहते हैं, तो हमें इसके बारे में सोचना है।
क्या आप यीशु पर विश्वास करने के बावजूद भी अपने आप को एक पापी नहीं मानते। यदि आपने पानी और आत्मा के सुसमाचार को अभी तक नहीं सुना है? यदि आप अपने आप को पापी मानते हैं, तो आप यीशु के द्वारा उसके पूर्ण उद्धार और पानी और आत्मा के सुसमाचार को हानि पहुँचा रहे हैं। 
वह व्यक्ति परमेश्वर की संतान नहीं है जो स्वयं अपने आप को परमेश्वर के सम्मुख एक पापी मान लेता है। वे जो यीशु का अंगीकार करते हैं, “प्रभु मैं एक पापी हूँ,” उसे अपने स्वयं के विश्वास पर पुनः विचार करना है। 
आप यीशु पर कैसे विश्वास कर सकते हैं और एक पापी होकर कैसे दावा कर सकते हैं कि जब यीशु ने संसार के सब पापों को अपने ऊपर ले लिया है और अपने आप को पूर्णतः अनंत आग से बचा लिया है? आप कैसे उसके उद्धार के मुफ्त उपहार को नकार कर अपने आप को एक पापी के जैसे निरूपित कर सकते हैं जबकि यीशु ने अपने बपतिस्मा के द्वारा सब पापों को अपने ऊपर लेकर क्रूस पर सम्पूर्ण न्याय चुका दिया? 
ऐसे लोग पाखंडी हैं क्योंकि वे परमेश्वर के वचन के अनुसार पाप के लिए काम करते हैं। आपको जानना चाहिए कि पानी और आत्मा का सुसमाचार हमें परमेश्वर के सम्मुख पाखंड करने से बचाता है। 
जो कोई यीशु में विश्वास करता है, परन्तु उसका नया जन्म नहीं हुआ है। वह एक पाखंडी है क्योंकि उसके हृदय में अभी भी पाप है। 
क्योंकि परमेश्वर ने संसार के सब पापों को अपने ऊपर ले लिया जिसमें हमारे पाप भी सम्मिलित हैं। परमेश्वर के सामने हम पाखंडी हैं यदि हम उद्धार के आशीष की उपेक्षा करते हैं क्योंकि परमेश्वर पवित्र है और हम पाखंडी हैं यदि हमारे दिलों में पाप है। यदि हम सच में धर्मी होना चाहते हैं, तो हमें यीशु के बपतिस्मा के सुसमाचार और क्रूस पर उसके लहू में विश्वास करना चाहिए। 
 
 
बाइबल में पाखंड का आरंभ
 
एक याजक के लिए अति महत्वपूर्ण योग्यता क्या है?
वह नया जन्म पाया हुआ हो।

आइये १ राजा १२:२५-२६ में देखें, “तब यारोबाम एप्रैम के पहाड़ी देश के शकेम नगर को दृढ़ करके उस में रहने लगा; फिर वहाँ से निकलकर पनूएल को भी दृढ़ किया। तब यारोबाम सोचने लगा, “अब राज्य दाऊद के घराने का हो जाएगा।” यारोबाम राजा सुलैमान का एक अधीनस्थ कर्मचारी था। जब सुलैमान अपने अंतिम वर्षों में भ्रष्ट हो गया, तब वह राजा के विरूद्ध हो गया और सुलैमान के पुत्र रहूबियाम के समय इस्राएल के दस गोत्रों का राजा बन गया। 
यारोबाम जब इस्राएल देश का राजा बन गया, तब उसने सोचा कि उसके लोग यहूदा को लौट सकते हैं जहाँ परमेश्वर का मंदिर था। 
इसलिए ऐसा न हो उसके मन में इसे रोकने का विचार आये। उसने सोने के दो बछड़े बेतेल और दान में बनाए और अपने लोगों से इसकी पूजा करने का आदेश दिया। १ राजा १२:२८ कहता है, “अतः राजा ने सम्मति लेकर सोने के दो बछड़े बनाए।“ यारोबाम ने बछड़े की एक प्रतिमा बेतेल नगर में और दूसरी प्रतिमा दान नगर में स्थापित की और लोगों को उसकी पूजा करने के लिए कहा। इसके बावजूद उसने एक और भयंकर पाप किया। यारोबाम ने मनमाने ढंग से आराधना करने के लिए याजकों को नियुक्त किया।”
 “इसके बाद यारोबाम अपनी बुरी चाल से न फिरा। फिर सब प्रकार के लोगों में से उसने ऊँचे स्थानों के लिए याजक बनाए, वरन् जो कोई चाहता था, उसका संस्कार करके, वह उसको ऊँचे स्थानों का याजक होने को ठहरा देता था” (१ राजा १३:३३)। यह पाखंड का आरंभ है।
आज भी याजकीय कार्य में पाखंडीयों को नियुक्त किया जाता है जो स्वेच्छा से परमेश्वर के कार्य के लिए याजक नियुक्त होना चाहते हैं। आज जो भी धर्मविज्ञान सेमीनरी से स्नातक हैं: वे नया जन्म पाए बिना भी सेवक, प्रचारक, मिशनरी और प्राचीन हो सकते हैं। 
जिस व्यक्ति का नया जन्म नहीं हुआ है, वह कैसे सेवक हो सकता है? यदि ऐसा व्यक्ति जिसकी याजक के रूप में नियुक्ति हुई है, उसको उस कलीसिया ने चुना है, वह उसे पाखंडी उत्पन्न करने वाली एक फैक्ट्री होने के लिए चुनते हैं। 
आइये हम पाखंड के आरंभ के बारे में पुनः विचार करें। पहला, यारोबाम ने अपनी राजनैतिक शक्ति को बनाए रखने के लिए परमेश्वर के स्थान पर सोने का बछड़ा स्थापित किया। दूसरा, उसने किसी का भी स्वयंसेवक याजक होने के लिए अभिषेक कर दिया। दूसरे शब्दों में, उसने साधारण लोगों को भी याजक के रूप में स्थापित किया। यह प्रथा आज भी जारी है।
पाखंड का इतिहास यारोबाम के समय से नियमित चला आ रहा है। अतः जिसका पानी और आत्मा से नया जन्म नहीं हुआ है उसको याजकीय सेवकाई हेतु अनुमति कभी नहीं देनी चाहिए। 
क्या कोई भी जो थियोलॉजिकल सेमीनरी से स्नातक हैं, एक याजक या प्रचारक हो सकता है? क्या यह जो परमेश्वर के द्वारा स्वीकार्य नहीं है फिर भी उनके लिए जो परमेश्वर की सेवा करते हैं सही है? कदापि नहीं। केवल उन्हें जो परमेश्वर के द्वारा मान्य हों, परमेश्वर के सेवक होने के लिए अनुमति देनी चाहिए। परमेश्वर के द्वारा मान्य वही हैं जिन्होंने पानी और आत्मा द्वारा नया जन्म पाया है। 
१ राजा १२:२५-२६ और १ राजा अध्याय १३ में यह लिखा है कि यारोबाम के पाप ने परमेश्वर के गुस्से को भड़काया। हम सब इस कहानी को अच्छे से जानते हैं। यदि कोई इससे ठीक से परिचित नहीं है, तो उसे बाइबल में से खोजना चाहिए। 
पुनः विचार कीजिए यदि आपने अपनी सेवकाई में परमेश्वर का स्थान सोने के बछड़ों को दे दिया है। क्या आपने कभी अचानक सांसारिक आशीषों पर इतना महत्व दिया है ताकि आपके विश्वासी लोग पानी और आत्मा से नया जन्म लेने के सुसमाचार की ओर लौट सके? 
क्या आपने अपने विश्वासियों को बताया है कि यदि वे यीशु में विश्वास करें, तो बीमारियों से चंगा हो सकते हैं? क्या आपने उन्हें बताया कि वे धन-संपत्ति से आशीषित होंगे? क्या आपने जिन्होंने नया जन्म नहीं पाया है, उन्हें अपने चर्च में याजक या कर्मचारी नियुक्त किया है? और दावा किया कि आपकी संस्था ही केवल एकमात्र रूढ़िवादी ‘आर्थोडाक्स’ है? तब आप यारोबाम के समान परमेश्वर के सम्मुख पाप करते हैं और परमेश्वर के क्रोध को भड़का रहे हैं।
 
 

पाखंडी एक सोने के बछड़े की आराधना करते हैं 

 
आज भी बहुत से भ्रांतविश्वासी लोग सोने के बछड़े की आराधना करते हैं। वे कहते हैं कि परमेश्वर ने सुलैमान को आशीषित किया जब उसने परमेश्वर के लिए हजारों होमबलि चढ़ाई। १ राजा १:३-५ कहता है, “सुलैमान यहोवा (परमेश्वर) से प्रेम रखता था और अपने पिता दाऊद की विधियों पर चलता तो रहा; परन्तु वह ऊँचे स्थानों पर बलि भी चढ़ाया और धूप जलाया करता था। और राजा गिबोन को बलि चढ़ाने गया, क्योंकि मुख्य ऊँचा स्थान वही था, तब वहाँ की वेदी पर सुलैमान ने एक हज़ार होमबलि चढ़ाई”। गिबोन में यहोवा ने रात को स्वप्न के द्वारा सुलैमान को दर्शन देकर कहा, “जो कुछ तू चाहे कि मैं तुझे दूँ, वह माँग?“
वे “सुलैमान के एक हज़ार होमबलि” के नाम पर अपने अनुयायिओं को धोखा देकर उनका धन लूंटते हैं। जो मूर्ख अनुयायी होते हैं उनसे वे ज़बरदस्ती धन ऐंठते हैं। और जो अपने ईश्वर के रूप में सोने के बछड़े की उपासना करते हैं, वे अपने धन से वंचित हो जाते हैं जिसको दान के रूप में इस्तेमाल करके वे भव्य चर्च भवनों का निर्माण करते हैं। यह इसलिए नहीं कि उनका चर्च बहुत छोटा है, परंतु वे अपने अनुयायियों से धन वसूलना चाहते हैं। 
अपने झुण्ड की आराधना के लिए वे सोने का बछड़ा स्थापित करके भूले भटके पाखंडीयों से ज़बरदस्ती धन ऐंठते हैं। हम जो परमेश्वर में विश्वास करते हैं वे मूर्ख नहीं बनते। यदि आप अपना धन सोने के बछड़े की आराधना में दान देते हैं, तो यह परमेश्वर को देना नहीं है, परन्तु अंत में यह झूठे याजकों की जेब में जाता है जो यरोबाम की भाँति लालाच से भरे रहते हैं। कभी भी आप ऐसे पाखंडीयों के जाल में न फँसे। 
तब क्यों परमेश्वर सुलैमान की हजारों होमबलियों से प्रसन्न हुआ? क्योंकि सुलैमान अपने अपराधों को जानकर मान लेता है कि उसके पापों के लिए उसे मरना ही है और उस विश्वास के अनुसार विश्वास से बलिदान चढ़ाता है। इस प्रकार परमेश्वर के उद्धार के लिए धन्यवाद देता है। सुलैमान प्रतिदिन एक हजार होमबलि चढ़ाता था। पानी और आत्मा के द्वारा उद्धार के लिए यीशु के बपतिस्मे के बारे में सोचिए। 
अब, आप पाखंड के सच्चे अर्थ को याद रखें ताकि आप झूठे याजकों के बहकावे में नहीं आएं। 
 
 

जो लोग नया जन्म पाए बिना सेवकाई करते है वे पाखंडी है

 
पाखंडी नया जन्म लेने के बारे में क्या कहते हैं ?
वे दर्शनों, सपनों और आत्मिक अनुभवों को नया जन्म कहते हैं।

जो कोई नया जन्म लेने के बारे में सिखाता है जबकि उसका स्वयं विश्वास में नया जन्म नहीं हुआ है। वे सब के सब पाखंडी हैं। वे दूसरों को नया जन्म लेने को कहते हैं जबकी वे खुद नया जन्म लेने में सक्षम नहीं होते हैं क्योंकि ये उद्धार के लिये पानी और आत्मा के सुसमाचार को नहीं जानते। हम केवल उन पर हँस ही सकते हैं। 
झूठा याजक एक गलत सुसमाचार प्रचार करते हैं। वे पानी और आत्मा के सुसमाचार को बिगाड़ कर गलत प्रचार करते हैं। वे प्रतिदिन लोगों को अपने पापों को धोने के लिए कहते हैं। 
वे कहते हैं, ‘जाओ और पहाड़ों में प्रार्थना करो, उपवास करने का प्रयास करो, अपने आप को परमेश्वर के कार्यों के लिए समर्पित कर दो, भोर सुबह प्रार्थना करो, आज्ञाकारी बनो, चर्च भवनों के लिए मोटी रकम दान दो, परन्तु अपने पापो के लिए सावधान रहो।’
एक बार मैं किसी की गवाही सुना रहा था कि उसने नया जन्म पाया है। उसने कहा कि सपने में वह एक कतार में खड़ा है और जब वह पीछे घूमता है, तो यीशु उसका नाम पुकारते हैं। वह कहता है कि यह उसके अपने नये जन्म लेने की गवाही है। परन्तु क्या यह उसका सही विश्वास है? यीशु ऐसा नहीं कहते हैं। 
यूहन्ना ३:५ में वह कहते हैं, “जब तक कोई मनुष्य पानी और आत्मा से न जन्मे तो वह परमेश्वर के राज्य में प्रवेश नहीं कर सकता”। परमेश्वर कहता है कि जिसने पानी और आत्मा से नया जन्म लिया है, वही सच्चा याजक है। जो कोई यह विश्वास करता है कि उसका नया जन्म सपनों, कल्पनाओं, आत्मिक भावना, या पश्चात्ताप की प्रार्थना से है, तो वह एक पाखंडी है। 
इन दिनों में बहुतेरे लोग परमेश्वर के लिखित वचन में विश्वास नहीं करते हैं, और वे पानी और आत्मा के माध्यम से नया जन्म लेने के स्थान पर अपने संस्थागत सिद्धांतो को ऊँचा उठाते हैं। जो कोई पानी और आत्मा के द्वारा नया जन्म लेने के सुसमाचार को प्रचार करने से इन्कार करते हैं, वे झूठे मसीही और पाखंडी हैं।
 
 
धर्म सुधारक और वर्तमान मसीहियत
 
कब से सच्चे सुसमाचार में मिलावट आंरभ हुई और उसको दूसरे धर्मो के द्वारा तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया?
ईस्वी सन् ३१३ में रोमन सम्राट कॉन्स्टनटाइन द्वारा मिलान राजाज्ञा की घोषणा के समय से।

कब मसीहियत में धार्मिक पंथों का उदय हुआ? कब विभिन्न पंथों जैसे कि प्रेसबिटेरियन, मेथोडिस्ट, बेपटिस्ट, लूथरन, होलीनेस और फुल गॉस्पल का आरंभ हुआ? धर्मसुधार लगभग ५०० साल पहले की बात है। 
प्रारंभिक मसीही वे थे जो यीशु का अनुसरण करते थे, जब वह इस संसार में था। “मसीही” का अर्थ है, ‘जो मसीह का अनुसरण करते हैं।’ 
प्रथम मसीही प्रेरित और उनके शिष्य थे। प्रेरित और कलीसिया के प्राचीन सच्चे सुमाचार का अनुसरण सन् ३१३ ईस्वी तक पालन करते रहे। यद्यपि, कॉन्स्टनटाइन महान की मिलान राजाज्ञा की घोषणा के उपरान्त, मसीही और गैर-यहूदियों का एक दूसरे से मिलना शुरू हुआ। इसका परिणाम अंधकार युग जिसमें पिछले लगभग १००० सालों से भी ज्यादा समय तक यह कार्य जारी रहा। 
इसके बाद, १६वीं शताब्दी में मार्टिन लूथर ने धर्म सुधार की घोषणा की और कहा, “केवल विश्वास से धर्मी जीवित रहेगा” (रोमियों १:१७)। कुछ समय पश्चात् सन् १५००-१६०० के बीच जॉन केल्विन और जॉन नॉक्स जैसे धर्म सुधारक इस आंदोलन को कैथोलिक वाद से अलग आगे ले गये। यह सब धर्म सुधार काल की उपलब्धियाँ थी। 
धर्म सुधार का कार्य कैथोलिक चर्च से अलग नयी कलीसियाओं को स्थापित करने का एक सीधा प्रयास था। धर्म सुधारकों ने कैथोलिकवाद का किसी प्रकार का कोई भी आधारभूत खंडन नहीं किया। 
उनका उद्देश्य पानी और आत्मा से जन्म लेने में विश्वास करने को प्रोत्साहित करना नहीं था, परंतु उनका उद्देश्य रोमन कैथोलिक चर्च के उत्पीड़न और भ्रष्टाचार से अपने आप को मुक्त करना था। रोमन कैथोलिक चर्च इस आन्दोलन को प्रोटेस्टेन्टवाद कहते है। इसका अर्थ है विरोधी। 
उस समय, जब रोमन कैथोलिक चर्च में लोगों को जबरदस्ती क्षमा-पत्र खरीदने पर बाध्य किया गया। वे कहते हैं कि यदि वे बड़ी रकम देकर इस क्षमा-पत्र को खरीदेगें, तो वे उनके मृतक वंशजो को स्वर्ग में भेज देंगे। मार्टिन लूथर ने कभी महसूस नहीं किया कि कैथोलिक बुनियादी तौर पर गलत हैं। उन्होंने केवल कैथोलिक चर्च में धन बनाने के लिए क्षमा-पत्रों को सेंट पीटर्स कैथेड्रल से बेचे जाने को रोकने की कोशिश की। फलस्वरूप, आधुनिक प्रोटेस्टेन्ट कलीसिया में कैथोलिक कलीसिया के अवशेष दिखाई देते हैं: जैसे बच्चों का बपतिस्मा, पाप क्षमा की प्रार्थना जो कि रोमन कैथोलिक चर्च के समान ही है, पवित्र धार्मिक विधियां, जो थियोलॉजिकल स्नातक हैं उन्हे याजक बनाना, शानदार और अनावश्यक रूप से बड़ा चर्च बनाना। ये सब रोमन कैथोलिक कलीसिया के अवशेष हैं। 
१५००वीं ईस्वी के आरंभ से देखें, तो धर्म सुधार का इतिहास करीब ५०० वर्ष पुराना ही है। इस साल धर्म सुधार की ४८१वीं वर्षगाँठ है। आपको शायद अंदाजा नहीं होगा कि मार्टिन लूथर ने केवल ४८१ वर्ष पहले अपनी मातृ कलीसिया के विरूद्ध विद्रोह कर बचाया था। प्रोटेस्टेन्ट वाद अपने किशोरावस्था के प्रकाश की तुलना में अपने को विशेष स्थिति में रखने का एकमात्र तर्कसंगत दावा नहीं हो सकता। मसीहियत में सुधार अभी तक चल रहा है और यह लगातार चलता रहेगा। 
जैसा भी हो हमें यहाँ एक बात का ध्यान रखना है। हमें कभी भूलना नहीं चाहिए कि जिनका नया जन्म पानी और आत्मा से हुआ है, वे ही स्वर्ग के राज्य में प्रवेश कर सकते हैं। आइए इसका प्रचार करें! क्या आप यीशु के पानी और आत्मा से नया जन्म लेने के सुसमाचार का प्रचार करेंगे? यदि नहीं, तो आप परमेश्वर के सेवक नहीं हैं। यह सुसमाचार ‘पानी और आत्मा से नया जन्म लेने‘ का है, परमेश्वर चाहता है कि हम इस पर विश्वास करें। यूहन्ना के तीसरे अध्याय में नीकुदेमुस से यीशु क्या कहता है। 
क्या बाइबल केवल पानी और आत्मा से नया जन्म लेने के सुसमाचार के बारे में कहती है, या यह दूसरी बातें जैसा कि समाज के लिए अच्छा करें तथा एक पवित्र जीवन जीएं? हो सकता है हमारे लिए दोनों बातें महत्वपूर्ण हों। जो भी हो आप पानी और आत्मा से नया जन्म लेकर ऐसे कार्य कर सकते हैं। परमेश्वर की इच्छा है कि हम सुसमाचार पर विश्वास करें। 
 
 
पाखंडियों की शिक्षाएं
 
पाखंडी कौन है?
वह जो यीशु पर विश्वास करने के बावजूद भी पापी है।

झूठे मसीही, पाखंडी विश्वास ने संसार में कब फलना-फूलना शुरू किया है?
जैसा को १ राजा अध्याय १२-१३ में लिखा है उस तरह जब तक कि यारोबाम के समय में वे दो राज्यों में विभाजित हो गये तब तक इस्राएल के लोग एक ईश्वर को मानते थे। उस समय से लेकर यीशु के इस संसार में आने से पहले पाखंडी विश्वास का फलना-फूलना शुरू हो गया था। इन दिनों में भी बहुत सी पाखंड की शिक्षाएं फैली हुई हैं। 
यशायाह २८ अध्याय और तीतुस ३:१०-११ में बाइबल झूठी शिक्षा के बारे में बताती है। बाइबल कहती है कि पाखंडी वह है जो यीशु में विश्वास तो करता है, परंतु अभी भी उनके मन में पाप पाया जाता है। जो कोई ऐसा है, वह पाखंडी है।
और वे सिखाते हैं, जैसा यशायाह २८:९-१० में लिखा गया है कि “वह किसको ज्ञान सिखाएगा, और किसको अपने समाचार का अर्थ समझाएगा? क्या उनको जो दूध छुड़ाए हुए और स्तन से अभी अलगाए हुए हैं? क्योंकि आज्ञा पर आज्ञा, आज्ञा पर आज्ञा, नियम पर नियम, थोड़ा यहाँ, थोड़ा वहाँ”।
पाखंडी नियम पर नियम, रद्दे पर रद्दा जोड़ देता है। इसका क्या मतलब है? इसका अर्थ है “सावधान, सावधान, सावधान उनसे जो ये कहते हैं कि यीशु में विश्वास करने से उनका नया जन्म हुआ है”। वे भी आपको सावधान रहने को कहेंगे, कोई बात नहीं। वे कहेंगे, मत सुनो, यहाँ मत जाओ, वहाँ मत जाओ, हो सकता है आप अधर्म में पड़ जायें। 
फिर भी, यदि उन्हें पक्का निश्चय हो कि उनका विश्वास रूढ़िवादी है, तो फिर वे क्यों उनका प्रतिरोध नहीं करते जो यह कहते हैं कि उनका विशवास परमेश्वर के वचन से अलग है? यह दयनीय स्थिति है। वे अपने को रूढ़िवादी पक्का मसीही होने का दावा करते हैं, परन्तु उनके पास अपने आप को पाखंडी कहलाने से बच पाने के लिए शब्द नहीं होते। परमेश्वर के वचन के द्वारा एक सच्चा मसीही किसी भी पाखंडी को जित सकता है। 
इन दिनों, रूढ़िवादी मसीही नया जन्म पाने वाले को “पाखंडी” की भाँति गलत ठहराते हैं, क्योंकि उनका विश्वास अलग है। जब हम पानी और आत्मा के सुसमाचार में विश्वास करते हैं, तो हम कैसे पाखंडी हो सकते हैं? 
यदि वे पाखंडी पानी और आत्मा के सुसमाचार को प्रचार कहते हैं, तो वे सचमुच पक्के रूढ़िवादी मसीही हैं। जैसे कि, यदि रूढ़िवादी मसीही जो पानी और आत्मा के सुसमाचार का प्रचार नहीं करते हैं, तो वह पाखंडी हैं। 
“रूढ़िवादी” और “पाखंडी” के बीच में अंतर उस बात पर निर्भर करता है की वे पानी और आत्मा के सुसमाचार का प्रचार करते है और वे यीशु पर विश्वास करते है और फिर भी उन के दिल में पाप है की नहीं। वे कैसे पाखंडी हो सकते हैं यदि वे परमेश्वर के वचन में विश्वास करते हैं और उन्होंने पानी और आत्मा के सुसमाचार में नया जन्म पाया हो? 
क्या ये पाखंडी यीशु के बपतिस्मे और क्रूस पर उसके लहू में विश्वास करके अपने पापों से शुद्ध होंगे? क्या पानी और आत्मा के सुसमाचार में विश्वास नहीं करना “रूढ़ीवाद” हैं? 
यहाँ बहुत से संप्रदायवादी हैं जो बाइबल के उद्देश्य से दूर हो गये हैं और फिर भी रूढ़िवादी मसीही होने का दावा करते हैं। वे पानी और आत्मा के द्वारा नया जन्म लेने से भटक गए हैं। जैसे बाइबल में स्पष्ट किया गया है क्योकि वे केवल क्रूस के लहू का प्रचार करते हैं और यीशु के बपतिस्मा (पानी) का इनकार करते हैं। 
रोमन कैथोलिक और प्रोटेस्टेन्ट कलीसिया के बीच इन दिनों क्या अंतर है? जैसे कि सुधारवादी रोमन कैथोलिक चर्च नियमों के विरूद्ध हो गये थे, वे जैसे ही रोमन कैथोलिक चर्च से बाहर आए और प्रोटेस्टेन्टवादी बन गये। हम भी अंधे मसीहियों और झूठे याजकों का विरोध करना चाहिए। यह केवल तब हो सकता है जब हम अपनी आखें सच्चे सुसमाचार जो सच्चा विश्वास है उसके लिए खोलेंगे और पानी और आत्मा के सुसमाचार के द्वारा हम पूर्णतः बच सकेंगे। 
 
हम पाखंडी होने से बचने के लिए क्या कर सकते हैं?
हमें पानी और आत्मा से नया जन्म लेना होगा।

बाइबल हमें बताती है कि केवल वे जो यीशु के बपतिस्मा और क्रूस पर उसके लहू के सुसमाचार में विश्वास करते हैं, वे सच्चे विश्वास का पालन करते हैं। जैसा कि यूहन्ना ३:१-१२ में यीशु नीकुदेमुस को कहते हैं। 
पाखंडी सदैव अपने अनुयायिओं को अपने विश्वास में निष्ठावान बने रहने के लिए बाध्य करते हैं। सुबह शाम प्रार्थना करने और कठोर कार्य करने के लिए बाध्य करते हैं। यह तो अंधे व्यक्ति को दौड़ने के लिए प्रेरित करने जैसा है। 
आपकी कठोर प्रार्थना से कुछ नहीं होगा, इसका कोई उपयोग नहीं है जब तक आपका पानी और आत्मा से नया जन्म नहीं हुआ हो। जब हम कहते हैं कि जिसका पानी और आत्मा से नया जन्म हो गया, धर्मी हैं, तब पाखंडी रोमियों ३:१० के साथ इसका प्रतिकार करते हैं, “कोई धर्मी नहीं, एक भी धर्मी नहीं”। इस पद के साथ वे पाखंडियों जैसे विश्वासियों का लेबल लगाते हैं। 
वास्तव में ये वे लोग हैं जो पाखंडी हैं। इस पद का सही अर्थ सरल नहीं है जैसा कि इसके शब्द हैं। भ्रांतविश्वासी पूरी बाइबल को नहीं पढ़ते हैं। पौलुस प्रेरित कहता है कि संसार में एक भी धर्मी मनुष्य नहीं है। वह केवल पुराना नियम से एक पद उद्धरित करता है। जो कहता है कि यीशु मसीह के सम्मुख इस संसार में कोई भी धर्मी नहीं है। यीशु इस संसार में आया और सारी मानव जाति के पापों को अपने ऊपर लेकर परमेश्वर के उद्धार से हमें बचा लिया। जो यीशु के द्वारा बचाये गए, वे धर्मी हो जाते हैं। 
यदि हम इस पूरे अध्याय को पढ़ें, तो हम सच्चाई को देख सकते हैं। पाखंडी अपने अनुयायिओं को केवल सचेत करते हैं कि उनका विश्वास दूसरों से अलग है। यहाँ तक कि कलीसियाएं जो रूढ़िवादी जैसी कहलाती हैं, वे अपने विश्वासियों को किसी दूसरे के साथ आराधना करने से मना करते हैं। अतः उनके लोग उस कलीसिया में जाने का साहस नहीं करते, जहाँ पानी और आत्मा का सुसमाचार प्रचार किया जाता है। 
वे सच्चे सुसमाचार के प्रति बहरे हो गए हैं और उनका नया जन्म नहीं हो सकता। यह उन गलत शिक्षकों की गलत शिक्षाएँ हैं जो यह सत्यता प्रकट करते हैं कि वे नरक की संतान हैं। इसके लिए परमेश्वर उनका न्याय करेगा। पाखंडियों को परमेश्वर के पास वापस मुड़ना चाहिए। 
पाखंडी कौन है? क्या वह जिसने पानी और आत्मा के सुसमाचार से छुटकारा पाया है या वे जो यीशु में विश्वास का दावा करते तो हैं, परंतु अभी तक ‘पानी और आत्मा’ से नया जन्म लेने में असफल हैं? 
तीतुस ३:११ कहता है कि जो यीशु में विश्वास करता है, परंतु “अपने आप को दोषी ठहराकर पाप करता रहता है”। वे सब पथभ्रष्ट होकर पाखंडी हो गए हैं। 
वे अपने विश्वासियों को आत्म जागृति सभाओं में जाने से मना करते हैं जहाँ पानी और आत्मा के सुसमाचार का प्रचार किया जाता है। वे कहते हैं यह खतरनाक है। क्यों रूढ़िवादी विचारधारा वाले लोग इस विश्वास के विरोधाभास से घबराते हैं? वे इसलिए घबराते हैं क्योंकि उनके पक्ष में उनके पास कोई सच्चाई नहीं है। “आज्ञा पर आज्ञा, आज्ञा पर आज्ञा, नियम पर नियम”। पाखंडियों की शिक्षाएँ ठीक ऐसी ही हैं।
पाखंडी याजक अपने उपदेश में कुछ इस किताब से कुछ उस किताब से, कुछ दर्शनिकों के विचारों से, कुछ साहित्य से उद्धरण लेते हैं और उनको अपने विचारों से मिला देते हैं और उसे आकर्षक आवाज में प्रस्तुत करते हैं। 
वे विश्वास करते हैं कि उनके विश्वासी इस बात से अनजान हैं और वे उन्हें सांसारिक शिक्षाओं से शिक्षित करना चाहते हैं। सच्ची कलीसिया परमेश्वर के वचन का प्रचार करती है और विश्वासियों को परमेश्वर के वचन से शिक्षित करती है। लोग चर्च इसलिए नहीं आते है कि उन्हें संसार की रीति में प्रशिक्षित किया जाये। बल्कि वे चर्च, स्वर्ग की बातें को सुनने आते हैं जिसे उन्होंने इस संसार में नहीं सुना है। वे यहाँ यीशु के वचनों को सुनने आते हैं। 
लोग अपने चर्च में एक पापी के रूप में प्रवेश करते हैं। परंतु वे चर्च से एक धर्मी विश्वासी जिसमें पाप न हो वैसे बनकर बाहर निकलना चाहते हैं। पाखंडी याजक उन्हें क्या शिक्षा देते हैं? वे अपने विश्वासियों को कहते हैं कि ऐसी आत्म जागृति सभाओं में मत जाओ जहाँ पर प्रभु के सेवक सच्चा सुसमाचार प्रचार करते हैं। वे अपने विश्वासियों को पानी और आत्मा से नया जन्म लेने में रूकावट खड़ी करते हैं। 
यह मूर्खता है कि वे अपने विश्वासियों को बहका सकते हैं, परंतु वे परमेश्वर को धोखा नहीं दे सकते।
 
क्या झूठे याजक अपने विश्वासियों का पानी और आत्मा से नया जन्म पाने में मदद कर सकते हैं?
नहीं, केवल नया जन्म पाये हुए ही दूसरों को नया जन्म पाने में मदद कर सकता है।

पाखंडीयों, यदि तुम परमेश्वर के सच्चे सेवक हो, तो क्या तुम पवित्रात्मा की धिक्कार को नहीं सुन सकते? तुम्हें वापस लौटना होगा। तुम अपने अनुयायियों को आत्मिक जागृति सभा में जाने से मत रोको जहाँ प्रभु के सच्चे सेवक पानी और आत्मा से नया जन्म लेने के सुसमाचार को सुनाते हैं। 
पाखंडी अपने विश्वासियों को केवल धर्मविज्ञान की शिक्षा देते हैं, इसलिए जब वे अन्य सिद्धातों का सामना करते हैं, तो वे पिट जाते हैं। यह बहुत दयनीय स्थिति है। झूठे प्रचारक परमेश्वर के वचन के बिना सेवकाई अच्छे से करते हैं। वे प्रचार करते, विचार-विमर्श करते और अपनी स्वयं की झूठी आस्था के आधार पर सेवक होते हैं। जो बिना परमेश्वर के वचन के प्रचार करते हैं, वे पाखंडी और किराए के मजदूर होते हैं (यूहन्ना १०:१३)। 
झूठे सेवक पाखंडी हैं क्योंकि उनके अन्दर और बाहर का स्वभाव अलग-अलग होता है। कुछ लोग यह परिभाषित करते हैं कि स्थापित कलीसियाएं पाखंडी कलीसिया जैसी नहीं हैं। यद्यपि कुछ ऐसी कलीसियायें जो किसी संस्था की सदस्य नहीं कहलाना चाहती, पर बाइबल की सत्य शिक्षा से बहुत दूर होकर संचालित हो रही हैं। 
पाखंडी अपने विश्वासियों से कहते हैं कि वे छुटकारा पाये हुये हैं जबकि वे अपने पापों की समस्या का स्वयं निराकरण कभी नहीं कर सकते। वे यारोबाम के जैसे पाप करते हैं। यदि यहाँ ऐसा कोई व्यक्ति है जिसके मन में अभी भी पाप है, परंतु वह परमेश्वर के कार्यों को करने का प्रयत्न करे, अपने पापों को स्वीकार करे, और परमेश्वर की पवित्रता से पूर्णतया विरोधी है। वह अवश्य जानता है कि वह एक भ्रांतविश्वासी है। 
इसलिए, यदि ऐसा व्यक्ति जो कलीसिया में प्रचार करता या कार्य करता है, अभी भी पापी है, उसे मानना चाहिए कि वह एक पाखंडी है। क्योंकि वह यीशु मसीह के उद्धार के सुसमाचार पानी और आत्मा से नया जन्म लेने को नहीं जानता है। यदि कोई भी पाखंडी से बाइबल के बारे में सिखता है और वैसा ही दूसरों को भी सिखाता है, तो वह भी पाखंडी बन जाता है। 
हम पेड़ को उसके फलों से पहचान सकते हैं। जो यीशु के बपतिस्मा और उसके लहू में विश्वास करने के द्वारा धर्मी ठहराये गये हैं, वह भी धर्मी बन जाते हैं चाहें वह पापी ही क्यों न हो। जबकि वह जो अभी भी पापी हैं उनका नाश होना निश्चित है। “इसी प्रकार हर एक अच्छा पेड़ अच्छा फल लाता है और निकम्मा पेड़ बुरा फल लाता है” (मत्ती ७:१७)।
 
 
पाखंडी याजक अपने उपदेश में क्या प्रचार करते हैं?
 
पाखंडी याजक अपने उपदेश में क्या प्रचार करते हैं?
सांसारिक धर्मविज्ञान और मनुष्यों के विचारों को।

झूठे प्रचारक इधर-उधर निगरानी रखते हैं। वे इतना अधिक सावधान क्यों रहते हैं! वे अपनी छोटी गलतियों के प्रकट होने से डरते हैं क्योंकि उनके पास पानी और आत्मा से नया जन्म लेने का मजबूत विश्वास नहीं होता। 
पाखंडी कुछ यहाँ से कुछ वहाँ से लेकर बताते हैं। वे लोगों को भ्रमित करते और सुसमाचार के सही अर्थ को जाने बिना ही सिखाते हैं। 
“आज्ञा पर आज्ञा, आज्ञा पर आज्ञा, नियम पर नियम, नियम पर नियम है, थोड़ा यहाँ थोड़ा वहाँ” (यशायाह २८:१३)।
नियम पर नियम, वे कहते है, “इस शब्द का अर्थ यूनानी में ऐसे और इब्रानी में यह है। और यह ऐसा और वैसा सिद्धांत है।ʼʼ 
वे लोगों को सावधान करते हैं यदि उनका सामना उद्धार के सिद्धान्त से हो जाता है, तो उसे वे साफ-साफ स्पष्ट रूप में अभिव्यक्त करते हैं। वे कहते हैं ‘मार्टिन लूथर ने यह कहा है, कॉल्विन ने यह कहा, जबकि जॉन नॉक्स ने ऐसा कहा है। और हम सोचते हैं कि वे सब अपने तरीके से समझाते हैं।` 
वे नहीं जानते कि वे किसके बारे में क्या कह रहे हैं और वे क्या विश्वास करते हैं। जिसके पास सच्चा विश्वास है, वह सच्चाई को स्पष्ट रूप में अभिव्यक्त कर सकता है। नया जन्म पाया सच्चा विश्वासी नया जन्म पाए हुवे और जिसका नया जन्म नहीं हुआ है, के बीच स्पष्ट अंतर बता सकता है। हम ‘पानी और आत्मा’ से नया जन्म लेने के सुसमाचार का स्पष्ट प्रचार करते हैं। 
परंतु पाखंडी सांसारिक दुनिया के होते हैं। उनका विश्वास चमगादड़ के जैसा होता है। ठीक जैसे एक चमगादड़ दिन के समय में गुफा के अंदर रहता है और केवल रात में बाहरी दुनिया में रहना पसंद करता है। पाखंडी लोग ऐसे ही सिध्धांत के होते हैं, जो इधर-उधर का हो उसी में विश्वास करते हैं। वे कभी नहीं जान पाते कि सच्चाई क्या है। जब एक पाखंडी याजक नरक में जाता है, तो उसके विश्वासी उनके साथ दुःखदायक अंत में साथ होते हैं। बहुतेरे लोग नरक में जाते हैं क्योंकि वे झूठे भविष्यवक्ताओं में विश्वास करते हैं।
क्या आपके याजक ने पानी और आत्मा से नया जन्म पाया है? क्या वह नया जन्म लेने के सुसमाचार के वचनों को जैसे बाइबल में लिखा है, प्रचार करता है? यदि वह करता है, तो निश्चिंत रुप से आप भाग्यशाली हैं, और यदि वह ऐसा नहीं करता, तो आप अवश्य नाश होंगे। यदि आपका नया जन्म नहीं हुआ है, तो आपको पानी और आत्मा के सुसमाचार को अवश्य सुनना चाहिए। वे किताबें पढ़िये जो इसकी व्याख्या करती हैं और नया जन्म पाएं। 
पाखंडी पानी और आत्मा से नया जन्म लेने के सुसमाचार को नापसंद करते हैं। वे प्रचार करते हैं कि ‘यीशु मसीह ने हमारे पापों के लिये लहू बहाया और उसने ऐसा किया है। वह आज भी हमारे पापों को धोता है और भविष्य में भी ऐसा ही करेगा।’ यह कैसे सच हो सकता है? वे कहते हैं कि वे धर्मी हैं, परंतु वे पाप करते रहते हैं। एक पल में वे धर्मी होते हैं, दूसरे ही क्षण वे पापी हो जाते हैं।
यह उनका गलत धर्मविज्ञान है जो कि असत्य है। जो कोई व्यक्ति अभी धर्मी है वह कुछ समय बाद पापी हो जाता है तो वह एक पाखंडी, एक झूठा भविष्यवक्ता है। जो कोई अपने आप को अपराधी मानता है, अपने आपको दोषी ठहराकर पाखंडी के समान है।
 
 
परमेश्वर का श्राप पाखंडी के अनुयायियों के ऊपर है
 
पाखंडी क्या करने पर अधिक महत्व देते हैं ?
कर्म पर

पाखंडी सदैव एक समान नहीं रहते। इसलिए जब उनके विश्वासी उनके पास जाते हैं और उनसे पूछते हैं कि कैसे नया जन्म प्राप्त करें, तो वे अपने विश्वासियों को पानी और आत्मा से जन्म लेने में अगुवाई नहीं कर सकते। काफी हद तक, वे अपने अनुयायियों को स्वाभाविक सुझाव देने के बजाय मूर्खतापूर्ण विचार देते हैं कि लोग नये जन्म की कल्पना करें, बल्कि वे नया जन्म लेने के विषय में सजग न रहें। यह बहुत ही मूर्खतापूर्ण है। 
यीशु ने यूहन्ना ३ अध्याय में कहा “जब तक कोई मनुष्य पानी और आत्मा द्वारा जन्म न ले परमेश्वर के राज्य में प्रवेश नहीं कर सकता”। इन दिनों, हालाँकि धर्मी लोगों ने जिन्होंने नया जन्म पाया है, ढीठ पाखंडी कहलाते हैं। 
पाखंडी प्रचारक कहते हैं कि वे अपने आप को धर्मी नहीं कह सकते क्योंकि वे नम्र हैं। वे अपने अनुयायियों से कहते हैं कि “किसी भी आत्मिक जागृति सभा में मत जाओ जहाँ पर प्रचारक पानी और आत्मा से नया जन्म लेने की आशिषों के विषय में बोलने की योजना बनाते हैं। यदि तुमने नया जन्म पाया, तो तुम पाखंडी हो जाओगे। तुम्हें इस चर्च के द्वारा गलत ठहराया जायेगा। यदि आप हमारे साथ रहना चाहते हैं तो पापी दशा में रहो, जब समय आयेगा परमेश्वर तुम्हें धर्मी बनायेगा।ʼʼ वे ऐसा क्यों कहते हैं? क्या वाकई इसका सही अर्थ यह है कि यह आपको निर्णय करना है कि आपको नया जन्म लेना है या नहीं।
पाखंडी अपने विश्वासियों को कहते हैं, “आप हमारे साथ बने रहो लेकिन नया जन्म लेना आपकी जिम्मेदारी है। इसलिए आप अपने से प्रयत्न करो। आप जैसी स्थिति में हैं उसी में रहो, और जब समय आएगा तब परमेश्वर के पास जाओ, तब आप सच्चाई को पाओगे। मैं नहीं जानता हूँ की इसके बाद क्या होगा। परंतु यह तो एक रूढ़ीवादी कलीसिया है, इसलिए आप हमारे साथ रहो।ʼʼ आप क्या सोचते हैं, क्या यह सही है?
ये पाखंडी याजक कुछ यहाँ से कुछ वहाँ से लेकर और स्वयं का सिद्धांत बनाते हैं। तब यह केवल उनकी सच्चाई होती है। वे नहीं जानते कि परमेश्वर का कौन सा वचन, पानी और आत्मा के विषय में हमें बताता है। 
पाखंडी बाइबल की व्याख्या और अर्थ को अपने विचारों से समझाते हैं। हम बाइबल का अर्थ उसके वचनों के अनुसार समझाते हैं, परंतु वे अपने तरीके से अर्थ समझाते हैं। ऐसा क्यों है? क्योंकि मसीही धर्म में बहुत से धर्मविज्ञानिक और बहुत से धार्मिक पंथ हैं। 
क्योंकि यहाँ बहुत से पाखंडी पंथ और धर्मशास्त्री और अनगिनत पाखंडी पुस्तके हैं। झूठे प्रचारक कुछ इस पुस्तक से कुछ उस पुस्तक से लेकर प्रचार करते हैं। यद्यपि सच्चा प्रचारक केवल बाइबल से प्रचार करता है। 
पाखंडी अपने विश्वासियों से चलाकी से धन ऐंठते हैं। वे इस संसार में अच्छे से खाते और रहते हैं, और अंत में नरक जाते हैं क्योंकि वे नया जन्म लेने में असफल रहते हैं। परमेश्वर ने उनके लिए अंत में यही रखा है। 
परमेश्वर आरंभ से इनको सहन करता है। परंतु इनमें से जो कोई भी पानी और आत्मा से जन्म लेने की आशीष से इन्कार करता है, वह उन्हें नरक में भेजेगा। 
परमेश्वर पाखंडियों का न्याय करेगा। पाखंडी परमेश्वर में बहुत जोशीलेपन से विश्वास करते हैं और बाइबल टीका के अनेक खण्डों वाली पुस्तक खरीदते हैं, तभी दूसरे धर्मशास्त्रीय कार्य आरंभ करते हैं। परंतु वे धीरे-धीरे मनुष्य के नजरिये से प्रचार करना आरंभ कर देते हैं, इसलिए उनके अनुयायियों का नया जन्म कभी नहीं हो पाता। 
पाखंडी अपना स्थान बनाने के लिए अपने सांसारिक कार्यों पर विशेष ध्यान देते हैं। कोई भी सेवक जो पानी और आत्मा से जन्म लेने के सुसमाचार का प्रचार नहीं करता, परमेश्वर के सामने पाखंडी है। 
वे अपने अनुयायियों पर लगातार दबाव बनाते हैं। वे उन्हें ४० दिनों तक पूरी रात भर प्रार्थना करने, १०० दिन भोर की प्रार्थना करने, लगातार उपवास के साथ पहाड़ो में जाकर प्रार्थना करने, चर्च बनाने के लिए दान देने, एक हजार होमबलि चढ़ाने, आत्मिक सभाओं हेतु दान देने इत्यादि के लिए बाध्य करते हैं . . . और वे यह दिखाने के लिए कि प्रत्येक विश्वासी ने कितना दान दिया है, वह एक ग्राफ बनाते हैं। केवल इसके द्वारा वे अपने कार्यों का फल देखते हैं। हम देख सकते हैं कि ये पाखंडी हैं।
परमेश्वर का क्रोध उनके अनुयायियों पर गिरता है, और उन सेवकों पर भी जो बिना नया जन्म लिये प्रचार करते हैं और उनके सारे अनुयायी परमेश्वर के शाप के नीचे पाये जाते हैं। 
 
 
पाखंडी अपने अनुयायियों के विचारों को पढ़ने की कोशिश करते हैं
 
पाखंडी अपने विश्वासियों के विचारों को पढ़ने की कोशिश क्यों करते हैं?
क्योंकि उनका नया जन्म नहीं हुआ है, लेकिन अपने दिल में पाखंड और बिना आत्मा के सेवा करते है।

पाखंडी याजक प्रतिदिन विलाप करते हैं। वे वरिष्ठ डिकन, प्राचीनों, सामान्य सेवको और यहाँ तक आम सदस्यों को भी खुश करने में लगे रहते हैं। वे ऐसा प्रत्येक दिन कैसे कर लेते हैं? 
वे प्रत्येक दिन पाखंडी जैसा दिखावटी व्यवहार करते हैं। ये “पवित्र और दयालु . . .” पाप से भरे हैं, परंतु उनकी बातें पवित्रता की होती हैं। इसलिए वे प्रत्येक दिन अधिक पाखंडी होते जाते हैं। 
एक बार एक प्रचारक ने कहा, “सेवक के अन्दर आत्मा का न होना उसके लिए अभिशाप है”। इसका क्या यह अर्थ है कि बिना छुटकारा पाये परमेश्वर का कार्य करना पाखंडीपन और उसका जीवन शापित है। यदि आप इन पाखंडियों में से एक हैं, तो आपको पानी और आत्मा से जन्म लेना होगा। 
कोई भी जो यीशु में विश्वास करता है, परंतु जिसका नया जन्म नहीं हुआ है, वह पाखंडी है। इसी के साथ यह कि प्रत्येक को पानी और आत्मा से जन्म लेने के सुसमाचार में वापस लौटना होगा। केवल वही धर्मी जिसका नया जन्म पानी और आत्मा से हुआ है, दूसरों को सुसमाचार प्रचार कर सकता है। 
 
 
पाखंडी केवल शांति के लिए चिल्लाते हैं
 
पाखंडी याजक अपने अनुयायियों को कैसे संतुष्ट करता है?
वे हमेशा शांति के लिए विलाप करते हुए, अपने अनुयायियों को स्वर्ग के राज्य में प्रवेश करा सकने की बात कहते हैं फिर चाहे वे पापी ही क्यों न हो।

यशायाह २८:१४-१५ कहता है, “इस कारण हे ठट्ठा करनेवालो, यरूशलेम-वासी प्रजा के हाकिमो, यहोवा का वचन सुनो! तुम ने कहा है, “हम ने मृत्यु से वाचा बाँधी और अधोलोक से प्रतिज्ञा कराई है; इस कारण विपत्ति जब बाढ़ के समान बढ़ आए, तब हमारे पास न आएगी; क्योंकि हमने झूठ की शरण ली और मिथ्या की आड़ में छिपे हुए हैं”।
यहाँ कौन तिरस्कार करने वाले मनुष्य हैं? वे जो परमेश्वर के वचन में अपने गलत विश्वास को मिलाकर प्रचार करते हैं। प्रचारकों के अपने जो भी विचार हों, धर्मविज्ञान जो भी कहे, लेकिन वह बाइबल की सही व्याख्या करने वाला हो, परंतु पाखंडी प्रचारक जिसमें वे उपयुक्त होते हैं अपनी ओर से बाइबल का प्रचार करते हैं। यही लोग तिरस्कार करने वाले होते हैं। 
“तब जो वाचा तुम ने मृत्यु से बाँधी है वह टूट जाएगी, और जो प्रतिज्ञा तुम ने अधोलोक से कराई वह न ठहरेगी”।
पाखंडी कहते हैं कि कोई भी विपत्ति उनके पास नहीं आ सकती। विनाश और नरक उनका इंतिज़ार कर रहा है, परंतु वे कहते हैं- चिन्ता मत करो, विनाश और नरक का उनके लिए कोई अस्तित्व नहीं है। यदि आप जीवन की कामना करते हैं, तो आप ऐसे पाखंडियों से दूर ही रहिये। 
पाखंडी कहते हैं कि पानी और आत्मा से आपका नया जन्म नहीं हुआ है। क्या यह सही है? नहीं, बिल्कुल नहीं। पानी और आत्मा से जन्म पाए बिना आप स्वर्ग के राज्य में कदापि प्रवेश नहीं कर सकते। 
क्या स्वर्ग के राज्य में प्रवेश न करना ठीक है? यह वैसा ही है जैसे यह कहना कि नरक की आग में जलना ठीक है। यह कहना अनावश्यक होगा कि इन दोनों ही प्रश्नों का उत्तर नहीं है। आइये हम सब पानी और आत्मा से नया जन्म लेने के सुसमाचार पर विश्वास करें और मिलकर स्वर्ग के राज्य में प्रवेश करें । 
पाखंडी प्रचारक या याजक लोगों को फुसलाते और कहते हैं कि वे यीशु में विश्वास करते हैं। उनके लिए पापी बने रहना ठीक है और यह कि वे नरक में नहीं जायेंगे । 
क्या यीशु आपकी चिंता करेगा यदि आप अभी भी पापी हैं? क्या एक पापी स्वर्ग जा सकता है? क्या आप एक पापी होकर भी नरक जाने से बच सकते हैं? क्या यह बाइबल में लिखा है कि यीशु में विश्वास करते के बावजूद भी अगर आपके दिल में पाप हैं, फिर भी आप नरक नहीं जाएंगे? 
पाखंडी कहते हैं कि हमने मौत से संधि की है, इसलिए उन्हें मृत्यु नहीं आएगी। वे कहते हैं कि एक विश्वासी के दिल में पाप होने के बावजूद भी वो नरक जाने से बच सकता है। क्या आप सोचते हैं वास्तव में ऐसा ही होगा? 
पाखंडी आत्मविश्वास से लोगों को प्रभावित करते हुए कहते हैं कि मृत्यु और नरक उनका इंतिज़ार नहीं करता। पाखंडी याजक उन्हें डीकन, प्राचीन, सेवकगण नियुक्त करते हैं जिनका नया जन्म नहीं हुआ है। परंतु उन्हें मालूम है कि वे सब अंत में नरक में होंगे क्योंकि वे पानी और आत्मा के सुसमाचार में विश्वास नहीं करते। क्या वे अपने अनुयायियों को पानी और आत्मा के सुसमाचार में विश्वास करने की शिक्षा देंगे। 
क्या विश्वासी, यदि वह पापी है, तो भी स्वर्ग में प्रवेश करने के योग्य है? क्या एक पापी स्वर्ग जा सकता है? क्या बाइबल कहती है कि पापी स्वर्ग जा सकते हैं? नहीं। क्या एक धर्मी मनुष्य में पाप हो सकता है? नहीं। ये पाखंडी शिक्षाएं हैं और साथ ही झूठा धर्मविज्ञान भी। 
बाइबल कहती है, “पाप की मजदूरी तो मृत्यु है” (रोमियों ६:२३)। यही परमेश्वर का विधान है। वह सब पापियों को सीधे नरक में डालेगा। इस भयानक परिणाम के विपरीत उन सब ने जिन्होंने पानी और आत्मा से नया जन्म लिया है स्वर्ग में स्वागत किया जायेगा। 
“इस कारण विपत्ति जब बाढ़ के समान बढ़ आए तब हमारे पास न आएगी; क्योंकि हमने झूठ की शरण ली और मिथ्या की आड़ में छिपे हुए हैं”। पाखंडी याजक अपने दिलों में पाप होम के बावजूद भी वचनों को उस प्रभाव और दृढ़तापूर्वक विश्वास से बोलते हैं कि वे नरक में नहीं जायेंगे क्योंकि वे एक गलत और असत्य धर्मज्ञान के पीछे छिपे हुवे हैं। परमेश्वर उनकी कोई भी मदद नहीं कर सकता। वे परमेश्वर के वचन के बजाय केवल अपने धर्मज्ञान में विश्वास करते हैं, ये पाखंडी और पापी हैं जिनका गंतव्य नरक हैं। यह कैसी दुःखद स्थिति है कि ऐसे लोग बहुत सारे हैं।
 
 
पाखंडी केवल पैसे में रूचि लेते हैं
 
पाखंडी याजकों का उद्देश्य क्या है?
अपने अनुयायियों से हर हाल में, अधिक से अधिक धन ऐंठना।

पाखंडी और झूठे याजक केवल रूपये-पैसों में ध्यान देते हैं। वे धनलोलुप होते हैं। “यह व्यक्ति यदि मेरे चर्च में आयेगा तो कितना अधिक धन देगा।ʼʼ वे उसके चंदे देने के विषय में सोचते हैं। यह ठीक सोने के बछड़े की आराधना करने जैसा है। “प्रभु कृपया मुझे सफल होने दीजिए, मुझे अधिक धन कमाने दीजिए।ʼʼ झूठे याजक लोगों को इसी प्रकार की प्रार्थना करना सिखाते हैं। 
वे कहते हैं, “यदि आप यीशु में विश्वास करें, तो आप अपार धन पाएंगे, बाँझ होने के बावजूद भी आप बच्चे को जन्म देंगे, तभी आप संतुष्ट होंगे और अपने व्यवसाय में अवश्य सफल होंगे।ʼʼ 
बहुत से लोग झूठे याजकों के द्वारा बहका दिये जाते हैं और वे उनसे धन ऐंठते हैं और मुसीबतों के साथ नरक में जाते हैं। यह कितना अन्यायपूर्ण है! यदि जो कोई भी पाखंडी के गिरफ्त में आ जाता है, जब वह अपने होश में आता है तब वह यह जानकर आश्चर्यचकित हो जाता है कि उसने कितनी अधिक रकम ठगी करनेवालों को चंदे में दे दी है। वह अपनी उक्त मूर्खता के लिए स्वयं को धिक्कारता है कि वह उनके लिए इतना कठिन परिश्रम करता रहा है।
पाखंडी विशेषकर उत्साही कार्य करने वाले होते हैं जिसको वे खरा धर्म मानते हैं। उनके विश्वासी अपने को भोर की प्रार्थना, पहाड़ की प्रार्थना, विशेष दान, साप्ताहिक भेंट के लिए समर्पित करते हैं। अपने विश्वासियों से धन लेने के लिए उनके पास अनेक कारण होते हैं।
उनके विश्वासी कठिन परिश्रम करते हैं, परंतु उनके हृदय में अभी भी पाप है। कोई भी उन्हें पानी और आत्मा का सुसमाचार नहीं सिखाता। कुछ इसके बारे में पूछते हैं, परंतु कभी भी उन्हें एकदम सीधा उत्तर नहीं मिलता। कोई भी जिसका पानी और आत्मा से नया जन्म नहीं हुआ है, एक पाखंडी है। 
 
 
दयनीय पाखंडी और उनके अनुयायी
 
इस संसार में सबसे दयनीय कौन है?
वे जो पानी और आत्मा से नया जन्म पाए बिना सेवकाई करते है
 
“हे दयनीय पाखंडी! पहले तुम अपने छुटकारे का कार्य करो!” गलत विश्वास का सबसे महत्वपूर्ण चिन्ह यारोबाम के सोने के बछड़े की आराधना करना है। पुराने नियम में पाखंडियों ने जो पहला कार्य किया, वह था मंदिर बनाना और उन्हें सोने के बछड़ों से भर देना (१ राजा १२:२५-३३)।
इन दिनों, वे बड़ी भव्य कलीसिया बनाते हैं और अपने अनुयायियों से धन वसूलते हैं। वे अपने विश्वासियों को बैंक लोन के दान से भव्य चर्च निर्माण की बात कहते हैं। वे मण्डली के लोगों की भावनाओं को उकसाते और दान पात्रों को उनके चारों तरफ घुमाते हैं। न चाह कर भी दान पात्र में रूपया-पैसा, सोने की अंगुठियाँ, सोने की घड़ियाँ डालते हैं। पाखंडी इसी तरह से कार्य करते हैं। आज यही सब प्रत्येक पाखंडी कालीसियाओं में हो रहा है। 
बाहरी तौर पर वे आत्मिक चीजों के विषय में रूचि लेते प्रतीत होते हैं, परंतु वास्तव में उन्हें केवल धन में ही रूचि होती है। मेरी सलाह है, ऐसी कलीसियाओं से दूर रहिये जिन्हें केवल धन की चिंता है। कृपया उस चर्च में न जाएं जहाँ केवल अमीरों से अच्छा व्यवहार किया जाता है। कलीसिया में मण्डली की भेंट की राशि को बताना गलत है, क्योंकि वे ऐसा ज्यादा धन की आशा से करते हैं। 
पाखंडी अपने विश्वासियों को लुभावने शब्दों में कहते हैं : 
“यदि आप यीशु में विश्वास करते हैं, तो आप अवश्य आशीषित होंगे”।
“परमेश्वर के कार्यों के लिए अपने आपको समर्पित कीजिए, जितना अधिक आप देंगे उतना ही अधिक आप आशीषित होंगे”।
“यदि आप प्राचीन के जैसे सेवा करेंगे, तो आप सांसारिक रीति से धन्य होंगे”। 
फलस्वरूप उनके विश्वासी प्राचीन होने के लिए एक दूसरे से झगड़ा करते हैं। यदि वहाँ किसी तरह की सहायता नहीं मिलती है, तो कौन प्राचीन बनकर सेवा करना चाहेगा? जबकि प्राचीन आर्थिक रूप से कुछ पाने की चाह रखते हैं। 
क्या इनका कोई चुनावी आधार होता है, कैसे वे गहराई से संप्रदाय के सिद्धान्तों में विश्वास करते हैं, वे कैसे समाज में महत्वपूर्ण हैं, और वे चर्च में कितना ज्यादा दान दे सकते हैं? यह सत्य है। 
पाखंडी केवल धन की सोचता है। वे भव्य चर्च बनाने में रूचि लेते हैं। उनके अनुयायी चाहे अधिक से अधिक क्यों न देते हों, चाहे वे नरक में ही क्यों न जा रहे हैं, इसकी चिंता वे नहीं करते।
पाखंडी वे हैं जो भोजन के लिए कार्य करते हैं। वे अपने लोगों को विशिष्ट धार्मिक उपाधि या पदवी देकर जाल में फांसते हैं। वे अपने विश्वासियों के लिए बेमतलब की उपाधि जारी करते हैं (यहेजकेल १३:१७-१९)। इसका मतलब है, उन्हें अपने चर्च में जोड़े रखना और चर्च की सम्पत्ति को बढ़ाना है। पाखंडी कभी भी पानी और आत्मा के सुसमाचार का प्रचार नहीं करता है। वह केवल अपने आप को मजबूत करने की कोशिश करता है। 
यहाँ तक जो कुछ महिनों के लिए चर्च में उपस्थित होते हैं, उसे भी वे डीकन बना सकते हैं। साथ ही जो धर्मसिद्धांत के अच्छे जानकार और मजबूत आर्थिक पृष्ठभूमि के होते हैं, उन्हें एल्डर के उच्च पद पर पहुँचा देते हैं। यह सब यारोबाम के पाप की एक दुर्भाग्यपूर्ण परम्परा है जो परमेश्वर के स्थान पर सोने का बछड़ा स्थापित करते हैं। 
पाखंडी सोने के बछड़े की आराधना करता है। वे लोगों को नया जन्म लेने में मदद नहीं करते। वे केवल अपने अनुयायियों से सांसारिक आशीषों की प्रतिज्ञाओं का प्रलोभन देकर केवल धन लेते हैं। उन्हें अपने अनुयायियों और कलीसिया की कोई परवाह नहीं होती, चाहे वे नरक जाएं, किन्तु उनके चर्च का आर्थिक आधार ठीक रहना चाहिए। 
 
 
पाखंडी के उपदेश में दृढ़ विश्वास की कमी होती है 
 
पाखंडी इस प्रकार से बार-बार कहते हैं, “संभवतः” या “हो सकता है” क्योंकि जब वे ऐसा कहते हैं, तब उनमें पक्के विश्वास की कमी होती है। उनका परमेश्वर के वचन में विश्वास नहीं होता और वे जो प्रचार करते हैं उसमें भी उन्हें पूर्ण विश्वास नहीं होता है। उनके विश्वास का तरीका परमेश्वर के वचन में विश्वास के साथ मेल नहीं खाता। वे कहते हैं “ऐसा कहा जाता है कि . . .” वे कभी भी स्पष्ट और विश्वास के साथ नहीं बोलते। यह अच्छा होगा यदि वे अपने अनुयायियों को झूठी शिक्षा देने के बजाए कुछ भी ना सिखाए। 
पाखंडी अपने अनुयायियों को पानी और आत्मा से जन्म लेने में अगुवाई नहीं कर सकता। इस प्रकार वे बहुत से लोगों को केवल नरक में डालते हैं। 
 
 
पाखंडी झूठे भविष्यवक्ताओं की भूमिका अदा करते हैं 
 
पवित्रात्मा के विरूद्ध निंदा के बराबर क्या है?
इसे पापी के तौर पर जीना जो यीशु के बपतिस्मा पर विश्वास नहीं करता लेकिन यीशु पर विश्वास करता है

मत्ती अध्याय ७ हमें ऐसे लोगों के बारे में कहता हैं जो यीशु पर विश्वास करते हैं, और अंत में नरक में जाते हैं। पाखंडी लोग अंत के दिन परमेश्वर के सामने अपने बचाव में अपना पक्ष रखेंगे। जैसा कि बाइबल में लिखा गया है, “उस दिन बहुत से लोग मुझ से कहेंगे, ’हे प्रभु, हे प्रभु, क्या हम ने तेरे नाम से भविष्यद्वाणी नहीं की, और तेरे नाम से दुष्टात्माओं को नहीं निकाला, और तेरे नाम से बहुत से आश्चर्यकर्म नहीं किए?’ तब मैं उनसे खुलकर कह दूँगा, ‘मैंने तुम को कभी नहीं जाना। हे कुकर्म करनेवालो, मेरे पास से चले जाओ” (मत्ती ७:२२-२३)। 
वे विश्वास नहीं करते कि यीशु ने मनुष्यों के सारे पापों को धो दिया है। वे पानी और आत्मा के सुसमाचार में विश्वास नहीं करते हैं। 
वे व्यवस्था के विरूद्ध कार्य करते हैं। इसका क्या मतलब है? इसका मतलब है कि वे लोगों को यीशु में विश्वास करने को कहते हैं जबकि उनके हृदयों में पाप है। आप आश्यर्च करेंगे इसमें क्या गलत बात है, परंतु परमेश्वर के विरूद्ध यह एक गम्भीर पाप है। 
जब एक पापी दूसरे लोगों को यीशु में विश्वास करने की अनिवार्यता का प्रचार करता है, तो वह उन्हें नया जन्म लेने में उनकी अगुवाई नहीं कर सकता क्योंकि वह स्वयं पानी और आत्मा से नया जन्म पाया हुआ नहीं है। इसलिए पाखंडी केवल पापी ही उत्पन्न करते हैं जो यीशु में विश्वास करते हैं। यह व्यवस्था विहिन कार्य आत्मा के विरूद्ध एक पाप है। 
पाखंडी परमेश्वर के वचन में न तो विश्वास करते हैं, न ही सुसमाचार में लिखे अनुसार प्रचार करते हैं। वे केवल अपने अनुयायियों से धन ऐंठते हैं। वे दूसरों की अगुवाई करने की कोशिश करते हैं जबकि उन्होंने स्वयं नया जन्म नहीं पाया है। इस तरह से, वे व्यवस्था विहिन कार्य करते हैं।
 
 
पाखंडी हैं धर्मियों की नकल करते हैं
 
हम कैसे नया जन्म पाए हुए और न पाए हुए के बिच अन्तर कर सकते है?
उनके अन्दर पाप है या नहीं ये जानने के द्वारा हम अन्तर कर सकते है।

जो पापी हैं, वे कहते हैं कि झूठे प्रचारकों से भ्रमित मत होना। उन्हें अपना धन नहीं देना, अपनी मेहनत की कमाई उन पापियों को नहीं देना। 
जो तुम्हारी पापों से बचाने में कोई सहायता नहीं कर सकते, तुम उन प्रचारकों को अपना धन क्यों देते हो? यदि आप अपना धन चर्च में देना चाहते हैं, तो थोड़ा रूकिये जब तक कि आपके पापों को पानी और आत्मा के सुसमाचार से मिटा न दिया जाये। 
ठीक जैसा यहाँ कला में नकल करना है, जीवन में भी ऐसा ही होता है। यहाँ उदाहरण के लिए झूठे धर्म जो कि हृदय के सब पापों को धो नहीं सकते। आप झूठे धर्म की पहचान कैसे करेंगे? कुछ चीजें जो बाहर से वास्तविक लगती हैं, परंतु वास्तव में वह सही चीज से ठीक विपरित होती हैं, नकल करना है। 
आप स्वयं में निर्णय किजिए कि कौन सच्चा धर्मोपदेशक है? पाखंडी कौन हैं? रूढ़िवादी विश्वास क्या है? रूढ़िवादी लोग यीशु में और उसके छुटकारे की सामर्थ में विश्वास करना है। उनके हृदयों में कोई पाप नही है। परंतु पाखंडियों के हृदयों में पाप है। 
क्या सब लोग इसी के जैसे पाखंडी हैं? शायद यह अच्छा हो। जो भी हो, आइये बाइबल की ओर वापस लौटें। जो कोई यीशु में विश्वास करता है और जिसने नया जन्मा नहीं पाया है, वह एक पाखंडी है। यह स्पष्ट है कि वह नया जन्म पाया हुआ एक रूढ़िवादी है। इसलिए, जिसका नया जन्म नहीं हुआ है, वे पाखंडी हैं। पाखंडी वे हैं जो यीशु में विश्वास करते हैं, परंतु उनके हृदयों में अभी भी पाप है। 
पाखंडी लोग धर्मी की नकल करते हैं। वे जानते हैं कि पवित्रीकरण यीशु में विश्वास करने से होता है, परंतु दुर्भाग्यवश उनके हृदय में अभी भी पाप है। वे अपने आप को पापी मानते हैं। वे दावा करते है कि वे अवश्य स्वर्ग जायेंगे, और कहते हैं वे परमेश्वर की आराधना करते हैं। वे जोर से चिल्लाते हैं कि वे धर्मी हैं, परंतु हम ऐसा करने वालों के द्वारा भ्रमित न हों।
 
 

परमेश्वर का न्याय पाखंडी की प्रतिक्षा में है 

 
क्यों पवित्र सुसमाचार बदल दिया गया ?
क्योंकि झूठे याजक और पाखंडियों ने लोगों के गलत मतों को पवित्र सुसमाचार के साथ मिला दिया।

“इस कारण प्रभु सेनाओं का यहोवा, इस्राएल के शक्तिमान की यह वाणी है: सुनो, मैं अपने शत्रुओं को दूर करके शांन्ति पाऊँगा, और अपने बैरियों से पलटा लूँगा। मैं तुम पर हाथ बढ़ाकर तुम्हारा धातु का मैल पूरी रीति से भस्म करूँगा, और तुम्हारी मिलावट पूरी रीति से दूर करूँगा। मैं तुम में पहले के समान न्यायी और आदि काल के समान मन्त्री फिर नियुक्त करूँगा। उसके बाद तू धर्मपुरी और विश्वासयोग्य नगरी कहलाएगी। सिय्योन न्याय के द्वारा, और जो उसमें फिरेंगे वे धर्म के द्वारा छुड़ा लिये जाएँगे। परन्तु बलवाइयों और पापियों का एक संग नाश होगा, और जिन्होंने यहोवा को त्यागा है, उनका अन्त हो जाएगा। क्योंकि जिस बांज वृक्षों से तुम प्रीति रखते थे, उन से वे लज्जित होंगे, और जिन बारियों से तुम प्रसन्न रहते थे, उनके कारण तुम्हारे मुँह काले होंगे। क्योंकि तुम पत्ते मुर्झाए हुए बांजवृक्ष के, और बिना पानी की बारी के समान हो जाओग। बलवान तो सन और उसका काम चिंगारी बनेगा, और दोनों एक साथ जलेंगे, और कोई बुझानेवाला न होगा” (यशायाह १:२४-३१)। 
परमेश्वर हमें कहता है कि यदि हम मनुष्यों पर भरोसा करेंगे, तो हम मनुष्यों के कारण लज्जित होंगे। वह हमसे कहता है कि हम कलीसिया के कारण शर्मसार हैं जिसे हमने अपने लिए चुना है, और यह लज्जा की बात उस पेड़ के मुर्झाए पत्ते के समान है जहाँ बगीचे में पानी ही न हो। 
वह हमसे कहता है कि झूठे याजक और उनके विश्वासी जो परमेश्वर के वचन में विश्वास करने की अपेक्षा मानवीय दृष्टिकोण पर विश्वास करते हैं, वे सन होंगे और उनके कार्य चिंगारी के जैसे होंगे। दोनों नरक में जलेंगे। झूठे प्रचारक और पाखंडी जिनका उद्धार नहीं हुआ है पापी के जैसे हैं। और धार्मिकता के शत्रुओं का परमेश्वर की आग के साथ न्याय किया जायेगा। 
कलीसियाएं जो केवल धर्मविज्ञान से बनी हैं, वे बाहर से भव्य दिखाई देती हैं, परंतु अन्दर से वे खोखली हैं। कोई भी कलीसिया जो परमेश्वर के वचनों पर विश्वास एवं पानी और आत्मा से नया जन्म लेने के सुसमाचार पर स्थापित नहीं है, वे एक ऐसे बगीचे के समान हैं जहाँ पानी नहीं है।
यह एक पेड़ हो सकता है, परंतु एक मृत वृक्ष की तरह है जो फल देने में असमर्थ है। एक कुँआ जिसमें पानी न हो, वो कुँआ नहीं है।
“बलवान तो सन और उसका काम चिंगारी बनेगा, और दोनों एक साथ जलेंगे, और कोई बुझानेवाला न होगा”। जिनके पास आत्मा नहीं है वे दूसरों से शक्तिशाली दिखाई देते हैं, परंतु परमेश्वर की नज़रों में, वे सन के रेशे के समान नरक की आग में जा रहे हैं। 
प्रभु कहते हैं “हे पहरूए रात का क्या समाचार है?” (यशायाह २१:११) धर्मी के पास अनंत जीवन है वह पानी और आत्मा का सुसमाचार रात के अंधकार में प्रचार करेगा। 
परमेश्वर प्रकाश है और शैतान अंधकार है। परमेश्वर लोगों को धार्मिकता की ओर ले जाता है और शैतान घोर अव्यवस्था के झूठे मंदिरों और झूठे धर्मविज्ञान की ओर ले चलता है। 
यशायाह भविष्यवक्ता के समय में, लोगों का विश्वास अव्यवस्थित था जैसा कि आज भी है। उन्होंने परमेश्वर के वचनों में धर्म सिद्धांतों और संसार के मानवीय विचारों की मिलावट कर दी है। उन्होंने इस्राएल के लोगों का मनुष्यों की बनाई अव्यवस्थित बातों से गलत नेतृत्व किया है। इसलिए परमेश्वर ने निर्णय लिया कि उन सब लोगों से अपना पीछा छुड़ा ले। 
“तुम्हारी मिलावट पूरी रीति से दूर करूँगा। मैं तुम में पहले के समान न्यायी और आदि काल के समान मन्त्री फिर नियुक्त करूँगा”। बलिदान जिन्हें परमेश्वर ने कभी भी स्वीकार नहीं किया मिलावट जैसे हैं, परमेश्वर की सच्चाई और मानव जाति के सिद्धान्तों की मिलावट। 
परमेश्वर मिलावट के चढ़ावे को कभी ग्रहण नहीं करता। वह मानवीय दृष्टि से शुद्धता दिखता है, परंतु यदि वे इनमें मानवीय त्रुटिपूर्ण विश्वास मतों की अशुद्धता को मिला देते हैं, तो यह परमेश्वर को ग्रहणयोग्य नहीं होता। 
परमेश्वर इस्राएल के लोगों को फटकारता है, विशेषकर पाखंडियों, झूठे प्रचारकों और पापियों को। 
यदि हम निर्गमन या गिनती की पुस्तक पढ़ें, तो हम देख सकते हैं कि पहले से परमेश्वर ने उन्हें नहीं डाँटा। परमेश्वर ने इस्राएली प्रजा की सहायता की और उन पर विशेष आशीष प्रदान की। लेकिन यहोशू की मृत्यु के पश्चात्, न्यायियों से, इस्राएल के लोग घुसपैठ करने लगे। 
हालाँकि, उन्होंने अपना मार्ग चुना। उसी समय परमेश्वर ने यिर्मयाह भविष्यवक्ता को भेजा और इस्राएल से कहा, बेबीलोन को आत्मसमर्पण कर दो। 
यिर्मयाह ने लोगों से कहा, बेबीलोन से लड़ाई खत्म कर आत्मसमर्पण करो। इसका आत्मिक अर्थ है, यह उस सच्चाई का प्रतीक है जिसे धर्मी उन पाखंडियों को जो पाखंड का पालन करते हैं, उनसे कहते हैं कि पानी और आत्मा के सुसमाचार के लिए आत्मसमर्पण करो। 
 
 
परमेश्वर पाखंडियों की निंदा करेगा
 
क्यों परमेश्वर पाखंडियों की निंदा करेगा?
क्योंकि वे परमेश्वर के बजाए मूर्तियों की सेवा करते हैं।

क्यों परमेश्वर के दास इस्राएल के लोगों को फटकारते हैं? क्योंकि वे बलि प्रथा को बदल देते हैं, साधारण लोगों को याजक बना देते हैं, और बलिदान की तिथि को बदल देते हैं। 
वे प्रायश्चित के दिन को सातवें महिने के दसवें दिन से बदलकर आठवें महिने का पाँचवा दिन और लेवीय वंश से बाहर के लोगों को याजक नियुक्त करते हैं। वे इस प्रकार नया जन्म लेने के मार्ग में अवरोध डालते हैं। 
परमेश्वर झूठे प्रचारकों को फटकार लगाते हैं। जो कोई परमेश्वर के सम्मुख सोने के बछड़ों की सेवा करते हैं, वे पाखंडी याजक हैं।
वास्तव में, परमेश्वर मूर्तिपूजा के लिए उन्हें नहीं फटकारता? क्या आप और मैंने मूर्तिपूजा को कभी नहीं किया? बार-बार हम पाप करते हैं, परंतु हम हमारी अनियमित्ताओं को कब्र में जाने तक नहीं मानते हैं क्योंकि केवल पापों के लिए हम परमेश्वर के अनुग्रह में पाये जाते हैं। परंतु परमेश्वर के स्थान पर सोने के बछड़े को परमेश्वर कभी माफ़ नहीं कर सकता। और इसी प्रकार बलि प्रथा के लिए और साधारण लोगों को याजकीय पद के लिए नियुक्त किया जाता है। 
यह कैसा भयानक पाप है! ये पापों की कब्र है। जो परमेश्वर को सोने के बछड़े में बदलते हैं उनकी क्षमा कैसे हो सकती है। यह बाइबल में लिखा गया है कि यह यरोबाम का पाप है जो परमेश्वर का क्रोध लाया था। 
जैसा कि पुराने नियम में परमेश्वर ने अपने क्रोध को दिखाया, जो उसके विरूद्ध थे उनका उसने नाश किया। परमेश्वर इस्राएल से कहता है कि जो सोने के बछड़े की आराधना करने से दूर नहीं होते, उन्हें वह शाप देगा । 
 
 
पाखंडी व्यवस्था के विरूद्ध बलिदानों को चढ़ाते हैं
 
हमें परमेश्वर की सेवा करने से पहले क्या करना चाहिए?
हमारे सारे पापों को धोना चाहिए।

इस्राएल के राजा और पाखंडी याजक परमेश्वर के विरूद्ध हो गये और उन्होंने बलि प्रथा की उपेक्षा करनेवाले याजकों को नियुक्त कर दिये। यरोबाम, एक विकृत दिमागवाला राजा था। उसने जो लेवीय घराने के नहीं थे, उनका याजकीय पद के रूप में अभिषेक किया। 
केवल वे ही जो लेवीय घराने से होते थे, याजक हो सकते थे और मिलापवाले तम्बू में कार्य करते थे। बिल्कुल ठीक, याजक हारून के घराने से ही होते थे। यह परमेश्वर की अनन्त व्यवस्था था। परंतु यरोबाम ने लेवीय घराने के बाहर से याजक बनाये और उन्हें सोने के बछड़े को बलि चढ़ाने को कहा। हमें जानना चाहिए की यह कैसे परमेश्वर के क्रोध को लाया। 
आज भी जिनका नया जन्म नहीं हुआ है, वे कलीसिया में सेवक, प्राचीन और डीकन बन सकते है हैं। यह परमेश्वर के नियम के विरूद्ध है और परमेश्वर के क्रोध को आमंत्रित करते हैं। क्या परमेश्वर दोषपूर्ण बलिदानों से प्रसन्न होता है? पाखंडी अपने सोने के बछड़े को नष्ट करें और परमेश्वर के पास लौटें और नया जन्म लें। 
 
यशायाह १:१०-१७ कहता है, “हे सदोम के न्यायियों, यहोवा का वचन सुनो! हे अमोरा की प्रजा, हमारे परमेश्वर की शिक्षा पर कान लगा! यहोवा यह कहता है, ‘‘मैं तुम्हारे बहुत से मेलबलियों से और पाले हुए पशुओं की चर्बी से अघा गया हूँ; मैं बछड़ों या भेड़ के बच्चों या बकरों के लहू से प्रसन्न नहीं होता।” ‘‘तुम जब अपने मुँह मुझे दिखाने के लिये आते हो, तब यह कौन चाहता है कि तुम मेरे आँगनों को पाँव से रौंदो? व्यर्थ अन्नबलि फिर मत लाओ; धूप से मुझे घृणा है। नये चाँद और विश्रामदिन का मानना, और सभाओं का प्रचार करना, यह मुझे बुरा लगता है। महासभा के साथ ही साथ अनर्थ काम करना मुझ से सहा नहीं जाता। तुम्हारे नये चाँदों और नियत पर्वों के मानने से मैं जी से बैर रखता हूँ; वे सब मुझे बोझ जान पड़ते हैं, मैं उनको सहते सहते उकता गया हूँ। जब तुम मेरी ओर हाथ फैलाओ, तब मैं तुम से मुख फेर लूँगा; तुम कितनी भी प्रार्थना क्यों न करो, तौभी मैं तुम्हारी न सुनूँगा; क्योंकि तुम्हारे हाथ खून से भरे हैं। अपने को धोकर पवित्र करो; मेरी आँखों के सामने से अपने बुरे कामों को दूर करो; भविष्य में बुराई करना छोड़ दो, भलाई करना सीखो; यत्न करो, उपद्रवी को सुधारो; अनाथ का न्याय चुकाओ, विधवा का मुकद्मा लड़ो।”
यदि हम इस अंश को ध्यानपूर्वक पढ़ें, तो हम देखते हैं कि इस्राएल के धार्मिक अगुवे अत्यधिक धर्मनिष्ठ थे। इसके बावजूद उनकी गहरी धार्मिक आस्था, होने पर भी वे नाश हो गये क्योंकि उन्होंने अनुचित बलिदानों को चढ़ाया और परमेश्वर की व्यवस्था का उल्लंघन किया। 
हम देख सकते हैं कि उन्होंने बलिदानों को चढ़ाने के द्वारा न तो परमेश्वर की व्यवस्था का पालन किया, और न परमेश्वर के वचनो पर ध्यान दिया। ये अगुवे अत्यधिक धर्मनिष्ठ थे और वे परमेश्वर के सम्मुख अनगिनत बलियों को चढ़ाते थे। बाइबल कहती है कि मिलापवाले तम्बू के अन्दर खून नदी के समान बहता था। 
हालाँकि, जब परमेश्वर देखता था कि ये क्या कर रहे हैं, तब वह कहता है कि यह अमोरा के पाप के जैसा था। परमेश्वर ने देखा कि उसके सामने वे बलियां चढ़ा रहे हैं, परंतु वास्तव में, वे पाप कर रहे थे। उसने कहा, यह भला होता कि ये बलिदान ही न लाते। वह उनको प्राप्त नहीं करना चाहता था।
जैसा कि वे सोने के बछड़े के सामने बलिदानों को चढ़ाते थे, परमेश्वर उनके पापो को क्षमा नहीं करता था। परमेश्वर इससे घृणा करता था। वह इसे और नहीं सह सकता था। उसने उनसे कहा कि वे उसी के अनुसार बलिदान चढ़ाएं जैसी मैंने आज्ञा दी है। यदि नहीं कर सकते तो उनके लिए अच्छा होगा की वे बलिदान ही न चढ़ाए। 
उनके बलिदान परमेश्वर को सही तरह से नहीं चढ़ाये जाते थे, और परिणाम स्वरूप याजक परमेश्वर के विरूद्ध पाप करते थे। आप जानते होंगे कि परमेश्वर के सामने बिना पापों को धोये उसकी सेवा और यह कार्य करना एक महापाप है। 
 
 
पाखंडी स्कूल शिक्षकों के जैसे हैं 
 
पाखंडी क्या सिखाते करते हैं?
वे नैतिकता सिखाते हैं, न कि कैसे नया जन्म पाएं।
 
पाखंडी बाहरी तौर पर पवित्र दिखते हैं। जब वे पुलपिट पर होते हैं, वे बड़े प्रभावशाली दिखाई देते हैं कि बहुत से लोग उनके बाहरी रूप से ठगे जाते हैं। वे स्वाभाविक आवाज से और लोगों को अच्छा बनने की चेतावनी भरे शब्दों के द्वारा हमेशा अपने उपदेश को समाप्त करते हैं। यह किस प्रकार का प्रवचन है? उनके प्रवचनों और स्कूल शिक्षक के पाठ के बीच क्या अंतर है? 
परमेश्वर की कलीसिया वह स्थान है जहाँ नया जन्म पाये हुए एकत्र होकर परमेश्वर की आराधना करते हैं। केवल इसी प्रकार की कलीसिया ही सच्ची कलीसिया है। परमेश्वर की सच्ची कलीसिया यह सिखाने की कोशिश नहीं करती कि परमेश्वर के सामने कैसे आचारण करना है। सच्ची कलीसिया का प्रचारक पानी और आत्मा के सुसमाचार का प्रचार करते हैं। आप कितने भी अशक्त क्यों न हो, लेकिन परमेश्वर ने आपके पापों को धो दिया है। 
पाखंडी प्रचारक अपने विश्वासियों से कहते हैं, यह करो, और वह करो”, भारी बोझ उन पर रखते हैं, परंतु वे स्वयं छोटे से तिनके को उंगली से उठाना नहीं चाहते। 
एक पाखंडी प्रचारक अपने बच्चों के लिए कीमती वायलिन खरीद कर देते हैं और पढ़ाई के लिए बच्चों को विदेश भेजते हैं। कैसे एक याजक इतना खर्च उठा सकता है? कहाँ से उसने धन पाया? यदि उसके पास इस प्रकार का धन है, तो क्या वह सुसमाचार प्रचार में उसे खर्च नहीं करेगा? क्या एक प्रचारक मंहगी कार चलाएगा? क्या वह अपनी मर्यादा के अनुरूप लक्ज़री कार मे सवारी करेगा? एक धर्म प्रचारक जो कीमती कार चलाता है वह चोर है। जब उनके विश्वासी लोग एक साधारण कार भी खरीद नहीं पाते, यह उनके लिए कैसे सही है कि उनके पास डिलक्स मॉडल की कार हो? हम एक पाखंडी प्रचारक को उनके कार्यों से देखते हैं। 
पाखंडी प्रचारक बड़ी मोटी रकम की बात कहता है। कुछ कलीसियाओं में प्रचारक को १०,००० डॉलर से अधिक प्रतिमाह वेतन देते हैं। और यह केवल औपचारिक देते हैं। उन्हे शिक्षण शुल्क, किताबों के लिए शुल्क, बच्चों की देखभाल शुल्क, कुछ लोगों से मुलाकात करने का शुल्क भी प्रदान किया जाता है और अब भी, कुछ शिकायत करते हैं कि उन्हें ज्यादा नहीं दिया जाता।
वे १०,००० डॉलर महिना पाते हैं फिर भी ज्यादा पैसे के लिए कहेंगे। क्या १०,००० डालर कम वेतन होता है? एक प्रचारक को पानी और आत्मा के सुसमाचार के प्रचार से जो आमदनी होती है उसी में संतुष्ट रहना चाहिए। 
एक सच्चा प्रचारक परमेश्वर से सांत्वना और शांति को प्राप्त करता है, परंतु एक पाखंडी प्रचारक वास्तव में उनके पास ये सब नहीं होता। इस प्रकार के प्रचारक वास्तव में सोने के बछड़े की आराधना करते हैं। 
परमेश्वर की कलीसिया को कभी-कभी सिय्योन भी कहा जाता है। सिय्योन की जैसी यहाँ कोई भी खुबसूरत कलीसिया नहीं है। परमेश्वर की कलीसिया वह स्थान है जहाँ पानी और आत्मा के सुसमाचार का प्रचार किया जाता है। 
यशायाह १:२१ कहता है, “जो नगरी सती-साध्वी थी, वह कैसे व्यभिचारिन हो गई! वह न्याय से भरी थी और उसमें धर्म पाया जाता था, परन्तु अब उसमें हत्यारे ही पाए जाते हैं।’ यशायाह परमेश्वर की कलीसिया की विवेचना करते हुए कहता है, ‘वह न्याय-प्रिय थी”।
परमेश्वर ही सही और न्याय प्रिय है। क्योंकि हम अधूरे हैं, क्योंकि हम हम आदम की संतान हैं और पाप से जन्मे हैं इसलिए यीशु इस संसार में हमारे पापों को पानी और आत्मा से धोने आया। 
पुराने नियम में, जब लोग जानने लगे कि वे अपूर्ण हैं, तब वे परमेश्वर के पास आए और उन्होंने बलिदान चढ़ाये। “मैनें इस-इस प्रकार गलत कार्य किया है। मैं दोषी था”। तब उनके प्रतिदिन के पापों से क्षमा होती थी, और प्रायश्चित के दिन भी वर्ष में एक बार अपने पापों से वे प्रायश्चित पाते थे। 
ठीक इसी प्रकार से, नए नियम में यीशु मसीह इस जगत में आये और उन्होंने मनुष्यजाति के सारे पापों को एक ही बार में धोने के लिए बपतिस्मा लिया और क्रूस पर चढ़ाये गये। 
परंतु नए साल की आराधना में, बहुत से लोग रोते और पश्चात्ताप करते, “हे परमेश्वर, कृपया बीते वर्ष जो पाप मैंने किए हैं, उन्हें क्षमा करें और नए साल में मुझे आशीषित करें”। ये सब पाखंडी लोग हैं जो ऐसा करते हैं। 
तब क्या, यह पानी और आत्मा से नया जन्म लेने की सच्चाई है? २००० साल पहले यीशु इस संसार में आये सारे मनुष्यजाति के पापों को एक ही बार में हमेशा के लिए धो दिया। और इस प्रकार से हमें संसार के सारे पापों से पानी और लोहू के साथ हमेशा के लिए बचा लिया। परंतु फिर भी हम प्रतिदिन के पापों की क्षमा के लिए कहते हैं, तो वह हमसे क्या कहेगा? 
“जो नगरी सती-साध्वी थी, वह कैसे व्यभिचारिन हो गई! वह न्याय से भरी थी और उसमें धर्म पाया जाता था, परन्तु अब उसमें हत्यारे ही पाए जाते हैं”। जो कोई अपने आप को पापी कहता है, वह एक पाखंडी है। 
 
 
पाखंडी याजक पानी और आत्मा से नया जन्म पाने के सुसमाचार का प्रचार नहीं कर सकता।
 
क्या परमेश्वर पापी की प्रार्थनाओं को सुनता है?
नहीं! वह नहीं सुनता क्योंकि उनके पापों ने परमेश्वर से उन्हें अलग कर दिया है।

हमारा परमेश्वर उन्हें बुलाता है जो उस पर विश्वास करते हैं, और उसे हत्यारों को क्षमा करने को कहते हैं। जब वे क्षमा के लिए कहते हैं और फिर भी उन्हें पापी कहते हैं, क्या वे अपेक्षा करते हैं कि यीशु वापस आकर उनके पापों के लिए फिर दूसरी बार मरे? यीशु का बपतिस्मा और उसका क्रूस उद्धार की वास्तविकता है। 
१ पतरस ३:२१ में, यह कहा गया है कि यह पानी उस बपतिस्मा का प्रतीक है जिससे अब तुम्हारा उद्धार होता है अर्थात् यीशु का बपतिस्मा हमारे उद्धार का प्रतीक है। यीशु मसीह मनुष्यजाति के पापों के लिए एक ही बार मरे। उन्होंने मनुष्यजाति के सारे पापों को हमेशा के लिए धो दिया और तीन दिनों के बाद जी उठे। अब वे परमेश्वर पिता के दाहिने हाथ जा बैठे हैं। 
यीशु मसीह ने एक बार बपतिस्मा लिया, एक ही बार हमेशा के पापों से हमें बचाने के लिये क्रूस पर मरे। जब वह तिस वर्ष का था तब उसने यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले के द्वारा बपतिस्मा लिया। संसार के सारे पापों से हमे बचाने के लिए वह एक ही बार मारा गया। इसका अर्थ यह नहीं कि न्याय हर समय किया जाएगा? 
यदि पाखंडी कहता है कि वह पापी है, तो वे कह रहे हैं कि वह दूसरी बार आकर और फिर से क्रूस पर बलिदान हो। वास्तव में वे बार-बार ऐसा काम करते हैं, इसलिए हर समय क्षमा के लिए पुकारते रहते हैं। 
वे जो अपने हृदय में पानी और आत्मा के सुसमाचार में विश्वास करते हैं, वे हमेशा के लिए पाप से बच जाते हैं और धर्मी होकर स्वर्ग में जाकर परमेश्वर की आशीष प्राप्त करते हैं और अनंतकाल का जीवन पाते हैं। जो कोई भी धर्मी से मिलता है वह पानी और आत्मा के द्वारा बचाया जाता है और परमेश्वर का एक आशीषित जन बनता है। जो कोई भी उद्धार की धार्मिकता की गवाही देता है, वह परमेश्वर के सम्मुख धन्य है। 
आइये यशायाह १:१८-२० पढ़े, “प्रभु यह कहता है, आओ, हम आपस में वाद-विवाद करें: तुम्हारे पाप चाहे लाल रंग के हों, तौभी वे हिम के समान उजले हो जाएँगे; चाहे अर्गवानी रंग के हों, तौभी वे ऊन के समान श्वेत हो जाएँगे। यदि तुम आज्ञाकारी होकर मेरी मानो, तो इस देश के उत्तम-उत्तम पदार्थ खाओगे; और यदि तुम न मानो और बलवा करो, तो तलवार से मारे जाओगे”।
परमेश्वर हमसे कह रहा है कि यदि हम पानी और आत्मा के सुसमाचार के प्रति आज्ञाकारी हैं, तो उस भूमि के सर्वोत्तम फल खाएंगे, परतु यदि हम इसका उल्लंघन और विद्रोह करेंगे, तो तलवार से मारे जाएंगे। 
हमारा परमेश्वर कहता है, “अब आओ, हम अपना वाद-विवाद हल कर लें। क्या आप अपर्याप्त हैं? क्या आप अधर्मी हैं? क्या आप स्वयं से अत्यधिक प्रेम करते हैं? या आज्ञाओं के अनुसार जीवन व्यतीत नहीं कर सकते हैं? क्या आप व्यवस्था के निर्देश का पालन नहीं कर सकते हैं? आप जानते तो हैं, परंतु आचरण नहीं करते हैं? तब, मेरे पास आओ। भले ही तुम्हारे पाप लाल रंग के हैं, वे हिम के समान सफेद हो जाएंगे; चाहे वे लाल रंग के क्यों न हों, वे ऊन के समान श्वेत हो जाएंगे”। इसका अर्थ है कि परमेश्वर ईमानदारी से पापियों को बचाता है और उन्हे धर्मी बनाता है। 
जब परमेश्वर ने आदम और हव्वा को बनाया, वहाँ पाप नहीं था। परंतु शैतान उस स्थल पर आता है। वह उन्हें परमेश्वर की आज्ञा का उल्लंघन करने के लिए बहकाता है और सारी मनुष्यजाति को पाप करने के द्वारा पापी बनाता है। शैतान का लक्ष्य है मनुष्यजाति का पतन। आरंभ में आदम और हव्वा परमेश्वर के सामने पापी नहीं थे। वे परमेश्वर के साथ अदन की वाटिका में रहते थे। लेकिन फिर वे पापी बन गये। इसलिए अब परमेश्वर हमें बुलाता है कि अब आओ हम आपस में अपने वाद-विवाद हल कर लें।
“आपने इस संसार में कितने पाप किये हैं? और आप कितने अधिक पाप मृत्यु के पहले करेंगे?”
“ओह; परमेश्वर! पाप न करना असंभव है। हम कभी पवित्र नहीं हो सकते, चाहे हम कितनी भी कोशिश करें”।
“अच्छा, तब तुमने अब तक कितने पाप किए हैं?”
“अच्छा, प्रभु, मैं प्रत्येक बातों को स्मरण नहीं कर सकता, परंतु कुछ ही मेरे दिमाग में हैं। आपको वह समय याद है? आप जानते हैं, मैं किसके बारे में बात कर रहा हूँ . . . और वहाँ पर दूसरे समय . . . आप जानते हैं . . .।”
तब परमेश्वर ने कहा, “इसलिए आगे बढ़ो और मुझसे कहो। क्या तुम उन सब के बारे में सोचते हो? क्या तुम जानते हो कि उनके पीछे कितने हैं? यद्यपि सारे पाप जो तुमने याद रखें हो, चाहे सारे पापों को आप भूल जायेगे, यहाँ तक कि भविष्य के वे सारे पाप जो आप करेंगे, मैंने इन सब पापों को हमेशा के लिए धो दिया है। केवल तुम्हारा ही नहीं, परंतु तुम्हारे बच्चों के बच्चों के भी, उसके नीचे तुम्हारे वंशजो के सारे पापों को। मैं धर्मी परमेश्वर हूँ। मैंने तुम्हारे पापों को धो दिया है, एक ही बार हमेशा के लिए।”
परमेश्वर, जिसने मानवजाति के समस्त पापों को आदम से लेकर पृथ्वी के अंतिम व्यक्ति तक के पापों को धो दिया है। वही अल्फा और ओमेगा है, आदि और अंत है। 
“मैं तुम्हारा छुड़ानेवाला, सर्व शक्तिमान ईश्वर हूँ।”
“मै यहोवा हूँ, दया करनेवाला परमेश्वर हूँ।”
“मैं जो भी दया के पात्र हैं, उन पर दया करता हूँ। और जो भी करूणा के पात्र हैं, उन पर करूणा करता हूँ।”
यदि हम उसकी दया के लिए कहते हैं और उसके विचारों के साथ हैं, तो हम उसकी करूणा को प्राप्त कर सकते हैं। हमारा पिता हम सबको आशीष देना चाहता है। वह चाहता है की हम सब धर्मी बन जाये। उसके प्रेम और करूणा से, वह हम सबको अपनी धर्मी संतान बनाना चाहता है। 
 
नया जन्म पाने के बाद परमेश्वर क्या चाहता है की हम करे?
वह हमसे चाहता है कि हम सारे संसार में सुसमाचार का प्रचार करें।

वह हमें हिम के समान श्वेत बनाना चाहता है। यीशु ने सारी दुनियां के सारे पापों को अपने बपतिस्मा और अपने लहू के द्वारा एक ही बार में धो दिया है। यदि एक चर्च सब विश्वासियों के पापी जीवन की समस्याओं का समाधान नहीं कर सकता है, तो वह परमेश्वर की सच्ची कलीसिया नहीं है। 
लोग याजकों के पास आकर पूछते हैं, “मैंने पाप कियाहै। मैं क्या करूं? मैं पछताया और अनेक बार पश्चात्ताप किया, परंतु पश्चात्ताप से मेरे पाप दूर नहीं होते। मैं और कहीं नहीं जा सकता। मैं नहीं सोच सकता कि मैं अपना धार्मिक जीवन जी सकता हूँ”। यदि एक याजक उस व्यक्ति को उसकी समस्याओं का सही उत्तर नहीं दे सकता, तो वह पाखंडी है। वह कह सकता है, यह आप पर निर्भर है, जाओ पहाड़ में जाकर प्रार्थना करो। चालीस दिन उपवास की कोशिश करो।
पाखंडी याजक और धार्मिक अगुवे अपवित्रता से भरे होते हैं, इसलिए वे पानी और आत्मा के सुसमाचार को नहीं जानते हैं। वे नहीं जानते हैं कि अंत में उनकी आत्मा नरक में जाएगी या स्वर्ग में जाएगी। 
ऐसे अगुवे परमेश्वर के समक्ष ठीक नहीं हैं। वे झूठे मसीही और पाखंडी हैं। बाहर से वे ऐसे दिखने की कोशिश करते है की वे यीशु में विश्वास करते है, परंतु उनके हृदय अब भी पाप से भरे हैं। उनके पापों को अभी तक धोया नहीं गया हैं। वे सारे पापों को धोनेवाले पानी और आत्मा के सुसमाचार का प्रचार नहीं करते हैं। आइये हम इनसे भ्रमित न हो। 
तीतुस ३:१०-११ पाखंडियों के लिए कहता है, “किसी पाखंडी को एक-दोबार समझा-बुझाकर उससे अलग रह, यह जानकर कि ऐसा मनुष्य भटक गया है, और अपने आप को दोषी ठहराकर पाप करता रहता है।’ क्योंकि वे यीशु में विश्वास करते हैं, परंतु उनका नया जन्म नहीं हुआ है, वे अपने आप को पापी ठहराते हैं। वे पानी और आत्मा के सुसमाचार की उपेक्षा करते और पैरो से रौंदते हैं, कहते हैं वे पापी नहीं हो सकते, परंतु नरक में जाते हैं”। 
मसीहियत में ये लोग पाखंडी हैं। कोई भी व्यक्ति जो यीशु में विश्वास करने के बावजूद उसके दिल में पाप है तो वह पाखंडी है। पाखंडी परमेश्वर से भिन्न हैं। परमेश्वर पवित्र है, परंतु वे पवित्र नहीं हैं। जो कोई पानी और आत्मा के सुसमाचार में विश्वास करते हैं, वे अपने सारे पापों से शुद्ध हो चुके हैं। इसलिए, जो कोई भी यीशु में विश्वास करता है, परंतु पापी है वह पाखंडी है। हमें उनसे से दूर हो जाना चाहिए जो यह कहते हैं कि वे परमेश्वर में विश्वास करते हैं, लेकिन फिर भी वे अभी तक पापी हैं। 
आइये जिन्होंने अभी तक नहीं सुना उनको और जो विश्वास करना चाहते है लेकिन नहीं कर पाते क्योंकि वे नहीं जानते उनको सुसमाचार प्रचार करें। आइये नया जन्म पाने में इनकी सहायता करें। आइये जो पानी और आत्मा के सुसमाचार के मार्ग में खड़े हैं उनको रोके। 
पानी और आत्मा से नया जन्म पाने के सुसमाचार को हमें सारे जगत में अवश्य प्रचार करना चाहिए। आमीन!