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उपदेश

विषय १० : प्रकाशितवाक्य (प्रकाशितवाक्य पर टिप्पणी)

[अध्याय 8-2] क्या सात तुरही की विपत्तियाँ शाब्दिक है? ( प्रकाशितवाक्य ८:१-१३ )

क्या सात तुरही की विपत्तियाँ शाब्दिक है?
( प्रकाशितवाक्य ८:१-१३ )
प्रकाशितवाक्य ५ में सात मुहरों से मुहरबंद एक पुस्तक दिखाई देती है, जिसे यीशु ने ले लिया। इसका अर्थ यह था कि इस प्रकार यीशु को परमेश्वर का सारा अधिकार और सामर्थ सौंपी गई थी, और वह तब से परमेश्वर की योजना के अनुसार संसार का नेतृत्व करेगा। प्रकाशितवाक्य ८ इस सन्दर्भ के साथ खुलता है, "जब उसने सातवीं मुहर खोली, तो स्वर्ग में लगभग आधे घंटे तक सन्नाटा रहा। और मैं ने उन सात स्वर्गदूतों को देखा जो परमेश्वर के साम्हने खड़े हैं, और उन्हें सात तुरहियां दी गई हैं।” यीशु इस प्रकार पुस्तक की सातवीं मुहर खोलता है, और हमें आने वाली चीजें दिखाता है।
अध्याय ८ हमें यह बताते हुए शुरू होता है कि सात तुरहियों की विपत्तियाँ पवित्र लोगों की प्रार्थनाओं से शुरू होंगी। वचन ६ से आगे अध्याय सात तुरहियों की विपत्तियों के बारे में बात करता है जो इस संसार में लाई जाएंगी।
 
 

पहली तुरही की विपत्ति


पहली तुरही-वचन ७: “पहले स्वर्गदूत ने तुरही फूँकी, और लहू से मिले हुए ओले और आग उत्पन्न हुई, और पृथ्वी पर डाली गई; और पृथ्वी की एक तिहाई जल गई, और पेड़ों की एक तिहाई जल गई, और सब हरी घास भी जल गई।”
पहली बात यह है कि हमें यह पता लगाना चाहिए कि जब विपत्तिया पृथ्वी पर आएगी तब क्या हम पवित्र लोग सात तुरहियों की विपत्तियों के बीच में होंगे।
यहाँ सात स्वर्गदूत सात तुरहियाँ बजाते है। हमें यह समझना चाहिए कि इन सात विपत्तियों के दौरान हम इस पृथ्वी पर रहेंगे और पहले छह विपत्तियों से गुजरेंगे। हमें यह भी समझना चाहिए कि जब सातवीं तुरही बजती है, तो हम रेप्चर हो जाएंगे, और इसके बाद सात कटोरे की विपत्तियां आएंगी।
वचन ७ हमें बताता है कि जब पहले स्वर्गदूत ने तुरही फूंकी, तो लहू के साथ ओले और आग से पृथ्वी पर वर्षा हुई, और पृथ्वी का एक तिहाई भाग और एक तिहाई पेड़ जल गए। दुसरे शब्दों में, दुनिया और प्रकृति का एक तिहाई जलकर खाक हो गया।
क्या जब प्रकृति इस प्रकार जल जाएगी तब क्या हम जीवित रह सकते हैं? ओले और आग के साथ खून की बारिश हम पर हो रही है, और पेड़ जल रहे है, क्या हम वास्तव में इस तरह के प्राकृतिक वातावरण से घिरे हुए रह सकते हैं? जब हम वास्तव में ओलों और आग मिश्रित खून की इस बारिश और घने जंगलों और पहाड़ियों की सुलगती हुई इस आग में अपने घरों को खोने की कठोर वास्तविकता का सामना करते हैं, तो हममें से किसी के पास जीने की कोई इच्छा नहीं होगी, और न ही उस बात के लिए हम चाहते हुए भी कुछ नहीं कर पाएंगे। 
यह मत भूलो कि आपको और मुझे इस पहली विपत्ति से गुजरना है। जब हमें पता चलता है कि हम इस बड़ी विपत्ति में प्रवेश कर रहे हैं, तो हमें यह भी समझना चाहिए कि तब तक इस धरती पर मसीह विरोधी पहले से मौजूद होंगे। क्योंकि इस तरह की विपत्तियाँ तब शुरू होंगी जब मसीह विरोधी पूरी तरह से दुनिया पर अपने पूर्ण प्रभुत्व की तलाश करने के लिए उभरेगा, दुनिया के नेता विपत्तियों से लड़ने के लिए एक संयुक्त मोर्चा बनाना शुरू कर देंगे, और एक निश्चित शासक सात अन्य शासकों को एक महान सामर्थ के लिए इकट्ठा करेगा। 
तब मसीह विरोधी इस प्रक्रिया में स्वाभाविक रूप से पूर्ण शासक के रूप में उभरेगा। जैसा कि मसीह विरोधी प्रकृति के विनाश से प्रबंधन और उबरने में एक महान क्षमता दिखाता है, कई लोग उसकी शक्ति से प्रभावित होकर उसका अनुसरण करना शुरू कर देंगे उसे एक दिव्य व्यक्ति के रूप में सोचेंगे, और धीरे धीरे लेकिन निश्चित रूप से उसके अनुयायी उठ खड़े होंगे।
बाइबल हमें बताती है कि जब पहला स्वर्गदूत अपनी तुरही बजाएगा, तो वह सात तुरहियों की पहली विपत्ति लाएगा जो पृथ्वी की एक तिहाई को जला देगी। जब यह विपत्ति आएगी तब हम दोनों यानी संत और संसार के लोग इस पृथ्वी पर रहेंगे। तो दुनिया का क्या होगा? खंडहर, लाशें, और घायल हर जगह पड़े रहने के साथ, दुनिया में अराजकता फैल जाएगी; पूरी दुनिया को घेरने वाली आग की झील से उत्पन्न धुएं और जहरीली गैस से वातावरण भर जाएगा; और हवा में ऑक्सीजन की कमी होगी क्योंकि आग के कारण वैश्विक मरुस्थलीकरण से ऑक्सीजन को पुन: उत्पन्न करने की ग्रह की क्षमता में भारी कमी आएगी। केवल पहली विपत्ति ही इस दुनिया को राख में बदल देगी और वह इतनी विनाशकारी होगी कि हमारी जीने की इच्छा भी छीन लेगी।
इस विपत्ति के लिए हमें समझदारी से चुनाव करना चाहिए। अब एक सामान्य दुनिया में रहते हुए, हम आने वाली बड़ी विपत्तियों और क्लेशों से भयभीत हो सकते हैं। लेकिन हम इस डर से मुक्त हो सकते हैं और इसके बजाय साहसी हो सकते हैं, क्योंकि जब दुनिया की प्रकृति का एक तिहाई आग में जल जाता है और लोग हर जगह विलाप कर रहे होते हैं, तो इससे बहुत पहले ही हमें पता चल जाएगा कि विपत्ति हमेशा के लिए थी, और अभी और भी विपत्तियाँ आने वाली हैं। क्योंकि हमारे पास आशा है, हम उससे तृप्त हो सकते हैं, परन्तु क्योंकि हमारे पास देह भी है, हम कभी-कभी भय से ग्रस्त हो सकते हैं। परन्तु क्योंकि हम इस पृथ्वी का भविष्य जानते हैं, हम अपनी आशा इस पृथ्वी पर नहीं, परन्तु परमेश्वर के राज्य में रखते हैं। इस तरह के विश्वास के साथ, और पवित्र आत्मा के अंतर्निवास से हम साहसी और बहादुर बन सकते हैं।
संसार के लोगों का विलाप और भी तेज होता जाएगा, और यदि हमारे अपने परिवार उन लोगों में से हैं जिन्हें अपने पापों की क्षमा नहीं मिली है, तो हम भी शायद शोक मना सकते हैं। देह में हमारे अपने परिवारों में से कुछ लोग जो अपने पापों से मुक्त नहीं हुए हैं वे शायद हमें थोड़े भोजन के लिए मसीह विरोधी को बेच दें। दूसरी ओर, अन्य लोग हमसे यह पूछने के लिए आ सकते हैं कि वे अपने पापों की क्षमा कैसे प्राप्त कर सकते हैं। यह संभव से कहीं अधिक है, क्योंकि उनके छुटकारे का अवसर अभी भी उपलब्ध हैं। बाइबल हमें बताती है कि जब सात तुरहियों की विपत्तियाँ आएंगी, तो पूरी दुनिया का एक तिहाई मर जाएगा। इसका मतलब यह भी है कि दुनिया का दो-तिहाई हिस्सा बचेगा। जब दुनिया की एक तिहाई आबादी वास्तव में मौत के घाट उतार दी जाती है, तो हमें यह समझना चाहिए कि हमारी शहादत और प्रभु की वापसी का समय दूर नहीं है। परमेश्वर ने कहा कि वह आकाश से लहू मिश्रित ओलों और आग की वर्षा करेगा।
जब परमेश्वर हम पर आग और ओले गिराएगा, तो हम उनसे बचने के लिए असहाय होंगे। यहाँ तक की वैज्ञानिक प्रगति के साथ भी वातावरण में एक रक्षात्मक ढाल विकसित करना और पूरी दुनिया को आग और ओलों से बचाना असंभव होगा। यहां तक कि यदि हम इस तरह के एक उपकरण को बनाते भी है तो यह प्रभु की ओर से आने वाली विपत्ति की शक्ति के सामने मुकाबला नहीं कर पाएगा। हमें अपने दिलों में इस तथ्य को स्वीकार करना चाहिए कि वास्तव में ये विपत्तियां हमारे पास आएंगी, और हमारे दिलों के साथ परमेश्वर के सभी वचनों पर विश्वास करके अपना वर्तमान जीवन जीएं।
हाल ही में, मैंने समाचारों में सुना कि चीन में ४५ सेंटीमीटर व्यास वाले एक व्यक्ति के सिर जितने बड़े ओले गिरे। व्यक्ति के सिर जितने बड़े ओले, गिरते समय इतनी तेजी से गिरे की वे छत को तोड़ते हुए उसके रास्ते में आनेवाली सारी चीजो को उसने नाश कर दिया। पहली विपत्ति के साथ जो गिरेगा वह और भी अधिक प्रभावी होगा। हमें अपने दिलों में विश्वास करना चाहिए कि वह आग जो इस पृथ्वी के एक तिहाई हिस्से को जला देगी, चीन में इन ओलों से कहीं अधिक विनाशकारी होगी; हमें इस विश्वास को अपने दिलों में रखना चाहिए; और जब यह विपत्ति वास्तव में आएगी तो हमें इस विश्वास के अनुसार कार्य करना चाहिए। हमें विश्वास करना चाहिए कि यह दुनिया जल्द ही नष्ट होने वाली है। और हमें भी इस तरह के विश्वास के साथ विपत्ति का सामना करने के लिए संकल्पित होना चाहिए, और शहीद होने का संकल्प लेना चाहिए। जब सात तुरहियाँ बजेंगी, तो वास्तव में सात विपत्तियाँ इस संसार में लायी जाएँगी। यह इन विपत्तियों में से पहला है।
 


परमेश्वर के द्वारा लाई गई दूसरी तुरही की विपत्ति


दूसरी तुरही-वचन ८-९: “दूसरे स्वर्गदूत ने तुरही फूँकी, तो मानो आग–सा जलता हुआ एक बड़ा पहाड़ समुद्र में डाला गया; और समुद्र का एक तिहाई लहू हो गया, और समुद्र के एक तिहाई प्राणी मर गए, और एक तिहाई जहाज नष्‍ट हो गए।”
हमें इस बात पर ध्यान देना होगा कि संत भी इस दूसरी विपत्ति से होकर गुजरेंगे।
यह यहाँ कहता है कि एक बड़े पहाड़ सा कुछ समुद्र में डाला गया, समुद्र के एक तिहाई पानी को खून में बदल दिया और उसके एक तिहाई जीवित प्राणियों को मार डाला। जब अंत का समय आएगा, ब्रह्मांड का क्रम टूट जाएगा, तारों के नक्षत्र को कमजोर कर देगा और उन्हें एक दूसरे से टकराकर अलग कर देगा, और इससे कई उल्का टकराने के लिए पृथ्वी की ओर आएगी। इनमें से कुछ उल्काएं वायुमंडल के माध्यम से बनेंगी और अपनी पूरी ताकत के साथ समुद्र में गिरेंगी, समुद्र के एक तिहाई हिस्से को खून में बदल देंगी, इसके एक तिहाई जीवित प्राणियों को मार देंगी और एक तिहाई जहाजों को नष्ट कर देंगी। यह सात तुरहियों की विपत्तियों में से दूसरी तुरही की विपत्ति है।
ऐसा होने पर क्या हम समुद्र से मछली खा पाएंगे, या उसमें तैर भी पाएंगे? अब और ऐसा संभव नहीं होगा। जब एक बड़े पहाड़ की तरह एक उल्का समुद्र में गिरेगा, तो समुद्र का एक तिहाई हिस्सा खून में बदल जाएगा, उसके एक तिहाई जीवित प्राणी मारे जाएंगे, समुद्र सड़ जाएगा, उनकी मृत लाशें, और ज्वार की लहरें और भूकंप न केवल जहाज़ों को नष्ट करेंगे लेकिन बहुत सारे लोगों को भी मारेंगे। 
मुझे एक देखि हुए फिल्म याद है जहां एक उलका समुद्र में गिरता है और पृथ्वी को ढकने वाली बड़ी ज्वार की लहरें पैदा करता है। मुझे यकीन है कि फिल्म निर्माताओं के मन में इस फिल्म को बनाते समय अंत समय की ज्वलंत तस्वीर थी। वह महान विपत्तियाँ पृथ्वी पर प्रहार करेंगी, यह वो सत्य है जिसे अविश्वासी भी आसानी से पहचान सकते हैं। गिरते उल्काओं की विपत्ति से अनगिनत लोग मारे जाएँगे। परन्तु जिस प्रकार संसार का केवल एक तिहाई नष्ट हो होगा इसलिए आप और मैं इस पृथ्वी पर तब तक जीवित रहेंगे जब तक कि सात कटोरे की विपत्तियाँ न उंडेली जाएँ।
पहले लोग विश्वास करते थे कि रेप्चर महान क्लेश समाप्त होने के बाद होगा, लेकिन पूर्व-क्लेश रेप्चर के सिद्धांत के उद्भव के साथ, कई धर्मशास्त्रियों ने इस पूर्व-क्लेश रेप्चर में विश्वास करना शुरू कर दिया। इससे भी बदतर, सहस्त्राब्दिवाद भी, जो हजार साल के राज्य को नकारता है, अब प्रकट हो गया है। धर्मशास्त्री, प्रकाशितवाक्य के पूरे वचन से निपटने में अपनी असमर्थता में, अब केवल उसके सारे वचन से दूर भागने की कोशिश कर रहे हैं। जो लोग आने वाली विपत्तियों के कारण इस धरती पर अपनी आशा खो चुके होंगे, वे नया जन्म पाए हुए संतों के लिए एक विपरीत स्थिति प्रदान करेंगे, जो इसके बजाय परिस्थिति को सहन करेंगे, और केवल प्रभु के द्वारा वायदा किए हुए हजार साल के राज्य और नए स्वर्ग और पृथ्वी में अपनी आशा रखेंगे।
हमें अपने विश्वास को तैयार करना चाहिए क्योंकि अंत समय हमारे निकट है, लेकिन ऐसा करने के बजाय, बहुत से लोग पूर्व-क्लेश रेप्चर या सहस्त्राब्दीवाद के बारे में बात करना पसंद करते हैं और वास्तविक विश्वास का सामना करने से बचने की कोशिश करते हैं। क्योंकि वे विश्वास करते है कि जब वे अपने रोजिंदा कार्य में व्यस्त होंगे तब यीशु बादलों पे आएगा और क्योंकि वे विश्वास करते है कि वे किसी भी विपत्ति से गुजरे बिना सीधे परमेश्वर के राज्य में उठा लिए जाएंगे इसलिए वे अपने विश्वास को महान क्लेश के लिए बिलकुल भी तैयार नहीं कर रहे हैं।
पहली नज़र में, जो लोग आराम से रहते हैं और महान क्लेश की तैयारी नहीं कर रहे हैं, वे काफी साहसी भी लग सकते हैं। बड़े क्लेश से पहले जो पापियों का नया जन्म नहीं हुआ है, वे इतने साहसी क्यों दिखते हैं, इसका कारण यह है कि उनकी आत्माएं पहले से ही झूठे भविष्यवक्ताओं के झूठ के नशे में हैं, मर चुकी हैं, और उनमें अब कोई आत्मिक इच्छा नहीं बची है। उसी कारण से, अर्थात्, क्योंकि उनकी आत्मा पहले ही मर चुकी है, लोग पानी और आत्मा के सुसमाचार को नहीं सुनते और यहां तक कि स्वीकार भी नहीं करते हैं, जो उन्हें पानी और आत्मा से नया जन्म लेने और परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करने में सक्षम बनाता है (यूहन्ना ३:५)।
लेकिन नया जन्म प्राप्त करनेवाले लोगों को अपने विश्वास को अंत समय के क्लेशों के लिए तैयार करना चाहिए फिर चाहे उनका वर्तमान जीवन कितना भी आरामदायक क्यों न हो। उन्हें अपने मन में परमेश्वर के प्रति विश्वासयोग्य लोगों को सुसमाचार प्रचार करने की इच्छा को ध्यान में रखते हुए भविष्य के लिए पहले से तैयारी करनी चाहिए, ताकि वे क्लेश के समय में अधिक से अधिक आत्माओं को बचाने में सक्षम हो सकें।
महान क्लेश के आसन्न आगमन को नज़रअंदाज करना अविश्वसनीय रूप से मूर्खतापूर्ण है। जो लोग ऐसा करते हैं वे विपत्तियों के सामने असहाय हो जाएंगे, ठीक वैसे ही जैसे कोरियाई युद्ध के साथ हुआ था। कोरियाई युद्ध शुरू होने से पहले, संयुक्त राज्य अमेरिका ने उत्तर कोरियाई सेना की भारी भीड़ का पता लगाया था और दक्षिण कोरिया को संभावित अचानक आक्रमण की चेतावनी दी थी, लेकिन दक्षिण कोरियाई सरकार और सेना ने चेतावनी को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया और सैनिकों को छूट्टी के लिए भेज दिया और अग्रिम पंक्ति के अधिकारियों को आक्रमण के वास्तविक दिन पर आनंद मनाने दिया। 
क्योंकि जब उत्तर कोरियाई आक्रमण की खुफिया जानकारी देने के बावजूद भी वे युद्ध के लिए तैयार नहीं थे, वे उत्तर के हमले का सामनाकरने में असमर्थ थे और कुछ ही समय में, दक्षिणी कोने में धकेल दिए गए थे। जब तक दक्षिण कोरिया ने जल्दबाजी में अपने सैनिकों को उनकी छुट्टी से वापस बुलाया और युद्ध के लिए सेना को संगठित करने की कोशिश की, तब तक दुशमन उनकी सीमा पहले ही घुस चुके थे, और उसके पास लापरवाह होने के साथ पीछे हटने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। 
यदि हम उस वचन पर विश्वास नहीं करते हैं जो परमेश्वर ने अंत समय के बारे में हमसे कहा है, तो यह उस प्रकार का संकट है जो हम पर पड़ेगा। लेकिन यदि हम ईमानदारी से इस पर विश्वास करें तो हम इस तरह के संकट से बच सकते हैं। प्रकाशितवाक्य क्लेश के समय में एक शरण के बारे में बात करता है, लेकिन यह हमें इसके सटीक स्थान के बारे में नहीं बताता है। फिर भी, यह हमें बताता है कि संतों को आश्रय दिया जाएगा और एक शरणस्थान में पाला जाएगा। यह शरणस्थान कलीसिया के अलावा किसी और को नहीं दर्शाता है। इस संसार में आश्रय कहाँ मिलेगा? कुछ लोग कहते हैं कि यदि वे इस्राएल भाग जाए तो वे बाख सकते है। परन्तु इस्राएल में वे वास्तव में और भी अधिक गंभीर क्लेशों का सामना करेंगे। आपको यह समझना चाहिए कि चूँकि स्वयं मसीह विरोधी का मुख्यालय इज़राइल में होगा, वहाँ पर विपत्तियाँ और भी अधिक तीव्र होंगी।
भले ही क्लेशों का यह वचन अभी तत्काल प्रगट होनेवाला न लगे, लेकिन फिर भी आपको इसे अपने हृदय में जानना चाहिए और भविष्य की तैयारी करनी चाहिए। आपको इस पर अपने दिल से विश्वास करना चाहिए, और इस विश्वास के साथ आपको लोगों को सुसमाचार का प्रचार करना चाहिए जैसे कि आप पहले से ही महान क्लेश के इस समय में जी रहे है। आपको लोगों के दिलों को तैयार करना चाहिए और उन्हें पानी और आत्मा के सुसमाचार का प्रचार करके उनके शरणस्थान में ले जाना चाहिए। परमेश्वर ने हमें अपनी कलीसियाओं में रखा है ताकि हम लोगों को आने वाले समय के लिए उनके विश्वास को तैयार करने में मदद करने के लिए लोगों को प्रचार कर सकें। 
इसलिए हम वही कर रहे हैं जो हम कर रहे हैं—अर्थात हम अपनी पूरी सामर्थ से पानी और आत्मा के सुसमाचार का प्रचार कर रहे हैं। हम इस समय में प्रकाशितवाक्य के वचन का प्रचार खुद पर घमण्ड करने के लिए नहीं करते है, बल्कि इसलिए कि यह वो वचन है जो आज के युग के लिए, विश्वासियों और अविश्वासियों दोनों के लिए समान रूप से आवश्यक है। इस विश्वास को अभी से तैयार करने के द्वारा ही हमारे हृदय अडिग हो सकते हैं जब क्लेश और विपत्तियां हम पर आती हैं। 
बेशक, परमेश्वर हमें अपनी विशेष सुरक्षा प्रदान करेगा, लेकिन क्योंकि हम एक भयानक, कठोर और कठिन दुनिया में जी रहे हैं, अगर हम जानते हैं कि अंत समय में क्या होना है और क्लेशों को दूर करने के लिए अपना विश्वास तैयार करें, तो हम ओर भी अधिक सुसमाचार को फैला सकते है। साथ ही, क्योंकि हम परमेश्वर के राज्य में और भी बड़ी और अधिक निश्चित आशा रखेंगे, हम कभी भी संसार की धारा में नहीं बहेंगे, या अपने विश्वास को नहीं बेचेंगे, बल्कि विश्वास के और भी अधिक कार्य करेंगे। यही कारण है कि हम प्रकाशितवाक्य के वचन का प्रचार करते हैं और विश्वास के कई कार्यों की सेवा करते हैं।
 

तीसरी तुरही की विपत्ति

तीसरी तुरही-वचन १०-११: “तीसरे स्वर्गदूत ने तुरही फूँकी, और एक बड़ा तारा जो मशाल के समान जलता था स्वर्ग से टूटा, और नदियों की एक तिहाई पर और पानी के सोतों पर आ पड़ा। उस तारे का नाम नागदौना है; और एक तिहाई पानी नागदौना–सा कड़वा हो गया, और बहुत से मनुष्य उस पानी के कड़वे हो जाने से मर गए।”
इस तीसरी विपत्ति के दौरान भी संत जीवित रहेंगे। दूसरी तुरही की विपत्ति समुद्र पर लाई गई थी, परन्तु इस बार तीसरी तुरही की विपत्ति को नदियों और झरनों पर लाया जाएगा। यहां स्वर्ग से गिरने वाला महान तारा धूमकेतु को संदर्भित करता है। धूमकेतु की चपेट में आने वाली नदियाँ और झरने कड़वे हो जाएंगे, क्योंकि वे नागदौन में बदल जाएगा। पुराने समय में, लोग नागदौन को पीसकर उसका रस औषधीय प्रयोजनों के लिए इस्तेमाल करते थे, जो किसी भी कल्पना से परे कड़वा होता था। बाइबल हमें बताती है कि जैसे ही यह कड़वा नागदौन दुनिया के पानी में फैलता है, बहुत से लोग इसे पीने से मर जाएंगे।
जैसे दुनिया के ताजे पानी का एक तिहाई हिस्सा नागदौन सा हो जाता है, वैसे ही बहुत से लोग इससे मर जाएंगे, लेकिन प्रभु इस महामारी के दौरान अपने लोगों की रक्षा करेगा। बड़े पैमाने पर मौत का सबसे संभावित कारण कुछ पानीजनित रोग होंगे, शायद धूमकेतु के गिरने से पानी में किसी प्रकार के जैव रासायनिक परिवर्तनों के कारण। दुसरे शब्दों में लोग केवल इसलिए नहीं मरते है क्योंकि पानी कड़वा हो जाता है, बल्कि ऐसा किसी और चीज के कारण होता है। हम जानते हैं और विश्वास करते हैं कि ये सभी चीजें वास्तविक हैं, और यह कि वे भविष्य में अचूक रूप से घटित होंगी।
 

चौथी तुरही की विपत्ति

चौथी तुरही-वचन १२: “चौथे स्वर्गदूत ने तुरही फूँकी, और सूर्य की एक तिहाई, और चाँद की एक तिहाई और तारों की एक तिहाई पर आपत्ति आई, यहाँ तक कि उनका एक तिहाई अंग अन्धेरा हो गया और दिन की एक तिहाई में उजाला न रहा, और वैसे ही रात में भी।”
यह मत भूलो कि इस चौथी विपत्ति के दौरान भी संत इस पृथ्वी पर रह रहे होंगे।
अगर दिन का एक तिहाई हिस्सा नहीं चमकता है, तो इसका मतलब है कि दिन के उजाले को सात से आठ घंटे के औसत से घटाकर लगभग चार घंटे कर दिया गया है। चूँकि चाँद और तारे भी अपना एक तिहाई प्रकाश खो देंगे, पूरी दुनिया में अंधेरा छा जाएगा। दुसरे शब्दों में, जब दिन का उजाला होना चाहिए तब अचानक अंधेरा छा जाएगा। रैप्चर फिल्म पूर्व-क्लेश रेप्चर के सिद्धांत का अनुसरण करती है, लेकिन इसमें आप पूरी दुनिया को दिन के उजाले में अंधेरा होते हुए देख सकते हैं, जिससे हर कोई चीखता और घबराता है। इसके बारे में स्वयं सोचें: यह सुबह के 11 बजे होना चाहिए, और फिर भी अचानक सूरज गायब हो जाता है और अब कोई प्रकाश नहीं है। आप भी डर के मारे मर जाओगे, मानो आप पर मृत्यु का दूत आया हो।
हम जानते हैं कि हमें ऐसे विनाशकारी समय से गुजरना होगा, लेकिन आपको डरना नहीं चाहिए। परमेश्वर हमारी रक्षा करेगा और हमें और भी अधिक आशीष देगा। इस समय तक, आपका विश्वास इतना मजबूत हो चुका होगा कि परमेश्वर आपकी प्रार्थनाओं का उत्तर देंगे और जिस क्षण आप उनसे प्रार्थना करेंगे, आपके लिए कार्य करेगा। क्योंकि परमेश्वर ने हमसे दुनिया के अंत तक हमेशा हमारे साथ रहने का वादा किया है, अंत समय के महान क्लेश में परमेश्वर हमें कभी अकेला नहीं छोड़ेगा। बिना किसी संदेह के, वह हमेशा हमारे साथ रहेगा। इस प्रकार, क्योंकि परमेश्वर हर समय हमारे साथ रहेगा, हमें विश्वास करना चाहिए कि वह हमारी रक्षा करेगा और हमें जीवित रहने देगा, और हमें इस विश्वास को दूसरों तक फैलाना चाहिए और उनका विश्वास भी तैयार करना चाहिए।
 

आनेवाली तिन और विपत्तियाँ

वचन १३ कहता है, “जब मैं ने फिर देखा, तो आकाश के बीच में एक उकाब को उड़ते और ऊँचे शब्द से यह कहते सुना, “उन तीन स्वर्गदूतों की तुरही के शब्दों के कारण, जिनका फूँकना अभी बाकी है, पृथ्वी के रहनेवालों पर हाय, हाय, हाय!”
जब स्वर्गदूत तीन बार और चिल्लाता है, तो इस पृथ्वी पर तीन और विपत्तियाँ आएगी। दुसरे शब्दों में, सात तुरहियों की विपत्तियों में से तीन और विपत्तियाँ अभी भी शेष हैं। हमें यह समझना चाहिए कि सातवीं तुरही तक हमारे रेप्चर को साकार किया जाएगा। जब पहली छः तुरहियों की विपत्तियाँ समाप्त हो जाएँगी, और सातवाँ स्वर्गदूत अपनी तुरही फूंकेगा, तो पवित्र लोग तुरंत जी उठेंगे और उनका रेप्चर किया जाएगा। जब सब पवित्र लोग उठकर आकाश में प्रभु’ से मिलें, तब सात कटोरे की विपत्तियां इस पृथ्वी पर उण्डेल दी जाएंगी।
हमें यह समझना चाहिए कि यह पृथ्वी जल्द ही सात तुरहियों और सात कटोरे की विपत्तियों की शुरुआत में प्रवेश करेगी, बाद में परमेश्वर की इच्छा के अनुसार सातवीं तुरही की विपत्ति डाली जाएगी। और हमें अपने पूरे दिल से उन पर विश्वास करना चाहिए, और अब अपने विश्वास का पोषण करना चाहिए ताकि हमारा विश्वास इन सभी विपत्तियों के दौरान बने रहने के लिए पर्याप्त रूप से मजबूत हो सके। यदि लोग अंत समय के किसी पूर्व ज्ञान के बिना विश्वास करते हैं, तो जब वास्तव में क्लेश आएगा तो वे इतने स्तब्ध होंगे कि वे अंत में धर्मत्याग भी कर सकते हैं। 
इस प्रकार, अंत में हमारी जीत के लिए, इन बातों में हमारे विश्वास के साथ अंत समय का सही ज्ञान होना चाहिए। आज, जब अंत हमारे इतने करीब आ रहा है, तो हमें कभी भी कलीसिया की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए या इससे बहुत दूर नहीं जाना चाहिए। हम सभी के हृदयों को कलीसिया में एकजुट होना चाहिए, और चाहे कुछ भी हो जाए हम सभी को परमेश्वर के वचन में विश्वास करना चाहिए जो कलीसिया के माध्यम से हमें प्रचारित किया गया है, एक दूसरे को थामे रहना चाहिए और विश्वास में जीना चाहिए
जब ये विपत्तियाँ आती हैं, तो आपके अपने परिवार, रिश्तेदारों, या दोस्तों में से कुछ उद्धार न पाए हुए लोग भी आपके पीछे आ सकते हैं। यहाँ तक की आम समय में भी, यह पूछे जाने पर कि हमारे रिश्तेदार, भाई और माता-पिता कौन हैं, हमारे परमेश्वर ने हमें बताया कि केवल पिता की इच्छा का पालन करने वाले ही हमारे परिवार, माता-पिता और भाई हैं। जब क्लेश का संसार आएगा, तो नया जन्म प्राप्त करनेवाले लोगों को और भी निश्चित रूप से समझ में आएगा कि वास्तव में उनके सच्चे भाई, बहन और परिवार कौन हैं। क्योंकि हम अब इस विश्वास के साथ एक दूसरे को समझते हैं और मदद करते हैं, और क्योंकि परमेश्वर ने आपको और मुझे इन सभी विपत्तियों से पहले ही समान रूप से मुक्त कर दिया है, वह हम पर नजर रखेगा, विपत्तियों से हमारी रक्षा करेगा, और हमें अपनी कलीसिया में अपनी सन्तान के रूप में पोषित करेगा। यह विश्वास हममें दृढ़ता से स्थापित होना चाहिए।
जो लोग अंत के समय में हमें मसीह विरोधी को बेच देते हैं, वे हमारे देह के अपने परिवार के लोग हो सकते हैं। इस तरह, भले ही वे हमारे परिवार और रिश्तेदार हैं, यदि वे पानी और आत्मा से नया जन्म प्राप्त किए हुए लोग नहीं है, तो हमारा विश्वास इतना मजबूत होना चाहिए कि उन्हें शुरू से ही अजनबी समझ सकें। दूसरे शब्दों में, वे असली अजनबियों की तुलना में हमारे लिए और भी बदतर चीजें करने में सक्षम हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे हमारे अपने देह के परिवार हैं- यदि उन्हें बचाया नहीं गया है, तो हमें यह समझना चाहिए कि वे हमारे दुश्मन हैं। हमें इस मुद्दे पर परमेश्वर के वचन से अक्सर जो कुछ भी सुना है, उसके लिए हमें अपने दिलों को खोलना चाहिए और इसे सत्य के रूप में विश्वास करना चाहिए।
जैसे परमेश्वर ने सदोम और अमोरा को गन्धक और आग की वर्षा करके आग की झील में बदल दिया, वैसे ही वह अंत के समय में पापियों के लिए भी ऐसी विपत्ति लाएगा। परमेश्वर द्वारा सदोम और अमोरा का विनाश पुरातात्विक साक्ष्यों से सिद्ध एक तथ्य है।
इन दिनों कई फिल्में जिनकी कहानी उल्का के पृथ्वी से टकराने से मनुष्यजाति के विनाश पर आधारित है, सामने आई हैं। ऐसी फिल्में बाइबल के वचन पर आधारित हैं जो इस पृथ्वी पर आने वाले अंत के दिनों की विपत्तियों को दर्ज करती हैं। उल्काओं के पृथ्वी पर गिरने की संभावना वास्तव में काफी अधिक है, जिससे इन विपत्तियों के इस दुनिया में वास्तविकता में होने की संभावना अधिक हो जाती है। 
एक अच्छा उदाहरण डायनासोर के जीवाश्मों के अवशेष विज्ञान के साक्ष्य हैं, जो दर्शाता है कि प्राचीन काल में पृथ्वी कुछ महान परिवर्तनों से गुजरी थी। विलुप्त जीवन रूप हमें उनके जीवाश्मों के माध्यम से उनके पिछले अस्तित्व के बारे में बताते हैं। कुछ वैज्ञानिकों का सुझाव है कि डायनासोर सहित प्राचीन जीवन रूपों के इस विलुप्त होने को पृथ्वी के एक उलका के साथ भयावह टक्कर द्वारा समझाया गया है। इसलिए, प्रकाशितवाक्य ८ में लिखे उल्काओं की विपत्तियाँ इस संसार में संभव से कहीं अधिक हैं।
 

बहुत दूर के भविष्य में नहीं…

हमें यह समझना चाहिए कि इस तरह की विपत्तियां इस पृथ्वी पर बहुत दूर भविष्य में नहीं आएंगी। कुछ वैज्ञानिक पहले ही मानव क्लोनिंग की कोशिश कर चुके हैं, जो परमेश्वर के लिए सबसे कठिन चुनौती होगी। इस प्रकार, ये सभी विपत्तियां इस युग में परमेश्वर द्वारा लाए जाने के लिए तैयार हैं। मनुष्यजाति को विज्ञान की शक्ति पर निर्भरता में परमेश्वर को नहीं भूलना चाहिए।
मनुष्यजाति अब अपने वैज्ञानिक ज्ञान की शक्ति से दुनिया की सभी विपत्तियों का जवाब देने की कोशिश कर रही है। लेकिन कोई भी वैज्ञानिक सफलता कभी भी परमेश्वर की विपत्तियों को नहीं रोक सकती है, क्योंकि वे किसी भी अन्य आपदा से कहीं अधिक बदतर हैं, जिससे मनुष्यजाति पहले कभी नहीं गुज़री है। जब हम आज की मानव निर्मित वैज्ञानिक प्रगति को देखते हैं, तो हम देख सकते हैं कि मनुष्यजाति परमेश्वर के अधिकार को चुनौती दे रही है, उसके जैसा बनना चाहती है। लेकिन इसकी वैज्ञानिक उन्नति कितनी भी हो, परमेश्वर द्वारा लाई गई विपत्तियों को कोई नहीं रोक सकता। इन सभी विपत्तियों की मांग किसी और ने नहीं बल्कि स्वयं मनुष्यजाति ने की है।
परमेश्वर द्वारा लाई गई विपत्तियों से बचने का एकमात्र तरीका पानी और आत्मा के सुसमाचार के माध्यम से उद्धार के सत्य की खोज करना है, और उस पर विश्वास करके प्रभु की बाहों में शरण लेना है। इन विपत्तियों से बचने के लिए यह समझे और विश्वास करें कि परमेश्वर के भयानक न्याय से बचने का एकमात्र तरीका पानी और आत्मा के सुसमाचार में आपका विश्वास है। 
सभी आशीर्वाद और श्राप परमेश्वर के हाथों में हैं। यदि परमेश्वर इस पृथ्वी को जीवित रखने का निश्चय करता है, तो पृथ्वी जीवित रहेगी; यदि नहीं, तो इसे केवल नष्ट किया जा सकता है। ऐसे युग में रहते हुए, यदि आप अधिक विशुद्ध रूप से परमेश्वर के वचन पर विश्वास करते हैं और उसका पालन करते हैं और उससे भी अधिक उसका भय रखते हैं, तो परमेश्वर आपको पानी और आत्मा के सुसमाचार की ओर ले जाएगा जो आने वाली इन भयानक विपत्तियों से आपको आश्रय दे सकता है।
यहाँ तक की अभी भी, दुनिया भर में कई लोग भूकंप, आंधी और बीमारियों से डर कर मर रहे हैं और कांप रहे हैं। इसके अलावा, हर जगह युद्ध का कोई अंत नहीं है, राष्ट्र राष्ट्रों के खिलाफ खड़े हैं और राज्य राज्यों के खिलाफ हैं। जैसे, जब निकट भविष्य में मसीह विरोधी उठ खडा होता है और ऐसी अराजक स्थिति की तत्काल समस्याओं का समाधान करता है, तो बहुत से लोग उसका अनुसरण करेंगे। इसके बाद इस पृथ्वी पर सबसे भयानक विपत्तियों का अवतरण होगा, और अंत में, यह संसार परमेश्वर द्वारा लाए गए इन विपत्तियों से पूरी तरह से नष्ट हो जाएगा।
परमेश्वर नए स्वर्ग और पृथ्वी का निर्माण करेगा और उन्हें इसे उन लोगों को देगा जो पाप से छुटकारा पा चुके हैं। नए स्वर्ग और पृथ्वी के निर्माण में परमेश्वर का उद्देश्य उन लोगों को इसे प्रदान करना है जो पानी और आत्मा के सुसमाचार में विश्वास करके नया जन्म लेते हैं। बहुत ही जल्द, परमेश्वर पहली दुनिया को नष्ट कर देंगे और दूसरी दुनिया को खोल देंगे। जैसे प्राचीन डायनासोर गायब हो गए, वैसे ही आधुनिक वैज्ञानिक सभ्यता की यह दुनिया गायब हो जाएगी, और हम अपनी आंखों से परमेश्वर द्वारा लाए गए एक नई दुनिया की नई शुरुआत के गवाह होंगे।
तो फिर हमें सोचना चाहिए कि अब हमें कैसे जीना चाहिए। हमें आने वाली सभी विपत्तियों पर विश्वास करना चाहिए जैसा कि वर्तमान भाग में दर्ज है, और अपने शेष जीवन को परमेश्वर की धार्मिकता के लिए जीना चाहिए और विश्वास के साथ अगली दुनिया की तैयारी करनी चाहिए। हमें प्रकाशितवाक्य के भविष्यवाणी के वचन का ज्ञान होना चाहिए। मैं यह अभी इसलिए कह रहा हूं क्योंकि जब वह दिन आएगा, तो इस प्रकार जो ज्ञान तुमने प्राप्त किया है, वह तुम्हारे विश्वास के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगा।
मंगल और बृहस्पति के बीच बिखरे हुए उल्का से लेकर अज्ञात चक्रों वाले अनगिनत उलकाओं तक, सभी अंतरिक्ष पिंड जिनमें पृथ्वी से टकराने की क्षमता है, सामूहिक रूप से "नियर अर्थ ऑब्जेक्ट्स (NEOs)" कहलाते हैं। नासा ने एक बार अकेले सौर मंडल में ८९३ ज्ञात NEO की पहचान करने वाली एक सूची का अनावरण किया था। अगर इनमें से कोई भी NEO धरती से टकरा जाए तो इस टक्कर से हुई तबाही किसी भी कल्पना से परे होगी। विनाशकारी प्रभाव संभवतः संयुक्त रूप से हजारों परमाणु बमों से अधिक होगा। 
सोचिए तब इस दुनिया का क्या होगा। लिखा गया है की दुनिया के जंगल, पानी और जहाज नष्ट हो जाएंगे। इसलिए, सभी मनुष्यजाति को पानी और आत्मा के सुसमाचार में विश्वास करना चाहिए और अनन्त जीवन की तैयारी के लिए अपना जीवन व्यतीत करना चाहिए।
प्रभु ने हमें बताया है कि जब इस पृथ्वी पर प्राकृतिक विपत्तियां आएंगी, तो सूर्य, चंद्रमा और तारों का एक तिहाई भाग अपना प्रकाश खो देगा। लेकिन इस बात को बहुत ही थोड़े लोग जानते हैं और बहुत ही थोड़े लोग इस पर विश्वास करते है। इस प्रकार, केवल कुछ ही लोग पानी और आत्मा के सुसमाचार में विश्वास करते हैं और इसकी सच्चाई का प्रचार कर रहे हैं।
हमारा मन जागृत होना चाहिए। ये विपत्तियाँ अवश्य आएंगी। हमें यह पता लगाना चाहिए कि हमें अपना शेष जीवन किस प्रकार के विश्वास और दृढ़ संकल्प के साथ जीना चाहिए। आपको और मुझे यह समझना चाहिए कि आज का युग महान क्लेश से केवल एक कदम दूर है, और हमें अपने शेष जीवन को बिना किसी संदेह के विश्वास में जीना चाहिए।
यदि हम अभी इस क्लेश के लिए भविष्यवाणी के वचन में विश्वास करके नहीं जीते हैं, तो हमारे दिल खाली हो जाएंगे, हमारे उद्देश्य खो जाएंगे, और हम जीवन की चिंताओं से अपंग हो जाएंगे। ऐसा नहीं होना चाहिए। साथ ही हमें इस दुनिया में अपनी आशा रखकर जीना चाहिए जैसे की मानो हम इस दुनिया को कभी नहीं छोड़ेंगे। बहुत से लोग जिनके पास थोड़ा सा वैज्ञानिक ज्ञान है, वे अच्छी तरह जानते हैं कि इस दुनिया के लिए कोई आशा नहीं है। परमेश्वर निश्चित रूप से इस दुनिया को बर्बाद कर देगा।
परमेश्वर यीशु का नया राज्य बनाएगा और धर्मी लोगों को उसमें रहने देगा। और वह उन लोगों को जो पानी और आत्मा के सुसमाचार में विश्वास करते हैं, हमेशा के लिए उसके साथ रहने की अनुमति देगा।
हमें परमेश्वर के सामने अपनी इच्छा और विचारों को त्याग देना चाहिए, और नम्रता से उसकी भविष्यवाणी के वचन को स्वीकार और विश्वास करना चाहिए। हमें पानी और आत्मा के सुसमाचार का प्रचार करना चाहिए, और प्रभु की वापसी पर उनसे मिलना चाहिए। आइए हम परमेश्वर के इस कार्य के लिए जीवन जिए। जब प्रभु इस पृथ्वी पर वापस आएंगे, तो हमें एक नया जीवन मिलेगा, हमारे शरीर उनके जैसे रूपांतरित हो जाएंगे, और हम फिर से उनकी नई दुनिया में जीएंगे, जैसा उन्होंने हमें बताया है। 
हम नहीं जानते कि प्रभु की वापसी का सही दिन और समय क्या है। लेकिन दुनिया के चिन्हों को देखने से, हम जानते हैं कि परमेश्वर के वचन में दर्ज सभी विपत्तियां हमारे बहुत करीब हैं। इस प्रकार हम उस परमेश्वर पर विश्वास करते हैं जिसने इन सब बातों की भविष्यवाणी की है, और जिसने हमें उद्धार का मार्ग दिखाया है।