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उपदेश

विषय १० : प्रकाशितवाक्य (प्रकाशितवाक्य पर टिप्पणी)

[अध्याय 10-2] क्या आप जानते है की संतों का रेप्चर कब होगा? ( प्रकाशितवाक्य १०:१-११ )

क्या आप जानते है की संतों का रेप्चर कब होगा?
( प्रकाशितवाक्य १०:१-११ )

आइए अब हम अपना ध्यान इस विषय की ओर मोड़ें कि रेप्चर कब होगा। बाइबल में ऐसे कई भाग हैं जो रेप्चर के बारे में बात करते है। नए नियम में कई भाग हैं जो इस पर चर्चा करते हैं, और ऐसा ही पुराना नियम भी है, जहां हम इसे देख सकते हैं, उदाहरण के लिए, एलिय्याह जो आग के रथ में स्वर्ग पर चढ़ गया, और हनोक जो परमेश्वर के साथ चला और उसके द्वारा उठा लिया गया। जैसा कि देखा जा सकता है, बाइबल कई जगहों पर रेप्चर की बात करती है। रेप्चर का अर्थ है `उठाना`। यह परमेश्वर के अपने लोगों को अपनी सामर्थ के द्वारा स्वर्ग में ऊपर उठाने के लिए संदर्भित करता है। 
हालाँकि, बाइबल में जो सबसे अधिक उलझन भरा प्रश्न है वह है रेप्चर का प्रश्न है। परमेश्वर अपने लोगों को कब ऊपर उठाएगा? रेप्चर के समय का यह प्रश्न मसीही धर्म में सबसे अधिक पूछे जाने वाले प्रश्नों में से एक है।
आये हम १ थिस्सलुनीकियों ४:१४-१७ को खोलते है और देखते है की परमेश्वर पौलुस के द्वारा हमें क्या बताना चाहता है: “क्योंकि यदि हम विश्‍वास करते हैं कि यीशु मरा और जी भी उठा, तो वैसे ही परमेश्‍वर उन्हें भी जो यीशु में सो गए हैं, उसी के साथ ले आएगा। क्योंकि हम प्रभु के वचन के अनुसार तुम से यह कहते हैं कि हम जो जीवित हैं और प्रभु के आने तक बचे रहेंगे, सोए हुओं से कभी आगे न बढ़ेंगे। क्योंकि प्रभु आप ही स्वर्ग से उतरेगा; उस समय ललकार, और प्रधान दूत का शब्द सुनाई देगा, और परमेश्‍वर की तुरही फूँकी जाएगी; और जो मसीह में मरे हैं, वे पहले जी उठेंगे। तब हम जो जीवित और बचे रहेंगे उनके साथ बादलों पर उठा लिये जाएँगे कि हवा में प्रभु से मिलें; और इस रीति से हम सदा प्रभु के साथ रहेंगे।” 
यहूदा १:१४ में, परमेश्वर हमें यह भी बताता है, “हनोक ने भी जो आदम से सातवीं पीढ़ी में था, इनके विषय में यह भविष्यद्वाणी की, “देखो, प्रभु अपने लाखों पवित्रों के साथ आया।” दूसरे शब्दों में, प्रधान स्वर्गदूत के तुरही फूंकते परमेश्वर के द्वारा संतों को हवा में उठाया जाएगा, और थोड़ी देर के लिए हवा में रहेंगे, और फिर हमारे परमेश्वर के साथ पृथ्वी पर उतरेंगे। यह रेप्चर का बाइबल आधारित विवरण है।
उपरोक्त भाग को हमने पहले क्यों देखा इसका कारण यह है कि प्रकाशितवाक्य १० हमें बताता है कि रेप्चर कब आएगा। जैसा कि मैंने पहले उल्लेख किया है, इस अध्याय का मूल अंश ७वें वचन में पाया जाता है, “वरन् सातवें स्वर्गदूत के तुरही फूँकने पर होने वाले शब्द के दिनों में परमेश्‍वर का गुप्‍त मनोरथ उस सुसमाचार के अनुसार जो उसने अपने दास भविष्यद्वक्‍ताओं को दिया, पूरा होगा।” यह वचन रेप्चर के बारे में हमारे सभी प्रश्नों का उत्तर देने की कुंजी है, क्योंकि यह हमें बताता है कि रेप्चर कब होगा। 
परमेश्वर यूहन्ना के पास दर्शन में एक शक्तिशाली दूत भेजता है, और वह दिखाता है कि वह इस स्वर्गदूत के माध्यम से क्या करेगा, जैसे कि प्रभु इस पृथ्वी पर आया हो। इस स्वर्गदूत ने स्वर्ग की ओर अपना हाथ उठाकर कहा, “और जो युगानुयुग जीवता है, और जिसने स्वर्ग को और जो कुछ उसमें है, और पृथ्वी को और जो कुछ उस पर है, और समुद्र को और जो कुछ उसमें है सृजा, उसी की शपथ खाकर कहा, “अब तो और देर न होगी।” अब तो और देर न होगी इसका मतलब है कि अब और देरी करने का कोई कारण नहीं है। इसका अर्थ है "समय नहीं है।" कोई समय नहीं है, इसका मतलब है कि सातवें दूत की आवाज के दिन, परमेश्वर का रहस्य पूरा हो जाएगा क्योंकि परमेश्वर ने अपने सेवकों को भविष्यद्वक्ताओं के रूप में घोषित किया है।
सात तुरहियों की विपत्तियों में से, जब अंतिम तुरही बजेगी, तब संसार सात कटोरों की विपत्तियों में प्रवेश करेगा। हमें यह समझना चाहिए कि तब तक इस दुनिया के लिए कोई समय नहीं बचेगा। इस प्रकार, पद ७ में परमेश्वर का वचन, कि “वरन् सातवें स्वर्गदूत के तुरही फूँकने पर होने वाले शब्द के दिनों में परमेश्‍वर का गुप्‍त मनोरथ उस सुसमाचार के अनुसार जो उसने अपने दास भविष्यद्वक्‍ताओं को दिया, पूरा होगा” यह रेप्चर के समय को संदर्भित करता है। अन्यत्र, पौलुस ने भी कहा कि रेप्चर एक प्रधान स्वर्गदूत की आवाज और परमेश्वर की तुरही की आवाज के साथ होगा। यह वही है जो पौलुस के मन में था, और यह बाइबल के अन्य सभी सन्दर्भों के लिए भी रेप्चर के लिए प्रारंभिक बिंदु है।
“वरन् सातवें स्वर्गदूत के तुरही फूँकने पर होने वाले शब्द के दिनों में परमेश्‍वर का गुप्‍त मनोरथ उस सुसमाचार के अनुसार जो उसने अपने दास भविष्यद्वक्‍ताओं को दिया, पूरा होगा।” यह वचन हमें बताता है कि संतों का रेप्चर तब होगा जब सातवां स्वर्गदूत अपनी तुरही फूंकता है, उन्हें हवा में उठाता है। जब परमेश्वर के सेवकों ने पानी और आत्मा के सुसमाचार को खोई हुई आत्माओं तक फैलाया, तो पवित्र आत्मा वास्तव में उन विश्वासियों के दिलों पर उतरा जिन्होंने सच्चे सुसमाचार को स्वीकार किया, और वे वास्तव में परमेश्वर की संतान बन गए। यह हमारे लिए समान ही है कि रेप्चर यानी परमेश्वर का रहस्य, संतों को हवा में उठाकर वास्तविकता में बदल जाएगा। 
इसके बाद, परमेश्वर इस दुनिया को पूरी तरह से सात कटोरे की आखिरी विपत्तियां डालकर नष्ट कर देंगे, इस धरती पर परमेश्वर के राज्य को लाएंगे जहां हम एक हजार साल तक मसीह के साथ शासन करेंगे, और फिर हमें नए स्वर्ग और पृथ्वी पर ले जाएंगे जहां हम हमेशा के लिए रहेंगे।
यूहन्ना को आने वाले रेप्चर के बारे में बताने के बाद, परमेश्वर ने उसे छोटी किताब खाने और फिर से भविष्यवाणी करने की आज्ञा दी। सबसे महत्वपूर्ण सबक जो परमेश्वर के सेवकों को इन अंतिम दिनों में रहने वाले संतों को सिखाना चाहिए, वह है रेप्चर की घटना और उसका सही समय। उन्हें इन पाठों को बाइबल के आधार पर सही शब्दों में पढ़ाना चाहिए। उन्हें पानी और आत्मा के सुसमाचार का सही-सही प्रचार करना चाहिए। परमेश्वर के सेवकों और उनके संतों को, जो अंत के समय में जी रहे हैं, यही करना चाहिए। इस प्रकार परमेश्वर ने संतों को इन कार्यों के साथ-साथ उनके रहस्य को प्रकट करने का काम सौंपा है। परमेश्वर हमें बताता है कि वह विलम्ब नहीं करेगा, परन्तु अपने कार्यों को बिना असफलता के पूरा करेगा। जब समय आएगा, परमेश्वर सब कुछ वास्तविकता में पूरा करेंगे।
अध्याय ११ में, जैतून के दो पेड़, यानी दो भविष्यद्वक्ता दिखाई देते हैं। परमेश्वर के ये दो सेवक, जो जैतून के दो वृक्षों के रूप में प्रतीक हैं, मसीह विरोधी के द्वारा उसके विरुद्ध लड़ाई में मारे जाएंगे, परन्तु वे फिर से मरे हुओं में से जी उठेंगे और साढ़े तीन दिनों में रेप्चर किए जाएंगे। दूसरे शब्दों में, परमेश्वर हमें विभिन्न अवसरों पर दिखाता है कि रेप्चर तब होगा जब संत मसीह विरोधी के इस समय में शहीद हो जाएंगे।
जो हमें पहले से पता होना चाहिए वह यह है कि संत महान क्लेश के मध्य में जीवित रहेंगे, इस पृथ्वी पर तब तक रहेंगे जब तक कि सात तुरहियों की विपत्तियों की पहली छह विपत्तियाँ समाप्त नहीं हो जातीं। और परमेश्वर सात तुरहियों की इन विपत्तियों से संतों की रक्षा करेगा—अर्थात, परमेश्वर छठी विपत्ति तक उनकी रक्षा करेगा, लेकिन अंत में मसीह विरोधी उन्हें अपने अत्याचार की चरम सीमा पर मार डालेगा क्योंकि वह परमेश्वर के विरुद्ध अपना अंतिम संघर्ष करता है। संत इस समय जिस मृत्यु को गले लगाएंगे, वह उनकी शहादत है। क्योंकि वे अपने विश्वास की रक्षा के लिए धर्मी मौत मरेंगे, हम इसे "शहादत" कहते हैं। इसलिए हमें विश्वास करना चाहिए कि इस शहादत के बाद रेप्चर आएगा, और दूसरों को भी इस विश्वास का प्रचार करना चाहिए।
बहुत से लोग इस बात को लेकर बहुत भ्रमित हैं कि रेप्चर महा क्लेश से पहले होगा या बाद में। पुराने दिनों में लोग सोचते थे कि मसीह क्लेश के बाद वापस आएगा, और संत यीशु के इस दूसरे आगमन के साथ ऊपर उठाए जाएंगे। लेकिन आजकल, अधिकांश मसीही विश्वास करते हैं कि रेप्चर महान क्लेश से पहले आएगा। वे सोचते हैं कि सात तुरहियों या सात कटोरों की विपत्तियों से उनका कोई लेना-देना नहीं होगा, और जब वे अपने दैनिक, सामान्य और उत्तम जीवन को व्यतीत करेंगे, तब वे ऊपर उठा लिए जाएंगे। लेकिन हमें इस झूठी शिक्षा से धोखा नहीं खाना चाहिए। ये लोग रेप्चर के समय के बारे में अपने ज्ञान और समझ में बहुत गलत हैं; जैसे-जैसे अंत का समय निकट और निकट आता जाएगा, उनकी धार्मिकता कम होती जाएगी और उनका विश्वास गायब हो जाएगा।
जब मैं आपसे कहता हूँ कि रेप्चर महाक्लेश के बीच में आएगा, तो मैं यह नहीं कह रहा हूँ कि आप और भी पवित्र बनो। मैं बस इतना चाहता हूँ कि आप रेप्चर के समय की स्पष्ट समझ रखें और क्लेश-पूर्व रेप्चर की झूठी शिक्षा से दूर भागें, क्योंकि वचन ७ में परमेश्वर हमें विस्तार से बताता है: “वरन् सातवें स्वर्गदूत के तुरही फूँकने पर होने वाले शब्द के दिनों में परमेश्‍वर का गुप्‍त मनोरथ उस सुसमाचार के अनुसार जो उसने अपने दास भविष्यद्वक्‍ताओं को दिया, पूरा होगा।” जब सात कटोरों की विपत्तियां उंडेली जाएंगी, तो सात तुरहियों की पिछली विपत्तियों के विपरीत, वे लगातार एक के बाद एक उंडेली जाएंगी। हम संतों को यह समझना चाहिए।
प्रकाशितवाक्य १६:१-२ हमें बताता है, “फिर मैं ने मन्दिर में किसी को ऊँचे शब्द से उन सातों स्वर्गदूतों से यह कहते सुना, “जाओ, परमेश्‍वर के प्रकोप के सातों कटोरों को पृथ्वी पर उंडेल दो।” अत: पहले स्वर्गदूत ने जाकर अपना कटोरा पृथ्वी पर उंडेल दिया। तब उन मनुष्यों के, जिन पर पशु की छाप थी और जो उसकी मूर्ति की पूजा करते थे, एक प्रकार का बुरा और दु:खदाई फोड़ा निकला।” बचे हुए कटोरे को एक पंक्ति में डालना इस पहली विपत्ति का अनुसरण करता है, जैसे कि विपत्तियाँ एक ऑटो-पायलट मोड में हैं, सात स्वर्गदूत एक के बाद एक अपने कटोरे खाली कर रहे हैं, न तो तुरही की आवाज़ और न ही कुछ और। दुसरे शब्दों में, सात कटोरों को एक पंक्ति में डालने से परमेश्वर इस संसार को पूरी तरह से नष्ट कर देगा। क्यों? क्योंकि सात कटोरों की विपत्तियां डालने से सब कुछ समाप्त हो जाएगा, जो सब मिलकर सातवीं तुरही की विपत्ति में सम्मिलित हैं। 
जब सात तुरहियों की विपत्तियाँ लायी जाती हैं, तो एक और दूसरी विपत्ति के बीच कम से कम कुछ विराम होते हैं, लेकिन सात कटोरों की विपत्तियों के साथ ऐसा कोई विराम नहीं होता है। क्योंकि सात कटोरों की ये विपत्तियाँ अंतिम क्षण के लिए आरक्षित हैं, सात तुरहियों की विपत्तियों को उनके क्रम में लाने के बाद, जब अंतिम तुरही बजती है, तो दुनिया एक नए स्तर पर चली जाती है जहाँ सब कुछ समाप्त हो जाएगा। 
इसीलिए प्रकाशितवाक्य ११:१५-१८ में दर्ज किया गया है: “जब सातवें दूत ने तुरही फूँकी, तो स्वर्ग में इस विषय के बड़े बड़े शब्द होने लगे : “जगत का राज्य हमारे प्रभु का और उसके मसीह का हो गया, और वह युगानुयुग राज्य करेगा।” तब चौबीसों प्राचीन जो परमेश्‍वर के सामने अपने अपने सिंहासन पर बैठे थे, मुँह के बल गिरकर परमेश्‍वर को दण्डवत् करके यह कहने लगे, “हे सर्वशक्‍तिमान प्रभु परमेश्‍वर, जो है और जो था, हम तेरा धन्यवाद करते हैं कि तू ने अपनी बड़ी सामर्थ्य को काम में लाकर राज्य किया है। जातियों ने क्रोध किया, पर तेरा प्रकोप आ पड़ा, और वह समय आ पहुँचा है कि मरे हुओं का न्याय किया जाए, और तेरे दास भविष्यद्वक्‍ताओं और पवित्र लोगों को और उन छोटे बड़ों को जो तेरे नाम से डरते हैं बदला दिया जाए, और पृथ्वी के बिगाड़नेवाले नष्‍ट किए जाएँ।”
यहाँ कहा गया है कि जब सातवें स्वर्गदूत ने अपनी तुरही फूंकी, तो यह कहते हुए बड़े शब्द सुनाई दी, “जगत का राज्य हमारे प्रभु का और उसके मसीह का हो गया, और वह युगानुयुग राज्य करेगा।” लेकिन वहाँ विपत्ति का कोई उल्लेख नहीं है। क्यों? क्योंकि सातवीं तुरही बजने के तुरंत बाद सातवीं विपत्ति नहीं थी, बल्कि रेप्चर था। परमेश्वर संतों को पुनरुत्थित करेगा और उन्हें उठाएगा, दोनों को यानी जो अभी भी पृथ्वी पर जी रहे हैं और जो पहले से ही मर चुके हैं, और जब उनका रेप्चर समाप्त हो जाएगा, तो वह सात कटोरे की विपत्तियां डाल देगा और दुनिया को पूरी तरह से नष्ट कर देगा। 
यदि हम यह जानना चाहते हैं कि वास्तव में हमारा रेप्चर कब होगा, तो हमें केवल प्रकाशितवाक्य १०:७ में पाए गए परमेश्वर के वचन को देखना होगा। परमेश्वर का गुप्त मनोरथ इस समय निश्चित रूप से पूरा हो जाएगा, जैसा कि उसने अपने सेवकों को भविष्यद्वक्ताओं के रूप में घोषित किया था। यहाँ परमेश्वर का गुप्त मनोरथ रेप्चर को संदर्भित करता है – ओर किसी का नहीं, बल्कि संतों का। 
यहाँ, मैं आपकी स्पष्ट समझ और सही विश्वास के लिए एक और भाग प्रस्तुत करता हूँ। फिर से, बाइबल कहती है, “देखो, मैं तुम से भेद की बात कहता हूँ : हम सब नहीं सोएँगे, परन्तु सब बदल जाएँगे, और यह क्षण भर में, पलक मारते ही अन्तिम तुरही फूँकते ही होगा। क्योंकि तुरही फूँकी जाएगी और मुर्दे अविनाशी दशा में उठाए जाएँगे, और हम बदल जाएँगे (१ कुरिन्थियों १५:५१-५२)।" क्या बाइबल स्पष्ट रूप से नहीं कहती है कि संतों का पुनरुत्थान अंतिम तुरही पर होगा? जब तुरही बजती है, तो मसीह में मरे हुओं को अविनाशी रूप से जिलाया जाएगा, और हम भी एक पल में बदल दिए जाएंगे ताकि हमारा रेप्चर हो सके।
वह स्वर्गदूत जो अध्याय १० में प्रकट होता है, परमेश्वर द्वारा भेजा गया एक शक्तिशाली स्वर्गदूत है, जो पहले छह तुरहियां बजाने वाले अन्य स्वर्गदूतों से अलग है। जब हम देखते हैं कि यह शक्तिशाली स्वर्गदूत ने क्या किया, तो वह परमेश्वर की तरह दिखाई देता है कि हम उसे शायद परमेश्वर मान ले: “उसके सिर पर मेघधनुष था। उसका मुँह सूर्य के समान और उसके पाँव आग के खंभे के समान थे। उसके हाथ में एक छोटी सी खुली हुई पुस्तक थी। उसने अपना दाहिना पाँव समुद्र पर और बायाँ पृथ्वी पर रखा, और ऐसे बड़े शब्द से चिल्‍लाया, जैसा सिंह गरजता है; और जब वह चिल्‍लाया तो गर्जन के सात शब्द सुनाई दिए।”
दूसरे शब्दों में, हम इस स्वर्गदूत को परमेश्वर समझ सकते हैं, क्योंकि यह शक्तिशाली स्वर्गदूत यीशु की ओर से उन सभी कामों को अंजाम देता है जो यीशु मसीह को करना है। यह हमें बताता है कि परमेश्वर यह सब कार्य इस शक्तिशाली स्वर्गदूत के द्वारा करेगा। यह हमें बताता है कि यह स्वर्गदूत, समुद्र और भूमि पर अपना पैर रखता है, उन दोनों को नष्ट कर देगा, और जब गर्जन सुनाई देगी, तो वह वो सब कुछ पूरा करेगा जो परमेश्वर ने यीशु मसीह में ब्रह्मांड और मनुष्यजाति के निर्माण की शुरुआत से ही योजना बनाई थी।
सात तुरहियों की विपत्तियों के दौरान हम संत जीवित रहेंगे और पहली छह विपत्तियों का अनुभव करेंगे, और हम तब तक सुसमाचार का प्रचार करते रहेंगे। परमेश्वर ने यूहन्ना को छोटी पुस्तक लेने और खाने और फिर से भविष्यवाणी करने के लिए कहा, लेकिन यह वचन भी आप और मेरी ओर निर्देशित है—अर्थात, हमें अपने विश्वास में बने रहना चाहिए और जीवित रहना चाहिए। जब सातवीं तुरही बजती है तो हमारा रेप्चर सच हो जाएगा, हमें अपने रेप्चर के इस सत्य को पहचानना चाहिए, विश्वास में इसे थामे रहना चाहिए, और वचन को सुनना चाहिए और इस दिन के आने तक सुसमाचार का प्रचार करना चाहिए। 
जब तक सातवीं तुरही नहीं बजती, तब तक मसीह विरोधी इस विपत्ति के बीच सक्रिय रहेगा, संत इसके साथ शहीद हो जाएंगे, और उसके तुरंत बाद उनका रेप्चर किया जाएगा। इस प्रकार, इस अंत के समय में भी, जब कई विश्वासियों का यीशु पर से विश्वास हिल गया है और कम हो रहा है, आपको और मुझे अभी भी विश्वास से जीना चाहिए। दूसरे शब्दों में, हमें विश्वास करना चाहिए कि हमारा रेप्चर सातवीं तुरही के बजने के ठीक बाद आएगा, और इस विश्वास के द्वारा अपना जीवन व्यतीत करेंगे।
हम शीघ्र ही सात तुरहियों की विपत्तियों को अपनी आंखों से देखेंगे। हम पहली से छठी तक इन विपत्तियों को अपनी आंखों से देखेंगे और गिनेंगे। इसके बाद जब हम संतों को सहज भाव से लगेगा कि हमारी शहादत का समय आ गया है तो हम वास्तव में उसी के अनुसार शहीद होंगे। यह न तो परियों की कहानी है और न ही विज्ञान-कथा। न ही यह कुछ ऐसा है जिस पर आप अपनी मर्जी से विश्वास कर सकते हैं या नहीं। आपके और मेरे साथ वास्तव में यही होगा।
प्रकाशितवाक्य १०:७, वह पद जो प्रकाशितवाक्य की पुस्तक में से सबसे स्पष्ट रूप से रेप्चर को दर्शाता है, हमें बताता है कि संतों का रेप्चर सातवीं तुरही के बजने के साथ आएगा, और संसार सात कटोरे की विपत्तियों के साथ समाप्त हो जाएगा। संतों को ऊपर उठाने के बाद, परमेश्वर पूरी दुनिया को नष्ट करेंगे। जब सभी संत का रेप्चर हो जाएगा, तो वे हवा में प्रभु की स्तुति करेंगे। परन्‍तु इस पृय्‍वी पर सात कटोरों की विपत्तियां डाली जाएंगी, और जगत का सर्वनाश होगा, और जब सात कटोरे की विपत्तियां समाप्‍त होंगी, तब पवित्र लोग प्रभु के साथ नई पृय्‍वी पर उतरेंगे। और फिर हजार साल का राज्य यानी की मसीह का राज्य इस पृथ्वी पर बनाया जाएगा।
आज के मसीही ज्यादातर क्लेश-पूर्व रेप्चर का समर्थन करते हैं, और आजकल उनमें से कुछ हजार साल के राज्य न होने की वकालत भी करने लगे हैं—अर्थात, हजार साल के राज्य जैसी कोई चीज नहीं है। तो फिर क्या हजार साल का राज्य एक वास्तविकता नहीं है? ऐसे कई लोग हैं जो इन दिनों ऐसा विश्वास करते हैं। उनमें से कुछ, जो कोरिया के कुछ सबसे बड़े कलीसियाओं में सेवकाई करते हैं, यहाँ तक घोषणा करते हैं कि प्रकाशितवाक्य में ६६६ के चिह्न से लेकर रेप्चर तक सब कुछ तथ्यात्मक नहीं है, बल्कि केवल प्रतीकात्मक है। जैसा कि हमारे प्रभु ने एक बार पूछा था, "जब मनुष्य का पुत्र आएगा, तो क्या वह वास्तव में पृथ्वी पर विश्वास पाएगा?" इन अंतिम समय में सच्चे विश्वासियों को खोजना निश्चित रूप से बहुत कठिन है।
लेकिन प्रभु हमें बताता है कि हमारा रेप्चर वास्तव में वास्तविकता के रूप में होगा। जब हमारा रेप्चर होगा, तो हम हवा में प्रभु से मिलेंगे और उनकी स्तुति करेंगे, उनके द्वारा हमारी देखभाल होगी और वह हमें दिलासा देगा, और उनके साथ फिर से इस पृथ्वी पर लौट आएंगे। हजार साल के राज्य में आकर, हम अपने पुनरुत्थित और रूपांतरित शरीरों में, अपने बदले हुए जीवन से लेकर बदले हुए आशीषों तक, हर उस चीज़ के बीच में, जो नवीकृत होती है, नया जीवन जिएंगे। हम परमेश्वर के द्वारा ऐसी महिमा पाकर जीवन जिएंगे। आपको और मुझे इस विश्वास और इस आशा के साथ जीना चाहिए। और जब हजार साल का राज्य समाप्त हो जाएगा, हम नए स्वर्ग और पृथ्वी में प्रवेश करेंगे, और अनन्त सम्मान और महिमा में हमेशा के लिए मसीह के साथ राज्य करेंगे। 
जब हम हजार साल के राज्य और नए स्वर्ग और पृथ्वी में प्रवेश करते हैं, तो सभी स्वर्गदूत हमारे सेवक होंगे। सभी आत्मिक प्राणी, परमेश्वर और यीशु मसीह द्वारा रचा गया सारा संसार, और उसमें जो कुछ भी है, वह किसका होगा? वे सब हमारे होंगे। यही कारण है कि बाइबल कहती है कि जो सभी चीजों के वारिस होंगे वे संत हैं। क्योंकि आप और मैं संत हैं जो पानी और आत्मा के सुसमाचार के द्वारा नया जन्म पाए हुए हैं, हम परमेश्वर के वारिस और मसीह के संगी वारिस हैं, जिन्हें सब कुछ विरासत में मिलेगा। इस प्रकार, आपको और मुझे विश्वास से इस पृथ्वी पर कठिनाइयों को दूर करना चाहिए, और अपनी विरासत के दिन को देखते हुए दृढ़ रहना चाहिए। हमें परमेश्वर की सेना के रूप में युध्ध करनेवाला विश्वास भी रखना चाहिए।
परमेश्वर ने हमें बताया है कि ये सभी चीजें जल्द ही बिना किसी देरी के पूरी होंगी। दूसरे शब्दों में, वे निश्चित रूप से शीघ्र ही पूर्ण हो जाएगा। फिर कुछ लोग सोच सकते हैं कि परमेश्वर ने हमें इसके बारे में अधिक विस्तार से क्यों नहीं बताया। इस प्रश्न का उत्तर यह है कि अपने कार्यों को छिपाना परमेश्वर की बुद्धि है (नीतिवचन २५:२, लूका १०:२१)।
यदि परमेश्वर की योजना को विस्तार से लिखा जाता, तो यह इस संसार में बहुत अधिक हलचल का कारण होता। तब संत अंतिम दिन तक जीवित नहीं रह सकते। अविश्वासियों द्वारा लगभग सभी संतों को मार डाला जाता, और एक भी संत नहीं बचता। यदि अंत समय के बारे में हर विवरण बाइबिल में लिखा गया होता, तो जिन्होंने पानी और आत्मा से नया जन्म नहीं लिया हैं, वे सभी नया जन्म पाए हुए विश्वासियों को मार डालते। अपने उद्देश्यों को छिपाकर, परमेश्वर वह केवल उन्हीं के लिए प्रकट करता है जो योग्य हैं, और अन्यथा उन्हें बाकी लोगों से रहस्य के रूप में रखता है—यह परमेश्वर का ज्ञान है। परमेश्वर ने अपनी योजना को हमारे सामने प्रकट किया है और हमें इसे जानने की अनुमति दी है, केवल इसलिए कि इस युग के संतों के लिए यह बहुत ही आवश्यक है।
नया जन्म पाई हुई परमेश्वर की कलीसिया अब अंत के समय के बारे में विस्तार से बोल रहे हैं, इसका अर्थ है कि अंत के दिन हमारे निकट आ रहे हैं। क्योंकि क्लेश का युग निकट है, इसलिए प्रकाशितवाक्य के वचन का प्रचार किया जाता है ताकि संतों को अंत समय का उचित ज्ञान हो ताकि वे इस जल्द आनेवाले क्लेश को झेल सकें और उस पर जय पा सकें। यहां तक कि नया जन्म पाए हुए लोग भी, यदि वे बिना किसी ज्ञान के क्लेश का सामना करते हैं, तो उन्हें पता नहीं चलेगा कि क्या करना है और जब वास्तव में क्लेश आता है तो वे बहुत भ्रम में पड़ जाते हैं। यह भ्रम उन लोगों के लिए और भी अधिक होगा जो केवल अपने व्यक्तिगत विश्वास पर भरोसा करते हैं।
हम कल्पना कर सकते हैं कि कई अनिच्छुक आत्माएं, अपनी अज्ञानता और भ्रम में, अंत समय आने पर गलत रास्ते पर जाने लगेंगी। "क्या परमेश्वर ने आपको कुछ बताया?" "जब आप प्रार्थना कर रहे थे तो क्या उसने आपको एक दर्शन नहीं दिखाया?" बहुत से लोग परमेश्वर से दर्शन पाने के लिए उत्तेजित होंगे, और कई लोग दावा करेंगे कि उन्होंने अंत के समय में ऐसे दर्शन देखे हैं। "जब आप प्रार्थना कर रहे थे तो क्या परमेश्वर ने आपको कुछ नहीं बताया?" यदि संत अज्ञानी रहते हैं, तो अंत समय के संतों के बीच यह एक बहुत ही सामान्य प्रश्न होगा।
परन्तु परमेश्वर कभी भी इस तरह से कार्य नहीं करता है, क्योंकि उसने पहले ही हमें आज्ञा दी है, "जिसके कान हों, वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है।" दूसरे शब्दों में, संत को केवल वही सुनना चाहिए जो पवित्र आत्मा कलीसियाओं के माध्यम से कहता है। क्योंकि पवित्र आत्मा, परमेश्वर के वचन की निश्चितता देता है, केवल वही गवाही देता है जो सत्य और सही है, जब दुनिया के अंत में आने वाली विपत्तियाँ आती हैं तो हम संत निम्नलिखित क्लेशों से आश्चर्यचकित नहीं होंगे, बल्कि विश्वास से जिएंगे—क्योंकि तब तक हम सत्य का वचन सुन चुके होंगे और विश्वास से उसे अपने ह्रदय पर लिख चुके होंगे। 
यही कारण है कि यूहन्ना ने हमें पहले ही बता दिया कि भविष्य में क्या होगा, और क्यों परमेश्वर के सेवक इस लिखित वचन की सीमा के भीतर सत्य का प्रचार करते हैं। परमेश्वर के लिखित वचन से क्या होगा, यह जानने और प्रचार करने के अलावा भविष्यवाणी और कुछ नहीं है; स्वप्न या प्रार्थना में दर्शन देखने का दावा करना भविष्यवाणी नहीं है!
यह कभी न भूलें कि हमारा रेप्चर अवश्य आएगा, और हम परमेश्वर के संत हैं। और यह न भूलें कि अब आप एक संत बन गए हैं, जो अपने रेप्चर के समय हवा में मसीह के साथ होंगे, जो एक हजार साल तक जीने के लिए फिर से नई पृथ्वी पर उतरेंगे, और जो हमेशा के लिए नए स्वर्ग और पृथ्वी में रहेंगे। यदि आप लोगों को क्लेश-पूर्व रेप्चर या क्लेश-पश्चात रेप्चर के बारे में बात करते हुए सुनते हैं, या यह दावा करते हैं कि कोई हजार साल का राज्य बिल्कुल भी नहीं है, तो उस भाग का उल्लेख करके उन्हें सच बताएं जिसकी हम यहां चर्चा कर रहे हैं। आप उन्हें १ थिस्सलुनीकियों ४ और १ कुरिन्थियों १५ का भी उल्लेख करना चाहिए, और उन्हें बताना चाहिए कि प्रभु एक प्रधान दूत की आवाज और आखिरी तुरही की आवाज के साथ उतरेगा, और पवित्र लोगों को उसके साथ रहने के लिए हवा में उठाएगा। जब आप इस रेप्चर में विश्वास करते हैं केवल तभी आप अपने विश्वास की रक्षा कर सकते हैं।
रेप्चर होने के लिए, विश्वास से शहीद और देह में पुनरुत्थित होना जरुरी है। क्योंकि पुनरुत्थान के साथ-साथ रेप्चर भी आएगा, जैसे ही हम पुनरुत्थित होंगे, हम रेप्चर किए जाएंगे और हवा में ऊपर उठाए जाएंगे। इसलिए, रेप्चर और पुनरुत्थान एक ही हैं। पहले पुनरुत्थान में भाग लेने का अर्थ हजार साल के राज्य में प्रभु के साथ रहना है। रेप्चर होने का अर्थ भी इस पृथ्वी पर एक हजार वर्ष तक प्रभु के साथ रहना है।
तो फिर, हमारा रेप्चर क्यों होगा? क्योंकि परमेश्वर सात कटोरों की विपत्तियाँ डालकर इस पृथ्वी पर सब कुछ नष्ट कर देगा-अर्थात, वह अपने संतों को पहले ही रेप्चर कर लेगा ताकि नाश की इन विपत्तिओं से वह अपनी संतानों को बचा सके। संतों को पापियों से अलग करने के लिए, और उनके विभिन्न गंतव्यों को दिखाने के लिए, वह संतों का रेप्चर करेगा। इस प्रकार, हमें इन सभी बातों पर विश्वास करना चाहिए—हमारे रेप्चर में, हमारे पुनरुत्थान में, और हमारी शहादत में।
कुछ लोगों के लिए, पानी और आत्मा का सुसमाचार विस्तार से प्रकट होता है, जबकि अन्य के लिए, यह पूरी तरह से गुप्त रहस्य के रूप में रहता है। इसी तरह, संतों की शहादत, पुनरुत्थान, रेप्चर, और हजार साल का राज्य और नए स्वर्ग और पृथ्वी पर उनका शासन सभी परमेश्वर के रहस्य हैं। केवल नया जन्म प्राप्त करने वाले को ही परमेश्वर ने इन रहस्यों को प्रकट किया और दिखाया है। और उन्हें इन रहस्यों में विश्वास दिलाने के द्वारा उसने उन्हें अंत के समय में जीने और स्वर्ग के राज्य में उनकी आशा के साथ उनकी सभी कठिनाइयों को दूर करने में सक्षम बनाया है। 
आपको और मुझे इस तरह का विश्वास होना चाहिए। इस तरह के विश्वास के बिना - यानी, यह विश्वास किए बिना कि हमारा रेप्चर होगा, हम नए स्वर्ग और पृथ्वी में रहेंगे, प्रभु हमें मृतकों में से उठाएंगे, जब हम मसीह विरोधी के द्वारा मारे जाएंगे तब हमारा रेप्चर करेगा, हमें हवा में उठाए जाने की अनुमति देगा, और फिर हमें इस पृथ्वी पर वापिस लाकर उसके साथ एक हजार साल तक शासन करने देगा — हम इस अंतिम युग के कठिन और निराशाजनक जीवन के दौरान दृढ़ रहने में सक्षम नहीं होंगे।
संतों का एक सुंदर सपना होता है, और कोई और नहीं बल्कि हमारे परमेश्वर इस सपने को सच कर सकते हैं। इस आशा के बिना, हम इस निराशाजनक दुनिया में केवल दुख और पीड़ा में ही रहेंगे।
पौलुस ने तीमुथियुस से कहा कि जो सुन्दर वस्तु उसे सौंपी गई है, उसे अपने पास रखे। यह सुसमाचार सुंदर है; वैसे ही हमारी शहादत, पुनरुत्थान और रेप्चर भी सुन्दर हैं; और इसी तरह हजार साल के राज्य और नए स्वर्ग और पृथ्वी में रहना भी सुन्दर है। ये सभी अच्छी और सुन्दर चीजें हैं। वे केवल संतों के हैं, और वे सभी समझ में आनेवाला विश्वास और आशा हैं, भ्रम या कल्पना नहीं। ये हमारी आशा और विश्वास है जो प्रभु ने हमें दिया है। इन सब में विश्वास के साथ, हमें इस युग को उस दिन की आशा में जीना चाहिए जब हजार साल का राज्य और नया स्वर्ग और पृथ्वी हमारे लिए लाए जाएंगे।
जिनका रेप्चर किया जाएगा वे कोई और नहीं बल्कि आप और मैं हैं। हमें विश्वास से जीना चाहिए, उस दिन की प्रतीक्षा करनी चाहिए जब हम प्रभु के सामने खड़े होने और हजार साल के राज्य और नए स्वर्ग और पृथ्वी में राज्य करने के लिए रेप्चर होंगे।
परमेश्वर हमें बताते हैं कि जो आने वाला है वह जल्द ही आएगा। महाक्लेश की सात वर्ष की अवधि के मध्यभाग के दौरान आने वाली विपत्तियाँ काफी हल्की और अल्पकालिक होती हैं। क्या महाक्लेश के सात वर्षों के दौरान विपत्तियाँ बनी रहेगी, कोई उन्हें कैसे सहन कर सकता है? शुरुआती विपत्तियां कम होगी, और जैसे-जैसे समय अंतिम छोर के करीब आता जाएगा, देखने के लिए और भी बहुत कुछ होगा। जब सातवीं तुरही की विपत्ति आएगी, तो यह एक बड़े विनाश में बदल जाएगी।
जब शैतान संतों के विश्वास को हिलाने की कोशिश करता है, तो वह कलीसिया के कुछ अगुवों की हत्या करके उनके सामने उदाहरण पेश करेगा। शैतान कह सकता है, "यदि तुम परमेश्वर का इन्कार करते हो तो मैं तुम्हारी जान बख्श दूँगा!" भले ही दुनिया बेहतर हो जाए, फिर भी शैतान के प्रस्ताव के बारे में दो बार सोचना होगा। तब उसके ठीक मन में वह यह सोच कर प्रभु का इनकार करेगा की प्रभु उन सात कटोरों की विपत्तियों को उण्डेलेगा, और वह इन विपत्तियों के द्वारा लाए गए सभी कष्टों को सहेगा? जो संत जगत के अंत को जानते हैं, वे न तो प्रभु का इन्कार करते हैं और न ही अपने विश्वास के साथ विश्वासघात करते हैं। इसके अलावा, क्योंकि हमारे दिलों में पवित्र आत्मा है, वह हमें साहस देगा।
क्योंकि अंत के समय में परमेश्वर की सभी योजनाएँ जल्दी से पूरी हो जाएँगी, इसलिए उदासी के लिए कोई जगह नहीं होगी। जब अल्पकालिक विपत्तियाँ समाप्त हो जाएँगी, तो पुनरुत्थान होगा, और इसके बाद रेप्चर आएगा, जो हमें हवा में उठा देगा। कल्पना कीजिए कि देह में हमारा शारीर आत्मिक शारीर में रूपांतरित हो गए है और हम प्रभु की स्तुति कर रहे है। परमेश्वर के राज्य में, हम एक पूरी अलग दुनिया का आनंद ले सकते हैं, सुंदर और सुरुचिपूर्ण, जैसा कि हमने इस धरती पर पहले कभी अनुभव नहीं किया है। चूंकि आत्मिक शरीर समय और स्थान की सीमाओं से मुक्त हैं, हम एक अद्भुत और अतिसुन्दर दुनिया में रहेंगे जिसमे हम जहाँ चाहें वहां जा सकते हैं। 
हमें इतनी बड़ी आशीष देने के लिए मैं परमेश्वर को अपना सच्चा धन्यवाद देता हूं। मैं परमेश्वर को धन्यवाद देता हूं कि उसने अपने वचन के द्वारा विस्तार से, महान क्लेश, उसकी विपत्तियों, हमारी शहादत, पुनरुत्थान और रेप्चर को हमारे सामने प्रकट किया। और मैं प्रार्थना करता हूं कि इस अंतिम युग को जानकर और इसमें विश्वास करके हमारा दिल हमेशा जीवित रहेगा।