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उपदेश

विषय १० : प्रकाशितवाक्य (प्रकाशितवाक्य पर टिप्पणी)

[अध्याय 12-1] परमेश्वर की कलीसिया जिसे भविष्य में बहुत ही ज्यादा नुकशान पहुचाया जाएगा ( प्रकाशितवाक्य १२:१-१७ )

परमेश्वर की कलीसिया जिसे भविष्य में बहुत ही ज्यादा नुकशान पहुचाया जाएगा
( प्रकाशितवाक्य १२:१-१७ )
“फिर स्वर्ग में एक बड़ा चिह्न दिखाई दिया, अर्थात् एक स्त्री जो सूर्य ओढ़े हुए थी, और चाँद उसके पाँवों तले था, और उसके सिर पर बारह तारों का मुकुट था। वह गर्भवती हुई, और चिल्‍लाती थी, क्योंकि प्रसव की पीड़ा में थी। एक और चिह्न स्वर्ग में दिखाई दिया; और देखो, एक बड़ा लाल अजगर था, जिसके सात सिर और दस सींग थे, और उसके सिरों पर सात राजमुकुट थे। उसकी पूंछ ने आकाश के तारों की एक तिहाई को खींचकर पृथ्वी पर डाल दिया। वह अजगर उस स्त्री के सामने जो ज़च्‍चा थी, खड़ा हुआ कि जब वह बच्‍चा जने तो उस बच्‍चे को निगल जाए। वह बेटा जनी जो लोहे का दण्ड लिये हुए सब जातियों पर राज्य करने पर था, और वह बच्‍चा एकाएक परमेश्‍वर के पास और उसके सिंहासन के पास उठाकर पहुँचा दिया गया; और वह स्त्री उस जंगल को भाग गई जहाँ परमेश्‍वर की ओर से उसके लिये एक जगह तैयार की गई थी कि वहाँ वह एक हज़ार दो सौ साठ दिन तक पाली जाए। फिर स्वर्ग में लड़ाई हुई, मीकाईल और उसके स्वर्गदूत अजगर से लड़ने को निकले; और अजगर और उसके दूत उससे लड़े, परन्तु प्रबल न हुए, और स्वर्ग में उनके लिये फिर जगह न रही। तब वह बड़ा अजगर, अर्थात् वही पुराना साँप जो इब्लीस और शैतान कहलाता है और सारे संसार का भरमानेवाला है, पृथ्वी पर गिरा दिया गया, और उसके दूत उसके साथ गिरा दिए गए। फिर मैं ने स्वर्ग से यह बड़ा शब्द आते हुए सुना, “अब हमारे परमेश्‍वर का उद्धार और सामर्थ्य और राज्य और उसके मसीह का अधिकार प्रगट हुआ है, क्योंकि हमारे भाइयों पर दोष लगानेवाला, जो रात दिन हमारे परमेश्‍वर के सामने उन पर दोष लगाया करता था, गिरा दिया गया है। वे मेम्ने के लहू के कारण और अपनी गवाही के वचन के कारण उस पर जयवन्त हुए, और उन्होंने अपने प्राणों को प्रिय न जाना, यहाँ तक कि मृत्यु भी सह ली। इस कारण हे स्वर्गो और उनमें रहनेवालो, मगन हो; हे पृथ्वी, और समुद्र, तुम पर हाय! क्योंकि शैतान बड़े क्रोध के साथ तुम्हारे पास उतर आया है, क्योंकि जानता है कि उसका थोड़ा ही समय और बाकी है।” जब अजगर ने देखा कि मैं पृथ्वी पर गिरा दिया गया हूँ, तो उस स्त्री को जो बेटा जनी थी, सताया। पर उस स्त्री को बड़े उकाब के दो पंख दिए गए कि साँप के सामने से उड़कर जंगल में उस जगह पहुँच जाए, जहाँ वह एक समय और समयों, और आधे समय तक पाली जाए। और साँप ने उस स्त्री के पीछे अपने मुँह से नदी के समान पानी बहाया कि उसे इस नदी से बहा दे। परन्तु पृथ्वी ने उस स्त्री की सहायता की, और अपना मुँह खोलकर उस नदी को जो अजगर ने अपने मुँह से बहाई थी पी लिया। तब अजगर स्त्री पर क्रोधित हुआ, और उसकी शेष सन्तान से, जो परमेश्‍वर की आज्ञाओं को मानते और यीशु की गवाही देने पर स्थिर हैं, लड़ने को गया। और वह समुद्र के बालू पर जा खड़ा हुआ।” 
 
 

विवरण


वचन १: फिर स्वर्ग में एक बड़ा चिह्न दिखाई दिया, अर्थात् एक स्त्री जो सूर्य ओढ़े हुए थी, और चाँद उसके पाँवों तले था, और उसके सिर पर बारह तारों का मुकुट था। 
यह हमें यानी परमेश्वर की कलीसिया को शहीद होने के द्वारा परमेश्वर को महिमा देने के बारे में बताता है। "एक स्त्री जो सूर्य ओढ़े हुए थी" इस पृथ्वी पर परमेश्वर की कलीसिया को संदर्भित करती है, और वाक्यांश "और चाँद उसके पाँवों तले था" का अर्थ है कि कलीसिया अभी भी दुनिया के शासन के अधीन है। दूसरी ओर, "उसके सिर पर बारह तारों का मुकुट था" वाक्यांश का अर्थ है कि उसकी कलीसिया अपनी शहादत के साथ शैतान के उत्पीड़न और खतरों को दूर करेगी।
यह वचन महान क्लेश के बीच में परमेश्वर के कलीसिया को संदर्भित करता है। परमेश्वर की कलीसिया को शैतान से बहुत नुकसान होगा और अंत के समय में शहीद हो जाएगी, लेकिन फिर भी यह शैतान को अपने विश्वास से हरा देगी और परमेश्वर द्वारा महिमा प्राप्त करेगी। क्लेश के समय में भी, परमेश्वर की कलीसिया के संत मसीह विरोधी पर जय प्राप्त करेंगे और पानी और आत्मा के सुसमाचार में विश्वास करके अपनी शहादत के साथ जय प्राप्त करेंगे। 
परमेश्वर की सन्तान जिन्होंने पानी और आत्मा के द्वारा नया जन्म प्राप्त किया है, निश्चित रूप से अंत के समय में शहीद होंगे। जो लोग क्लेश के आगमन से पहले ही परमेश्वर पर विश्वास और उसकी सेवा कर चुके होंगे, और जो लोग क्लेश के बिच में सुसमाचार में विश्वास करेंगे वे बहुत सारे मशरूम की तरह फूट निकालेंगे, उन दोनों में शहादत का विश्वास होगा जो उन्हें मसीह विरोधी के खिलाफ खड़े होने में सक्षम बना सकता है और उस पर जय प्राप्त कर सकते है। 
जिन्हें परमेश्वर के साथ विश्वासघात करने के कारण शहादत से बाहर रखा गया है, उन्हें भी स्वर्ग से बाहर कर दिया जाएगा, और शैतान के साथ पाताल लोक में फेंक दीए जाएंगे। और हमें अपनी शहादत को निडर विश्वास के साथ गले लगाने के लिए तैयार रहना चाहिए, कहीं ऐसा न हो कि हम अपने लिए तैयार किए गए अनंत आशीर्वाद को खो दें। और हमें यह जानना होगा कि नया जन्म लेने वाले सभी लोगों को शैतान की धमकी का सामना करना पड़ेगा। शहादत केवल क्षण भर की रहेगी, और जब यह अंतिम पल समाप्त हो जाएगा, तब हजार साल का राज्य और स्वर्ग हमारा होगा। 
इस प्रकार, हमें इस वर्तमान युग को यह जानते हुए जीना चाहिए कि जब अंत समय आएगा, हम विश्वास और पवित्र आत्मा के द्वारा शहीद हो जाएंगे। पवित्र आत्मा हमें शहादत के इस समय में बोलने के लिए शब्द देगा, जिससे हम साहसपूर्वक अपने उत्पीड़न पर जय प्राप्त कर सकें और अपने विश्वास को धोखा दिए बिना स्वेच्छा से हमारी शहादत को गले लगा सकें।
भयानक क्लेश के बीच भी, परमेश्वर की कलीसिया शैतान के खिलाफ लड़ेगी और शहीद होकर उस पर जय प्राप्त करेगी। यह सबसे स्पष्ट है कि कलीसिया अंतिम युग में भी प्रभु के वचन में विश्वास करते हुए, अपनी शहादत के साथ मसीह विरोधी पर जय पाने के द्वारा परमेश्वर से अपना पुरस्कार प्राप्त करेगी। 

वचन २: वह गर्भवती हुई, और चिल्‍लाती थी, क्योंकि प्रसव की पीड़ा में थी। 
यह वचन हमें क्लेशों के बिच में परमेश्वर की कलीसिया के बारे में बताता है। यह हमें पूरे कलीसिया के बारे में बताता है कि शैतान द्वारा लाए गए अंत समय के उत्पीड़न और क्लेशों के मध्य में भी वे दृढ़ता से चल रही है। परमेश्वर की कलीसिया महान क्लेश से गुजरेगी, जो कि मसीह विरोधी के खिलाफ उसके संघर्ष का समय है। इस प्रकार संत परमेश्वर को तभी पुकारेंगे जब वे क्लेश से गुजरेंगे। वे प्रार्थना करेंगे, “हे परमेश्वर, हमें अपना अनुग्रह दे, कि हम इन सब क्लेशों से शीघ्रता से पार हो जाएं। इन सभी क्लेशों को दूर करके हमारी मदद करें। हमें अपने कष्टों पर जय पाने की अनुमति दें। हमें शैतान पर जय प्राप्त करने दीजिए!”
 
वचन ३: एक और चिह्न स्वर्ग में दिखाई दिया; और देखो, एक बड़ा लाल अजगर था, जिसके सात सिर और दस सींग थे, और उसके सिरों पर सात राजमुकुट थे। 
जब भविष्य में शैतान इस पृथ्वी पर प्रकट होगा, तो वह ऐसा कार्य करेगा जैसे कि वह परमेश्वर हो, और यह कि वह दुनिया के सभी राष्ट्रों को एक साथ इकट्ठा करेगा और अपने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए उन्हें अपने उपकरणों के रूप में इस्तेमाल करेगा। इसके अलावा, वह निश्चित रूप से संतों को मार डालेगा और परमेश्वर और एक राजा की तरह दुनिया पर राज करेगा। 
वाक्यांश, “देखो, एक बड़ा लाल अजगर था, जिसके सात सिर और दस सींग थे, और उसके सिरों पर सात राजमुकुट थे,” यह दर्शाता है कि शांति भंग करने वाला शैतान, सात राजाओं और दस राष्ट्रों को अपने अधिकार में ले लेगा। यह हमें बताता है कि शैतान, अपने स्वभाव में, मूल रूप से परमेश्वर के विरुद्ध खड़ा है। 
 
वचन ४: उसकी पूंछ ने आकाश के तारों की एक तिहाई को खींचकर पृथ्वी पर डाल दिया। वह अजगर उस स्त्री के सामने जो ज़च्‍चा थी, खड़ा हुआ कि जब वह बच्‍चा जने तो उस बच्‍चे को निगल जाए। 
यह वचन हमें बताता है कि शैतान क्या करता है। अजगर स्वर्ग में परमेश्वर के विरुद्ध हो गया और उसे बाहर निकाल दिया गया। उसने स्वर्ग के स्वर्गदूतों में से एक तिहाई को अपनी तरफ खींच लिया और उन्हें अपने साथ विनाश की ओर ले गया। इस प्रकार उसे परमेश्वर की उपस्थिति से बाहर निकाल दिया गया। लेकिन इस धरती पर रहते हुए भी, वह अभी भी जो लोग परमेश्वर पर विश्वास करते है उन लोगों को सुसमाचार के कार्य करने से।

वचन ५: वह बेटा जनी जो लोहे का दण्ड लिये हुए सब जातियों पर राज्य करने पर था, और वह बच्‍चा एकाएक परमेश्‍वर के पास और उसके सिंहासन के पास उठाकर पहुँचा दिया गया।
यह हमें बताता है कि क्योंकि परमेश्वर की कलीसिया यीशु मसीह में विश्वास करके शहीद हुई है इसलिए मसीह के साथ उसे पुनरुत्थित किया जाएगा और स्वर्ग के राज्य में रेप्चर किया जाएगा।

वचन ६: और वह स्त्री उस जंगल को भाग गई जहाँ परमेश्‍वर की ओर से उसके लिये एक जगह तैयार की गई थी कि वहाँ वह एक हज़ार दो सौ साठ दिन तक पाली जाए।
यह वचन हमें बताता है कि परमेश्वर इस संसार में अपने लोगों को साढ़े तीन साल तक खिलाएगा। परमेश्वर की कलीसिया को पूर्ण रूप से क्लेश के आगमन से पहले १,२६० दिनों के लिए परमेश्वर द्वारा खिलाया और संरक्षित किया जाएगा, और जब समय आएगा, तो यह मसीह विरोधी के खिलाफ लड़ेगी और शहीद हो जाएगी।
 
वचन ७-८: फिर स्वर्ग में लड़ाई हुई, मीकाईल और उसके स्वर्गदूत अजगर से लड़ने को निकले; और अजगर और उसके दूत उससे लड़े, परन्तु प्रबल न हुए, और स्वर्ग में उनके लिये फिर जगह न रही। 
यह शैतान को पूरी तरह से स्वर्ग से खदेड़ दिए जाने को संदर्भित करता है। 
इस दुनिया में आने से पहले, शैतान को पूरी तरह से स्वर्ग से बाहर निकाल दिया गया। शैतान अब स्वर्ग में नहीं रह पाएगा। शैतान, जिसके पास हवा का अधिकार है, हवा और पृथ्वी दोनों पर बैठता है और अब उन पर शासन करता है। क्योंकि उसे पूरी तरह से स्वर्ग से बाहर निकाल दिया जाएगा इसलिए इस पृथ्वी पर वह अंतिम दिनों के आने पर संतों को और भी अधिक सताएगा। लेकिन तब शैतान को बाहर निकाल दिया जाएगा और परमेश्वर द्वारा तैयार किए गए अथाह गड्ढे और नरक में पूरी तरह से बांध दिया जाएगा।

वचन ९: तब वह बड़ा अजगर, अर्थात् वही पुराना साँप जो इब्लीस और शैतान कहलाता है और सारे संसार का भरमानेवाला है, पृथ्वी पर गिरा दिया गया, और उसके दूत उसके साथ गिरा दिए गए। 
अंत के समय में, शैतान, जैसा कि उसे स्वर्ग से निकाल दिया गया है और इस पृथ्वी पर फेंक दिया गया है, संतों को अंतिम बार सतायेगा और मार डालेगा। उसके हाथों कई संत शहीद हो जाएंगे।
 
वचन १०: फिर मैं ने स्वर्ग से यह बड़ा शब्द आते हुए सुना, “अब हमारे परमेश्‍वर का उद्धार और सामर्थ्य और राज्य और उसके मसीह का अधिकार प्रगट हुआ है, क्योंकि हमारे भाइयों पर दोष लगानेवाला, जो रात दिन हमारे परमेश्‍वर के सामने उन पर दोष लगाया करता था, गिरा दिया गया है।”
शैतान अब स्वर्ग के राज्य में नहीं मिलेगा। जब अंत का समय बीत जाएगा, तो वह अब स्वर्ग में नहीं रह पाएगा। यही कारण है कि प्रकाशितवाक्य २१:२७ हमें बताता है कि स्वर्ग में न तो कुकर्मी और न ही झूठे पाए जाते हैं। 

वचन ११: “वे मेम्ने के लहू के कारण और अपनी गवाही के वचन के कारण उस पर जयवन्त हुए, और उन्होंने अपने प्राणों को प्रिय न जाना, यहाँ तक कि मृत्यु भी सह ली।”
जब अंत का समय आएगा, संत अपने विश्वास की रक्षा के लिए शहीद हो जाएंगे। जो कोई भी संत है वह अंत समय में विश्वास की शहादत के माध्यम से विश्वास की जीत हासिल करेगा। दूसरे शब्दों में, जो शहीद प्रभु में विश्वास करते हैं, वे स्वयं के विरुद्ध अपनी लड़ाई में विजयी होंगे।

वचन १२: “इस कारण हे स्वर्गो और उनमें रहनेवालो, मगन हो; हे पृथ्वी, और समुद्र, तुम पर हाय! क्योंकि शैतान बड़े क्रोध के साथ तुम्हारे पास उतर आया है, क्योंकि जानता है कि उसका थोड़ा ही समय और बाकी है।”
जैसे शैतान को स्वर्ग से फेंक दिया गया अब वह अस्थायी रूप से दुनिया पर अधिकार रखता है, जब वह इस धरती पर आएगा तो वह संतों को बहुत पीड़ा देगा और उन्हें सताएगा। लेकिन उन संतों के लिए जो शहीद हो जाएंगे और उन्हें हवा में उड़ा दिया जाएगा, वे केवल आनंद ही प्राप्त करेंगे। रेप्चर के बाद, परमेश्वर सात कटोरों की विपत्तियों को सारी पृथ्वी और समुद्र पर उंडेल देगा। 
 
वचन १३: जब अजगर ने देखा कि मैं पृथ्वी पर गिरा दिया गया हूँ, तो उस स्त्री को जो बेटा जनी थी, सताया। 
यह महान क्लेश के समय आने वाले संतों के उत्पीड़न को संदर्भित करता है। संत और परमेश्वर के सेवक इस समय शहीद होते हुए मरेंगे, लेकिन वास्तव में यह उनके विश्वास की जीत की उपलब्धि होगी। उनके लिए अब और कोई मृत्यु, पीड़ा या अभिशाप नहीं होगा। उनके लिए जो कुछ बचा है वह परमेश्वर की स्तुति करना और स्वर्ग में हमेशा के लिए महिमामय होना होगा।
 
वचन १४: पर उस स्त्री को बड़े उकाब के दो पंख दिए गए कि साँप के सामने से उड़कर जंगल में उस जगह पहुँच जाए, जहाँ वह एक समय और समयों, और आधे समय तक पाली जाए। 
बाइबल हमें बताती है कि महाक्लेश के पहले साढ़े तीन साल बीत जाने के बाद रेप्चर होगा। यह वचन कहता है कि परमेश्वर महान क्लेश की प्राकृतिक विपत्तियों के बीच संतों को अपनी विशेष सुरक्षा और पोषण देगा। परमेश्वर हम में से उन लोगों का पोषण करेगा जो हमारे विश्वास को बनाए रखते हैं ताकि हम इस विश्वास के साथ शैतान से लड़ सकें और उस पर जय प्राप्त कर सकें। 
अब हम पानी और आत्मा के सुसमाचार के लिए जी रहे हैं और वह हमारा आत्मिक भोजन बन जाता है, और इसी प्रकार इस सुसमाचार का हम प्रचार भी करते है। यहाँ तक कि जब तक सात तुरहियों की विपत्तियाँ इस पृथ्वी पर नहीं उतरतीं, तब तक हम सुसमाचार का प्रचार करते हुए अपना जीवन व्यतीत करते रहेंगे। क्यों? क्योंकि यदि हम अपनी शहादत के अंतिम क्षण तक इस सुसमाचार का प्रचार नहीं करते हैं, तो बहुत सी आत्माएं नरक में खो जाएंगी। अभी के अलावा कोई ओर समय नहीं है। 

वचन १५-१७: और साँप ने उस स्त्री के पीछे अपने मुँह से नदी के समान पानी बहाया कि उसे इस नदी से बहा दे। परन्तु पृथ्वी ने उस स्त्री की सहायता की, और अपना मुँह खोलकर उस नदी को जो अजगर ने अपने मुँह से बहाई थी पी लिया। तब अजगर स्त्री पर क्रोधित हुआ, और उसकी शेष सन्तान से, जो परमेश्‍वर की आज्ञाओं को मानते और यीशु की गवाही देने पर स्थिर हैं, लड़ने को गया। और वह समुद्र के बालू पर जा खड़ा हुआ।
इससे पहले, शैतान ने संतों को सताया और उन्हें सुसमाचार से दूर ले जाकर मार डाला। लेकिन आजकल, जैसा कि विभिन्न तरीकों से सुसमाचार व्यापक रूप से फैलाया गया है, वह संतों को पाप के नीचे गिराकर और उन्हें अपने प्रवाह में डुबो कर मारने की कोशिश करता है। इस प्रकार शैतान ने पाप की नदी में डाल कर और उसका पानी पिलाकर अनेक संतों को मौत के घाट उतारने की कोशिश की है, लेकिन जिन्होंने नया जन्म नहीं लिया है, उन्होंने पाप की इस नदी का सारा पानी पी लिया है। चूंकि संत बच गए हैं और इस प्रयास से भी मारे नहीं गए हैं, शैतान उन्हें पूरी तरह से मारने के लिए एक और तरीका लेकर आएगा, जैसा कि अध्याय १३ में दिखाया गया है।