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उपदेश

विषय १० : प्रकाशितवाक्य (प्रकाशितवाक्य पर टिप्पणी)

[अध्याय 18-1] बेबीलोन की दुनिया का पतन ( प्रकाशितवाक्य १८:१-२४ )

बेबीलोन की दुनिया का पतन
( प्रकाशितवाक्य १८:१-२४ )
“इसके बाद मैं ने एक स्वर्गदूत को स्वर्ग से उतरते देखा, जिसे बड़ा अधिकार प्राप्‍त था; और पृथ्वी उसके तेज से चमक उठी। उसने ऊँचे शब्द से पुकारकर कहा, “गिर गया, बड़ा बेबीलोन गिर गया है! वह दुष्‍टात्माओं का निवास, और हर एक अशुद्ध आत्मा का अड्डा, और हर एक अशुद्ध और घृणित पक्षी का अड्डा हो गया। क्योंकि उसके व्यभिचार की भयानक मदिरा के कारण सब जातियाँ गिर गई हैं, और पृथ्वी के राजाओं ने उसके साथ व्यभिचार किया है, और पृथ्वी के व्यापारी उसके सुख–विलास की बहुतायत के कारण धनवान हुए हैं।” फिर मैं ने स्वर्ग से एक और शब्द सुना, “हे मेरे लोगो, उस में से निकल आओ कि तुम उसके पापों में भागी न हो, और उसकी विपत्तियों में से कोई तुम पर आ न पड़े। क्योंकि उसके पापों का ढेर स्वर्ग तक पहुँच गया है, और उसके अधर्म परमेश्‍वर को स्मरण आए हैं। जैसा उसने तुम्हें दिया है वैसा ही उसको दो, और उसके कामों के अनुसार उसे दो गुणा बदला दो; जिस कटोरे में उसने भर दिया था उसी में उसके लिये दो गुणा भर दो। जितनी उसने अपनी बड़ाई की और सुख– विलास किया, उतनी उसको पीड़ा और शोक दो; क्योंकि वह अपने मन में कहती है, ‘मैं रानी हो बैठी हूँ, विधवा नहीं; और शोक में कभी न पड़ूँगी।’ इस कारण एक ही दिन में उस पर विपत्तियाँ आ पड़ेंगी, अर्थात् मृत्यु, और शोक, और अकाल; और वह आग में भस्म कर दी जाएगी, क्योंकि उसका न्यायी प्रभु परमेश्‍वर शक्‍तिमान है। “पृथ्वी के राजा जिन्होंने उसके साथ व्यभिचार और सुख–विलास किया, जब उसके जलने का धुआँ देखेंगे, तो उसके लिये रोएँगे और छाती पीटेंगे। उसकी पीड़ा के डर के मारे वे बड़ी दूर खड़े होकर कहेंगे, ‘हे बड़े नगर, बेबीलोन! हे दृढ़ नगर, हाय! हाय! घड़ी भर में ही तुझे दण्ड मिल गया है।’ “पृथ्वी के व्यापारी उसके लिये रोएँगे और कलपेंगे, क्योंकि अब कोई उनका माल मोल न लेगा; अर्थात् सोना, चाँदी, रत्न, मोती, और मलमल, और बैंजनी, रेशमी, और लाल रंग के कपड़े, और हर प्रकार का सुगन्धित काठ, और हाथीदाँत की हर प्रकार की वस्तुएँ, और बहुमूल्य काठ और पीतल और लोहे और संगमरमर की सब भाँति की वस्तुएँ, और दालचीनी, मसाले, धूप, इत्र, लोबान, मदिरा, तेल, मैदा, गेहूँ, गाय–बैल, भेड़–बकरियाँ, घोड़े, रथ, और दास, और मनुष्यों के प्राण। अब तेरे मन भावने फल तेरे पास से जाते रहे, और स्वादिष्‍ट और भड़कीली वस्तुएँ तुझ से दूर हुई हैं, और वे फिर कदापि न मिलेंगी। इन वस्तुओं के व्यापारी जो उसके द्वारा धनवान हो गए थे, उसकी पीड़ा के डर के मारे दूर खड़े होंगे, और रोते और कलपते हुए कहेंगे, ‘हाय! हाय! यह बड़ा नगर जो मलमल, और बैंजनी और लाल रंग के कपड़े पहिने था, और सोने और रत्नों और मोतियों से सजा था; घड़ी भर में ही उसका ऐसा भारी धन नष्‍ट हो गया।’ हर एक माझी और यात्री और मल्‍लाह, और जितने समुद्र से कमाते हैं, सब दूर खड़े हुए, और उसके जलने का धुआँ देखते हुए पुकारकर कहेंगे, ‘कौन सा नगर इस बड़े नगर के समान है?’ और अपने अपने सिरों पर धूल डालेंगे, और रोते हुए और कलपते हुए चिल्‍ला चिल्‍लाकर कहेंगे, ‘हाय! हाय! यह बड़ा नगर जिसकी सम्पत्ति के द्वारा समुद्र के सब जहाजवाले धनी हो गए थे, घड़ी भर में ही उजड़ गया।’ हे स्वर्ग, और हे पवित्र लोगो, और प्रेरितो, और भविष्यद्वक्‍ताओ, उस पर आनन्द करो, क्योंकि परमेश्‍वर ने न्याय करके उससे तुम्हारा बदला लिया है!” फिर एक बलवन्त स्वर्गदूत ने बड़ी चक्‍की के पाट के समान एक पत्थर उठाया, और यह कहकर समुद्र में फेंक दिया, “बड़ा नगर बेबीलोन ऐसे ही बड़े बल से गिराया जाएगा, और फिर कभी उसका पता न चलेगा। वीणा बजानेवालों, और गायकों, और बंसी बजानेवालों, और तुरही फूँकनेवालों का शब्द फिर कभी तुझ में सुनाई न देगा; और किसी उद्यम का कोई कारीगर भी फिर कभी तुझ में न मिलेगा; और चक्‍की के चलने का शब्द फिर कभी तुझ में सुनाई न देगा; और दीया का उजाला फिर कभी तुझ में न चमकेगा, और दूल्हे और दुल्हिन का शब्द फिर कभी तुझ में सुनाई न देगा; क्योंकि तेरे व्यापारी पृथ्वी के प्रधान थे, और तेरे टोने से सब जातियाँ भरमाई गईं थीं। भविष्यद्वक्‍ताओं और पवित्र लोगों, और पृथ्वी पर सब घात किए हुओं का लहू उसी में पाया गया।” 
 
 

विवरण


वचन १: “इसके बाद मैं ने एक स्वर्गदूत को स्वर्ग से उतरते देखा, जिसे बड़ा अधिकार प्राप्‍त था; और पृथ्वी उसके तेज से चमक उठी। 
जिन सेवकों को परमेश्वर ने अपने कार्य करने के लिए इस पृथ्वी पर भेजा है, उनके माध्यम से लोग परमेश्वर के आशीर्वाद और श्राप के उपदेश सुन सकते हैं। अपने सभी पापों और दुखों से मुक्त होने के लिए, आप सभी को परमेश्वर के सेवकों द्वारा प्रचारित स्वर्ग के आत्मिक आशीष के वचन को सुनना चाहिए और अपने दिलों में ग्रहण करना चाहिए।

वचन २: उसने ऊँचे शब्द से पुकारकर कहा, “गिर गया, बड़ा बेबीलोन गिर गया है! वह दुष्‍टात्माओं का निवास, और हर एक अशुद्ध आत्मा का अड्डा, और हर एक अशुद्ध और घृणित पक्षी का अड्डा हो गया।”
"बड़ा बेबीलोन गिर गया है" इस वाक्यांश में, बेबीलोन शब्द का प्रयोग बाइबल द्वारा धर्मनिरपेक्ष दुनिया को संदर्भित करने के लिए किया गया है। उदाहरण के लिए, पुराने नियम में, हम बाबेल के गुम्मट की कहानी पाते हैं, जो उस मनुष्यजाति द्वारा बनाया गया एक गुम्मट है जो अपनी स्वयं की शक्तियों को एकत्रित करके परमेश्वर की अवहेलना करने की कोशिश कर रही है, जिसे तब परमेश्वर द्वारा इस कारण से गिरा दिया गया था। जब उपरोक्त भाग कहता है कि बड़ा बेबीलोन गिर गया है, तो यह हमें बता रहा है कि यह संसार गिर जाएगा। कुछ लोग हैं जो सोच सकते हैं, "यह दुनिया तो अभी ठीक खड़ी है, यह कभी कैसे गिर सकती है?" परन्तु परमेश्वर हमें यहाँ बता रहा है कि जब सात कटोरों की विपत्तियाँ एक के बाद एक उंडेली जाएँगी, तो वह इस संसार को वैसे ही गिरा देगा जैसे उसने बाबेल के गुम्मट को गिरा दिया था।
तो फिर, क्या कारण है कि यह संसार परमेश्वर द्वारा सात कटोरों की विपत्तियों से नाश किया जाएगा? ऐसा इसलिए है क्योंकि इस दुनिया के लोगों ने पानी और आत्मा के सुसमाचार में विश्वास करने वाले नया जन्म पाए हुए संतों की हत्या करने में मसीह विरोधी के साथ खुद को एक कर लिया होगा, और ऐसा इसलिए है क्योंकि वे इस प्रकार परमेश्वर के खिलाफ अपने अंत तक खड़े होगे। यह इसलिए भी है क्योंकि यह संसार “दुष्टात्माओं का अड्डा”बन जाएगा। 
ऐसा क्यों होगा? क्यों, अर्थात् यह दुनिया दुष्टात्मा का अड्डा क्यों बन जाएगी? ऐसा इसलिए है क्योंकि जब अंत का समय आता है, तो बहुत से लोग मसीह विरोधी के सामने आत्मसमर्पण कर देते हैं और उससे शैतान की छाप प्राप्त करके इस दुष्ट के सेवक बन जाते हैं।
पवित्रशास्त्र में, अजगर का उपयोग शैतान और दुष्टात्मा को अजगर के सेवकों के रूप में संदर्भित करने के लिए किया गया है। इस प्रकार, जब यह यहाँ कहता है कि दुनिया दुष्टात्मा का अड्डा बन गई है, तो इसका मतलब है कि मसीह विरोधी, अजगर का सेवक, पूरी तरह से दुनिया पर कब्जा कर लेगा। जब सात कटोरों की विपत्तियाँ उस पर डाली जाएंगी, तो अंत समय की दुनिया को अत्यधिक क्लेशों के युग का सामना करना पड़ेगा। यह दुनिया अजगर की दुनिया बन जाएगी, और दुष्टात्मा बड़े पैमाने पर कार्य करेगी जैसे कि पूरी दुनिया उनकी हो। और यह संसार तेजी से नीचे गिरेगा, परमेश्वर के द्वारा उण्डेले गए सात कटोरों की अंतिम विपत्तियों के द्वारा नीचे गिरा दिया जाएगा।
 
वचन ३: “क्योंकि उसके व्यभिचार की भयानक मदिरा के कारण सब जातियाँ गिर गई हैं, और पृथ्वी के राजाओं ने उसके साथ व्यभिचार किया है, और पृथ्वी के व्यापारी उसके सुख–विलास की बहुतायत के कारण धनवान हुए हैं।”
जैसा कि वचन यहाँ कहता है, वास्तव में पृथ्वी पर की “सब जातियों” ने संसार के व्यभिचार के क्रोध की मदिरा पी ली है। दूसरे शब्दों में, इस दुनिया के लोगों ने इस संसार को परमेश्वर के रूप में माना है, और इसमें विश्वास किया और इसका पालन किया। उन्होंने दुनिया को परमेश्वर से ज्यादा प्रेम किया है। इस प्रकार यह संसार पाप का गढ़ बन गया है, और इसके लोगों ने पाप के नशे में अपना जीवन व्यतीत किया है। 
इसलिए, परिणाम पाप के द्वारा गिरे हुए संसार का पतन है। क्योंकि लोगों ने परमेश्वर के समान संसार से प्रेम किया और उसका अनुसरण किया है, परमेश्वर सात कटोरों की विपत्तियों के दण्ड से उन्हें नष्ट कर देगा। इस संसार में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को अंततः परमेश्वर द्वारा लाई गई इन सात महान विपत्तियों से नष्ट कर दिया जाएगा और नरक में डाल दिया जाएगा।
परमेश्वर हमें अपनी स्पष्ट चेतावनी दे रहा है कि हर कोई व्यक्ति जो अब प्रभु के द्वारा दिए गए पानी और आत्मा के सुसमाचार में विश्वास नहीं करता है, अंत में सात कटोरे की विपत्तियों का सामना करेगा। आपको याद रखना चाहिए कि यदि आप इस सुसमाचार में विश्वास नहीं करते हैं और परमेश्वर की चेतावनी के बावजूद उसके खिलाफ खड़े रहना जारी रखते हैं, तो आपको न केवल सात कटोरों की विपत्तियों से दंडित किया जाएगा, बल्कि आपको नरक की अनन्त सजा भी मिलेगी। 
इसलिए लोगों को समझना चाहिए कि उन्हें अब परमेश्वर की बड़ी और भयानक विपत्तियों से बचने के लिए पानी और आत्मा के सुसमाचार में विश्वास करना चाहिए, और उन्हें जीतनी हो सके उतनी जल्दी पानी और आत्मा के सच्चे सुसमाचार में विश्वास की ओर लौटना चाहिए।
हालाँकि दुनिया के कई राजाओं और व्यापारियों ने अपनी भौतिक प्रचुरता के साथ महान धन कमाया है, लेकिन जब वे इस दुनिया को परमेश्वर द्वारा लाए गए महान विपत्तियों के साथ ढहते हुए देखेंगे तो वे सभी लोग रोने, विलाप करने और शोक में डूब जाएंगे। 
इसलिए, हम सभी को यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि हमें सभी लोगों को पानी और आत्मा के सुसमाचार का प्रचार करना है, और हमें नए हजार साल के राज्य की ओर देखते हुए अपना जीवन जीना है। हमें सभी लोगों को पानी और आत्मा के सुसमाचार की ओर ले जाना चाहिए, ताकि प्रत्येक मनुष्यजाति बड़ी विपत्तियों से बच सके।

वचन ४: फिर मैं ने स्वर्ग से एक और शब्द सुना, “हे मेरे लोगो, उस में से निकल आओ कि तुम उसके पापों में भागी न हो, और उसकी विपत्तियों में से कोई तुम पर आ न पड़े।”
“हे मेरे लोगो, उस में से निकल आओ कि तुम उसके पापों में भागी न हो, और उसकी विपत्तियों में से कोई तुम पर आ न पड़े।” यह परमेश्वर का वचन है जो उसके संतों से कहा गया है। दूसरे शब्दों में, संतों को अंत समय की दुनिया से संबंधित नहीं होना चाहिए और अपना जीवन इसके दासों के रूप में नहीं जीना चाहिए। यहां तक कि जो पहले से ही संत बन चुके थे, यदि वे अंत समय के संसार के पापों में पड़ जाते हैं, तो वे परमेश्वर द्वारा उसकी भयानक विपत्तियों के साथ न्याय किए जाने से नहीं बच पाएंगे। दुसरे शब्दों में, परमेश्वर सभी संतों से कह रहे है कि वे दुनिया के गुलामों के रूप में परमेश्वर के क्रोध को न भड़काए।
 
वचन ५: “क्योंकि उसके पापों का ढेर स्वर्ग तक पहुँच गया है, और उसके अधर्म परमेश्‍वर को स्मरण आए हैं।”
परमेश्वर वास्तव में इस दुनिया के सभी पापों और कर्मों को याद रखते हैं और केवल इसके न्याय के दिन की प्रतीक्षा कर रहे हैं। एक दिन मसीह-विरोधी के अचानक प्रकट होने के साथ, परमेश्वर की योजना के अनुसार शीघ्र ही विनाश पूरी दुनिया को ढँक देगा। फिर भी कुछ लोग हैं जो विश्वास करते हैं कि यह दुनिया नष्ट नहीं होगी, लेकिन यह हमेशा के लिए रहेगी।  
हालाँकि, यह दुनिया उनके विचार से नहीं चलेगी, लेकिन सात तुरहियों और परमेश्वर द्वारा लाए गए सात कटोरे की विपत्तियों से अचानक नष्ट हो जाएगी। जब अंत का समय आएगा, तो परमेश्वर संसार में हर जगह क्लेश लाएगा और उसे नष्ट कर देगा। इस प्रकार हमें अपने विश्वास के जीवन में अंत तक मेहनती होना चाहिए, अपने विश्वास पर दृढ़ रहना चाहिए कि यीशु मसीह का राज्य वास्तव में आएगा।
इससे पहले कि परमेश्वर अपने स्वर्गदूतों को इस पृथ्वी पर सात कटोरे डालने की आज्ञा दे, संसार के पाप इतने ज्यादा और व्यापक हो गए होंगे कि यह परमेश्वर के न्याय को प्राप्त करने के योग्य से कहीं अधिक होंगे। इसलिए परमेश्वर इनके पापों को याद रखेगा, और इसके विनाश को अब और नहीं रोकेगा। इसके अलावा, मसीह विरोधी और सांसारिक लोग परमेश्वर के लोगों को सता रहे होंगे, संतों को उनके विश्वास को अस्वीकार करने के लिए मजबूर कर रहे होंगे, और उन्हें शहीद कर रहे होंगे। जब ये बातें होंगी, तो यह संसार सात कटोरों की विपत्तियों का सामना करेगा। 

वचन ६: “जैसा उसने तुम्हें दिया है वैसा ही उसको दो, और उसके कामों के अनुसार उसे दो गुणा बदला दो; जिस कटोरे में उसने भर दिया था उसी में उसके लिये दो गुणा भर दो।”
यहाँ लिखा है, “जैसा उसने तुम्हें दिया है वैसा ही उसको दो।” यहाँ "उसको" किसे संदर्भित करता है? यह इस संसार को संदर्भित करता है, अर्थात् इसमें रहने वाले पापी, मसीह विरोधी और शैतान को। यह हमें बताता है कि परमेश्वर उनके साथ वैसा ही करेगा जैसे उन्होंने संतों के लिए उत्पीड़न, पीड़ा, क्लेश और मृत्यु लाए थे।
वचन ६ यह भी कहता है, “जिस कटोरे में उसने भर दिया था उसी में उसके लिये दो गुणा भर दो।” यह दुनिया के सभी झूठे धर्मों को दंडित करने के लिए परमेश्वर के स्वर्गदूतों को दी गई परमेश्वर की आज्ञा है, जिन्होंने शैतान के झूठ को फैलाकर लोगों को नरक में पहुँचाया था। इसका अर्थ यह है कि परमेश्वर आज के मसीही धर्म पर झूठी शिक्षा देने, परमेश्वर के वचन को शैतान की शिक्षाओं के साथ मिलाने, और इस तरह लोगों को शैतान की ओर ले जाने के पाप के लिए अपना क्रोध और दंड लाएगा। इसलिए, वे मसीही जो पानी और आत्मा के सुसमाचार में विश्वास नहीं करते हैं, उन्हें पाप की सजा दुनिया के धर्मनिरपेक्ष लोगों के समान ही मिलेगी। 

वचन ७: “जितनी उसने अपनी बड़ाई की और सुख– विलास किया, उतनी उसको पीड़ा और शोक दो; क्योंकि वह अपने मन में कहती है, ‘मैं रानी हो बैठी हूँ, विधवा नहीं; और शोक में कभी न पड़ूँगी।’”
परमेश्वर यहाँ इन अभिमानी लोगों के पापों को पीड़ा और दुख के साथ चुकाने के लिए कहता हैं। दुनिया के सभी धार्मिक लोगों के लिए जो नया जन्म पाए हुए नहीं है, और दुनिया के अविश्वासी, धर्मनिरपेक्ष लोगों के लिए, परमेश्वर उनके पापों के लिए उन्हें दंडित करेंगे। 
फिर भी वे अभिमान करते हुए अपने आप से कहते हैं, “मैं रानी हो बैठी हूँ, विधवा नहीं; और शोक में कभी न पड़ूँगी।” इसलिए परमेश्वर उन पर उनके विनाश की विपत्तियां लाएगा। परमेश्वर द्वारा लाई गई महान विपत्तियों के साथ, वे सभी एक ही समय में अपनी सारी सांसारिक संपत्ति और अपने प्रियजनों को खोने का दुख भुगतेंगे।
 
वचन ८: “इस कारण एक ही दिन में उस पर विपत्तियाँ आ पड़ेंगी, अर्थात् मृत्यु, और शोक, और अकाल; और वह आग में भस्म कर दी जाएगी, क्योंकि उसका न्यायी प्रभु परमेश्‍वर शक्‍तिमान है।” 
सात विपत्तियों के आगमन के साथ, एक ही दिन में मृत्यु, शोक और अकाल की विपत्तियाँ इस संसार में आ जाएँगी। इस प्रकार मसीह विरोधी और उसके सभी सांसारिक अनुयायियों को हमेशा के लिए नरक में जलने की सजा दी जाएगी। 

वचन ९: “पृथ्वी के राजा जिन्होंने उसके साथ व्यभिचार और सुख–विलास किया, जब उसके जलने का धुआँ देखेंगे, तो उसके लिये रोएँगे और छाती पीटेंगे।”
दुनिया के लोग और राजा अपनी आँखों से देखेंगे कि उनका संसार आग और भूकम्प से घिरा हुआ है और सात कटोरों की विपत्तियों से नष्ट हो गया है। इसलिये जगत के राजा अपनी हानि के लिये विलाप करते हुए रोएंगे।

वचन १०: “उसकी पीड़ा के डर के मारे वे बड़ी दूर खड़े होकर कहेंगे, ‘हे बड़े नगर, बेबीलोन! हे दृढ़ नगर, हाय! हाय! घड़ी भर में ही तुझे दण्ड मिल गया है।’”
जिन लोगों को यह विश्वास नहीं है कि यह दुनिया नष्ट हो जाएगी, वे तब डरेंगे जब वे पूरी दुनिया को वास्तव में अपनी आंखों के सामने नाश हुए देखेंगे। अपनी सुंदरता से इतनी जगमगाती दुनिया पर, एक ही दिन में परमेश्वर का न्याय उतरेगा, और यह एक ही बार में नाश हो जाएगी।

वचन ११-१३: “पृथ्वी के व्यापारी उसके लिये रोएँगे और कलपेंगे, क्योंकि अब कोई उनका माल मोल न लेगा; अर्थात् सोना, चाँदी, रत्न, मोती, और मलमल, और बैंजनी, रेशमी, और लाल रंग के कपड़े, और हर प्रकार का सुगन्धित काठ, और हाथीदाँत की हर प्रकार की वस्तुएँ, और बहुमूल्य काठ और पीतल और लोहे और संगमरमर की सब भाँति की वस्तुएँ, और दालचीनी, मसाले, धूप, इत्र, लोबान, मदिरा, तेल, मैदा, गेहूँ, गाय–बैल, भेड़–बकरियाँ, घोड़े, रथ, और दास, और मनुष्यों के प्राण।”
जब दुनिया का विनाश निकट है तो कौन व्यक्ति कुछ भी खरीद या बेच सकता है? पृथ्वी के व्यापारी भी, अपनी दुनिया के नुकसान पर रोएंगे और विलाप करेंगे। जब परमेश्वर सात कटोरों की विपत्तियां डालता है, तो पूरी दुनिया में कोई भी कुछ भी नहीं खरीदेगा। इस दुनिया का फिर कभी पुनर्निर्माण नहीं किया जाएगा, और इसके खंडहरों पर केवल मसीह का राज्य बनाया जाएगा।
यहां उन फालतू सामानों की सूची दी गई है, जिनसे लोग अपने आप को आज तक विलासिता से सजाते हैं। लेकिन ये सब चीज़ें एक ही दिन में बेकार हो जाएँगी, और कोई भी इस तरह की सांसारिक चीज़ों की खोज फिर कभी नहीं करेगा। ये सब चीजें हैं जिनका सांसारिक धर्म व्यापार करते हैं। दुनिया के धर्मों ने पैसे के प्रति अपने प्रेम के खातिर सब कुछ किया है, यहां तक कि पैसे के लिए आत्माओं को बेचने में भी संकोच नहीं किया है।

वचन १४-१८: “अब तेरे मन भावने फल तेरे पास से जाते रहे, और स्वादिष्‍ट और भड़कीली वस्तुएँ तुझ से दूर हुई हैं, और वे फिर कदापि न मिलेंगी। इन वस्तुओं के व्यापारी जो उसके द्वारा धनवान हो गए थे, उसकी पीड़ा के डर के मारे दूर खड़े होंगे, और रोते और कलपते हुए कहेंगे, ‘हाय! हाय! यह बड़ा नगर जो मलमल, और बैंजनी और लाल रंग के कपड़े पहिने था, और सोने और रत्नों और मोतियों से सजा था; घड़ी भर में ही उसका ऐसा भारी धन नष्‍ट हो गया।’ हर एक माझी और यात्री और मल्‍लाह, और जितने समुद्र से कमाते हैं, सब दूर खड़े हुए, और उसके जलने का धुआँ देखते हुए पुकारकर कहेंगे, ‘कौन सा नगर इस बड़े नगर के समान है?’”
इसलिए लोग अपनी किसी भी सांसारिक संपत्ति को फिर कभी नहीं देख पाएंगे।
जो व्यापारी इस दुनिया से अमीर हो गए थे, वे अपनी दुनिया को ढहते हुए देखकर रोएंगे और विलाप करेंगे। वे मायूस होकर विलाप करेंगे, क्योंकि जब संसार का विनाश होगा, तब उसके साथ उनका भी नाश होगा, और उनकी सारी दौलत एक दिन में मिट जाएगी।
जब संसार की सम्पति पर बने धर्म गिरेंगे तो इस दुनिया के लोग खुद को विलाप करते हुए पाएंगे, "हाय, हाय! दुनिया भर के अंतरराष्ट्रीय व्यापारी और जहाज के मालिक भी विलाप करेंगे। ये लोग हताशा में चिल्ला उठेंगे, "मनुष्यजाति द्वारा बनाई गई अब तक की कौन सी सभ्यता आज की तुलना में महान और बेहतर रही है?"

वचन १९: “और अपने अपने सिरों पर धूल डालेंगे, और रोते हुए और कलपते हुए चिल्‍ला चिल्‍लाकर कहेंगे, ‘हाय! हाय! यह बड़ा नगर जिसकी सम्पत्ति के द्वारा समुद्र के सब जहाजवाले धनी हो गए थे, घड़ी भर में ही उजड़ गया।’” 
सात कटोरों की विपत्तियों से दुनिया को नाश हुए देखकर, वे सभी जिन्होंने यह सोचा था कि यह दुनिया हमेशा के लिए रहेगी, वे बड़े दुःख में विलाप करेंगे। जो लोग फिर भी इस दुनिया में रह जाएंगे वे रोएंगे और विलाप करेंगे क्योंकि वे देखेंगे कि पूरी दुनिया परमेश्वर द्वारा लाए गए सात कटोरे की विपत्तियों से एक ही बार में नष्ट हो रही है, लेकिन उनका रोना किसी काम का नहीं होगा, क्योंकि तब तक यह दुनिया और इसमें सब कुछ पहले ही समाप्त हो गया होगा। यदि उनके पास रोने की शक्ति है, तो उन्हें अब अपने भाग्य पर विलाप करना चाहिए, क्योंकि वे अपने पापों के कारण नरक में बंधे हुए हैं, और उन्हें अपने अनंत विनाश से बचने के लिए पानी और आत्मा के सुसमाचार पर विश्वास करना चाहिए। .

वचन २०: “हे स्वर्ग, और हे पवित्र लोगो, और प्रेरितो, और भविष्यद्वक्‍ताओ, उस पर आनन्द करो, क्योंकि परमेश्‍वर ने न्याय करके उससे तुम्हारा बदला लिया है!”
जब सात कटोरे की विपत्तियाँ उंडेली जाएँगी, तब रेप्चर किए हुए संत हवा में आनन्दित होंगे, क्योंकि इन विपत्तियों से परमेश्वर उन सभी का बदला लेगा। यह बिलकुल सही है कि परमेश्वर इस प्रकार अपने शत्रुओं पर भयानक, बड़ी विपत्तियां डालेगा। 

वचन २१: फिर एक बलवन्त स्वर्गदूत ने बड़ी चक्‍की के पाट के समान एक पत्थर उठाया, और यह कहकर समुद्र में फेंक दिया, “बड़ा नगर बेबीलोन ऐसे ही बड़े बल से गिराया जाएगा, और फिर कभी उसका पता न चलेगा।”
यहाँ परमेश्वर कहेता हैं कि जैसे समुद्र में फेंका हुआ चक्की का पत्थर नहीं दीखता वैसे ही यह दुनिया फिर कभी नहीं दिखाई देगी। उसके बाद हमारा प्रभु पूरे ब्रह्मांड और उसमें मौजूद सभी चीजों का नवीनीकरण करेगा, और इस पृथ्वी को मसीह के राज्य में बदलने के अपने कार्य को पूरा करेगा।

वचन २२: “वीणा बजानेवालों, और गायकों, और बंसी बजानेवालों, और तुरही फूँकनेवालों का शब्द फिर कभी तुझ में सुनाई न देगा; और किसी उद्यम का कोई कारीगर भी फिर कभी तुझ में न मिलेगा; और चक्‍की के चलने का शब्द फिर कभी तुझ में सुनाई न देगा।”
जब सात कटोरों की विपत्तियां समाप्त हो जाएंगी, तब न तो संगीत का वह शब्द जो लोगों ने इस जगत में पहिले सुना था वह सूना जाएगा और ना ही कारीगरों के हथौड़े आवाज सुनाई देगी।

वचन २३: “और दीया का उजाला फिर कभी तुझ में न चमकेगा, और दूल्हे और दुल्हिन का शब्द फिर कभी तुझ में सुनाई न देगा; क्योंकि तेरे व्यापारी पृथ्वी के प्रधान थे, और तेरे टोने से सब जातियाँ भरमाई गईं थीं।”
जब सात कटोरों की विपत्तियाँ पूरी हो जाएँगी, तब यह संसार फिर कभी दीया का उजाला नहीं देखेगा, और न ही दूल्हे और दुल्हन का शब्द फिर कभी सुनाई देगा। संसार के तांत्रिकों का भरमाया जाना भी समाप्त हो जाएगा, क्योंकि संसार का अंत हो जाएगा।
 
वचन २४: “भविष्यद्वक्‍ताओं और पवित्र लोगों, और पृथ्वी पर सब घात किए हुओं का लहू उसी में पाया गया।”
परमेश्वर इस पृथ्वी पर सात कटोरों की बड़ी विपत्तियाँ इसलिए उंडेल देगा क्योंकि शैतान के सेवक परमेश्वर के भविष्यवक्ताओं और संतों का लहू बहाएंगे।