Soggetto 1: Rinasce d'acqua e di Spirito
1-11. यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला कौन है जिसने यीशु को बपतिस्मा दिया?
परमेश्वर ने मूसा के द्वारा इस्राएल को व्यवस्था और बलिदान की पध्धति दी जिससे की वे अपने अपराधो के लिए प्रायश्चित कर सके. उसने मूसा के बड़े भाई हारून को महायाजक के तौर पर नियुक्त किया और उसे सातवें महीने के दसवें दिन यानी की प्रायश्चित के दिन बलिदान चढ़ाना था, जिससे इस्राएल के वार्षिक पाप दुल जाए. (लैव्यव्यवस्था १६).
परमेश्वर ने स्पष्ट रूप से कहा था की प्रायश्चित के दिन केवल हारून के द्वारा ही बलिदान चढ़ाया जाए और उसके बाद का महायाजक भी उसके वंश से ही हो. अजाजेल के सिर पर हारून के हाथ रखने के द्वारा परमेश्वर ने इस्राएल के लोगों के लिए उनके पापों के प्रायश्चित का एक मार्ग खोला. यह उनके लिए परमेश्वर के द्वारा स्थापित किया गया प्रायश्चित का नियम था.
इस परछाई के द्वारा, उसने स्पष्ट रूप से समझाया था की यीशु मनुष्यजाति का उद्धारकर्ता था. नए नियम के युग में, परमेश्वर ने हारुन का वंशज (१ इतिहास २४:१०, लूका १:५) और पुराने नियम के आख़री महायाजक (मत्ती ११:११-१३) यूहन्ना को भेजा. यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले ने, मनुष्यजाति के प्रतिनिधि और महायाजक के तौर पर, मनुष्यों के सारे पापों को यीशु पर डालने के लिए उसे बपतिस्मा दिया, परमेश्वर का पुत्र, जो पापोयों को बचाने आया था.
यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले के द्वारा अपने सारे पापों को यीशु पर डालने के लिए सक्षम बनने से सारे लोग आशीषित है. यूहन्ना की भूमिका महायाजक की थी जो मनुष्यों का प्रतिनिधित्व करता है और परमेश्वर के सेवक के और पर थी जिसने सारे पापों को यीशु पर डाला था.
यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला परमेश्वर के द्वारा भेजा गया मनुष्यजाति का प्रतिनिधि, महायाजक, और दूत था जिसे यीशु के ६ महीने पहले भेजा गया था. दूसरा, यीशु परमेश्वर का मेम्ना था जिसने आख़री महायाजक यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले से बपतिस्मा लेने के द्वारा जगत के सारे पापों को उठा लिया था. यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला परमेश्वर का सेवक था.
- Prima
1-32. Poiché Dio è grazioso e compassionevole, non ci considererebbe giusti, anche se nel nostro cuore c’è peccato, se crediamo semplicemente in Gesù?
- Dopo
1-33. Se diciamo che Gesù ha già eliminato tutti i nostri peccati del passato, del presente e del futuro secondo la tua affermazione, come si svilupperebbe il futuro di una persona se continuasse a peccare, pensando al fatto che ha già ottenuto il perdono dei suoi peccati credendo nel battesimo di Gesù e nella Croce? Anche se questa persona uccidesse un’altra persona, penserebbe che anche questo tipo di peccato gli sia stato espiato attraverso Gesù. Pertanto, continuerà a peccare senza esitazione, credendo semplicemente che Gesù abbia già eliminato anche i peccati che commetterà in futuro. Per favore, spiegami queste cose.