Поширені запитання щодо Християнської Віри
Запитання 1: Народження знову з води та Духа
1-3. परमेश्वर के द्वारा स्थापित कि गई व्यवस्था क्या है?
परमेश्वर आयोजक है, जो एक मात्र सच्चा परमेश्वर है और जिसका सम्पूर्ण अस्तित्व है. इसलिए, उसने निम्नलिखित उदेश्यों के लिए जगत में व्यवस्था की स्थापना की.
① उसने पापियों को अपने पापों से बचाने के लिए अपनी व्यवस्था और आज्ञा दी.
“व्यवस्था के द्वारा पाप की पहिचान होती है” (रोमियों ३:२०).
② दूसरा नियम विश्वास का नियम है जो पापियों को बचाता है. वह है “जीवन की
आत्मा की व्यवस्था” (रोमियों ८:२) जो यीशु मसीह, हमारे उद्धारक पर विश्वास करने के
द्वारा उद्धार दिलाता है (रोमियों ५:१-२). यीशु इस नियम को परिपूर्ण करने की लिए इस जगत में आया. उसने बपतिस्मा लिया, क्रूस पर लहू बहाया और उसके बाद पुनरुत्थित हुआ. यीशु ने जगत के सारे पापियों को बचाने के लिए उद्धार की व्यवस्था स्थापित की.
परमेश्वर ने विश्वास की व्यवस्था की स्थापना उनके लिए की जो पानी और आत्मा के उद्धार पर विश्वास करते है. जो कोई भी उद्धार पाने और परमेश्वर की सन्तान बनने की इच्छा रखता है उसे परमेश्वर ने स्थापित की हुई विश्वास की व्यवस्था पर विश्वास करना पडेगा. उद्धार के लिए केवल वही एक मार्ग है. इस लिए, जो इस व्यवस्था के मुताबिक़ सत्य के आत्मिक उद्धार पर विश्वास करता है उनको परमेश्वर ने स्वर्ग में जाने की अनुमति दी है.
- До
1-32.: Якщо, як ви кажете, Ісус вже взяв на себе всі гріхи, минулі, теперішні і майбутні, то що станеться з майбутнім людини, якщо вона продовжуватиме грішити, думаючи, що її гріхи були змиті хрещенням і вірою в Ісуса на хресті? Навіть якщо ця людина вб’є іншу людину, вона буде думати, що навіть цей гріх вона вже спокутувала через Ісуса. Тому він продовжуватиме грішити без будь-яких вагань, просто вірячи, що Ісус уже усунув навіть ті гріхи, які він зробить у майбутньому. Поясніть мені, будь ласка, про ці речі.