Поширені запитання щодо Християнської Віри
Запитання 1: Народження знову з води та Духа
1-16. पाप की मज़दूरी क्या है?
पाप की मज़दूरी मृत्यु है. कोई भी पाप क्यों ना हो, परमेश्वर के सम्मुख सारे पापों का न्याय होता है, और एक पाप की सज़ा भी मौत है. पापों का प्रायश्चित करने के लिए, इस्राएल के लोगों को परमेश्वर के सम्मुख निर्दोष भेड़ को बलिदान करना पड़ता था. लेकिन ऐसे बलिदानों से उनके सारे पाप हमेशा के लिए साफ़ नहीं होते थे. “क्योंकि यह अनहोना है की बैलों और बकरों का लहू पापों को दूर करे” (इब्रानियों १०:४).
इसलिए, परमेश्वर ने सारे लोगों को उनके पापों से छुडाने के लिए मेमने को तैयार किया. सारे बलिदान के पशुओं को सारे पापों को उठाने के लिए अपने सिर पर हाथ रखवाने के लिए आधीन होना पड़ता था और फिर लोगों के बदले उसे मरना पड़ता था.
नए नियम में, परमेश्वर के हलवान के तौर पर यीशु ने यरदन में बपतिस्मा लेने के द्वारा हमारे सारे पापों को उठा लिया और हमारे लिए मरा. “क्योंकि पाप की मजदूरी तो मृत्यु है, परन्तु परमेश्वर का वरदान हमारे प्रभु मसीह यीशु में अनन्त जीवन है” (रोमियों ६:२३).
पाप की मजदूरी मृत्यु है, लेकिन यीशु ने हमारी जगह मर कर अपना प्रेम व्यक्त किया है और जगत के सारे पापोयों के लिए अनन्त जीवन भेंट में दिया.
- До
1-32.: Якщо, як ви кажете, Ісус вже взяв на себе всі гріхи, минулі, теперішні і майбутні, то що станеться з майбутнім людини, якщо вона продовжуватиме грішити, думаючи, що її гріхи були змиті хрещенням і вірою в Ісуса на хресті? Навіть якщо ця людина вб’є іншу людину, вона буде думати, що навіть цей гріх вона вже спокутувала через Ісуса. Тому він продовжуватиме грішити без будь-яких вагань, просто вірячи, що Ісус уже усунув навіть ті гріхи, які він зробить у майбутньому. Поясніть мені, будь ласка, про ці речі.