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उपदेश

विषय ११ : मिलापवाला तम्बू

[11-17] दयासन पर दिया गया पाप की माफ़ी का अर्पण (निर्गमन २५:१०-२२)

दयासन पर दिया गया पाप की माफ़ी का अर्पण
(निर्गमन २५:१०-२२)
“बबूल की लकड़ी का एक सन्दूक बनाया जाए; उसकी लम्बाई ढाई हाथ, और चौड़ाई और ऊँचाई डेढ़ डेढ़ हाथ की हों। और उसको चोखे सोने से भीतर और बाहर मढ़वाना, और सन्दूक के ऊपर चारों ओर सोने की बाड़ बनवाना। और सोने के चार कड़े ढलवाकर उसके चारों पायों पर, एक ओर दो कड़े और दूसरी ओर भी दो कड़े लगवाना। फिर बबूल की लकड़ी के डण्डे बनवाना, और उन्हें भी सोने से मढ़वाना। और डण्डों को सन्दूक के दोनों ओर के कड़ों में डालना, जिससे उनके बल सन्दूक उठाया जाए। वे डण्डे सन्दूक के कड़ों में लगे रहें; और उससे अलग न किए जाएँ। और जो साक्षीपत्र मैं तुझे दूँगा उसे उसी सन्दूक में रखना। “फिर चोखे सोने का एक प्रायश्‍चित्त का ढकना बनवाना; उसकी लम्बाई ढाई हाथ, और चौड़ाई डेढ़ हाथ की हो। और सोना ढालकर दो करूब बनवाकर प्रायश्‍चित्त के ढकने के दोनों सिरों पर लगवाना। एक करूब एक सिरे पर और दूसरा करूब दूसरे सिरे पर लगवाना; और करूबों को और प्रायश्‍चित्त के ढकने को एक ही टुकड़े से बनाकर उसके दोनों सिरों पर लगवाना। उन करूबों के पंख ऊपर से ऐसे फैले हुए बनें कि प्रायश्‍चित्त का ढकना उनसे ढँपा रहे, और उनके मुख आमने-सामने और प्रायश्‍चित्त के ढकने की ओर रहें। और प्रायश्‍चित्त के ढकने को सन्दूक के ऊपर लगवाना; और जो साक्षीपत्र मैं तुझे दूँगा उसे सन्दूक के भीतर रखना। मैं उसके ऊपर रहकर तुझ से मिला करूँगा; और इस्राएलियों के लिये जितनी आज्ञाएँ मुझ को तुझे देनी होंगी, उन सभों के विषय मैं प्रायश्‍चित्त के ढकने के ऊपर से और उन करूबों के बीच में से, जो साक्षीपत्र के सन्दूक पर होंगे, तुझ से वार्तालाप किया करूँगा।”
 
 

प्रायश्चित का ढकना

प्रायश्चित का ढकनाएक हाथ का नाप हाथ की ऊँगली के छोर से लेकर कोहनी तक की लम्बाई। बाइबल में, एक हाथ की लम्बाई अज के ४५ सेंटीमीटर जीतनी होती है। प्रायश्चित के ढकने की लम्बाई ढाई हाथ थी, इस लिए जब उसे मीट्रिक प्रणाली में रूपांतर किया जाए, तो इस की लम्बाई तक़रीबन ११३ सेंटीमीटर (३.७ फीट) होगी। और इसकी चौड़ाई डेढ़ हाथ की थी, तक़रीबन ६७.५ सेंटीमीटर (२.२ फीट)। यह हमें प्रायश्चित के ढकने के बारे में व्यापक समझ देता हा।
साक्षी के संदूक को पहले बबूल की लकड़ी से बनाया गया था और फिर अन्दर से बहार की ओर सोने से मढ़ा हुआ था। लेकिन प्रायश्चित का ढकना, जो साक्षी के संदूक में रखा गया था, उसे केवल सोने से बनाया गया था। और उसके दोनों छोर पर, करुबों को अपने पंख फैलाए हुए, संदूक के ढकने को ढंके हुए रखा गया था – अर्थात्, प्रायश्चित का ढकना – और करुबों का मुँह प्रायश्चित के ढकने की ओर रखा गया था। प्रायश्चित का ढकना वह जगह है जहा परमेश्वर लोगों पर अपना अनुग्रह करता था जो विश्वास से उसके पास आते थे।
संदूक के चारों कोनो पर सोने के कड़े लगाए गए थे। दोनों बाजू सोने के दो दो कड़े लगाए गए थे, और डंडो को कड़े में डाला गया था ताकि संदूक को उठाया जा सके। यह डंडे बबूल की लकड़ी से बने थे और सोने से मढ़े गए थे। एक बाजू कड़ी में डंडे को रखकर और दूसरी बाजू दुसरे डंडे कड़ी में रखने के द्वारा, परमेश्वर ने यह सुनिश्चित किया था की दो लोग उसे उठा सके और ले जा सके। और हमारे परमेश्वर ने कहा, “मैं इस प्रायश्चित के ढकने पर तुझसे मिला करूंगा”। 
परमेश्वर ने इस्राएलियों को संदूक में डंडे लगवाकर संदूक के साथ प्रायश्चित के ढकने को भी उठाने के लिए कहा। इसका मतलब है की परमेश्वर चाहता है की हम पूरी दुनिया में सुसमाचार का प्रचार करे। धूप वेदी के लिए भी ऐसा ही है – अर्थात्, इसके दोनों बाजू पर भी कड़ियों को लगाया गया था, और दो लोग वेदी को उठाते थे। इसका मतलब भी यह है की जब कभी भी हम मुसीबत का सामना करे तब हमें परमेश्वर से मदद मांगनी चाहिए, और हम जहाँ कही भी जाए वहाँ हमें सुसमाचार को प्रसार करने के लिए प्रार्थना करनी चाहिए।
साक्षी के संदूक में, तिन चीजो को रखा गया था: मन्ना का सोने का कटोरा, हारुन की छड़ी जिस पर कलियाँ फूटी थी, और वाचा की पत्थर की तख्तियाँ। इसका क्या मतलब है? सबसे पहले, मन्ना के सोने के कटोरे का मतलब है की यीशु मसीह विश्वासियों को नया जीवन देता है। उसने एक बार घोषणा की थी, “जीवन की रोटी मैं हूँ : जो मेरे पास आता है वह कभी भूखा न होगा, और जो मुझ पर विश्‍वास करता है वह कभी प्यासा न होगा” (यूहन्ना ६:३५)। 
हारून की छड़ी जिस पर कलियाँ फूटी थी वह हमें बताती है की यीशु मसीह पुनरुत्थान का प्रभु है और वह हमें अनन्त जीवन देता है। वाचा की पत्थर की तख्तियाँ हमें बताती है की हम व्यवस्था के सामने मृत्यु दण्ड के हकदार है। हालाँकि, परमेश्वर की दया इतनी महान है की वह हमारे पाप के सारे दण्ड को ढँक देती है जो व्यवस्था ने हम पर आरोप लगाए थे। प्रायश्चित के ढकने को अच्छी रीति से संदूक के ढकने के रूप में रखा गया था की व्यवस्था का श्राप बहार न आए। परमश्वर ने अपने बेटे यीशु के बलिदान के द्वारा प्रायश्चित के ढकने को परिपूर्ण किया। इसलिए पानी और आत्मा के सुसमाचार के प्रत्येक विश्वासी अनुग्रह के सिंहासन, प्रायश्चित के ढकने के पास निडरता से आ सकते है। 
 
 
कीमती लहू जिसे प्रायश्चितवाले ढकने के ऊपर छिड़का जाता था!
 
सबसे पहले हमें यह ढूँढना चाहिए की प्रायश्चित के ढकने में कौनसा रहस्य छिपा हुआ है। साल में एक बार, महायाजक बलिदान के लहू को लेकर परमपवित्र स्थान के अन्दर प्रवेश करता था। फिर वो ठीक सात बार बलिदान के इस लहू को प्रायश्चित के ढकने पर छिड़कता था। परमेश्वर ने कहा था की वह इस्राएलियों से इस प्रायश्चित के ढकने पर मिला करेगा। परमश्वर उन सब से मिलता था जिनका विश्वास महायाजक के विश्वास के समान होता था, अर्थात्, बलिदान की पध्धति में प्रगट हुआ पाप की माफ़ी पर विश्वास।
प्रायश्चित के ढकने पर छिड़का गया बलिदान का लहू परमेश्वर के न्याय और मनुष्यजाति पर उसकी दया को दिखाता है। प्रायश्चित के दिन, सांतवे महीने के दसवे दिन, महायाजक हारून इस्राएल के लोगों के वार्षिक पापों को बलिदान के अर्पण के ऊपर डालने के लिए उसके सिर पर हाथ रखता था। फिर वह उसके लहू को बहाने के लिए उसके गले को काटता था और फिर इस लहू को परदे के अन्दर ले जाता था और प्रायश्चित के ढकने के ऊपर छिड़कता था (लैव्यव्यवस्था १६:११-१६)। 
छिड़के हुए लहू के द्वारा, परमेश्वर इस्राएलियों से मिला और उन्हें पाप की माफ़ी की आशीष दी। यह इस्राएलियों पर परमेश्वर का अनुग्रह था की उसने बलिदान की पध्धति की स्थापना की। बलिदान के पशु पर हाथ रखने और उसके लहू से परमेश्वर ने उनके पापों को मिटा दिया और अनुग्रह से उन्हें दया और पाप की माफ़ी दी।
ति फिर इस अनुग्रह को हम कैसे प्राप्त कर सकते है? किस वचन के द्वारा परमेश्वर ने एक ही बार में हमेशा के लिए हमारे पापों को मिटाया है? परमेश्वर ने हमें यह समझने के लिए सक्षम बनाया की परमेश्वर ने हमें जो उपहार दिया है उसे प्राप्त करने के लिए हमारे पास ऐसा विश्वास होना चाहिए जो बलिदान की पध्धति को जनता हो और उस पर विश्वास करता हो। परमेश्वर ने अपनी धार्मिकता के लिए इसे दो चीजों से परिपूर्ण किया; बलिदान के सिर पर हाथ रखना और उसका लहू। पुराने नियम का यह बलिदान ओर कुछ नहीं लेकिन यीशु के बपतिस्मा ऑयर क्रूस पर बहाए लहू को दर्शाता है।
हमारे खुद के पापों के लिए, यीशु मसीह परमेश्वर के पुत्र ने जगत के पापों को अपने ऊपर उठाने के लिए यूहन्ना से बपतिस्मा लिया, इन पापों की कीमत चुकाने के लिए क्रूस पर बलिदान का अर्पण बना, हमारे लिए मरा, और हमें जीवित रखने के लिए मृत्यु से जीवित हुआ। यीशु का बपतिस्मा और क्रूस पर का उसका लहू हमें पाप की माफ़ी देने के लिए था, और वे सच्चे आशीष का अनुग्रह था जो उन लोगों को परमेश्वर से मिलाने के लिए सक्षम बनाता है जिनके पास ऐसा विश्वास है। यह सत्य पानी और आत्मा के सुसमाचार की परछाई है। पानी और आत्मा का सुसमाचार सच्चाई है जिसने सच्चे विश्वास की नींव राखी है जो पापियों को परमेश्वर से पाप की माफ़ी प्राप्त करने के लिए योग्य बनता है। यीशु मसीह हमारे पापों के लिए बलिदान का अर्पण बने। वह सत्य का पुल बना जो हमें परमेश्वर पवित्र पिता के पास जाने के लिए अनुमति देता है।
फिर से, हम मिलापवाले तम्बू के लिए इस्तेमाल हुए चार रंगों में इस सत्य के प्रमाण को ढूंढ सकते है: नीला, बैंजनी, और लाल कपड़ा और बटी हुई सनी का कपड़ा। दुसरे शब्दों में, मिलापवाले तम्बू के द्वार के चार रंग हमें सच्चे सुसमाचार का संकेत देते है।
पहला संकेत मिलापवाले तम्बू के द्वार में प्रगट हुए नीले कपड़े का रहस्य है। यह वो रहस्य है की यीशु ने यूहन्ना से बपतिस्मा लिया, मतलब की उसने जगत के हमारे सारे पापों को ले लिया। दुसरे शब्दों में, हमारे परमेश्वर ने हमारे पापों को स्वीकार किया जो यूहन्ना ने उसको ऊपर डाले थे। इसी लिए वह यूहन्ना को बपतिस्मा देने के लिए कह रहा था, “अब तो ऐसा ही होने दे, क्योंकि हमें इसी रीति से सब धार्मिकता को पूरा करना उचित है” (मत्ती ३:१५)।
दूसरा संकेत मिलापवाले तम्बू में प्रगट हुआ बैंजनी कपड़ा है। “बैंजनी” रंग राजा का रंग है। यीशु मसीह राजाओं का राजा जय जो इस पृथ्वी पर मनुष्यजाति को उनके पापों से बचाने के लिए उनका उद्धारकर्ता बनाकर आया। उसने स्वर्ग की महिमा का त्याग किया और हमारे पापों को मिटाने के लिए इस पृथ्वी पर आया। यीशु मसीह खुद परमेश्वर है, लेकिन हमें हमारे पापों से बचाने के लिए, वह इस पृथ्वी पर आया, और पिता की इच्छा का पालन करने के लिए उसने बपतिस्मा लिया और क्रूस पर चढ़ा। दुसरे शब्दों में, हमारे सारे पापों को मिटाने के लिए परमेश्वर ने स्वर्ग की महिमा के सिंहासन का त्याग किया और पापियों को बचाने के लिए उसने कुँवारी मरियम के पेट से इस पृथ्वी पर जन्म लिया। इसलिए हमें विश्वास करना चाहिए की ७०० साल पहले परमेश्वर ने यशायाह से वायदा की या था उसके तहत परमेश्वर को खुद कुँवारी के पेट से जन्म लेना पडा, बपतिस्मा लेना पडा, और क्रूस पर अपना लहू बहाना पडा।
तीसरा संकेत लाल कपड़ा है। यह यीशु के लहू को दर्शाता है। यह सत्य प्रगट करता है की यीशु ने क्रूस पर अपना लहू बहाने के द्वारा परमेश्वर के उद्धार के मिशन को परिपूर्ण किया। क्रूस पर उसका लहू बहाना वह दण्ड था जो सबसे दुष्ट अपराधी के लिए अलग किया गया था। पाप के दण्ड के साथ जो यीशु ने अपने बपतिस्मा के द्वारा लिया था, मनुष्यजाति के सारे पापों का न्याय हुआ। क्रूस पर चढ़कर और अपना लहू बहाने के द्वारा, उसने जगत के सारे पापों का दण्ड सहा और इस प्रकार हमें पाप से छुडाया। यूहन्ना से बपतिस्मा लेकर हमारे पापों का स्वीकार करने के द्वारा और मृत्यु तक पिता की आज्ञाकारी रहने के द्वारा, परमेश्वर ने सारे पापियों को उनके अपराधों से बचाया है।
क्या आप समझते है की यीशु ने पाप के सारे दण्ड का अन्त किया है और अपने क्रूस पर चढ़ने के दण्ड के द्वारा हमारे दण्ड को सहन कर विश्वासियों को परमेश्वर की संतान बनाया है? परमेश्वर ने यह सब किया ताकि हम इस सत्य पर विश्वास करे और अनन्त जीवन पाए। यीशु ने बपतिस्मा लिया और फिर क्रूस पर दण्ड सहा उसका मतलब है की उसने हमें पाप से बचाया है। इसी लिए वह अपनी आख़री साँस लेते समय ऊँची आवाज में बोला, “पूरा हुआ!” (यूहन्ना १९:३०) यीशु ने बड़े आनन्द और चैन से घोषणा की कि उसने परमेश्वर पिता की इच्छा के अनुसार पाप से हमारे उद्धार को परिपूर्ण किया।
अन्त में, बटी हुई सनी का कपड़ा दर्शाता है की यीशु वचन का परमेश्वर है। उसने अपने विस्तृत और धर्मी वचन के द्वारा परमेश्वर की इच्छा को प्रगट किया। पुराने नियम में, उसने पहले ही कह दिया था की वह इस पृथ्वी पर आएगा और अपने बपतिस्मा और क्रूस पर चढ़ने के द्वारा पूरी मनुष्यजाति को बचाएगा। फिर उसने नए नियम में अपने वायदे को परिपूर्ण किया। इसी लिए बाइबल कहती है, “आदि में वचन था, और वचन परमेश्‍वर के साथ था, और वचन परमेश्‍वर था...और वचन देहधारी हुआ; और अनुग्रह और सच्‍चाई से परिपूर्ण होकर हमारे बीच में डेरा किया, और हम ने उसकी ऐसी महिमा देखी, जैसी पिता के एकलौते की महिमा” (यूहन्ना १:१,१४)।
इस सत्य ने हमें अपने पापों से हिम के नाई श्वेत होने के लिए सक्षम बनाया है। यीशु का बपतिस्मा और उसका बहाया हुआ लहू बलिदान की पध्धति का हाथ रखना और न्याय के प्रायश्चित के अलावा ओर कुछ नहीं था। क्योंकि यीशु ने जगत के सारे पाप अपने कंधे पर उठाए थे इसलिए क्रूस पर उसने अपना लहू बहाया। जैसे हमारी जगह हमारे पापों को उठाने के लिए यीशु को बपतिस्मा दिया गया था, और क्रूस तक गया और उसके ऊपर अपना लहू बहाया, इसलिए यह सत्य प्रायश्चित बना है जिसने हमारे पापों को साफ़ किया है।
जब हमारा प्रभु इस पृथ्वी पर आया तब उसने बपतिस्मा लिया और क्रूस पर लहू बहाया वह नीले, बैंजनी, और लाल कपड़े में प्रगट हुआ सत्य है। यीशु २,००० साल पहले इस पृथ्वी पर पैदा हुआ था, बपतिस्मा लेने के द्वारा जगत के पापों को उठाया था, क्रूस पर मरा, तिन दिनों के अन्दर मृत्यु से जीवित हुआ, उसके बाद ४० दिनों तक गवाही दी, और फिर परमेश्वर के सिंहासन की दाहिनी ओर उठा लिया गया – यह नीले, बैंजनी, और लाल कपड़े में प्रगट हुआ सत्य है। परमेश्वर हमें इस सत्य पर विश्वास करने के लिए कह रहा है, की उसने हमारे पापों को मिटाने के द्वारा हमें बचाया है।
जब हम इस सत्य पर विश्वास करते है, तब परमेश्वर हमसे कहता है, “अब, तुम मेरी संतान बने हो। तुम पापी नहीं हो। तुम मेरी प्रजा हो पापी नहीं हो। मैंने तुम्हें तुम्हारे सारे पाप, दण्ड, और श्राप से बचाया है। मैंने तुम्हें मेरे बिनाशर्त के प्रेम से बचाया है। क्योंकि तुम मेरे लिए बहुत प्रिय हो, इसलिए मैंने बिना किसी शर्त के तुम्हें बचाया है। क्योंकि मैं तुम्हें प्रेम करता हूँ, इसलिए मैंने खुद तुम्हें बचाया है। केवल मैंने तुम्हें प्रेम नहीं किया, लेकिन मैंने इस तरह से मेरे प्रेम को तेरे सामने प्रगट किया है। मेरे बलिदान के लहू की ओर देख। यह तुम्हारे प्रति मेरे प्रेम का प्रमाण है। मैंने तुम्हें यह प्रमाण दिखाया है।”
जब हम आत्मा में कमज़ोर होकर हमारे प्रभु के पास आए, तब उसने हमें दिखाया की उसने हमें नीले, बैंजनी, और लाल कपड़े से बचाया है। प्रभु इस पृथ्वी पर आए, बपतिस्मा लिया, तिरस्कृत हुआ और क्रूस पर मृत्यु दण्ड सहा, मृत्यु से फिर जीवित हुआ, और स्वर्ग में उठा लिया गया। जो कोई भी परमेश्वर के उद्धार के प्रेम पर विश्वास करता है उनसे परमेश्वर मुलाक़ात करता है।
परमेश्वर ने उन लोगों को उद्धार का अनुग्रह दिया है जो विश्वास करते है। उसके उद्धार ने साधारण सृष्टि को परमेश्वर की संतान में बदल दिया। परमेश्वर हमसे कहता है, “अब तुम मेरी संतान हो। तुम मेरे बेटे और बेटियाँ हो। तुम अब शैतान की संतान नहीं हो, लेकिन मेरी संतान हो। तुम अब सृष्टि नहीं रहे, लेकिन मेरे अपने लोग हो। मैंने मेरे पुत्र यीशु के द्वारा तुम्हारे सारे पापों का प्रायश्चित किया है। अब मैंने तुम्हें मेरी प्रजा बनाया है, और तुम विश्वास जसे मेरी प्रजा बने हो।” परमेश्वर ने केवल पापियों को बचाया ही नहीं, लेकिन उसने उन्हें अपनी संतान बनाकर उन पर अनुग्रह किया है।
परमेश्वर ने मिलापवाले तम्बू में साक्षी के संदूक के ढकने को प्रायश्चित का ढकना कहा है। उसके ऊपर सिर जुकाए हुए दो करुबों को रखा गया है। क्यों परमेश्वर ने कहा की वह इस्राएल के लोगों से प्रायश्चित के ढकने के ऊपर मिला करेगा? इसका यह कारण था की क्योंकि परमेश्वर ने बलिदान के पशु के लहू को स्वीकार करके इस्राएल के लोगों के पाप मिटाए थे जिस पर हाथ रखने के द्वारा उनके सारे पाप उसके ऊपर डाले गए थे।
दुसरे शब्दों में, परमेश्वर ने ऐसा कहा क्योंकि वह बलिदान के पशु के सिर पर हाथ रखने के द्वारा अपने सारे पाप उसके ऊपर डालने के द्वारा इस्राएल के लोगों को उपहार के रूप में पाप की माफ़ी देना चाहत था, और जैसे बलिदान का अर्पण उनकी जगह इन पापों की कीमत चुकाता था, यह सब अपने लोगों के अपराधों को दूर करने के लिए था। क्योंकि परमेश्वर प्रायश्चित के अर्पण के बगैर पापियों से मिल नहीं सकता था, इसलिए इस बलिदान के अर्पण के द्वारा उसने उनके पापों को मिटाया और उनसे मुलाक़ात की।
प्रत्येक व्यक्ति आदम के वंशज के रूप में पाप को लेकर इस पृथ्वी पर पैदा हुए है। इसलिए प्रत्येक लोग पापी है, इसलिए कोई भी व्यक्ति बलिदान के अर्पण के बगैर परमेश्वर से नहीं मिल सकता। इसी लिए परमेश्वर ने कहा की वह इस्राएलियों के पापों का प्रायश्चित करनेवाले बलिदान के अर्पण का स्वीकार करेगा और प्रायश्चित के ढकने के ऊपर उनसे मिलेगा।
परमेश्वर ने सातवे महीने के दसवे दिन को इस्राएल के लोगों के लिए प्रायश्चित का दिन बनाया था। उसने महायाजक को इस्राएलियों के वार्षिक पापों को बलिदान के अर्पण पर डालने और बलिदान के लहू को उसे देने के लिए कहा था। उस दिन, इस्राएल के लोगों के पूरे साल भर के पापों को माफ़ किए गए थे, और यह इस लिए हुआ क्योंकि उस दिन महायाजक ने उनके जगह पापबलि का अर्पण दिया।
 
 

पापियों को उनके अपराधों से छूटकारा दिलाने के लिए पुराने नियम की बलिदान की पध्धति

 
जैसे लैव्यव्यवस्था १:४ कहता है, “वह अपना हाथ होमबलिपशु के सिर पर रखे, और वह उसके लिये प्रायश्‍चित्त करने को ग्रहण किया जाएगा,” बलिदान के सिर पर हाथ रखने के द्वारा पापियों के सारे पाप जीवित बकरे के ऊपर डाले जाते थे। परमेश्वर इस प्रकार के बलिदान को आनन्द से स्वीकार करता था जो उस विश्वास के साथ दिया जाता था जो उसके वचन पर विश्वास करत हो। यह बलिदान की पध्धति के लिए महत्वपूर्ण और पहला कदम था जिसे परमेश्वर ने अपने इस्राएल के लोगों के स्थापित किया था।
फिर व्यक्ति उसके गले को काटता था और इसके लहू को निकालता था, और यह लहू याजक को देता था। फिर याजक इस लहू को होमबलि की वेदी के सींगो पर छिड़कता था, उसके मांस को वेदी पर रखता था उअर उसे जलाता था, और फिर पापियों के पाप के बलिदान के अर्पण के रूप में यह परमेश्वर को देता था। यह उद्धार की व्यवस्था थी जिसे वास्तव में परमेश्वर ने प्रत्येक पापी के पाप को माफ़ करने के लिए स्थापित किया था।
हालाँकि, प्रायश्चित के दिन, सातवे महीने के दसवे दिन, परमेश्वर अपने लोगों को बलिदान अर्पण करने की अनुमति देता था जो उनके पूरे साल के पापों को माफ़ करता था। उस दिन, सारे इस्राएलियों का प्रतिनिधि महायाजक को दो बकरी तैयार करनी पड़ती थी। “और हारून दोनों बकरों पर चिट्ठियाँ डाले, एक चिट्ठी यहोवा के लिये और दूसरी अज़ाज़ेल के लिये हो। और जिस बकरे पर यहोवा के नाम की चिट्ठी निकले उसको हारून पापबलि के लिये चढ़ाए” (लैव्यव्यवस्था १६:८-९)। उसे पहली बकरी पर अपने हाथ रखने पड़ते थे ताकि इस्राएलियों के साल भर के पाप उसके ऊपर डाले जा सके। फिर वह उसे सच में मारकर उसके लहू को निकलता था, परमपवित्र स्थान में जाता, और पूर्व में दयासन के ढकने के ऊपर अपनी उँगलियों से लहू का छिड़काव करता, और प्रायश्चित के ढकने के सामने सात बार छिड़कता। बलिदान के अर्पण के इस लहू का स्वीकार करने के द्वारा, परमेश्वर उनके पापों को साफ करता और अपने संतान के रूप में उनका स्वीकार करता।
इसके बाद, महायाजक मिलापवाले तम्बू से बहार निकलता, और इस्राएल के लोगों के सामने दूसरी बकरी देता। वास्तव में लोगों के पाप पारित करने के लिए, वह फिर से बलिदान के अर्पण के दिर पर अपने हाथ रखता। फिर वह अंगीकार करता, “मेर लोगों ने पिछले साल किए सारे पाप मैं इस अर्पण के ऊपर डालता हूँ।” इसके बाद, वह योग्य पुरुष के हाथों अर्पण को जंगल में दूर भेज देता।
इस बकरी को मरने के लिए बंजर जंगल में छोड़ दिया जाता (लैव्यव्यवस्था १६:२०-२२)। यह हमें बताता है की इस्राएल के लोगों के पाप एक ही बार में हमेशा के लिए पापबलि के साथ पूरी तरह माफ़ कर दिए गए जो प्रायश्चित के दिन दिया गया था।
यह जीवित बकरा कुछ ओर नहीं लेकिन यीशु का प्रतिबिम्ब है। यश पापबलि उद्धार के सत्य को प्रगट करता है जिसे यीशु जगत के सारे लोगों के पापों को मिटाने के लिए यूहन्ना से बपतिस्मा लेने के द्वारा और क्रूस पर चढ़ने के द्वारा परिपूर्ण किया था। जब लोग महायाजक के द्वारा योग्य बलिदान अर्पण करे तब परमेश्वर ने प्रायश्चित के ढकने के ऊपर लोगों से मिलाने का वादा किया था। इस्राएल के लोग महायाजक और प्रायश्चित के ढकने को मूल्यवान समझते थे, क्योंकि वह महायाजक था जो उनकी जगह हर साल पापबलि चढ़ाता था, और वह प्रायश्चित का ढकना था जहाँ उनके अपराध माफ़ हुए थे।
इसी तरह, यीशु ने अपने बपतिस्मा और लहू बहाने के द्वारा अपने शरीर से हमेशा के लिए एक बलिदान अर्पण करके परमेश्वर के साथ हमारा मेल मिलाप करवाया है। इसी लिए हम प्रभु यीशु को पर्याप्त धन्यवाद नहीं दे सकते, और इसलिए हमें उसके क्रूसारोहण के साथ उसके बपतिस्मा पर भी विश्वास करना चाहिए।
 
 
प्रायश्चित का ढकना दस आज्ञाओं वाली दो तख्तियों से ढँका हुआ था जिसे साक्षी के संदूक के अन्दर रखा गया था
 
सिनै पर्वत पर, परमेश्वर ने मूसा को आदेश दिया था की वह दस आज्ञाए लिखी दो तख्तियों को साक्षी के संदूक में रखे और प्रायश्चित के ढकने से संदूक को बंद करे। परमेश्वर ने ऐसा किया क्योंकि वह इस्राएल के लोगों को अपनी दया का प्रेम देना चाहता था, क्योंकि वे व्यवस्था का पालन नहीं कर पाए। दुसरे शब्दों में, क्योंकि परमेश्वर अपनी न्यायी व्यवस्था से हरदिन पाप करनेवाले इस्राएल के लोगों के साथ व्यवहार नहीं कर सकता था जो घोषित करती थी की पाप की मजदूरी तो मृत्यु है। यह भी इस्राएल के लोगों को पाप की माफ़ी देने के लिए था।
दुसरे शब्दों में, इस्राएल के लोग परमेश्वर के सामने उसकी व्यवस्था का पालन करने के लिए बहुत ही ज्यादा अपर्याप्त थे। इसलिए परमेश्वर ने व्यवस्था के साथ उन्हें बलिदान की पध्धति दी। यह उनके लिए बलिदान के अर्पण से उनके सारे पापों से उन्हें साफ़ करने के लिए था। यह हमें दिखता है की इस्राएल के लोगों के पापों को दूर करने के लिए, परमश्वर ने यह मांग राखी की वे बलिदान के अर्पण के सिर पर अपने हाथ रखने के द्वारा अपने पाप उसके ऊपर डाले, और अपनी जगह उसे गला काट कर मारे। परमेश्वर ने इस्राएल के लोगों को अपने न्यायी क्रोध की व्यवस्था के साथ साथ अपने प्रेम की व्यवस्था भी दी थी। उसी रूप से, हमें भी परमेश्वर के उद्धार के दो मूलभूत सत्य पर विश्वास करना चाहिए; यूहन्ना से मसीह ने लिया हुआ बपतिस्मा और क्रूस पर उसने बहाया वह लहू।
पुराने नियम में पापबलि के लिए बलिपशु नए नियम में मसीहा की देह है। बलिदान का अर्पण जो हमें पवित्रशास्त्र में दिया गया है वह परमेश्वर की दया का प्रेम था जिसने हमारे सारे पापों को मिटाया। अब पहलें के जैसे, हमारे पापों से माफ़ी पाने के लिए, हमें निश्चित तौर पर प्रायश्चित के बलिदान के अर्पण की आवश्यकता है। बहुत समय से, हम मनुष्यजाति के पाप दूर करने के लिए, परमेश्वर का न्याय और उसकी दया का प्रेम होना अनिवार्य है।
क्योंकि यदि हम पाप करते है तो परमेश्वर का न्याय हमारा न्याय करता है, इसलिए हमें हमारे पापों को पापबलि के ऊपर डालने के द्वारा उन्हें साफ़ करना चाहिए। जैसे कोरिया में एक कहावत है, “पाप से नफरत करो, लेकिन पापी से नहीं।” परमेश्वर हमारे पापों से नफ़रत करता है लेकिन हमारी आत्माओं से नफ़रत नहीं करता। परमेश्वर को हमारे पाप दूर करने के लिए, हमें बलिदान के अर्पण पर अपने हाथ रखने, और उसके लहू को निकाल कर उसे देने की जरुरत है। पुराने नियम में, परमेश्वर ने इस्राएल के लोगों के पापों का प्रायश्चित किया था उसका मतलब है की परमेश्वर ने उनके बलिदान के अर्पण का स्वीकार किया था उअर इस प्रकार उनके पापों को माफ़ किया था।
इस्राएल के लोगों के लिए, व्यस्था को बनानेवाला एकमात्र परमेश्वर था। यहोवा, जिसने इस्राएल के लोगों के सामने अपने आप को प्रगट किया था, वह वो है जो खुद से अस्तित्व में आया है। जैसे हम परमेश्वर को व्यवस्था के निर्माता के रूप में पहचानते है, वैसे हमें पहचानना चाहिए की वह हम सब का परमेश्वर है और बलिदान की पध्धति का स्वीकार करना चाहिए जिसे उसने हमारे पापों को दूर करने के लिए स्थापित किया था। परमेश्वर के द्वारा स्थापित बलिदान की पध्धति के द्वारा हम यह समझने के लिए सक्षम बने है की परमेश्वर ने हमें कितना प्रेम किया और कितनी धर्मी रीती से उसने हमें पापों से छुडाया। और परमेश्वर की व्यवस्था के द्वारा, हम यह भी समझने के लिए सक्षम बने है की हम उसकी व्यवस्था का पालन नहीं कर पाए। मूलरूप से हम परमेश्वर के सामने मूर्ती पूजा करनेवाले, हर प्रकार की दुष्टता और अपराध करनेवाले लोग थे। इसलिए, हमें यह अंगीकार करना चाहिए की हम किसी भी समय हमारे पाप की वजह से नरक में बंध सकते है। इसी लिए परमेश्वर को खुद उद्धारकर्ता के रूप में हमारे पास आना पडा।
यीशु मसीह ने जगत के पापों के लिए अपना शरीर हमेशा के लिए दिया। जिस तरह पुराने नियम में पापबलि दी जाती थी ठीक उसी तरह यीशु ने खुद को अर्पण किया, खासतौर पर जैसे भाग में प्रायश्चित के दिन के लिए दिखाया गया है: बलिदान के सिर पर अपने हाथ रखने और उसके लहू बहाने के द्वारा। साक्षी के संदूम में पत्थर की दो तख्तियाँ और प्रायश्चित का ढकना इस्राएल के लोगों के लिए उनके पापों से माफ़ी पाने के लिए अनिवार्य था, क्योंकि जो लोग परमेश्वर की व्यवस्था और जीवन के वायदे पर विश्वास करते थे उन्हें परमेश्वर ने नया जीवन पाने के लिए योग्य बनाया था। आज, व्यवस्था जो परमेश्वर के न्याय और सत्य के वचन को दिखाती है जो पाप से अनन्त उद्धार देती है उसने न केवल इस्राएल के लोगों को लेकिन हम सब को परमेश्वर से मिलने और अनन्त जीवन प्राप्त करने के लिए यिग्य बनाता है।
आप और मैं जो इस युग में जीवन जी रहे है उन्हें विश्वास करना चाहिए की हमारा परमेश्वर कौन है, वह हमें क्या कह रहा है, और उसने किसके द्वारा हमें हमारे पापों की माफ़ी पाने के योग्य बनाया है। पुराने नियम के मिलापवाले तम्बू के द्वार में प्रगट हुए नीले, बैंजनी, और लाल कपड़े और बटी हुई सनी के कपड़े के सत्य के द्वारा, परमेश्वर ने आपको और मुझे बुलाया है, हमारा स्वीकार किया है, और हमें यह सब मानने वाला विश्वास दिया है।
 
 

नीला कपड़ा वास्तव में बपतिस्मा का संकेत देता है जिसे यीशु ने प्राप्त किया था

 
आइए मत्ती ३:१३-१७ की ओर मुड़ते है: “उस समय यीशु गलील से यरदन के किनारे यूहन्ना के पास उससे बपतिस्मा लेने आया। परन्तु यूहन्ना यह कह कर उसे रोकने लगा, “मुझे तो तेरे हाथ से बपतिस्मा लेने की आवश्यकता है, और तू मेरे पास आया है?” यीशु ने उसको यह उत्तर दिया, “अब तो ऐसा ही होने दे, क्योंकि हमें इसी रीति से सब धार्मिकता को पूरा करना उचित है।” तब उसने उसकी बात मान ली। और यीशु बपतिस्मा लेकर तुरन्त पानी में से ऊपर आया, और देखो, उसके लिए आकाश खुल गया, और उसने परमेश्‍वर के आत्मा को कबूतर के समान उतरते और अपने ऊपर आते देखा। और देखो, यह आकाशवाणी हुई : “यह मेरा प्रिय पुत्र है, जिससे मैं अत्यन्त प्रसन्न हूँ।”
पुराने नियम के बलिदान की पध्धति के तहत दिए गए अर्पण के द्वारा परमेश्वर पिता वास्तविक तौर पर यह दिखाता है की वह जगत के सारे पाप अपने एकलौते पुत्र यीशु मसीह के ऊपर डालेगा। वास्तव में यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले ने परमेश्वर की सब धार्मिकता को पूरा करने के लिए यीशु को बपतिस्मा दिया। क्योंकि यीशु ने यूहन्ना से बपतिस्मा लिया इसलिए जगत के सारे पाप यीशु पर डाले गए थे, जो लोग इस पर विश्वास करते है उनके हृदय में वे अपने सारे पापों से माफ़ी पाते है।
यह बपतिस्मा जो यीशु ने प्राप्त किया था वह उस बपतिस्मा से बिलकुल अलग है जो लोग मसीही बनने के लिए एक विधि के रूप में प्राप्त करते है। दुसरे शब्दों में, पानी का बपतिस्मा जो आज के लोग लेते है वह उनके मसीही धर्म में रूपांतर होने का बाहरी चिह्न है। यीशु मसीह ने यरदन नदी में अपने ऊपर हाथ रखवाकर जगत के सारे पाप उठाने के लिए मनुष्यजाति के प्रतिनिधि यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले से बपतिस्मा लिया था। यीशु ने जो बपतिस्मा लिया था वह वो बपतिस्मा था जो परमेश्वर के अनन्त उद्धार के वायदे को परिपूर्ण करता था, पाप की माफ़ी जो परमेश्वर ने लैव्यव्यवस्था में बलिदान की पध्धति के द्वारा स्थापित की थी। यीशु ने व्यक्तिगत रूप से बपतिस्मा लेकर जगत के पाप ले लिए और इन पापों की कीमत चुकाने के लिए क्रूस पर लहू बहाया वह मनुष्यजाति के लिए परमेश्वर का प्रेम है और सम्पूर्ण पाप की माफ़ी है।
हमें जगत के सारे पापों से बचाने के लिए परमेश्वर पिता ने अपने पुत्र को यूहन्ना से बपतिस्मा दिलवाया। “अब तो ऐसा ही होने दे क्योंकि हमें इसी इसी रीति से सब धार्मिकता पूरी करना उचित है” (मत्ती ३:१५)। यहाँ “ऐसा” का मतलब है की यीशु बपतिस्मा लेकर सारी मनुष्यजाति के पापों को अपने ऊपर लेगा। क्योंकि यूहन्ना ने यीशु मसीह को बपतिस्मा दिया, इसलिए हमारे पाप उसके ऊपर डाले गए। क्योंकि यीशु मसीह ने अपने बपतिस्मा के द्वारा हमारे पापों को अपने ऊपर लिया था इसलिए उसने हमारी जगह लहू बहाया और मर गया। यीशु ने जो बपतिस्मा लिया था वह परमश्वर के बलिदान का प्रेम और पाप की माफ़ी थी। वास्तव में उसने खुद पर हमारे पापों को स्वीकार करने के बाद, उसने पानी में डूबकी लगाई। डूबकी उसकी मृत्यु को दर्शाती है। और वह पानी से बहार आया वह उसके पुनरुत्थान की गवाही देता है।
 
 

यीशु हमारा सृष्टिकर्ता और उद्धारकर्ता है

 
यह सच है की यीशु मसीह जो हमारे पास आया था वह खुद परमेश्वर था जिसनें ब्रह्मांड और उसकी सारी चीजो की सृष्टि की थी। उत्पत्ति १:१ कहता है, “आदि में परमेश्वर ने आकाश और पृथ्वी की सृष्टि की,” और उत्पत्ति १:३ कहता है, “जब परमेश्वर ने कहा, “उजियाला हो,” तो उजियाला हो गया।” यूहन्ना १:३ भी कहता है, “सब कुछ उसी के द्वारा उत्पन्न हुआ, और जो कुछ उत्पन्न हुआ है उसमे से कोई भी वास्तु उसके बिना उत्पन्न नहीं हुई।” वास्तव में यीशु मसीह ने पिता और पवित्र आत्मा के साथ पूरे ब्रह्मांड की सृष्टि की है।
फिलिप्पियों २:५-८ में लिखा है, “जैसा मसीह यीशु का स्वाभाव था वैसा ही तुम्हारा भी स्वभाव हो, जिसने परमेश्वर के स्वरुप में होकर भी परमेश्वर के तूली होने को अपने वश में रखने की वास्तु न समझा। वरन अपने आप को ऐसा शून्य कर दिया, और दास का स्वरुप धारण किया, और मनुष्य की समानता में हो गया। और मनुष्य के रूप में प्रगट होकर अपने आप को दीन किया, और यहाँ तक आज्ञाकारी रहा कि मृत्यु, हाँ, क्रूस की मृत्यु भी सह ली।” वह वास्तविक सृष्टिकर्ता है जिसने इस संसार को बनाया है और हम मनुष्यजाति को उत्पन्न किया है। हमें पाप से छुड़ाने के लिए, यह प्रभु खुद हम मनुष्यों के पास आया, यूहन्ना से बपतिस्मा लेने के द्वारा जगत के पापों को अपने ऊपर उठाया, अपने बपतिस्मा की वजह से अपना लहू बहाया, और इस प्रकार हमें सारे पापों से बचाया।
वास्तव में प्रभु ने इस्राएलियों से नीला, बैंजनी, और लाल कपड़ा और बटी हुई सनी का कपड़ा बुनवाकर मिलापवाले तम्बू का द्वार बनवाया था। उसने मिलापवाले तम्बू के द्वार के लिए उनसे नीला, बैंजनी, और लाल कपड़ा इस्तेमाल करवाया यह मनुष्यजाति को उनके पापों से बचाने का उसका इरादा प्रगट करता है: यीशु यूहन्ना से बपतिस्मा लेने के द्वारा जगत के पापों को उठाएगा, और क्रूस पर अपने लहू से उसकी कीमत चुकाएगा।
पुराने नियम में, पापी अपने बलिदान के अर्पण को तम्बू के पास लेकर आते थे और होमबलि की वेदी के सामने उसके सिर पर हाथ रखकर अपने पाप उसके ऊपर डालते थे। फिर वह उसका गला काटने के द्वारा उसका लहू निकलते थे, और यह लहू याजक को देते थे। फिर याजक होमबलि की वेदी पर उस लहू को छिड़कने के द्वारा और साथ ही साथ बाकि बचा हुआ लहू भूमि पर बहाने के द्वारा यह बलिदान परमेश्वर को अर्पण करता था।
प्रायश्चित के दिन, जब महायाजक बलिदान के अर्पण का लहू लेता था जिसके सिर पर उसने परमपवित्र स्थान में हाथ रखा था और प्रायश्चित के ढकने पर छिड़कता था, परमेश्वर ने इस बलिदान के अर्पण को अपने लोगों के न्याय के रूप में स्वीकार किया। क्यों बलिदान के अर्पण को मरना पड़ता था? क्योंकि उसने अपने सिर पर महायाजक के हाथ रखवाने के द्वारा इस्राएलियों के सारे पाप उठाए थे। दुसरे शब्दों में, उसका लहू उसके सिर पर हाथ रखवाने का परिणाम था। इस प्रकार, परमश्वर ने बलिदान के अर्पण का लहू स्वीकार किया और वेदी पर उसके मांस को जलने से उठती सुवास को लिया, और इस प्रकार इस्राएल के लोगों के सारे पाप माफ़ किए।
नए नियम के समय में भी, यीशु ने ऐसा ही किया था। हमारे पापों को उठाने और पाप का दण्ड सहने, हमारे प्रभु को कुँवारी मरियम के पेट से इस पृथ्वी पर आना पडा, और यूहन्ना से बपतिस्मा लेने के द्वारा और क्रूस पर अपना लहू बहाने के द्वारा उसने उद्धार को परिपूर्ण किया। नीला, बैंजनी, और लाल कपड़ा वास्तव में सुसमाचार है जो सत्य को प्रगट करता है की यीशु, परमेश्वर के पुत्र ने, बपतिस्मा लिया और क्रूस पर चढ़ा।
क्योंकि यीशु ने अपने बपतिस्मा के द्वारा हमारे पापों को उठाया इस लिए वह क्रूस पर चढ़ा, अपना सारा लहू बहाया, मर गया, तिन दिनों में मृत्यु से जीवित हुआ, और इस प्रकार हम विश्वास करनेवालों का उद्धारकर्ता बना, परमेश्वर के सिंहासन की दाहिनी ओर बैठा है। यीशु मसीह ने उन लोगों को परमेश्वर को अब्बा, पिता कहने के लिए सक्षम बनाया है जिन्होंने वास्तव में परमेश्वर के सामने एक ही बार हमेशा के लिए अपने पाप से माफ़ी पाकर उस पर अपने उद्धारकर्ता के रूप में विश्वास किया है। यह नीले, बैंजनी, और लाल कपड़े में छुपा रहस्य है।
अपने बपतिस्मा और क्रूस के लहू के द्वारा, मसीहा ने हमारे पापों को साफ़ करने और हमारी जगह हमारे पापों का दण्ड सहने को परिपूर्ण किया है। अब, वह जगत का उद्धारकर्ता बना है। उसी रूप से, हमें विश्वास करना चाहिए की पुराने नियम में मिलापवाले तम्बू का द्वार नीला, बैंजनी, और लाल कपड़ा और बटी हुई सनी के कपड़े को बुनकर बनाया है, और हमें यह भी विश्वास करना चाहिए की नए नियम में, यीशु मसीह हमारा उद्धारकर्ता वास्तव में इस पृथ्वी पर आया था, अपने बपतिस्मा के द्वारा जगत के पापों को उठाया था, और क्रूस पर सारे पापों का दण्ड सहा था – इस प्रकार, हमें हमारे पाप की माफ़ी प्राप्त करनी चाहिए।
 
 
मसीही होने के नाते, आप उसके वचन की ओर कितना ध्यान देते है?
 
निर्गमन २५:२२ में लिखा है, “मैं उसके ऊपर रहकर तुझ से मिला करूँगा; और इस्राएलियों के लिये जितनी आज्ञाएँ मुझ को तुझे देनी होंगी, उन सभों के विषय मैं प्रायश्‍चित्त के ढकने के ऊपर से और उन करूबों के बीच में से, जो साक्षीपत्र के सन्दूक पर होंगे, तुझ से वार्तालाप किया करूँगा।” तो फिर आप पानी और आत्मा के सुसमाचार, प्रायश्चित के सुसमाचार के कितने नजदीक है? प्रभु ने कहाँ से कहा था की वह उन लोगों से बात करेगा जो यीशु पर उद्धारकर्ता के रूप में विश्वास करते है? निर्गमन २५:२२ में, उसने कहा की वह प्रायश्चित के ढकने के ऊपर से अपनी सारी आज्ञाए देगा। पुराने नियम में इस्राएल के लोगों के लिए, परमेश्वर ने कहा था की वह प्रायश्चित के ढकने के ऊपर से उन लोगों से बात किया करेगा।
आपको यह समझना चाहिए की यह परमेश्वर का वायदा है की वह योग्य बलिदान के अर्पण के द्वारा आपको पाप की माफ़ी देने के बाद आपकी अगुवाई करेगा और आपको अपनी प्रजा बनाएगा। परमेश्वर हमें कहता है की कोई फर्क नहीं पड़ता की आप लोग जो मसीहियत पर विश्वास करते है वे प्रभु से अगवाई पाने के लिए कितनी भी कोशिश करते है, यदि आप पानी और आत्मा के सुसमाचार से अनजान रहकर यीशु पर विश्वास करते है, तो वह आपकी अगुवाई नहीं कर सकता। उसी रूप से, यदि आप सच में प्रभु से अगुवाई प्राप्त करना चाहते है, तो आपको सबसे पहले पाप की माफ़ी के सत्य को जानना और स्वीकार करना चाहिए जिसने एक ही बार में आपके पापों की माफ़ी दी है, और फिर उसकी अगुवाई का इंतज़ार करना चाहिए।
एक बात है जो मैं आपको कहना चाहता हूँ, और वह ये है की यदि आप परमेश्वर की संतान बनना चाहते है, और यदि आप उसकी कलीसिया का हिस्सा बनना चाहते है, तो सबसे पहले आपको पानी और आत्मा का सुसमाचार जो नीला, बैंजनी, और लाल कपड़े का रहस्य है उसके पर विश्वास करने के द्वारा अपने पापों की माफ़ी पानी चाहिए। केवल इसके बाद ही आप साक्षी के सन्दू के ऊपर से बोली गई परमेश्वर की आज्ञाओं को भी प्राप्त करेंगे।
हमें याद रखना चाहिए और विश्वास करना चाहिए की जब हम पानी और आत्मा के सुसमाचार पर विश्वास करते है जिसने हमें पाप की माफ़ी पाने के लिए सक्षम बनाया तब परमेश्वर ने आज्ञा दी और हमारे जीवन की अगुवाई की। क्या अब आप प्रायश्चित के ढकने के ऊपर से दी गई परमेश्वर की आज्ञाओं को प्राप्त करते है? या आप अपनी भावनाओं के आधार पर प्रभु का अनुसरण करते है?
आपकी अपनी भावना और आवेग आपके विश्वास का निर्माण नहीं कर सकते, लेकिन आपको केवल भ्रम की ओर लेकर जाते है। यदि आप साक्षी के संदूक के ऊपर से बोली गई परमेश्वर की आज्ञाओं को ढूंढ रहे है, तो आपको यह समझना चाहिए और विश्वास करना चाहिए की नीला, बैंजनी, और लाल कपड़ा और बटी हुई सनी का कपड़ा जिसके बारे में तम्बू में बताया गया है वह पाप की माफ़ी है जो परमेश्वर ने हमें दी है।
हाल्लेलूयाह! प्रभु के बपतिस्मा, क्रूस के लहू, और उसकी सामर्थ्य और प्रेम के लिए मैं परमेश्वर को धन्यवाद करता हूँ जिसने हमें जगत के सारे पापों से बचाया है।