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मसीही विश्वास पर पूछे गए ज्यादातर प्रश्न

विषय १: पानी और आत्मा से नया जन्म पाना

1-23. जब मैं हरदिन पाप करता हूँ तब मैं कैसे कह सकता हूँ की, “मैं धर्मी हूँ?”

हम, मनुष्य के तौर पर, जन्म के दिन से लेकर मृत्यु तक पाप करते है। वास्तव में, यह हमारे मूल स्वभाव की वजह से है की हम शुरुआत से पाप करते है। इसलिए बाइबल बताती है की, “कई धर्मी नहीं, एक भी नहीं” (रोमियों ३:१०)। इसलिए प्रेरित पौलुस परमेश्वर के आगे कबूल करता है की, “यह बात सच और हर प्रकार से मानने के योग्य है कि मसीह यीशु पापियों का उद्धार करने के लिये जगत में आया, जिनमें सबसे बड़ा मैं हूँ” (१ तीमुथियुस १:१५)। 
“परन्तु अब व्यवस्था से अलग परमेश्‍वर की वह धार्मिकता प्रगट हुई है, जिसकी गवाही व्यवस्था और भविष्यद्वक्‍ता देते हैं, अर्थात् परमेश्‍वर की वह धार्मिकता जो यीशु मसीह पर विश्‍वास करने से सब विश्‍वास करनेवालों के लिये है। क्योंकि कुछ भेद नहीं; इसलिये कि सब ने पाप किया है और परमेश्‍वर की महिमा से रहित हैं, परन्तु उसके अनुग्रह से उस छुटकारे के द्वारा जो मसीह यीशु में है, सेंतमेंत धर्मी ठहराए जाते हैं” (रोमियों ३:२१-२४)। 
परमेश्वर की “धार्मिकता” का मतलब है की यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले ने यीशु को यरदन में बपतिस्मा दिया। जब उसने बपतिस्मा लिया, तब उसने यूहन्ना से कहा, “अब तो ऐसा ही होने दे, क्योंकि हमें इसी रीति से सब धार्मिकता को पूरा करना उचित है” (मत्ती ३:१५)। जब मनुष्यजाति के प्रतिनिधि यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले ने यीशु को बपतिस्मा दिया तब उसने बहुत ही न्यायी और उचित रीति से जगत के पापों को अपने ऊपर ले लिया। इस तरह, यीशु को बपतिस्मा देने के दुसरे दिन यूहन्ना बोला, “देखो, यह परमेश्‍वर का मेम्ना है जो जगत का पाप उठा ले जाता है” (यूहन्ना १:२९)। 
तो फिर यहाँ “जगत के पापों” का क्या मतलब होता है? वह पृथ्वी के पहले मनुष्य यानी की आदम और हव्वा से लेकर पृथ्वी पर जो आख़री मनुष्य होगा वे सभी मनुष्यों के सारे पापों को दर्शाता है। भूतकाल के लोग जगत के लोग थे, वर्तमान के लोग भी जगत के लोग है, और जो भविष्य में आनेवाले है वे भी जगत का भाग है। यीशु ने, जो अल्फ़ा और ओमेगा है, उसने सारे समय के पापों के लिए एक बलिदान अर्पण किया, यरदन में उसके बपतिस्मा लेने के द्वारा और क्रूस पर मरने के द्वारा एक ही बार हमेशा के लिए उसने जगत के सारे पापो को सहन किया। और “हमें इसी रीति” से पवित्र किया गया है। 
बाइबल स्पष्ट रीति से दर्शाती है की, उसी इच्छा से हम यीशु मसीह की देह के एक ही बार बलिदान चढ़ाए जाने के द्वारा पवित्र किए गए हैं” (इब्रानियों १०:१०)। ध्यान दीजिए की यह पूर्ण वर्त्तमान काल में लिखा गया है। जिस पल हमने परमेश्वर में विश्वास किया तब से लेकर अब तक और हमेशा के लिए हमें पूर्णरीति से पवित्र और पापरहित किया गया है। क्योंकि परमेश्वर सर्वसामर्थी है इसलिए वह रक ही नज़र में जगत का आरम्भ और अन्त देख सकता है। हालाँकि, उसने बपतिस्मा लिया उसे तक़रीबन २००० साल हो चुके है, उसने जगत के आरम्भ से अन्त तक मनुष्यों ने किए सारे पापों को उठा लिया था। इसलिए, क्रूस पर मरने से पहले उसने कहा, “पूरा हुआ!” (यूहन्ना १९:३०) उसने तक़रीबन २००० साल पहले जगत के सारे पापों को उठा लिया था और उन सारे पापों को धोने के लिए वह क्रूस पर मरा था। 
हमने उद्धार पाया उसके बाद भी हम पाप करते है क्योंकि शरीर कमज़ोर है। उसके बावजूद भी, यीशु ने अपने बपतिस्मा और क्रूस पर न्याय सहन करके सारे पापों को अपने ऊपर लेने के द्वारा हमें भूतकाल, वर्त्तमान, और भविष्य के सारे पापों से छूटकारा दिया है। यह परमेश्वर का सम्पूर्ण और न्यायी उद्धार है। 
यदि यीशु ने हम भविष्य में जो पाप करने वाले है उसको नहीं लिया होता, तो एक भी मनुष्य हरदिन के पापों से छूटकारा नहीं पाया होता, “क्योंकि पाप की मजदूरी तो मृत्यु है” (रोमियों ६:२३)। जब याकूब और एसाव अपनी माँ के गर्भ में थे, तब उन्होंने कुछ भी सही या गलत करने से पहले ही परमेश्वर ने उनको दो देशो के रूप में अलग कर दिया था, और याकूब को प्रेम किया, लेकिन एसाव को धिक्कारा और कहा, “बड़ा बेटा छोटे के आधीन होगा” (उत्पत्ति २५:२३)। यह भाग दर्शाता है की परमेश्वर के उद्धार को हमारे कार्यो से कोई लेना देना नहीं है, लेकिन वो उन लोगों को दिया गया है जो उसके बपतिस्मा और क्रूस पर उसकी मृत्यु में परमेश्वर के सम्पूर्ण उद्धार पर विश्वास करते है।
हम मनुष्य जिस पल पैदा होते है तब से मृत्यु तक पापी मनुष्य के रूप में नरक के लिए नियोजित किए गए है, लेकिन परमेश्वर ने हमारे पापों को पहले से ही देख लिया था, और यीशु के बपतिस्मा और क्रूस के द्वारा हमारे सारे पापों को धो दिया था क्योंकि वह हमें प्रेम करता है। हम आशीषित समय में जी रहे है। यशायाह भविष्यवक्ता ने कहा की, “यरूशलेम से शान्ति की बातें कहो; और उससे पुकारकर कहो कि तेरी कठिन सेवा पूरी हुई है, तेरे अधर्म का दण्ड अंगीकार किया गया है : यहोवा के हाथ से तू अपने सब पापों का दूना दण्ड पा चुका है” (यशायाह ४०:२)। यीशु के बपतिस्मा और क्रूस के सुसमाचार के द्वारा हमारी पाप की गुलामी का समय पूरा हुआ है, इसलिए, जो कोई भी सुसमाचार पर विश्वास करेगा वह अपने सारे पापों से छूटकारा पाएगा। “प्रभु कहता है कि जो वाचा मैं उन दिनों के बाद उनसे बाँधूँगा वह यह है कि मैं अपने नियमों को उनके हृदय पर लिखूँगा और मैं उनके विवेक में डालूँगा।” फिर वह यह कहता है, “मैं उनके पापों को और उनके अधर्म के कामों को फिर कभी स्मरण न करूँगा।” और जब इनकी क्षमा हो गई है, तो फिर पाप का बलिदान नहीं रहा” (इब्रानियों १०:१६-१८)। 
अब परमश्वर हमारे हरदिन के पापों के लिए हमारा न्याय नहीं करता क्योंकि उसने यीशु के द्वारा मनुष्यजाति के सारे पापों को धो दिया है और उसका न्याय भी किया है। 
परिणाम के तौर पर, हमारे जीवन में पाप करने के बावजूद भी हम पापरहित न्यायी के तौर पर आनेवाले प्रभु का इंतजार कर सकते है और उसके वचन का पालन कर सकते है।