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मसीही विश्वास पर पूछे गए ज्यादातर प्रश्न

विषय १: पानी और आत्मा से नया जन्म पाना

1-24. यूहन्ना के द्वारा पश्चाताप का बपतिस्मा क्या है?

यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला परमेश्वर का सेवक था, जिसका जन्म यीशु के जन्म से ६ महीने पहले हुआ था, और मलाकी में भविष्वाणी की गई थी की, वह पुराने नियम का आख़री भविष्यवक्ता होगा। 
“मेरे दास मूसा की व्यवस्था अर्थात् जो जो विधि और नियम मैं ने सारे इस्राएलियों के लिये उसको होरेब में दिए थे, उनको स्मरण रखो। “देखो, यहोवा के उस बड़े और भयानक दिन के आने से पहले, मैं तुम्हारे पास एलिय्याह नबी को भेजूँगा। वह माता-पिता के मन को उनके पुत्रों की ओर, और पुत्रों के मन को उनके माता-पिता की ओर फेरेगा; ऐसा न हो कि मैं आकर पृथ्वी का सत्यानाश करूँ” (मलाकी ४:४-६)।
जब यीशु का जन्म हुआ तब इस्राएल के लोगों ने परमेश्वर की वाचा के वचनों को छोड़ दिया था और अन्यजाती के देवताओँ की आराधना करते थे। वे बलिदान के लिए अंधे और कलंकित पशुओं की बलि चढ़ाते थे, और परमेश्वर के मंदिर को व्यापार का अड्डा बना दिया था। मूसा और भविष्यवक्ताओं के नियम में यीशु मसीह के बारें में भी भविष्यवाणी की गई थी। व्यवस्था मनुष्यों को पापों की पहिचान कराती है, और बताती है की वे कितने पापी है (रोमियों ३:२०)। व्यवस्था की किताब में लिखी गई आज्ञाओं में से केवल आज्ञा का भी पालन करना चूक जाना पाप है। 
पुराने नियम में, कोई पापी जिसने व्यवस्था के किसी भी आज्ञा का अनादर किया हो तो वह मिलापवाले तम्बू के पापबलि लेकर आता था, और अपने पापों को बकरे के ऊपर डालने के लिए उसके सिर पर अपने हाथ रखता था, और पापों की माफ़ी के लिए पापबलि को मारता था और फिर से परमेश्वर के साथ जुड़ जाता था। फिर याजक उसका थोडा लहू लेता था और होमबलि की वेदी के सींगो पर रखता था और बाकी बचा हुआ लहू वेदी के निचे बहा देता था। 
उसके बावजूद भी, इस्राएल के लोग अपने हरदिन के अनगिनत बलिदानों के बावजूद भी अपने सारे पापों से छूटकारा नहीं पा सके। इसलिए, परमेश्वर ने उनके लिए हमेशा के लिए एक नियम बनाया, प्रायश्चित का दिन। यह वो दिन था जब परमेश्वर सातवें महीने के दसवें दिन उनके वार्षिक पापों की माफ़ी देता था। उस दिन महायाजक हारून, दो बकरों को लेता और उनके लिए चिठ्ठिया डालता था; एक यहोवा के लिए और दूसरी अजाज़ेल के लिए। उसके बाद, इस्राएल के सारे वार्षिक पाप बकरे पर डालने के लिए वह यहोवा के लिए बकरे के सिर पर हाथ रखता था। फिर हारून उसे मार डालता था और उसका लहू लेकर साक्ष्यकोष के ऊपर और साक्ष्यकोष के आगे सात बार छिड़कता था। 
जब वो पवित्र स्थान के लिए प्रायश्चित पूरा करता, फिर वो दुसरे पशु को अर्पण करता। वह जीवित बकरे के सिर पर अपने हाथों को रखता और इस्राएल के वार्षिक पापों को कबूल करता। इस पध्धति के द्वारा, उनके सारे वार्षिक पाप बकरे पे डाले जाते और नियुक किए हुए मनुष्य के द्वारा उसे जंगल में भेज दिया जाता। इस रीति से इस्राएल के लोग अपने वार्षिक पापों से छूटकारा पाते थे। 
हालाँकि, पुराने नियम के अनुसार अर्पण किए गए बलिदानों से, जो सालो साल निरंतर बलिदान चढाते थे वे सम्पूर्ण नहीं बन सके। वह केवल आनेवाली (इब्रानियों १०:१) अच्छी वस्तुओं (मसीह के धर्मी कार्य) का प्रतिबिम्ब था। इस्राएल के लोगों ने उद्धारकर्ता, यीशु मसीह का इंतज़ार नहीं किया। उसके बदले, उन्होंने पापी संसार में अन्यजातियों के देवताओं की आराधना की, पुराने नियम के भविष्यवक्ताओं के वचनों को छोड़ दिया। 
इस तरह, परमेश्वर ने भविष्यवाणी करी की इस्राएल के लोग परमेश्वर की ओर वापस मुड़े इसलिए उनके हृदयों को पुन:स्थापित करने के लिए, और यीशु मसीह को स्वीकार करने के लिए उनके हृदयों को तैयार करने वह यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले को भेजेगा। यूहन्ना बपतिस्मा देनेवालेने यीशु मसीह को बपतिस्मा देने से पहले, उसने जंगल में इस्राएल के लोगों को पश्चाताप का बपतिस्मा दिया। 
उनको पानी से बपतिस्मा देने का उसका उद्देश्य उनको इंतज़ार करवाना और यीशु पर विश्वास करवाना था। उसने सिखाया की उसके ऊपर हाथ रखकर जगत के सारे पापों को उस पर डालने की रीति के द्वारा उद्धारकर्ता को बपतिस्मा दिया जाएगा, और फिर उनको सारे पापों से बचाने के लिए वह क्रूस पर चढ़ेगा। उसने कहा की यीशु आएगा और भूतकाल के अपुर्ण बलिदान को ले लेगा और अपने शरीर से अनन्त बलिदान चढ़ाएगा; जैसे पुराने नियम की पध्धति के अनुसार इस्राएल के लोग निष्कलंक पापबलि को लाकर उस के सिर पर अपने हाथ रखने के द्वारा छूटकारा पाते थे वैसे ही यीशु आके अपने बपतिस्मा के द्वारा हमारे सारे पापों को ले लेगा। 
कई इस्राएलियों ने अपने पाप कबूल किए, पश्चाताप किया, और उसके द्वारा बपतिस्मा लिया। “पश्चाताप” का मतलब होता है “व्यक्ति के मन का परमेश्वर की ओर वापस मुड़ना।” पुराने नियम की व्यवस्था को याद करते, वह यूहन्ना के पास आए और कबूल किया की वे आशाहीन पापी थे जिन्होंने मृत्यु के समय तक पाप किया था। उन्होंने यह भी कबूल किया की वे अपने अच्छे कर्मो के द्वारा स्वर्ग में प्रवेश नहीं कर सकते, और उनके मन यीशु की ओर वापस मोड़े, जो उनके पापों को एक ही बार में हमेशा के लिए दूर करनेवाला था, और स्वर्ग राज्य का दरवाज़ा खोलनेवाला था। 
इस्राएल के लोगों को यूहन्ना बपतिस्मा देनेवालेने दिया हुआ बपतिस्मा निम्नलिखित था। वह उन्हें अंगीकार करने देता था की उन्होंने जीवन में कितने पाप किए है, पश्चाताप करने दिया और जब वह उन्हें बपतिस्मा दे रहा था तब अपने यानी की महायाजक और मनुष्यजाति के प्रतिनिधि के द्वारा जो बपतिस्मा लेनेवाला था, और उनके पापों से उनको बचाने के लिए क्रूस पर चढ़नेवाला था वह यीशु मसीह की ओर देखा। 
इसलिए, यूहन्ना ने लोगों से कहा की, “मैं तो पानी से तुम्हें मन फिराव का बपतिस्मा देता हूँ , परन्तु जो मेरे बाद आने वाला है, वह मुझ से शक्‍तिशाली है; मैं उसकी जूती उठाने के योग्य नहीं। वह तुम्हें पवित्र आत्मा और आग से बपतिस्मा देगा” (मत्ती ३:११)। 
यूहन्ना बपतिस्मा देनेवालेने लोगों के मन यीशु की ओर मोड़ दिए, और उनको गवाहिओ दी की यीशु जगत के सारे पापों को उठा लेगा (यूहन्ना १:२९) और उहके लिए मरेगा। इस तरह, यीशु ने खुद गवाही दी की यूहन्ना हमें धार्मिकता का मार्ग दिखाने के लिए आया था (मत्ती २१:३२)।