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मसीही विश्वास पर पूछे गए ज्यादातर प्रश्न

विषय १: पानी और आत्मा से नया जन्म पाना

1-27. शास्त्र का कौन सा भाग सबूत देता है की “प्रेरितों ने यीशु के बपतिस्मा पे ज्यादा जोर दिया है?”

हमें हमारे बपतिस्मा का मतलब यीशु के बपतिस्मा से समझना चाहिए। हम केवल पानी का बपतिस्मा लेकर नया जन्म नहीं पा सकते। हम केवल यीशु पर विश्वास करके नया जन्म पा सकते है। बपतिस्मा और ख़तने जैसी धार्मिक विधि परमेश्वर के उद्धार के लिए अनिवार्य नहीं है। बाइबल विश्वासियों का पानी का बपतिस्मा उनके उद्धार के लिए जरुरी है ऐसा नहीं कहती। उसके बदले, वह यीशु ने यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले से लिए बपतिस्मा पर ज्यादा जोर देता है। 
वास्तव में, कई सारे बाइबल के भाग ऐसा समर्थन करते है की हमारे उद्धार के लिए यीशु का बपतिस्मा अनिवार्य और महत्वपूर्ण है। सबसे पहले, उसके बपतिस्मा को चारों सुसमाचारो में उसके धर्मी कृत्य के रूप में आरम्भ किया गया है। उदाहरण के तौर पर, मरकुस रचित सुसमाचार यीशु के बपतिस्मा से शुरू होता है, और यूहन्ना ने यीशु ने बपतिस्मा लिया उस दिन से शुरू करके “दुसरे दिन” (१:२९) और “तीसरे दिन” (२:१) जैसी परिभाषा का प्रयोग करके तारीख़ अनुसार सुसमाचार लिखा है। 
यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले ने यीशु के बपतिस्मा लेने के उसके दुसरे दिन परमेश्वर का वचन घोषित किया, और कहा, “देखो, यह परमेश्वर का मेम्ना है जो जगत का पाप उठा ले जाता है” (यूहन्ना १:२९)। इस भाग का मतलब है की जब यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले ने यीशु को बपतिस्मा दिया तब जगत के सारे पाप उसके ऊपर डाले गए। और उसके बाद, हमारे पापों के प्रायश्चित के लिए वह क्रूस पर मरा, और कहा, “पूरा हुआ!” (यूहन्ना १९:३०), और तीसरे दिन मृत्यु में से जीवित हुआ। 
प्रेरित पौलुस भी कहता है, “पवित्रशास्त्र के वचन के अनुसार मसीह हमारे पापों के लिए मर गया” (१ कुरिन्थियों १५:३)। पवित्रशास्त्र यहाँ पुराने नियम को दर्शाता है। कैसे एक पापी पुराने नियम में माफ़ी के लिए बलिदान चढ़ा सकता था? बलिदान को मारने से पहले उसे पापबलि के सिर पर अपने हाथ रखने पड़ते थे। यदि वह “पापबलि के सिर पर हाथ रखने की” प्रक्रिया को निकाल दे, तो अवैध बलिदान चढ़ाने की वजह से उसके पाप माफ़ नहीं किए जाते थे। 
प्रेरित पौलुस ने कहा, “क्या तुम नहीं जानते कि हम सब जिन्होंने मसीह यीशु का बपतिस्मा लिया, उसकी मृत्यु का बपतिस्मा लिया?” (रोमियों ६:३) तो फिर, हमने यीशु में बपतिस्मा लिया वह कैसे सम्भव हो सकता है? मसीह यीशु में बपतिस्मा लेना यानी हमारे अपने बपतिस्मा नहीं लेकिन यरदन में यीशु के बपतिस्मा पर विश्वास करना। जब हम उस वास्तविकता पर विश्वास करते है की यूहन्ना बपतिस्मा देनेवालेने यीशु के इर पर हाथ रखने के द्वारा हमारे सारे पापों को उसके ऊपर डाल दिया, तब हम उसमे बपतिस्मा पा सकते है। 
“और तुम में से जितनों ने मसीह में बपतिस्मा लिया है उन्होंने मसीह को पहिन लिया है” (गलातियों ३:२७)। जिन्होंने विश्वास के द्वारा अपने सारे पापों को यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले के द्वारा यीशु पर डाल दिए है वे परमेश्वर की पापरहित संतान बने है। 
“उसी में तुम्हारा ऐसा खतना हुआ है जो हाथ से नहीं होता, अर्थात् मसीह का खतना, जिससे शारीरिक देह उतार दी जाती है” (कुलुस्सियों २:११)। शरीर के पापों को छोड़कर छूटकारा पाने का मार्ग बिना हाथ के आत्मिक ख़तना करना है (रोमियों २:२९ कहता है, “ह्रदय का खतना।), प्रेरित पौलुस ने कहा उस प्रकार, यीशु के बपतिस्मा पर विश्वास करना है, जो हमारे हृदय के पापों को काट देता है।
“उसी पानी का दृष्‍टान्त भी, अर्थात् बपतिस्मा, यीशु मसीह के जी उठने के द्वारा, अब तुम्हें बचाता है; इससे शरीर के मैल को दूर करने का अर्थ नहीं है, परन्तु शुद्ध विवेक से परमेश्‍वर के वश में हो जाने का अर्थ है” (१ पतरस ३:२१)। बपतिस्मा दृष्टान्त है जो हमें बचाता है। जैसे हम पहले से ही जानते है, नूह के दिनों में पानी पर विश्वास न करने की वजह से लोगों का नाश हुआ था, और आज भी, ऐसे अनाज्ञाकारी लोग है जो यीशु पर विश्वास करने के बावजूद नाश हो जाएंगे, क्योंकि वे यीशु के बपतिस्मा पर विश्वास नहीं करते, जो पानी है। 
प्रेरिय यूहन्ना ने अपनी पहली पत्री के लेखमे सुसमाचार के बारे में सबकुछ प्रगट किया है, “यही है वह जो पानी और लहू के द्वारा आया था, अर्थात् यीशु मसीह : वह न केवल पानी के द्वारा वरन् पानी और लहू दोनों के द्वारा आया था” (१ यूहन्ना ५:६)। यीशु हमें हमारे सारे पापों से बचाने के लिए अपने बपतिस्मा और क्रूस दोनों के द्वारा हमारे पास आया। यूहन्ना ने ऐसा भी कहा की,“गवाही देनेवाले तिन है, आत्मा, और पानी, और लहू; और तीनों एक ही बात पर सहमत है” (१ यूहन्ना ५:८)। यह हमें कहता है की यीशु का बपतिस्मा, क्रूस, और आत्मा सब साथ मिलकर एक सम्पूर्ण उद्धार बनाते है। 
ઈસુએ નિકોદેમસને કહ્યું, “मैं तुझ से सच सच कहता हूँ, जब तक कोई मनुष्य जल और आत्मा से न जन्मे तो वह परमेश्‍वर के राज्य में प्रवेश नहीं कर सकता” (यूहन्ना ३:५)। हम पानी और आत्मा से नया जन्म पाए हुए है। छूटकारा पाने के लिए और पवित्र आत्मा की भेंट प्राप्त करने के लिए हमें उसके बपतिस्मा और क्रूस पर विश्वास करना जरुरी है। यह है जो “नया जन्म पाने” के बारे में बाइबल कहती है। 
इस लिए, प्रेरित पतरस ने कहा, “मन फ़िराओ, और तुम में से हर एक अपने अपने पापों की क्षमा के लिए यीशु मसीह के नाम से बपतिस्मा ले; तो तुम पवित्र आत्मा का दान पाओगे” (प्रेरितों २:३८)। सारे पापों की माफ़ी और पवित्र आत्मा की भेंट प्राप्त करने के लिए, आपको अपने पूरे दिल से यीशु के बपतिस्मा पर न बदलनेवाला विश्वास करना चाहिए। हम दूसरा क्या कह सकते है? बाइबल के कई भाग उसके बपतिस्मा को हमारे उद्धार के लिए अनिवार्य धर्मी कृत्य के रूप में समर्थन करते है उस सत्य का इनकार मत करो। मसीहियत को पानी और आत्मा के सुसमाचार की ओर वापस मुड़ना ही चाहिए। 
इसलिये आओ मसीह की शिक्षा की आरम्भ की बातों को छोड़कर हम सिद्धता की ओर आगे बढ़ते जाएँ, और मरे हुए कामों से मन फिराने, और परमेश्‍वर पर विश्‍वास करने, और बपतिस्मों और हाथ रखने, और मरे हुओं के जी उठने, और अन्तिम न्याय की शिक्षा रूपी नींव फिर से न डालें” (इब्रानियों ६:१-२)। यहाँ, हम आरम्भ की कलीसिया के मूल सुसमाचार को ढूँढने की चाबी पा सकते है। उन्होंने मसीही बने लोगों को बपतिस्मा के, हाथ रखने के, मृत्यु में से पुनरुत्थान के, और अनन्त न्याय के सिध्धांत सिखाएं थे। हम सभी को अपने मन में विश्वास करना चाहिए की परमेश्वर की न्यायी व्यवस्था के मुताबिक़ यीशु ने अपने बपतिस्मा के द्वारा हमारे सारे पाऊँ को उठा लिया था और हमारे पापों के न्याय के लिए वह क्रूस पर मरा।