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मसीही विश्वास पर पूछे गए ज्यादातर प्रश्न

विषय १: पानी और आत्मा से नया जन्म पाना

1-29. मुझे यकीन था की यीशु में विश्वास करने से मेरा बचाव हुआ है। मेरे दिल में इस यकीन के साथ मुझे शान्ति थी। लेकिन अब आपके उपदेश ने मुझे परेशानी में डाल दिया है। क्या मुझे उद्धार पाने के लिए उसके क्रूस के साथ उसके बपतिस्मा पर भी विश्वास करना चाहिए?

यदि आप यीशु के बपतिस्मा पर विश्वास नहीं करते, तो निश्चितरूप से आपके दिल में पाप है। प्रेरित यूहन्ना ने कहा, “यदि हम कहे जी हम में कुछ भी पाप नहीं, तो अपने आप को धोख़ा देते है, और हम में सत्य नहीं” (१ यूहन्ना १:८)। आप यीशु के बपतिस्मा पर विश्वास न करने की वजह से आप के दिल में पाप होने के बावजूद आप ऐसा कहते है की आपके दिल में पाप नहीं है, तो आप अपने ही विवेक को धोख़ा दे रहे हो और यह सबूत है की आप में सत्य नहीं है। जब हम यीशु के बपतिस्मा और क्रूस दोनों पर विश्वास करने के द्वारा पापों की माफ़ी और भेंट के रूप में पवित्र आत्मा पाते है तब हमारे दिल में उद्धार का यकीन होता है। 
प्रेरित पौलुस ने कहा, “...दूसरा सुसमाचार है ही नहीं...” (गलातियों १:६-७)। पानी और आत्मा के सुसमाचार के सिवा दिसरा कुछ भी नहीं है, जो प्रेरितों ने यीशु से प्राप्त किया और लोगों को प्रचार किया, वह हमें हमारे सारे पापों से बचा सकता है। यदि हम प्रेरितों ने प्रचार किए हुए पानी और आत्मा के सुसमाचार पर विश्वास नहीं करते, तो निश्चितरूप से हमारे दिल में अभी पाप है। 
जब हममे अभी भी पाप है तो हम उद्धार के यकीन के साथ कैसे जी सकते है? जब मसीही लोग, जो अभी भी नया जन्म नहीं पाए है, परमेश्वर के आगे कैसे बर्ताव करते है, तब उन्हें अपने उद्धार का आनन्द और यकीन होता है, हालाँकि, जब वे गंभीर पाप करते है तब अपने दिल में बोझ के कारण उनमे यकीन की कमी और डर होता है। यह परमेश्वर की ओर से नहीं लेकिन अपने विचार और भावनाओं पर आधारित ऐसा आभासी उद्धार है। वे धीरे धीरे पवित्र बनने के लिए हरदिन पश्चाताप की प्रार्थना करने की ओर आसानी से हिल जाए ऐसा उद्धार रखने की ओर झुके हुए है।
जो लोग ऐसे गलत उद्धार पर विश्वास करते है वे सोचते है की यदि वे पवित्र जीवन बनाए रखेंगे, हरदिन परमेश्वर से माफ़ी मांगेंगे और कर्मो के द्वारा व्यवस्था का पालन करेंगे तो वे कभी ना कभी तो सम्पूर्ण उद्धार पाएंगे। हालाँकि, उन्होंने यीशु के बपतिस्मा पर विश्वासस के द्वारा अपने पाप उस पर नहीं डाले तो अभी भी वे पापी है। 
परमेश्वर ने बनाया हुआ उद्धार सम्पूर्ण उद्धार है, जो हमें कहता है की यरदन में यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले के द्वारा बपतिस्मा पाकर यीशु ने जगत के सारे पापों को उठा लिया और क्रूस पर उनको दूर किया। 
इस लिए, प्रेरित यूहन्ना ने कहा, “यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह हमारे पापों को क्षमा करने और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्‍वासयोग्य और धर्मी है” (१ यूहन्ना १:९)। यदि पानी और आत्मा के सुसमाचार को न जानने के द्वारा हमारे पापों को माफ़ नहीं किया गया, तो हमें परमेश्वर के आगे कबूल करना चाहिए की हम अभी भी पापी है, भले ही फिर हम उसमे विश्वास करते हो और जानते हो की हमारे पापों के लिए हम नरक में जाने के लिए नियोजित किए गए है। यह पानी की सच्ची कबूलात है। पानी और आत्मा के सुसमाचार के बगैर पाप नहीं धुल सकते, भले ही फिर पाप छोटा क्यों ना हो। जब हम इस रीति से कबूल करते है, तब पानी और आत्मा का सुसमाचार एक ही बार में हमारे सारे पापों को धो देता है और हमें धर्मी बनाता है। 
“अभी वह प्रसन्नता का  समय है” (२ कुरिन्थियों ६:२)। जो कोई भी यीशु के बपतिस्मा और क्रूस का सुसमाचार सुनता है और विश्वास करता है वे अपने पापों से उद्धार पाते है, धर्मी बनते है, और उनका विश्वास मजबूत होता है जो कभी भी प्रभु आए तो हमेशा स्वर्ग राज्य में प्रवेश करने के लिए तैयार रहता है। सच्चे सुसमाचार के अलावा दुसरे सिध्धांत और धर्मविज्ञान पर का विश्वास, हमें हमारे सारे पापों से नहीं बचा सकता। वह शातिर योजना है जो शैतान ने मनुष्यों की सोच में डाली है। हमें पानी और आत्मा के सुसमाचार की ओर वापस मुड़ना चाहिए और हमारे दिल में पापों से उद्धार प्राप्त करना चाहिए। यह उसे और उसके कार्य को प्रेम करना है।